रविवार, 25 अक्टूबर 2015

HINDI KE IMPORTANT SANSMARAN हिन्दी के महत्वपूर्ण संस्मरण : कालक्रम के अनुसार



hindisahityavimarsh.blogspot.com

मुहम्मद इलियास हुसैन

MOBILE   O9717324769

HINDI KE IMPORTANT SANSMARAN हिन्दी के महत्वपूर्ण संस्मरण  : कालक्रम के अनुसार


1905 अनुमोदन का अन्त, अतीत स्मृति (महावीरप्रसाद द्विवेदी)

1907 इंग्लैंड के देहात में महाराज बनारस का कुआं (काशीप्रसाद जायसवाल)

1907 सभा की सभ्यता (महावीरप्रसाद द्विवेदी)

1908 लन्दन का फाग या कुहरा (प्यारेलाल मिश्र)

1909 मेरी नई दुनिया सम्बन्धिनी रामकहानी (भोलदत्त पांडेय)

1911 अमेरिका में आनेवाले विद्यार्थियों की सूचना (जगन्नाथ खन्ना)

1913 मेरी छुट्टियों का प्रथम सप्ताह (जगदीश बिहारी सेठ)

1913 वाशिंगटन महाविद्यालय का संस्थापन दिनोत्सव (पांडुरंग खानखोजे)

1918 इधर-उधर की बातें (रामकुमार खेमका)

1921 कुछ संस्मरण (वृन्दालाल वर्मा, सुधा 1921 में प्रकाशित)

1921 मेरे प्राथमिक जीवन की स्मृतियां (इलाचन्द्र जोशी, सुधा 1921 में प्रकाशित)

1932 मदन मोहन के सम्बन्ध की कुछ पुरानी स्मृतियां (शिवराम पांडेय)

1937 क्रान्तियुग के संस्मरण (मन्मथनाथ गुप्त)

1937 बोलती प्रतिमा (श्रीराम शर्मा, भाई जगन्नाथ इस संकलन का सर्वश्रेष्ठ संस्मरण)

1937 साहित्यिकों के संस्मरण (ज्योतिलाल भार्गव, हंस के प्रेमचन्द स्मृति अंक 1937 सं. पराड़कर)

1938 झलक (शिवनारायण टंडन)

1940 टूटा तारा (राजा राधिकारमण प्र. सिंह, स्मरण : मौलवी साहब, देवी बाबा)

1942 गोर्की के संस्मरण (इलाचन्द्र जोशी)

1942 तीस दिन मालवीय जी के साथ (रामनरेश त्रिपाठी)

1946 पंच चिह्न (शांतिप्रसाद द्विवेदी)

1946 वे दिन वे लोग (शिवपूजन सहाय)

1947 पुरानी स्मृतियां और नए स्केच (प्रकाशचन्द्र गुप्त)

1947 मिट्टी के पुतले (प्रकाशचन्द्र गुप्त)

1947 स्मृति की रेखाएं (महादेवी वर्मा)

1948 सन् बयालीस के संस्मरण (श्रीराम शर्मा)

1949 एलबम (सत्यजीवन वर्मा ‘भारतीय’)

1949 ज़्यादा अपनी, कम पराई (‘अश्क’)

1952 संस्मरण (बनारसीदास चतुर्वेदी)

1954 गांधी कुछ स्मृतियां (जैनेन्द्र)।

1954 ये और वे (जैनेन्द्र)

1955 मुझे याद है (रामवृक्ष बेनीपुरी)

1955 बचपन की स्मृतियां (राहुल सांकृत्यायन)

1955 मैं भूल नहीं सकता (कैलाशनाथ काटजू)

1956 मील के पत्थर (रामवृक्ष बेनीपुरी)

1956 जिनका मैं कृतज्ञ, मेरे असहयोक के साथी (राहुल सांकृत्यायन)

1956 मंटो मेरा दुश्मन या मेरा दोस्त मेरा दुश्मन (उपेन्द्रनाथ अश्क)

1956 मंटो मेरा दुश्मन या मेरा दोस्त मेरा दुश्मन (उपेन्द्रनाथ अश्क)

1957 जंजीरें और दीवारें (रामवृक्ष बेनीपुरी)

1957 वे जीते कैसे हैं (श्रीराम शर्मा)

