मंगलवार, 25 जुलाई 2017

हिन्दीभाषा और साहित्य से संबंधित महापुरुष एवं उनके गुरु

Hindisahityavimarsh.blospot.in

राजा जनक के गुरु : महर्षि अष्टावक्र
श्रीराम के गुरु : महर्षि वशिष्ट
श्रीकृष्ण के गुरु : सान्दीपनि मुनि
आदि शंकराचार्य के गुरु  : गोविन्द भगवत्पाद
वल्लभाचार्य के गुरु  : श्री रुद्रसंप्रदाय के श्री विल्वमंगलाचार्य और स्वामी नारायणेन्द्र
विट्ठलाचार्य के गुरु  : वल्लभाचार्य
गोकुलाचार्य के गुरु : विट्ठलाचार्य
रामानुजाचार्य के गुरु  : दीक्षा गुरु श्री महापूर्ण स्वामी जी थे और नाथमुनि एवं यामुनाचार्य का भी गुरु माना करते थे
चैतन्य महाप्रभु के गुरु  :  केशव भारती  (कुछ लोग माधवेन्द्र पुरी को इनका दीक्षा गुरु मानते हैं।)
निम्बार्काचार्य के गुरु  :  देवर्षि नारद
नारद के गुरु : श्रीसनकादि 
हितहरिवंश के गुरु  : श्रीराधा जी
प्रसिध्द गवैया तानसेन के गुरु : संत हरिदास जी
मध्वाचार्य के गुरु  : स्वामी अच्युतप्रेक्षाचार्य
विष्णु स्वामी के गुरु  : श्री योगानंद विज्ञानी जी महाराज
अमीर खुसरू के गुरु : हज़रत निज़ामुद्दीन औलिया
हज़रत निज़ामुद्दीन औलिया के गुरु : मोईनुद्दीन चिश्ती
हज़रत सलीम चिश्ती के गुरु : हज़रत मोईनुद्दीन चिश्ती
स्वामी रामानन्द के गुरु : राधवानन्दाचार्य
मीराबाई के गुरु : संत रैदास
जायसी के गुरु : शेख मोहिदी
तुलसीदास के गुरु : श्री नरहर्यानन्द
सूरदास के गुरु : स्वामी वल्लभाचार्य
अनन्तानन्द के गुरु : स्वामी रामानन्द
कबीरदास के गुरु : रामानन्द
सुखानन्द के गुरु : रामानन्द
सुरसुरा के गुरु : रामानन्द
पद्मावती के गुरु : रामानन्द
नरहरि के गुरु : रामानन्द
संत पीपा के गुरु : रामानन्द
भावानन्द के गुरु : रामानन्द
संत रैदास के गुरु : रामानन्द
संत घना के गुरु : रामानन्द
संत सेन के गुरु : रामानन्द
संत सुरससरी के गुरु : रामानन्द
दादूदयाल के गुरु :
संत रज्जबजी के गुरु : संत दादूदयाल
संत सुन्दरदास के गुरु :  संत दादूदयाल
ग़रीबदास के गुरु : संत दादूदयाल
संत वाजिद के गुरु : संत दादूदयाल
संत दूषणदास के गुरु : संत दादूदयाल
संत जन गोपाल के गुरु : संत दादूदयाल
संत प्रागदास के गुरु : संत दादूदयाल
संत टीबाजी के गुरु : संत दादूदयाल
हरिदास निरंजनी के गुरु : संत प्रागदास (पहले), दादूदयाल (बाद में)
संत केशवदास के गुरु : संत यारी साहब
संत शाह फ़क़ीर के गुरु : संत यारी साहब
बूला साहब के गुरु : संत यारी साहब
गुलाल साहब के गुरु : संत बूलासाहब
भीखा साहब के गुरु : संत गुलाल साहब
संत पलटू साहब के गुरु : संत गोविन्द साहब
संत धर्मदास के गुरु : संत कबीरदास
अग्रदास के गुरु : कृष्णहयपारी
रसखान के गुरु : गोस्वामी विट्ठलनाथ
सहजोबाई के गुरु : संत चरनदास
दयाबाई के गुरु : संत तरनदास
संत नामदेव के गुरु : संत ज्ञानेश्वर
अलबेली अलि के गुरु : संत वंशी अलि जी
संत किशोरी अलि के गुरु : संत वंशी अलि जी
बाबरी साहिबा के गुरु : संत मायानन्द जी
शिवाजी के गुरु : समर्थ रामदास
स्वामी दयानन्द सरस्वती के गुरु : स्वामी विरजानन्द

