शनिवार, 10 जुलाई 2021

प्रश्नोत्तरी-41 (हिंदी भाषा एवं साहित्य, जमाल)

 प्रश्नोत्तरी-41 (हिंदी भाषा एवं साहित्य, जमाल)

#जमाल के संबंध में निम्नलिखित में कौन-कौन से कथन सत्य हैं :

(A) इनके नीति और श्रृंगार के दोहे राजपूताने की ओर बहुत जनप्रिय हैं। भावों की व्यंजना बहुत ही मार्मिक पर सीधे सादे ढंग पर की गई है।

(B) इससे इन्होंने कुछ पहेलियाँ भी अपने दोहों में रखी हैं।

(C) जमाल कृत तीन ग्रंथ हैं : बलभद्री व्याकरण, हनुमन्नाटक और गोवर्द्धनसतसई टीका। इनका 'दूषणविचार' नाम का एक और ग्रंथ मिला है जिसमें काव्यदोषों का निरूपण है।

(D) ‘‘मरकत के सूत कैधौं पन्नग के पूत अति

राजत अभूत तमराज कैसे तार हैं।’’ इन काव्य-पंक्तियों के रचनाकार जमाल हैं।

(A)(a)(b)

(B)(b)(c)

(C)(c)(d)

(D)(b)(d)

Ans. : (A)(a)(b)

(आचार्य रामचंद्र शुक्ल, हिंदी साहित्य का इतिहास, भक्तिकाल : प्रकरण 6 : भक्तिकाल की फुटकल रचनाएं)

प्रश्नोत्तरी-40 (हिंदी भाषा एवं साहित्य, बलभद्र मिश्र)

 प्रश्नोत्तरी-40 (हिंदी भाषा एवं साहित्य, बलभद्र मिश्र)

#बलभद्र मिश्र के संबंध में निम्नलिखित में कौन-कौन से कथन सत्य हैं :

(A) बलभद्र मिश्र का 'नखशिख' श्रृंगार का एक प्रसिद्ध ग्रंथ है जिसमें इन्होंने नायिका के अंगों का वर्णन उपमा, उत्प्रेक्षा, संदेह आदि अलंकारों के प्रचुर विधान द्वारा किया है।

(B) 'माधवानल कामकंदला' श्रृंगार रस की दृष्टि से ही लिखी जान पड़ती है, आध्यात्मिक दृष्टि से नहीं।

(C) बलभद्र कृत तीन ग्रंथ हैं : बलभद्री व्याकरण, हनुमन्नाटक और गोवर्द्धनसतसई टीका। इनका 'दूषणविचार' नाम का एक और ग्रंथ मिला है जिसमें काव्यदोषों का निरूपण है।

(D) ‘‘मरकत के सूत कैधौं पन्नग के पूत अति

राजत अभूत तमराज कैसे तार हैं।’’ इन काव्य-पंक्तियों के रचनाकार बलभद्र मिश्र हैं।

(A)(a)(b)(c)

(B)(b)(c)(d)

(C)(a)(c)(d)

(D)(a)(b)(d)

Ans. : (C)(a)(c)(d)

(आचार्य रामचंद्र शुक्ल, हिंदी साहित्य का इतिहास, भक्तिकाल : प्रकरण 6 : भक्तिकाल की फुटकल रचनाएं)


प्रश्नोत्तरी-39 (हिंदी भाषा एवं साहित्य, मनोहर कवि)

 प्रश्नोत्तरी-39 (हिंदी भाषा एवं साहित्य, मनोहर कवि)

#मनोहर कवि के संबंध में निम्नलिखित में कौन-कौन से कथन सत्य हैं :

(A) मनोहर कवि फ़ारसी और संस्कृत के अच्छे विद्वान थे और फ़ारसी कविता में अपना उपनाम 'तौसनी' रखते थे।  

(B) मनोहर कवि ने 'शतप्रश्नोत्तारी' नाम की पुस्तक बनाई है।

(C) मनोहर कवि के श्रृंगारिक दोहे मार्मिक और मधुर हैं, पर उनमें कुछ फ़ारसीपन के छींटे मौजूद हैं।

(D) ‘‘ऐसों फलहीन वृच्छ बसुध में भयो, यारो,

सेमर बिसासी बहुतेरन को ठग्यो है।’’ इन काव्य-पंक्तियों के रचनाकार मनोहर कवि हैं।

(A)(a)(b)(c)

(B)(b)(c)(d)

(C)(a)(c)(d)

(D)(a)(b)(d)

Ans. : (A)(a)(b)(c)

