सोमवार, 22 सितंबर 2014

दलित आत्मकथा

1927 अबलाओं का इंसाफ स्फुन्तरा देवी सं. नैया (आधुनिक हिंदी की प्रथम स्त्री-आत्मकथा) अगर यह आत्मकथा पहली है तो 1882 में एक अज्ञात हिन्दू औरत द्वारा लीखी आत्मकथा सीमंतनी उपदेश जिसका सम्पादन महान दलित (आजीवक) चिंतक डॉ. धर्मवीर ने किया है, क्या है?
दर्द जो सहा मैंने… : आशा आपाराद
दोहरा अभिशाप (आत्मकथा) – कौशल्या वैसन्त्री
1981 मैं भंगी हूँ (भगवान दास)
1995 अपने-अपने पिंजरे (भाग-1, मोहन नैमिशायराण)
1997 जूठन (ओमप्रकाश वाल्‍मीकि)
2000 अपने-अपने पिंजरे (भाग-2, मोहन नैमिशायराण)
2000 अपने-अपने पिंजरे (भाग-2, मोहन नैमिशाययण)
2002 तिरस्कृत (डॉ॰ सूरजपाल चौहान)
2005 नागफनी (रूपनारायण सोनकर) 
2006 संतप्त (डॉ॰ सूरजपाल चौहान)
2007 नागफनी (रूपनारायण सोनकर)
2009 मेरा बचपन मेरे कंधों पर (श्‍योराज सिंह बेचैन)
2009 मेरी पत्नी और भेड़िया (डॉ॰ धर्मवीर)
2010 मुर्दहिया (भाग-1, प्रो॰ तुलसी राम)
झोपड़ी से राजमहल माता प्रसाद
2010 मेरी हक़ीक़त (भालचन्द गुणगेकर)
2011 इनसान से ईश्वर तक, मेरे मन की बाइविल, रुकी हुई रोशनी (नवेन्दु महर्षि) 
2011 उचक्का लक्ष्मण गायकवाड़
2012 शिकंजे का दर्द (सुशीला टाकभोरे)
2012 मेरा बचपन मेरा संघर्ष (नवेन्दु महर्षि) 
2012 छंग्बयारुख (बलवीर माधोपुरी) 
2013 मुर्दहिया (भाग-2, प्रो॰ तुलसी राम), खसम खुशी क्यों होय? (डॉ धर्मवीर)
अक्करमाशी (शरणकुमार लिम्बाले)
घुटन (रमाशंकर आर्य)
मेरी सफ़र मेरी मंज़िल (डी. आर. जाटव)
- मुहम्मद इलियास हुसैन
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