मंगलवार, 4 अगस्त 2020

यशपाल की प्रमुख रचनाएं

यशपाल की प्रमुख रचनाएं
निबंध
न्याय का संघर्ष (1940 ई.), बात बात में बात (1950 ई.), देखा-परखा समझा (1951 ई.)
कहानी-संग्रह
पिंजरे की उड़ान (1939 ई.), ज्ञानदान (1943 ई.), अभिशप्त (1943 ई.), तर्क का तूफ़ान (1944 ई.), भस्मावृत्त  चिंगारी (1946 ई.), वो दुनिया (1948 ई.), फूलों का कुर्ता (1949 ई.), धर्मयुद्ध (1950 ई.), उत्तराधिकारी (1951 ई., पात्र : हरसिंह, मानी, कुशली, गनेर सिंह), चित्र का शीर्षक (1951 ई.), तुमने क्यों कहा था मैं सुंदर हूं (1954 ई., पात्र : चित्रकार निगम, माया, वकील साहब), उत्तमी की मां (1955 ई.), सच कहने की भूल (1962 ई.), खच्चर और आदमी (1965 ई.), भूख के तीन दिन (1968 ई.,मक्रीला, शिवपार्वती, दूसरी नाक, परदा।
उपन्यास
दादा कामरेड (1941 ई., पात्र : हरीश, शैल नायक-नायिका), देशद्रोही (1943 ई., पात्र : डॉक्टर भगवानदास खन्ना, राजाराम, राज, चंदा), दिव्या (1945 ई., पात्र : दिव्या, रत्नप्रभा, मल्लिका), पार्टी कामरेड (1946 ई., पूंजीवाद, गांधीवाद और समाजवाद के बीच के संघर्ष का सजीव चित्रण, पात्र : पद में लालभावरिया, गीता नायक-नायिका), मनुष्य के रूप (1949 ई.), अमिता (1956 ई.), झूठा-सच (2 भाग 1958 ई., भारत-विभाजन की भूमिका और उसके दुष्परिणामों का विस्तृत चित्रण, पात्र : कनक, उर्मिला, तारा, जयदेव पुरी, सूदजी, गिल,असद, सोमराज, डॉक्टर प्राणनाथ), बारह घंटे (1962 ई.), अप्सरा का शाप (1965 ई.), क्यों फंसे (1968 ई.), तेरी मेरी उसकी बात (1974 ई., 1976 ई. मैं साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित, यशपाल का  अंतिम उपन्यास, गांधीवादी विचारधारा का विरोधी उपन्यास, पात्र : ऊषा, अमर सेठ, रूद्र दत्त पाठक, नरेंद्र)।
आत्मकथा
सिंहावलोकन
यात्रा-वृतांत
लोहे की दीवार के दोनों ओर (1953 ई.)





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