बुधवार, 24 जून 2020

राजा भोज और गंगू तेली (संदर्भ : प्रेमचंद)

राजा भोज और गंगू तेली (संदर्भ : प्रेमचंद)

प्रेमचंद युगद्रष्टा और युगस्रष्टा साहित्यकार हैं। उन्होंने हिंदी कथा-साहित्य को करिश्माई दुनिया से निकालकर यथार्थोन्मुख आदर्शवाद के धरातल पर प्रतिष्ठित किया। उनकी रचनाएँ हिंदी-कथा-साहित्य की अनमोल धरोहर हैं।
उनकी ज़्यादातर कहानियों को आज के हीनता ग्रस्त आलोचक 'कूड़ा' की संज्ञा दे रहे हैं, जिनकी ख़ुद की हैसियत प्रेमचंद की तुलना में हिंदी कथा-जगत में नगण्य है, जो 'कहां राजा भोज और कहां गंगू तेली' वाली कहावत को चरितार्थ करते हैं। 

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