शनिवार, 3 जुलाई 2021

प्रश्नोत्तरी-29 (हिंदी भाषा एवं साहित्य, भक्तिकाल की फुटकल रचनाएँ /Bhaktikaal ki Futkal Rachnayen)

 

प्रश्नोत्तरी-29 (हिंदी भाषा एवं साहित्य, भक्तिकाल की फुटकल रचनाएँ /Bhaktikaal ki Futkal Rachnayen)

# निम्नलिखित में कौन-कौन से कथन सत्य हैं :

(A) कवियों के सम्मान के साथ साथ कविता का सम्मान भी यहाँ तक बढ़ा कि अब्दुर्रहीम खानखाना ऐसे उच्चपदस्थ सरदार क्या बादशाह तक ब्रजभाषा की ऐसी कविता करने लगे।

(B) भक्तिकाल में प्रबंध काव्य नहीं लिखे गए।

 

(C) नरहरि और गंग ऐसे सुकवि और तानसेन ऐसे गायक अकबरी दरबार की शोभा बढ़ाते थे।

(D) ‘‘जाको जस है जगत में, जगत सराहै जाहि।

ताको जीवन सफल है, कहत अकब्बर साहि।’’ इन काव्य-पंक्तियों के रचनाकार बादशाह अकबर हैं।

(A)(a)(b)(c)

(B)(b)(c)(d)

(C)(a)(c)(d)

(D)(a)(b)(d)

Ans. : (C)(a)(c)(d)

 

# निम्नलिखित में कौन-कौन से कथन सत्य हैं :

(A)   अनेक अच्छे आख्यान काव्य भी भक्तिकाल में लिखे गए।

(B)   हृदयराम भाषा हनुमन्नाटक और सुप्रसिद्ध कृष्णभक्त कवि व्यास जी (संवत् 1620 के आसपास) के देव नामक एक शिष्य 'देवमायाप्रपंचनाटक' के लेखक हैं।

(C)   ‘‘अकबर के राजत्वकाल में एक ओर तो साहित्य की चली आती हुई परंपरा को प्रोत्साहन मिला, दूसरी ओर भक्त कवियों की दिव्यवाणी का स्रोत उमड़ चला। इन दोनों की सम्मिलित विभूति से अकबर का राजत्वकाल जगमगा उठा और साहित्य के इतिहास में उसका एक विशेष स्थान हुआ।’’ यह कथन रामचंद्र शुक्ल का है।

(D)   ‘‘प्रेम बात कछु कहि नहिं जाई । उलटी चाल तहाँ सब भाई।।

प्रेम बात सुनि बौरो होई। तहाँ सयान रहै नहिं कोई।।’’ इन काव्य-पंक्तियों के रचनाकार तुलसीदास हैं।

(A)(a)(b)(c)

(B)(b)(c)(d)

(C)(a)(c)(d)

(D)(a)(b)(d)

Ans. : (A)(a)(b)(c)

#‘‘जिस काल में सूर और तुलसी ऐसे भक्त के अवतार तथा नरहरि, गंग और रहीम ऐसे निपुण भावुक कवि दिखाई पड़े उसके साहित्यिक गौरव की ओर ध्यान जाना स्वाभाविक ही है।’’ भक्तिकाल के संबंध में यह कथन किसका है?

(A) श्यामसुंदरदास

(B) हज़ारीप्रसाद

(C) विद्यानिवास मिश्र

(D) रामचंद्र शुक्ल

Ans. : (D) रामचंद्र शुक्ल

(आचार्य रामचंद्र शुक्ल, हिंदी साहित्य का इतिहास, भक्तिकाल : प्रकरण 6 : भक्तिकाल की फुटकल रचनाएं)

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