पं. #श्रीधर पाठक (1859-1928 ई.) की रचनाएं
#स्वच्छंदवाद के प्रवर्तक, #हिंदी साहित्य सम्मेलन के पाँचवें अधिवेशन के
सभापति (1915 ई., लखनऊ)।
पं. श्रीधर पाठक का जन्म आगरा जिले के जोन्धारी गाँव
में 11 जनवरी 1860 ई. में, सारस्वत ब्राह्मण परिवार में और देहावसान 13 सितम्बर 1928
ई. को इलाहाबाद में हुआ।
पं. #श्रीधर पाठक की #रचनाएं
#मनोविनोद (भाग-1,2,3 क्रमशः 1882, 1905 और 1912 ई.)
#धन-विनय (1900 ई.)
#गुनवंत हेमंत (1900 ई.)
#वनाष्टक (1912 ई.)
#देहरादून (1915 ई.)
#गोखले गुनाष्टक (1915 ई.)
#बाल भूगोल (1885 ई.),
#एकांतवासी योगी (1887 ई.)
#जगत सचाई सार (1887 ई.)
#ऊजड़ग्राम (1889 ई.)
#श्रांतपथिक (1900 ई.)
#काश्मीरसुषमा (1904 ई.)
#आराध्य शोकांजलि (1906 ई.)
#जार्ज वंदना (1911 ई.)
#भक्ति विभा (1913 ई.)
#श्री गोखले प्रशस्ति (1915 ई.)
#श्रीगोपिकागीत (1916 ई.)
#भारतगीत (1928 ई.)
#तिलस्माती मुँदरी
#विभिन्न स्फुट निबंध और पत्रादि।
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