स्वामी विवेकानन्द के गुरु : रामकृष्ण परमहंस
संत नामदेवजी के गुरु   : सन्त विसोबा खेचर। .

शनिवार, 22 जुलाई 2017

UGCNET/JRF में सन्त तुलसीदास पर प्रश्न


(जन्म : 1532 में प्रयाग के पास चित्रकूट जिले में राजापुर नामक एक ग्राम में और मृत्यु : 1623 ई. श्रावण कृष्ण तृतीया शनिवार को )
रामचरितमानस की रचना
संवत्‌ 1631 का प्रारम्भ हुआ। उस दिन राम-नवमी के दिन प्रायः वैसा ही योग था जैसा त्रेता-युग में राम जन्म के दिन था। उस दिन प्रातःकाल संत तुलसीदास जी ने रामचरितमानस की रचना प्रारम्भ की। दो वर्ष, सात महीने, छ्ब्बीस दिन में ग्रन्थ की समाप्ति हुई। संवत्‌ 1633 के मार्गशीर्ष शुक्लपक्ष में राम-विवाह के दिन सातों काण्ड पूर्ण हो गये।
 तुलसीदास की रचनाएं
1.    गीतावली (1559 ई.)
  1. दोहावली (1569 ई., भाषा : ब्रजभाषा)
3.    कृष्ण गीतावली (1571 ई., भाषा : ब्रजभाषा)
4.    रामचरितमानस (1574 ई., अवधी)
5.    रामलला नहछू (1582 ई., सोहर छन्द में नहछू लोकाचार को वर्णन, भाषा : अवधी)
  1. विनयपत्रिका (1582 ई., भाषा : ब्रजभाषा)
  2. जानकी मंगल (1582 ई., सीता-राम के विवाह-संबंधी)
8.    पार्वती मंगल (1582 ई., शिव-पार्वती के विवाह-संबंधी, भाषा : अवधी)
  1. कृष्णगीतावली (1607 ई., भाषा : ब्रजभाषा)
  2. कवितावली (1612 ई.,  )
  3. वैराग्य संदीपनी (1612 ई., भाषा : अवधी)
  4. बरवै रामायण (1612 ई., रामकथा-संबंधी 69 बरवै )
  5. रामाज्ञा प्रश्न (1612 ई., ज्योतिष-संबंधी सगुनौती आदि, भाषा : ब्रज व अवधी)
  6. हनुमानबाहुक (1612 ई., अंतिम रचना)