1959 कुछ मैं कुछ वे (रामवृक्ष बेनीपुरी)

1959 ज़्यादा अपनी कम परायी (अश्क)

1959 मैं इनका ऋणी हूं (इन्द्र विद्यावाचस्पती)

1959 स्मृति-कण (सेठ गोविन्ददास)

1960 प्रसाद और उनके समकालीन (विनोद शंकर व्यास)

1962 अतीत की परछाइयां (अमृता प्रीतम)

1962 कुछ स्मृतियां और स्फुट विचार (डॉ॰ सम्पूर्णानन्द)

1962 जाने-अनजाने (विष्णु प्रभाकर)

1962 नए-पुराने झरोखे (हरिवंशराय बच्चन)

1962 समय के पांव (माखनलाल चतुर्वेदी)

1963 जैसा हमने देखा (क्षेमचन्द्र सुमन)

1963 दस तस्वीरें (जगदीशचन्द्र माथुर)

1963 साठ वर्ष : एक रेखांकन (सुमित्रानन्दन पन्त)

1965 कुछ शब्द : कुछ रेखाएं (विष्णु प्रभाकर)

1965 जवाहर भाई : उनकी आत्मीयता और सहृदयता (रायकृष्ण दास)

1965 मेरे हृदय देव (हरिभाऊ उपाध्याय)

1965 लोकदेव नेहरू (रामधारीसिंह दिनकर)

1965 वे दिन वे लोग (शिवपूजन सहाय)

1966 चेहरे जाने-पहचाने (सेठ गोविन्ददास)

1966 स्मृतियां और कृतियां (शान्तिप्रय द्विवेदी)

1967 चेतना के बिम्ब (डॉ॰ नगेन्द्र)

1968 गांधी संस्मरण और विचार (काका साहेब कालेलकर)

1968 घेरे के भीतर और बाहर (डॉ॰ हरगुलाल)

1968 बच्चन निकट से (अजित कुमार एवं ओंकारनाथ श्रीवास्तव)

1968 स्मृति के वातायन (जानकीवल्लभ शास्त्री)

1969 चांद (पद्मिनी मेनन)

1969 संस्मरण और श्रद्धांजलियां (रामधारी सिंह दिनकर)

1970 व्यक्तित्व की झांकियां (लक्ष्मीनारायण सुधांशु)

1971 जिन्होंने जीना जाना (जगदीशचन्द्र माथुर)

1971 स्मारिका (महादेवी वर्मा)

1972 अन्तिम अध्याय (पदुमलाल पुन्नालाल बख़्शी)

1973 जिनके साथ जिया (अमृतलाल नागर)

1974 स्मृति की त्रिवेणिका (लक्ष्मी शंकर व्यास)

1975 मेरा हमदम मेरा दोस्त (कमलेश्वर)

1975 रेखाएं और संस्मरण (क्षेमचन्द्र सुमन)

1975 चन्द सतरें और (अनीता राकेश)

1976 बीती यादें (परिपूर्णानन्द)

1976 मैंने स्मृति के दीप जलाए (रामनाथ सुमन)

1977 मेरे क्रान्तिकारी साथी (भगतसिंह)

1977 हम हशमत (कृष्णा सोबती)

1978 कुछ ख़्वाबों में कुछ ख़यालों में (शंकर दयाल सिंह)

1978 संस्मरण को पाथेय बनने दो (विष्णुकान्त शास्त्री)

1979 अतीत के गर्त से (भगवतीचरण वर्मा)

1979 पुनः (सुलोचना रांगेय राघव)

1979 श्रद्धांजलि संस्मरण (मैथिलीशरण गुप्त)

1980 यादों के झरोखे (कुंवर सुरेश सिंह)

1980 लीक-अलीक (भारतभूषण अग्रवाल)

1981 औरों के बहाने (राजेन्द्र यादव)

1981 यादों की तीर्थयात्रा (विष्णु प्रभाकर)

1981 जिनके साथ जिया (अमृतलाल नागर)

1981 सृजन का सुख-दुख (प्रतिभा अग्रवाल)

1982 संस्मरणों के सुमन (रामकुमार वर्मा)

1982 स्मृति-लेखा (अज्ञेय)

