शुक्रवार, 2 जुलाई 2021

प्रश्नोत्तरी-27 (हिंदी भाषा एवं साहित्य, रसख़ान)

 प्रश्नोत्तरी-27 (हिंदी भाषा एवं साहित्य, रसख़ान)

#रसख़ान के संबंध में निम्नलिखित में कौन-कौन से कथन सत्य हैं :

(A) ये बड़े प्रेमी जीव थे। वही प्रेम अत्यंत गूढ़ भगवद्भक्ति में परिणत हुआ।

(B) प्रेम को रसख़ान ने शरीर व्यवहार से अलग 'अतन' अर्थात् मानसिक या आध्यात्मिक वस्तु कहा है।

(C) इनकी भाषा बहुत चलती सरल और शब्दाडंबरमुक्त होती थी।

(D) ‘‘मानुष हों तो वही रसखान बसौं सँग गोकुल गाँव के ग्वारन।

जौ पसु हों तो कहा बसु मेरो चरौं नित नंद की धोनु मझारन।’’ इन काव्य-पंक्तियों के रचनाकार रसख़ान हैं।

(A)(a)(b)(c)

(B)(b)(c)(d)

(C)(a)(c)(d)

(D)(a)(b)(d)

Ans. : (C)(a)(c)(d)

 

#रसख़ान के संबंध में निम्नलिखित में कौन-कौन से कथन सत्य हैं :

(A) रसख़ान गोसाईं वल्लभाचार्य के शिष्य थे।

(B) इनकी दो छोटी छोटी पुस्तकें प्रकाशित हुई हैं ‘प्रेमवाटिका’ (दोहे) और ‘सुजान रसखान’ (कवित्त सवैया)।

(C) इनकी कृति परिमाण में तो बहुत अधिक नहीं हैं पर जो है वह प्रेमियों के मर्म को स्पर्श करनेवाली है।

(D) ‘‘मोर पखा सिर ऊपर राखिहौ, गुंज की माल गले पहिरौंगी।

ओढ़ि पितांबर लै लकुटी बन गोधन ग्वालन संग फिरौंगी।’’ इन काव्य-पंक्तियों के रचनाकार रसख़ान हैं।

(A)(a)(b)(c)

(B)(b)(c)(d)

(C)(a)(c)(d)

(D)(a)(b)(d)

Ans. : (B)(b)(c)(d)

 

#रसख़ान के संबंध में निम्नलिखित में कौन-कौन से कथन सत्य हैं :

(A) ये बड़े भारी कृष्णभक्त और गोस्वामी विट्ठलनाथ जी के बड़े कृपापात्र शिष्य थे।

(B) भगवान प्रेम के वशीभूत हैं, जहाँ प्रेम है वहीं प्रिय है।

(C) रसख़ान मलूकदास के शिष्य थे।

(D) ‘‘सेस महेस गनेस दिनेस सुरेसहु जाहिं निरंतर गावैं।

जाहि अनादि अनंत अखंड अछेद अभेद सुवेद बतावैं।’’ इन काव्य-पंक्तियों के रचनाकार रसख़ान हैं।

(A)(a)(b)(c)

(B)(b)(c)(d)

(C)(a)(c)(d)

(D)(a)(b)(d)

Ans. : (D)(a)(b)(d)

 

#रसख़ान के संबंध में निम्नलिखित में कौन-कौन से कथन सत्य हैं :

(A) कृष्णभक्तों के समान इन्होंने 'गीतकाव्य' का आश्रय न लेकर कवित्त सवैयों में अपने सच्चे प्रेम की व्यंजना की है।

(B) ये श्री हितहरिवंश जी के शिष्य स्वप्न में हुए थे।

(C) रसख़ान की रचना प्रेमियों के मर्म को स्पर्श करनेवाली है।

(D) या लकुटी अरु कामरिया पर राज तिहूँ पुर को तजि डारौं।

आठहु सिद्धि नवौ निधि के सुख नंद की गाय चराय बिसारौं। इन काव्य-पंक्तियों के रचनाकार रसख़ान हैं।

(A)(a)(b)(c)

(B)(b)(c)(d)

(C)(a)(c)(d)

(D)(a)(b)(d)

Ans. : (C)(a)(c)(d)

 

#रसख़ान के संबंध में निम्नलिखित में कौन-कौन से कथन सत्य हैं :

(A) अनुप्रास की सुंदर छटा होते हुए भी भाषा की चुस्ती और सफाई कहीं नहीं जाने पाई है। बीच बीच में भावों की बड़ी सुंदर व्यंजना है।

(B) रसख़ान सूरदास के शिष्य थे।

(C) लीलापक्ष को लेकर इन्होंने बड़ी रंजनकारिणी रचनाएँ की हैं।

(D)‘‘ब्रह्म मैं ढँढयो पुरानन गानन, वेदरिचा सुनी चौगुने चायन।

देख्यो सुन्यो कबहूँ न कहूँ वह कैसे सरूप और कैसे सुभायन।’’ इन काव्य-पंक्तियों के रचनाकार रसख़ान हैं।

(A)(a)(b)(c)

(B)(b)(c)(d)

(C)(a)(c)(d)

(D)(a)(b)(d)

Ans. : (C)(a)(c)(d)

 

#‘‘जेहि बिनु जाने कछुहि नहिं जान्यों जात बिसेस।

सोइ प्रेम जेहि जान कै रहि न जात कछु सेस।’’ इन काव्य-पंक्तियों के रचनाकार हैं :

(A) हरीराम व्यास

(B) रसख़ान

(C) सूरदास

(D) रसख़ान

Ans. : (D) रसख़ान

 

#‘‘प्रेमफाँस सो फँसि मरै सोई जियै सदाहि।

प्रेम मरम जाने बिना मरि कोउ जीवत नाहिं।’’ इन काव्य-पंक्तियों के रचनाकार हैं :

(A) हरीराम व्यास

(B) रसख़ान

(C) सूरदास

(D) गदाधर भट्ट

Ans. : (B) रसख़ान

 

#“प्रेम के ऐसे सुंदर उद्गार इनके सवैयों में निकले कि जनसाधरण प्रेम या श्रृंगार संबंधी कवित्त सवैयों को ही 'रसखान' कहने लगे। जैसे 'कोई रसखान सुनाओ।'” यह कथन किसका है?

(A) रामचंद्र शुक्ल

(B) हज़ारीप्रसाद द्विवेदी

(C) विद्यानिवास मिश्र

(D) रसख़ान

Ans. : (A) रामचंद्र शुक्ल

 

# “शुद्ध ब्रजभाषा का जो चलतापन और सफाई इनकी और घनानंद की रचनाओं में है वह अन्यत्रा दुर्लभ है। यह कथन किसका और किसके संबंध में है?

(A) श्यामसुंदरदास का सूरदास के संबंध में

(B) हज़ारीप्रसाद द्विवेदी का कबीरदास के संबंध में

(C) विद्यानिवास मिश्र का रहीम के संबंध में

(D) रामचंद्र शुक्ल का रसख़ान के संबंध में

Ans. : (D) रामचंद्र शुक्ल का रसख़ान के संबंध में

(आचार्य रामचंद्र शुक्ल, हिंदी साहित्य का इतिहास, भक्तिकाल : प्रकरण 5—सगुणधारा : कृष्णभक्ति शाखा)

 

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