अवधी भाषा की रचनाएं

रामचरितमानस, रामलला नहछू, बरवै रामायण, पार्वती मंगल, जानकी मंगल रामाज्ञ प्रश्न

ब्रजभाषा की रचनाएं

कृष्णगीतावली, राम गीतावली, दोहावली, विनयपत्रिका, कवितावली, वैराग्य संदीपनी।
ये कृतियां प्रामाणिक मानी जाती हैं 1. दोहावली 2. कवितावली 3. गीतावली 4. रामचरितमानस 5. रामाज्ञा प्रश्न 6. विनयपत्रिका 7. रामलला नहछू 8. पार्वती मंगल 9. जानकी मंगल 10. बरवै रामायण 11. वैराग्य संदीपिनी 12. श्रीकृष्ण गीतावली।
  1. इनके अतिरिक्त रामसतसई अथवा तुलसी सतसई (747 दोहे, अवधी और ब्रज दोनों भाषाओं में),  संकट मोचन हनुमानाष्टक, रामनाम मणि, कोष मञ्जूषा, विनयावली, कवित्तरामायण, राम शलाकाहनुमान चालीसा, हनुमान बाहुक (अंतिम रचना, ब्रजभाषा में) आदि आपके ग्रंथ भी प्रसिद्ध हैं।
1. तुलसीदास की किस रचना का संबंध ज्योतिष से है?
(A) रामलला नहछू (B) जानकी मंगल (C) हनुमान-बाहुक (D) रामाज्ञा प्रश्न
2. तुलसीकृत कृष्ण-काव्य कौन-सा है?
(A) कृष्णायन            (B) कृष्ण चरित   (C) कृष्ण चन्द्रिका            (D) कृष्ण गीतावली
3. बरवै रामायणकिसकी रचना है?              
(A) सूरदास  (B) तुलसीदास  (C) नन्ददास       (D) केशवदास
4. गोस्वामी तुलसीदास की अंतिम रचना कौन-सी है?
(A) विनयपत्रिका       (B) दोहावली      (C) कवितावली   (D) हनुमानबाहुक
5. कलि कुटिल जीव निस्तार हित वाल्मीकि तुलसी भयोकथन है :
(A) रामचरणदास            (B) नाभादास    (C) रघुवरदास     (D) हरिराम व्यास
6. खेती न किसान को, भिखारी को न भीख बलि,
 बनिक को बनिज चाकर को चाकरीपंक्ति तुलसी की किस कृति स संबद्ध है?
(A) रामचरित मानस  (B) कवितावली (C) विनयपत्रिका (D) गीतावली
7. मांगि के खैबो मसीत के सोइबो लैबो को एक न दैबो को दोकपंक्ति का संबंध तुलसीदास की किस रचना से है?
(A) रामचरितमानस   (B) विनयपत्रिका (C) गीतावली      (D) कवितावली
8. इनमें से कौन-सी रचना तुलसीदास की है?
(A) रामाध्यान मंजरी (B) रामसतसई    (C) कृष्ण गीतावली       (D) श्रीरामार्चन पद्धति
9. गोस्वामी तुलसीदास की रचना कवितावलीकिस भाषा की रचना है?
(A) अवधी                (B) ब्रजभाषा     (C) बुन्देली                     (D) मैथिली
10. तुलसीदास की पहली रचना है :
(A) वैराग्य सन्दीपनी (B) रामाज्ञा प्रश्नावली    (C) पार्वती मंगल             (D) जानकी मंगल
11. रामाज्ञा प्रश्नावली किसकी रचना है?
(A) नाभादास           (B) अग्रदास        (C) तुलसीदास  (D) हृदयदास     
12. अब लौं नसानी अब न नसैहौं किसकी उक्ति है?
(A) नाभादास           (B) अग्रदास        (C) तुलसीदास  (D) हृदयदास
13. तुलसीदास की किस रचना में सन्तों महन्तों के गुण वर्णित हैं :
(A) वैराग्य सन्दीपनी          (B) रामाज्ञा प्रश्न  (C) पार्वती मंगल             (D) जानकी मंगल
14. साखी सबदी दोहरा कहि कहनी उपखान।
भगति निसृपहिं अधम कवि निंदहिं वेद पुरान। किस कवि की पंक्तियां हैं?
(A) कबीरदास  (B) भिखारीदास           (C) तुलसीदास  (D) सूरदास
15. गोरख भगायो जोग, भगति भगायो लोग।
यह काव्य-पंक्ति किसकी है?
(A) गोरखनाथ          (B) कबीरदास     (C) तुलसीदास  (D) जायसी
16.गिरा अरथ, जल बीचि सम कहियत भिन्न भिन्न।
बंदौं सीताराम पद जिनहि परम परम प्रिय खिन्न।
उक्त काब्य पंक्तियाँ किस कवि की है ?
(1) केशवदास            (2) तुलसीदास   (3) ईश्वरदास       (4) नागरीदास