 (आचार्य रामचंद्र शुक्ल, हिंदी साहित्य का इतिहास, भक्तिकाल : प्रकरण 6 : भक्तिकाल की फुटकल रचनाएं)

प्रश्नोत्तरी-38 (हिंदी भाषा एवं साहित्य, कवि गंग)

 प्रश्नोत्तरी-38 (हिंदी भाषा एवं साहित्य, कवि गंग)

#कवि गंग के संबंध में निम्नलिखित में कौन-कौन से कथन सत्य हैं :

(A) गंग अकबर के दरबारी कवि थे और रहीम खानखाना इन्हें बहुत मानते थे।

(B) 'माधवानल कामकंदला' श्रृंगार रस की दृष्टि से ही लिखी जान पड़ती है, आध्यात्मिक दृष्टि से नहीं।

(C) वीर और श्रृंगार रस के बहुत ही रमणीक कवित्त कवि गंग ने कहे हैं। कुछ अन्योक्तियाँ भी बड़ी मार्मिक हैं।

(D) ‘‘ऐसों फलहीन वृच्छ बसुध में भयो, यारो,

सेमर बिसासी बहुतेरन को ठग्यो है।’’ इन काव्य-पंक्तियों के रचनाकार कवि गंग हैं।

(A)(a)(b)(c)

(B)(b)(c)(d)

(C)(a)(c)(d)

(D)(a)(b)(d)

Ans. : (C)(a)(c)(d)

 

# कवि गंग के संबंध में निम्नलिखित में कौन-कौन से कथन सत्य हैं :

(A) कवि गंग ने एक खंडकाव्य 'ध्रुवचरित' लिखा है।

(B) उस समय की रुचि को रंजित करने वाले सब गुण कवि गंग में वर्तमान थे।

(C) सरल हृदय के अतिरिक्त वाग्वैदग्ध्य भी कवि गंग में प्रचुर मात्रा में था।

(D) ‘‘बैठी थी सखिन संग, पिय को गवन सुन्यो,

सुख के समूह में बियोग-आगि भरकी।’’ इन काव्य-पंक्तियों के रचनाकार कवि गंग हैं।

(A)(a)(b)(c)

(B)(b)(c)(d)

(C)(a)(c)(d)

(D)(a)(b)(d)

Ans. : (B)(b)(c)(d)

(आचार्य रामचंद्र शुक्ल, हिंदी साहित्य का इतिहास, भक्तिकाल : प्रकरण 6 : भक्तिकाल की फुटकल रचनाएं)

प्रश्नोत्तरी-37 (हिंदी भाषा एवं साहित्य, महाराज बीरबल)

 प्रश्नोत्तरी-37 (हिंदी भाषा एवं साहित्य, महाराज बीरबल)

#महाराज बीरबल के संबंध में निम्नलिखित में कौन-कौन से कथन सत्य हैं :

(A) इनके और अकबर के बीच होनेवाले विनोद और चुटकुले उत्तर भारत के गाँवों में प्रसिद्ध हैं।

(B) 'माधवानल कामकंदला' श्रृंगार रस की दृष्टि से ही लिखी जान पड़ती है, आध्यात्मिक दृष्टि से नहीं।

(C) महाराज बीरबल ब्रजभाषा के अच्छे कवि थे और कवियों का बड़ी उदारता के साथ सम्मान करते थे।

(D) ‘‘पूत कपूत, कुलच्छनि नारि, लराक परोसि, लजायन सारो।

बंधु कुबुद्धि, पुरोहित लंपट, चाकर चोर, अतीथ धुतारो।’’ इन काव्य-पंक्तियों के रचनाकार महाराज बीरबल हैं।

(A)(a)(b)(c)

(B)(b)(c)(d)

(C)(a)(c)(d)

(D)(a)(b)(d)

Ans. : (C)(a)(c)(d)

 

#महाराज बीरबल के संबंध में निम्नलिखित में कौन-कौन से कथन सत्य हैं :

(A) महाराज बीरबल ने एक खंडकाव्य 'ध्रुवचरित' लिखा है।

(B) इनकी, रचना अलंकार आदि काव्यांगों से पूर्ण और सरस होती थी।

(C) कविता में ये अपना नाम ब्रह्म रखते थे।

(D) ‘‘उछरि उछरि भेकी झपटै उरग पर,

उरग पै केकिन के लपटै लहकि हैं।’’ इन काव्य-पंक्तियों के रचनाकार महाराज बीरबल हैं।

(A)(a)(b)(c)

(B)(b)(c)(d)

(C)(a)(c)(d)

(D)(a)(b)(d)

Ans. : (B)(b)(c)(d)

