शनिवार, 6 अगस्त 2016

हिन्दी के जीवनीपरक उपन्यास

हिन्दी के जीवनीपरक उपन्यास

HINDI SAHITYA VIMARSH

BY MD. ILIYAS HUSSAIN

‘भारती का सपूत'— डॉ. रांगेय राघव (भारतेन्दु हरिश्चन्द्र पर, हिन्दी में प्रथम जीवनीपरक उपन्यास, 1954, प्रथम संस्करण), 
‘रत्ना की बात' — डॉ. रांगेय राघव (तुलसी के जीवन पर, 1957, द्वितीय संस्करण) 
‘लोई का ताना'— डॉ. रांगेय राघव (कबीर के जीवन पर, 1954)
‘मानस का हंस'— अमृतलाल नागर (तुलसीदास के जीवन पर, 1972)
‘लखिमा की आंखें — डॉ. रांगेय राघव (द्यापति के जीवन पर, 1974, द्वितीय संस्करण)
 ‘मेरी भव बाधा हरो'— डॉ. रांगेय राघव (बिहारी के जीवन पर, 1976, द्वितीय संस्करण)
‘धुनी का धुंआं'— डॉ. रांगेय राघव (गोरखनाथ के जीवन पर, 1978, द्वितीय संस्करण)
 ‘यशोधरा जीत गई है'— डॉ. रांगेय राघव (गौतम बुद्ध के जीवन पर)
‘देवकी का बेटा— डॉ. रांगेय राघव (श्री कृष्ण जी के जीवन पर)
‘आवारा मसीहा'— विष्णु प्रभाकर (शरत् चन्द्र की जीवनी, 1974)
‘खंजन नयन'— अमृतलाल नागर (सूरदास के जीवन पर, 1981)
‘पहला गिरमिटिया'— गिरिराज किशोर (महात्मा गांधी के जीवन पर, 1999)
‘सूत्रधार'— संजीव (भिखारी ठाकुर पर, 2003) 
‘तोड़ो कारा तोड़ो'— (विवेकानंद के जीवन पर आधारित उपन्यास, निर्माण-1992, साधना-1993, परिव्राजक-2003, निर्देश-2004, सन्देश-2004, नरेंद्र कोहली)
‘विवेकानंद'— राजेन्द्र मोहन भटनागर (जीवनीपरक उपन्यास)
‘सनातन पुरुष'— डॉ. राजेंद्र मोहन भटनागर (महर्षि अरविंद पर)
‘युगपुरुष अंबेडकर'— राजेन्द्र मोहन भटनागर

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