17. निम्नलिखित में से कौन-सा ग्रंथ तुलसीदास का नहीं है?
(1) गीतावली            (2) रामचन्द्रिका            (3) विनयपत्रिका  (4) दोहावली
18. मैं नारि अपावन प्रभु जग पावन रावन रिपु जग सुखदाई। राजीव विलोचन भव भय मोचन पाहि.पाहि सरनहिं आई।।
रामचरित मानस की उक्त चौपाई में व्यक्त विचार किस पात्र के हैं :
(A) अहल्या (B) शबरी          (C) तारा                         (D) मंदोदरी
19. रचनाकाल की दृश्टि से निम्नलिखित रचनाओं का सही अनुक्रम बताइए :
(A) कृष्णायन, कीर्तिपताका, रामचरित मानस, रामचन्द्रिका          
(B) कीर्तिपताका, रामचरित मानस, रामचन्द्रिका कृष्णायन
(C) रामचरित मानस, रामचन्द्रिका, कृष्णायन, कीर्तिपताका
(D) रामचन्द्रिका, रामचरित मानस, कीर्तिपताका, कृष्णायन
20. कर्मठ कठमलिया कहे ज्ञानी ज्ञान-विहीन
तुलसी त्रिपथ बिहाय गो राम दुआरे दीनमें त्रिपथ का अर्थ है  :
(A) निर्गुण, सगुण और मुक्ति मार्ग          (B) उत्तम मार्ग, मध्यम मार्ग और निम्नमार्ग
(C) द्वैत, अद्वैत और द्वैताद्वैत      (D) कर्म मार्ग, ज्ञान मार्ग और उपासना मार्ग
21. इन कवियों का कालक्रमानुसार आरोही क्रम में व्यवस्थित कीजिए :
(A) तुलसीदास, ईश्वरदास, नाभादास, केशवदास
 (B) ईश्वरदास, तुलसीदास, केशवदास, नाभादास     
(C) केशवदास, तुलसीदास, ईश्वरदास, नाभादास  
 (D) नाभादास, केशवदास, तुलसीदास, ईश्वरदास
(B) ईश्वरदास (1480-1550 ई.), तुलसीदास (1532-1623 ई.),
केशवदास (1555 .-1617 .), नाभादास (1570-1650) 
22. गोस्वामी तुलसीदास की रचनाओं का सही क्रम कौन-सा है?
(A)  गीतावली, दोहावली, विनय पत्रिका, रामचरित मानस          
(B) रामचरित मानस, दोहावली, गीतावली, विनय पत्रिका
(C) दोहावली, गीतावली, रामचरित मानस, विनयपत्रिका
(D) विनय पत्रिका, दोहावली, गीतावली, रामचरित मानस
23. रामेचरित मानस के काण्डों का सही अनुक्रम है :
(A) अरण्यकाण्ड, किष्किंधाकाण्ड, अयोध्याकोणड, बालकाण्ड
 (B) बालकाण्ड, अयोध्याकोणड, अरण्यकाण्ड, किष्किंधाकाण्ड
(C) किष्किंधाकाण्ड, अयोध्याकोणड, बालकाण्ड, अरण्यकाण्ड
 (D) अरण्यकाण्ड, किष्किंधाकाण्ड, बालकाण्ड, अयोध्याकोणड           
(रामचरित मानस के काण्ड क्रमानुसार ये हैं :
बालकाण्ड, अयोध्याकोणड, अरण्यकाण्ड, किष्किंधाकाण्ड, सुन्दरकाण्ड, लंकाकाण्ड और उत्तरकाण्ड। रविन्द्र पुनियां ने एक सुन्दर सूत्र का निर्माण किया है 'बालक अयोध्या ने अरण्य की सुन्दर लंका को उत्तर दिया |')
24. निम्नलिखित कवियों को उनकी पंक्तियों के साथ सुमेलित कीजिए :  
 (A) केशव कहि न जाइए का कहिए।      (i) सूर
(B) अविगति कछु कहत न आवै।            (ii) कबीर
(C) राम भगति अनियारे तीर   (iii) जायसी
(D) जोरी लाइ रकत कै लेई                 (iv) तुलसी (v) मीरा
कूट :
                a              b             c              d
(A)      (iv)     (i)       (ii)      (iii)
(B)        (iv)       (ii)        (i)         (v)
(C)        (v)        (iii)       (ii)        (iv)
(D)       (i)         (iv)       (v)        (iii)
25. निम्नलिखित काव्य-पंक्तियों को उनके कवियों के साथ सुमेलित कीजिए : 
(A) हौं सब कबिन्ह केर पछिलगा     (i) कबीरदास
(B) कबित्त विवेक एक नहिं मोरे      (ii) जायसी
 (C) प्रभुजी, हौं पतितन को टीको    (iii) मलूकदास
(D) अब तो अजपा जपु मन मेरे।
सूर नर असुर टहलुआ जाके मुनि गंध्रब हैं जाके चेरे (iv) तुलसीदास (v) सूरदास
