ओमप्रकाश वाल्मीकि की रचनाएँ
ओमप्रकाश वाल्मीकि (30 जून 1950—17 नवम्बर 2013)
जन्म : 30 जून 1950 को मुजफ्फरनगर (उत्तर प्रदेश) जिले के बरला गांव में एक अछूत वाल्मीकि परिवार में हुआ। मृत्यु : देहरादून, 17 नवम्बर 2013
कृतियाँ
ओमप्रकाश वाल्मीकि (30 जून 1950—17 नवम्बर 2013)
जन्म : 30 जून 1950 को मुजफ्फरनगर (उत्तर प्रदेश) जिले के बरला गांव में एक अछूत वाल्मीकि परिवार में हुआ। मृत्यु : देहरादून, 17 नवम्बर 2013
कृतियाँ
कविता-संग्रह : सदियों का संताप (1989), बस्स, बहुत हो चुका (1997)
अब और नहीं (2009)
अब और नहीं (2009)
कहानी-संग्रह : सलाम (2000)¸ घुसपैठिए (2004), अम्मा एंड अदर स्टोरीज
आत्मकथा : जूठन (1997)
आलोचना : दलित साहित्य का सौंदर्य-शास्त्र (2001), मुख्यधारा और दलित साहित्य, दलित साहित्य : अनुभव, संघर्ष एवं यथार्थ (2013)
इतिहास : सफ़ाई देवता (2009, वाल्मीकि समाज का इतिहास) ।
कविताएँ• सदियों का संताप (कविता) / ओमप्रकाश वाल्मीकि
• शंबूक का कटा सिर / ओमप्रकाश वाल्मीकि
• युग-चेतना / ओमप्रकाश वाल्मीकि
• वह मैं हूँ / ओमप्रकाश वाल्मीकि
• कविता और फ़सल / ओमप्रकाश वाल्मीकि
• चोट / ओमप्रकाश वाल्मीकि
• ठाकुर का कुआँ / ओमप्रकाश वाल्मीकि
• पहाड़ / ओमप्रकाश वाल्मीकि
• जूता / ओमप्रकाश वाल्मीकि
• अस्थि-विसर्जन / ओमप्रकाश वाल्मीकि
• बिटिया का बस्ता / ओमप्रकाश वाल्मीकि
• उन्हें डर है / ओमप्रकाश वाल्मीकि
• खेत उदास हैं / ओमप्रकाश वाल्मीकि
• शब्द झूठ नहीं बोलते / ओमप्रकाश वाल्मीकि
• जुगनू / ओमप्रकाश वाल्मीकि
• अँधेरे में शब्द / ओमप्रकाश वाल्मीकि
• तब तुम क्या करोगे / ओमप्रकाश वाल्मीकि
• युग चेतना / ओमप्रकाश वाल्मीकि
• शंबूक का कटा सिर / ओमप्रकाश वाल्मीकि
• युग-चेतना / ओमप्रकाश वाल्मीकि
• वह मैं हूँ / ओमप्रकाश वाल्मीकि
• कविता और फ़सल / ओमप्रकाश वाल्मीकि
• चोट / ओमप्रकाश वाल्मीकि
• ठाकुर का कुआँ / ओमप्रकाश वाल्मीकि
• पहाड़ / ओमप्रकाश वाल्मीकि
• जूता / ओमप्रकाश वाल्मीकि
• अस्थि-विसर्जन / ओमप्रकाश वाल्मीकि
• बिटिया का बस्ता / ओमप्रकाश वाल्मीकि
• उन्हें डर है / ओमप्रकाश वाल्मीकि
• खेत उदास हैं / ओमप्रकाश वाल्मीकि
• शब्द झूठ नहीं बोलते / ओमप्रकाश वाल्मीकि
• जुगनू / ओमप्रकाश वाल्मीकि
• अँधेरे में शब्द / ओमप्रकाश वाल्मीकि
• तब तुम क्या करोगे / ओमप्रकाश वाल्मीकि
• युग चेतना / ओमप्रकाश वाल्मीकि
दलित साहित्य की अवधारणा
वाल्मीकि के अनुसार दलितों द्वारा लिखा जाने वाला साहित्य ही दलित साहित्य है। उनकी मान्यता के अनुसार दलित ही दलित की पीड़ा को बेहतर ढंग से समझ सकता है और वही उस अनुभव की प्रामाणिक अभिव्यक्ति कर सकता है। इस आशय की पुष्टि के तौर पर रचित अपनी आत्मकथा जूठन[2] में उन्होंने वंचित वर्ग की समस्याओं पर ध्यान आकृष्ट किया है।
वाल्मीकि के अनुसार दलितों द्वारा लिखा जाने वाला साहित्य ही दलित साहित्य है। उनकी मान्यता के अनुसार दलित ही दलित की पीड़ा को बेहतर ढंग से समझ सकता है और वही उस अनुभव की प्रामाणिक अभिव्यक्ति कर सकता है। इस आशय की पुष्टि के तौर पर रचित अपनी आत्मकथा जूठन[2] में उन्होंने वंचित वर्ग की समस्याओं पर ध्यान आकृष्ट किया है।
वे चर्चित और स्थापित हुए 1997 में प्रकाशित अपनी आत्मकथा ‘जूठन’ से।
पुरस्कार और सम्मान
1993 ई० : डॉ० अंबेडकर राष्ट्रीय पुरस्कार
1995 ई० : परिवेश सम्मान
2008-2009 ई० : साहित्यभूषण पुरस्कार।
पुरस्कार और सम्मान
1993 ई० : डॉ० अंबेडकर राष्ट्रीय पुरस्कार
1995 ई० : परिवेश सम्मान
2008-2009 ई० : साहित्यभूषण पुरस्कार।
मुहम्मद इलियास हुसैन
01-08-2014
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