प्रश्नोत्तरी-30 (हिंदी भाषा एवं साहित्य, छीहल)
#छीहल के संबंध में निम्नलिखित में कौन-कौन से कथन सत्य हैं
:
(A) ये श्री
हितहरिवंश जी के शिष्य स्वप्न में हुए थे।
(B) संवत्
1575 में छीहल
ने 'पंचसहेली' नाम की पुस्तक दोहों में राजस्थानी मिली भाषा में बनाई। इनकी
लिखी एक 'बावनी' भी है
जिसमें 52 दोहे हैं।
(C) 'पंचसहेली' में पाँच सखियों की विरह वेदना का वर्णन है।
(D) ‘‘देख्या
नगर सुहावना, अधिक सुचंगा थानु।
नाउँ चँदेरी परगटा, जनु सुरलोक
समानु।’’ इन काव्य-पंक्तियों के रचनाकार छीहल हैं।
(A)(a)(b)(c)
(B)(b)(c)(d)
(C)(a)(c)(d)
(D)(a)(b)(d)
Ans. : (B)(b)(c)(d)
#ध्रुवदास के संबंध में निम्नलिखित में कौन-कौन से कथन सत्य हैं
:
(A) नाभा जी के भक्तमाल के अनुकरण पर इन्होंने 'भक्तनामावली' लिखी
है जिसमें अपने समय तक के भक्तों का उल्लेख किया है।
(B) ये प्रेममार्गी शाखा के कवि हैं।
(C) सभामंडली (संवत्
1681), वृंदावनसत ( संवत् 1686) और रसमंजरी (संवत् 1698) ध्रुवदास की
रचनाएं हैं।
(D) ‘‘प्रेम बात कछु कहि नहिं जाई । उलटी चाल तहाँ सब भाई।।
प्रेम बात सुनि बौरो होई। तहाँ
सयान रहै नहिं कोई।।’’ इन काव्य-पंक्तियों के रचनाकार ध्रुवदास हैं।
(A)(a)(b)(c)
(B)(b)(c)(d)
(C)(a)(c)(d)
(D)(a)(b)(d)
Ans. : (C)(a)(c)(d)
#‘‘ये कृष्णभक्त कवि हमारे साहित्य में प्रेममाधुर्य का जो सुध
स्रोत बहा गए हैं, उसके प्रभाव से हमारे काव्यक्षेत्र में सरसता और प्रफुल्लता
बराबर बनी रहेगी। 'दु:खवाद' की छाया आ आकर भी टिकने न पाएगी। इन भक्तों का हमारे साहित्य
पर बड़ा भारी उपकार है।’’ यह कथन किसका है?
(A) श्यामसुंदरदास
(B) हज़ारीप्रसाद
(C) विद्यानिवास
मिश्र
(D) रामचंद्र
शुक्ल
Ans. : (D) रामचंद्र शुक्ल
(आचार्य रामचंद्र शुक्ल, हिंदी
साहित्य का इतिहास, भक्तिकाल : प्रकरण 5—सगुणधारा : कृष्णभक्ति शाखा)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें