प्रश्नोत्तरी-36 (हिंदी भाषा एवं साहित्य, महाराज टोडरमल)
# महाराज टोडरमल के संबंध में निम्नलिखित में कौन-कौन से कथन
सत्य हैं :
(A) ये कुछ दिन शेरशाह के यहाँ ऊँचे पद पर थे, पीछे अकबर के समय में भूमिकर विभाग के मंत्री हुए।
(B) ये प्राय:
नीति संबंधी पद्य कहते थे।
(C) 'माधवानल
कामकंदला' श्रृंगार रस की दृष्टि से ही लिखी जान पड़ती है, आध्यात्मिक दृष्टि से नहीं।
(D) ‘‘मदपी
को सुचि कहाँ, साँच कहाँ लंपट को,
नीच को बचन कहाँ स्यार की पुकार
सी।’’ इन काव्य-पंक्तियों के रचनाकार महाराज टोडरमल हैं।
(A)(a)(b)(c)
(B)(b)(c)(d)
(C)(a)(c)(d)
(D)(a)(b)(d)
Ans. : (D)(a)(b)(d)
(आचार्य रामचंद्र शुक्ल, हिंदी साहित्य का इतिहास, भक्तिकाल : प्रकरण 6 : भक्तिकाल की फुटकल रचनाएं)
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