रमेशचंद्र शाह की कृतियाँ
उपन्यास ‘विनायक’ पर मिला वर्ष 2014 का साहित्य अकादमी पुरस्कार
प्रमुख कृतियां : उपन्यास— ‘गोबर गणेश’ (1978), ‘किस्सा गुलाम’ (1986), ‘पूर्वापर’ (1990), ‘आखिरी दिन (1992), ‘पुनर्वास’ (1995); चाक पर गणेश, और विनायक (2011),सफ़ेद परदे पर आत्मनायक (2012), असबाबे-वीरानी (2012), आप कहीं नहीं रहते विभूति बाबू, कहानी-संग्रह— ‘जंगल में आग’ (1979), ‘मुहल्ले का रावण’ ()1982, ‘मानपत्र’ (1992), थिएटर (1998),प्रतिनिधि कहानियां, कविता-संग्रह— कछुए की पीठ पर, हरिश्चंद्र आओ, नदी भागती आई, प्यारे मुचकुंद को, देखते हैं शब्द भी अपना समय, चाक पर समय, अकेला मेला, ‘उकाव हुलार’, ‘चाक पर’, ‘अनागरिक’, ‘आधुनिक कवि माला’, निबंध— ‘रचना के बदले’ (1967), ‘शैतान के बहाने’ (1980), आड़ू के पेड़ (1984),‘सबद निरंतर’ (1987), ‘पढ़ते-पढ़ते’ (1990), स्वाधीन इस देश में (1995), स्वधर्म और कालगति(1996), जड़ की बात, अगुन शगुन बीच(2012), हिंदी की दुनिया में, समालोचना— ‘छायावाद की प्रासंगिकता’(1973), ‘समानांतर’ (1973), ‘वागर्थ’ (1981), ‘सबद निरंतर’ (1987), ‘भूलने के विरुद्ध’ (1990), अज्ञेय : वागर्थ का वैभव(1995) आलोचना का पक्ष (1998), जयशंकर प्रसाद, समय संवादी, अल्मोड़ा, स.ही. वात्स्यायन ‘अज्ञेय’ (जीवन और लेखन), नाटक— मारा जाई खुसरो, मटियाबुर्ज, साक्षात्कार— मेरे साक्षात्कार, डायरी— आज और अभी(2013), यात्रावृत्तांन्त— एक लम्बी छाँह (2000)।
रमेशचंद्र शाह की कृतियाँ https://www.google.co.in/
उपन्यास ‘विनायक’ पर मिला वर्ष 2014 का साहित्य अकादमी पुरस्कार
बहुआयामी व्यक्तित्व के धनी पद्मश्री रमेशचंद्र शाह को हिन्दी के लिए उनके उपन्यास ‘विनायक’ पर वर्ष 2014 का साहित्य अकादमी पुरस्कार प्रदान किया गया।
प्रमुख कृतियां : उपन्यास— ‘गोबर गणेश’ (1978), ‘किस्सा गुलाम’ (1986), ‘पूर्वापर’ (1990), ‘आखिरी दिन (1992), ‘पुनर्वास’ (1995); चाक पर गणेश, और विनायक (2011),सफ़ेद परदे पर आत्मनायक (2012), असबाबे-वीरानी (2012), आप कहीं नहीं रहते विभूति बाबू, कहानी-संग्रह— ‘जंगल में आग’ (1979), ‘मुहल्ले का रावण’ ()1982, ‘मानपत्र’ (1992), थिएटर (1998),प्रतिनिधि कहानियां, कविता-संग्रह— कछुए की पीठ पर, हरिश्चंद्र आओ, नदी भागती आई, प्यारे मुचकुंद को, देखते हैं शब्द भी अपना समय, चाक पर समय, अकेला मेला, ‘उकाव हुलार’, ‘चाक पर’, ‘अनागरिक’, ‘आधुनिक कवि माला’, निबंध— ‘रचना के बदले’ (1967), ‘शैतान के बहाने’ (1980), आड़ू के पेड़ (1984),‘सबद निरंतर’ (1987), ‘पढ़ते-पढ़ते’ (1990), स्वाधीन इस देश में (1995), स्वधर्म और कालगति(1996), जड़ की बात, अगुन शगुन बीच(2012), हिंदी की दुनिया में, समालोचना— ‘छायावाद की प्रासंगिकता’(1973), ‘समानांतर’ (1973), ‘वागर्थ’ (1981), ‘सबद निरंतर’ (1987), ‘भूलने के विरुद्ध’ (1990), अज्ञेय : वागर्थ का वैभव(1995) आलोचना का पक्ष (1998), जयशंकर प्रसाद, समय संवादी, अल्मोड़ा, स.ही. वात्स्यायन ‘अज्ञेय’ (जीवन और लेखन), नाटक— मारा जाई खुसरो, मटियाबुर्ज, साक्षात्कार— मेरे साक्षात्कार, डायरी— आज और अभी(2013), यात्रावृत्तांन्त— एक लम्बी छाँह (2000)।
पुरस्कार एवं सम्मान
भवानीप्रसाद मिश्र पुरस्कार, आचार्य नंददुलारे वाजपेयी पुरस्कार,वीर सिंह देव पुरस्कार,
भारतीय भाषा परिषद पुरस्कार (कोलकाता) का कृति सम्मान, मध्य प्रदेश साहित्य परिषद् सम्मान,मध्य प्रदेश संस्कृति विभाग का शिखर सम्मान (1987-88), राष्ट्रीय मैथिलीशरण गुप्त सम्मान, महापंडित राहुल सांकृत्यायन पुरस्कार, व्यास सम्मान (2001, ‘आलोचना का पक्ष’ पर), पद्मश्री सम्मान(2004), साहित्य अकादमी पुरस्कार (2014), गजानन माधव मुक्तिबोध राष्ट्रीय साहित्य सम्मान (2015) इत्यादि। रमेशचंद्र शाह की कृतियाँ https://www.google.co.in/
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