कूट :
                a              b             c              d
(A)      (ii)      (iv)     (v)      (iii)
(B)        (iv)       (ii)        (i)         (v)
(C)        (v)        (iii)       (ii)        (iv)
(D)       (i)         (iv)       (v)        (iii)
26. निम्नलिखित काव्य.पंक्तियों को उनके रचनाकारों के साथ सुमेलित कीजिए : 
                सूची-1                                                                                                                                    सूची-2
(A)       जेहि पंखी के नियर होईए करै बिरह की बात। सोई पंखी जाई जरिए तरिवर होई निपात   
(i) तुलसीदास
(B)        हमको सपनेहू में सोच जा दिन तें बिछुरे नन्दनन्दन ता दिन ते यह पोच।              (ii) नंददास
(C)        जब जीवन को है कपि आस न कोय। कनगुरिया की मुदरी कंगना होय                 (iii) सूरदास
(D)       जिभिया ऐसी बावरी कहि गई सरगण्पताल आपुहिं कहि भीतर रही जूती खात कपाल।       
(iv) जायसी (v) रहीम
कोड  :
                a              b             c              d
(A)      (iv)     (iii)     (i)       (v)
(B)        (v)        (iv)       (ii)        (i)
(C)        (iii)       (v)        (iv)       (ii)
(D)       (ii)        (i)         (iii)       (iv)
27. पंक्तियों के साथ कवियों का सुमेलन कीजिए :
(A) सेस महेस गनेस दिनेस                        (i) सूरदास
(B) मन लेत पै देत छटांक नहीं        (ii) तुलसीदास
(C) जैसे उड़ि जहाज को पंछी          (iii) घनानन्द
(D) गिरा अनयन नयन बिनु बानी   (iv) रसखान (v) केशवदास
कूट :
                a              b             c              d
(A)       (i)         (ii)        (iv)       (iii)
(B)      (iv)     (iii)     (i)       (ii)
(C)        (iv)       (v)        (ii)        (i)
(D)       (iii)       (iv)       (i)         (v)
28. निम्नलिखित काव्य.पंक्तियों को उनके कवियों के साथ सुमेलित कीजिए :
(A) जात पात पूछै नहिं कोई          (i) तुलसीदास
(B) गिरा अनयन नयन बिनु बानी   (ii) परमानन्ददास
(C) प्रेम प्रेम ते प्रेम ते पारहिं पइए   (iii) जायसी
(D) मानुष प्रेम भयो बैकुंठी                        (iv) रामानन्द (v) सूरदास
कूट :
                a              b             c              d
(A)       (v)        (ii)        (iii)       (iv)
(B)        (ii)        (iv)       (i)         (v)
(C)      (iv)     (i)       (v)      (iii)
(D)       (i)         (iii)       (ii)        (v)
29. निम्नलिखित को सुमेलित कीजिए :
(A) रामचरित मानस        (i) लालादास
(B) रामचन्द्रिका              (ii) तुलसीदास
(C) अवध विलास             (iii) ईश्वरदास
(D) भरत मिलाप             (iv) केशवदास
कूट :
                a              b             c              d
(A)       (iv)       (iii)       (ii)        (i)
(B)        (ii)        (iii)       (iv)       (i)
(C)      (ii)      (iv)     (i)       (iii)
(D)       (iii)       (iv)       (i)         (ii)

संत तुलसीदास की महत्वपूर्ण पंक्तियां
अयोध्यासिंह उपाध्याय हरऔध ने कहा है
कविता करके तुलसी लसे

कविता लसी पा तुलसी की कला