(आचार्य रामचंद्र शुक्ल, हिंदी साहित्य का इतिहास, भक्तिकाल : प्रकरण 6 : भक्तिकाल की फुटकल रचनाएं)

प्रश्नोत्तरी-36 (हिंदी भाषा एवं साहित्य, महाराज टोडरमल)

 प्रश्नोत्तरी-36 (हिंदी भाषा एवं साहित्य, महाराज टोडरमल)

# महाराज टोडरमल के संबंध में निम्नलिखित में कौन-कौन से कथन सत्य हैं :

(A) ये कुछ दिन शेरशाह के यहाँ ऊँचे पद पर थे, पीछे अकबर के समय में भूमिकर विभाग के मंत्री हुए।

(B) ये प्राय: नीति संबंधी पद्य कहते थे।

(C) 'माधवानल कामकंदला' श्रृंगार रस की दृष्टि से ही लिखी जान पड़ती है, आध्यात्मिक दृष्टि से नहीं।

(D) ‘‘मदपी को सुचि कहाँ, साँच कहाँ लंपट को,

नीच को बचन कहाँ स्यार की पुकार सी।’’ इन काव्य-पंक्तियों के रचनाकार महाराज टोडरमल हैं।

(A)(a)(b)(c)

(B)(b)(c)(d)

(C)(a)(c)(d)

(D)(a)(b)(d)

Ans. : (D)(a)(b)(d)

(आचार्य रामचंद्र शुक्ल, हिंदी साहित्य का इतिहास, भक्तिकाल : प्रकरण 6 : भक्तिकाल की फुटकल रचनाएं)

प्रश्नोत्तरी-35 (हिंदी भाषा एवं साहित्य, आलम)

 प्रश्नोत्तरी-35 (हिंदी भाषा एवं साहित्य, आलम)

#आलम के संबंध में निम्नलिखित में कौन-कौन से कथन सत्य हैं :

(A) आलम ने 'माधवानल कामकंदला' नाम की प्रेमकहानी दोहा चौपाई में लिखी।

(B) 'हिततरंगिणी' का निर्माण 'बिहारी सतसई' से पहले हुआ है।

(C) 'माधवानल कामकंदला' श्रृंगार रस की दृष्टि से ही लिखी जान पड़ती है, आध्यात्मिक दृष्टि से नहीं।

(D) ‘‘दिल्लीपति अकबर सुरताना । सप्तदीप में जाकी आना।।

धरमराज सब देस चलावा । हिंदू-तुरुक पंथ सब लावा।।’’ इन काव्य-पंक्तियों के रचनाकार आलम हैं।

(A)(a)(b)(c)

(B)(b)(c)(d)

(C)(a)(c)(d)

(D)(a)(b)(d)

Ans. : (D)(a)(b)(d)

 (आचार्य रामचंद्र शुक्ल, हिंदी साहित्य का इतिहास, भक्तिकाल : प्रकरण 6 : भक्तिकाल की फुटकल रचनाएं)

 

प्रश्नोत्तरी-34 (हिंदी भाषा एवं साहित्य, नरोत्तमदास)

 प्रश्नोत्तरी-34 (हिंदी भाषा एवं साहित्य, नरोत्तमदास)

#नरोत्तमदास के संबंध में निम्नलिखित में कौन-कौन से कथन सत्य हैं :

(A) इनका 'सुदामाचरित्र' ग्रंथ बहुत प्रसिद्ध है। इसमें घर की दरिद्रता का बहुत ही सुंदर वर्णन है।

(B) भाषा भी बहुत ही परिमार्जित और व्यवस्थित है।

(C) 'दशम स्कंध भाषा' का अनुवाद फ़ारसी भाषा में नहीं हुआ है।

(D) ‘‘देखि सुदामा की दीन दसा करुना करिकै करुनानिधि रोए।

पानी परात को हाथ छुयो नहिं, नैनन के जल सों पग धोए।’ इन काव्य-पंक्तियों के रचनाकार नरोत्तमदास हैं।

(A)(a)(b)(c)

(B)(b)(c)(d)

(C)(a)(c)(d)

(D)(a)(b)(d)

Ans. : (D)(a)(b)(d)

 

#नरोत्तमदास के संबंध में निम्नलिखित में कौन-कौन से कथन सत्य हैं :

(A) नरोत्तमदास ने एक खंडकाव्य 'ध्रुवचरित' भी लिखा है।

(B) 'हिततरंगिणी' के दोहे बहुत ही सरस, भावपूर्ण तथा परिमार्जित भाषा में हैं।

(C) 'सुदामाचरित्र' की रचना बहुत ही सरस और हृदयग्राहिणी है और कवि की भावुकता का परिचय देती है।

(D) ‘‘द्वार खड़ो द्विज दुर्बल एक, रह्यो चकि सो बसुध अभिरामा।

पूछत दीनदयाल को धम, बतावत आपनो नाम सुदामा।’’ इन काव्य-पंक्तियों के रचनाकार नरोत्तमदास हैं।

(A)(a)(b)(c)

(B)(b)(c)(d)

(C)(a)(c)(d)

(D)(a)(b)(d)

Ans. : (C)(a)(c)(d)

 (आचार्य रामचंद्र शुक्ल, हिंदी साहित्य का इतिहास, भक्तिकाल : प्रकरण 6 : भक्तिकाल की फुटकल रचनाएं)

प्रश्नोत्तरी-33 (हिंदी भाषा एवं साहित्य, महापात्र नरहरि बंदीजन)

 प्रश्नोत्तरी-33 (हिंदी भाषा एवं साहित्य, महापात्र नरहरि बंदीजन)

#महापात्र नरहरि बंदीजन के संबंध में निम्नलिखित में कौन-कौन से कथन सत्य हैं :

(A) नरहरि बंदीजन को 'महापात्र' की उपाधि अकबर के दरबार से मिली थी।

(B) 'हिततरंगिणी' का निर्माण 'बिहारी सतसई' से पहले नहीं हुआ है।

(C) इनके बनाए तीन ग्रंथ 'रुक्मिणीमंगल' 'छप्पय नीति' और 'कवित्तसंग्रह' हैं।

(D) ‘‘अरिहु दंत तिन धरै ताहि नहिं मारि सकतकोइ।

हम संतत तिनु चरहिं वचन उच्चरहिं दीन होइ।’’ इन काव्य-पंक्तियों के रचनाकार महापात्र नरहरि बंदीजन हैं।

(A)(a)(b)(c)

(B)(b)(c)(d)

(C)(a)(c)(d)

(D)(a)(b)(d)

Ans. : (C)(a)(c)(d)

(आचार्य रामचंद्र शुक्ल, हिंदी साहित्य का इतिहास, भक्तिकाल : प्रकरण 6 : भक्तिकाल की फुटकल रचनाएं)

रविवार, 4 जुलाई 2021

प्रश्नोत्तरी-32 (हिंदी भाषा एवं साहित्य, कृपाराम)

 प्रश्नोत्तरी-32 (हिंदी भाषा एवं साहित्य, कृपाराम)

#कृपाराम के संबंध में निम्नलिखित में कौन-कौन से कथन सत्य हैं :

(A) 'हिततरंगिणी' के कई दोहे बिहारी के दोहों से मिलते-जुलते हैं।

(B) 'हिततरंगिणी' का निर्माण 'बिहारी सतसई' से पहले हुआ है।

(C) 'दशम स्कंध भाषा' का अनुवाद फ़ारसी भाषा में नहीं हुआ है।

(D) ‘‘लोचन चपल कटाच्छ सर अनियारे विष पूरि।

मन मृग बेधौं मुनिन के जगजन सहत बिसूरि।’’ इन काव्य-पंक्तियों के रचनाकार कृपाराम हैं।

(A)(a)(b)(c)

(B)(b)(c)(d)

(C)(a)(c)(d)

(D)(a)(b)(d)

Ans. : (D)(a)(b)(d)

 

#कृपाराम के संबंध में निम्नलिखित में कौन-कौन से कथन सत्य हैं :

(A) कृपाराम ने संवत् 1598 में रसरीति पर 'हिततरंगिणी' नामक ग्रंथ दोहों में बनाया। रीति या लक्षण ग्रंथों में यह बहुत पुराना है।

(B) 'हिततरंगिणी' के दोहे बहुत ही सरस, भावपूर्ण तथा परिमार्जित भाषा में हैं।

(C) 'दशम स्कंध भाषा' का अनुवाद फ़ारसी भाषा में हुआ है।

(D) ‘‘पति आयो परदेस तें ऋतु बसंत को मानि।

झमकि झमकि निज महल में टहलैं करै सुरानि।’’ इन काव्य-पंक्तियों के रचनाकार कृपाराम हैं।

(A)(a)(b)(c)

(B)(b)(c)(d)

(C)(a)(c)(d)

(D)(a)(b)(d)

Ans. : (D)(a)(b)(d)

 (आचार्य रामचंद्र शुक्ल, हिंदी साहित्य का इतिहास, भक्तिकाल : प्रकरण 6 : भक्तिकाल की फुटकल रचनाएं)