1982 आदमी से आदमी तक (भीमसेन त्यागी)

1983 निराला जीवन और संघर्ष के मूर्तिमान रूप (डॉ॰ ये॰ पे॰ चेलीशेव)

1983 मेरे अग्रज : मेरे मीत (विष्णु प्रभाकर)

1983 युगपुरुष (रामेश्वर शुक्ल ‘अंचल’)

1984 बन तुलसी की गन्ध (रेणु)

1984 दीवान ख़ाना (पद्मा सचदेव)

1986 रस गगन गुफा में (भगवतीशरण उपाध्याय)

1988 हज़ारीप्रसाद द्विवेदी : कुछ संस्मरण (कमल किशोर गोयनका)

1989 भारत भूषण अग्रवाल : कुछ यादें, कुछ चर्चाएं (बिन्दु अग्रवाल)

1990 सृजन के सेतु (विष्णु प्रभाकर)

1992 जिनकी याद हमेशा रहेगी (अमृत राय)

1992 निकट मन में (अजित कुमार)

1992 याद हो कि न याद हो (काशीनाथ सिंह)

1992 सुधियां उस चन्दन के वन की (विष्णुकान्त शास्त्री)

1994 लाहौर से लखनऊ तक (प्रकाशवती पाल)

1994 सप्तवर्णी (गिरिराज किशोर)

1995 अग्निजीवी (प्रफुल्लचन्द्र ओझा)

1995 मितवा घर (पदमा सचदेव))

1995 लौट आ ओ धार (दूधनाथ सिंह)

1995 स्मृतियों के छंद (रामदरश मिश्र)

1996 अभिन्न (विष्णुचन्द्र शर्मा)

1996 सृजन के सहयात्री (रवीन्द्र कालिया)

1998 यादें और बातें (बिन्दु अग्रवाल)

1998 हम हशमत (भाग-2, कृष्णा सोबती)

2000 अमराई (पदमा सचदेव)

2000 नेपथ्य नायक लक्ष्मीचन्द्र जैन (मोहनकिशोर दीवान))

2000 याद आते हैं (रमानाथ अवस्थी)

2000 यादों के काफिले (देवेन्द्र सत्यार्थी)

2000 वे देवता नहीं हैं (राजेन्द्र यादव)

2001 अंतरंग संस्मरणों में प्रसाद (सं॰ पुरुषोंत्तमदास मोदी)

2001 एक नाव के यात्री (विश्वनाथप्रसाद तिवारी)

2001 प्रदक्षिणा अपने समय की (नरेश मेहता)

2001 अपने-अपने रास्ते (रामदरश मिश्र)

2002 काशी का अस्सी (काशीनाथ सिंह)

2002 नेह के नाते अनेक (कृष्णविहारी मिश्र)

2002 लखनऊ मेरा लखनऊ (मनोहर श्याम जोशी)

2002 स्मृतियों का शुक्ल पक्ष (डॉ॰ रामकमल राय)

2002 चिडि़या रैन बसेरा (विद्यानिवास मिश्र)

2002 लौट कर आना नहीं होगा (कान्तिकुमार जैन)

2003 आंगन के वंदनवार (विवेकी राय)

2003 रघुवीर सहाय : रचनाओं के बहाने एक संस्मरण (मनोहर श्याम जोशी)

2004 तुम्हारा परसाई (कान्तिकुमार जैन)

2004 पर साथ-साथ चली रही याद विष्णुकान्त शास्त्री)

2004 आछे दिन पाछे गए (काशीनाथ सिंह)

2004 नंगा तलाई का गांव (डॉ॰ विश्वनाथ त्रिपाठी)

2004 लाई हयात आए (लक्ष्मीधर मालवीय)

2005 मेरे सुहृद : मेरे श्रद्धेय (विवेकी राय)

2005 सुमिरन को बहानो (केशवचन्द्र वर्मा)

2006 घर का जोगी जोगड़ा (काशीनाथ सिंह)

2006 जो कहूंगा सच कहूंगा (डाॅ॰ कान्ति कुमार जैन)

2006 ये जो आईना है (मधुरेश)

2007 अब तो बात फैल गई (कान्तिकुमार जैन)

2007 एक दुनिया अपनी (डॉ॰ रामदरश मिश्र)

2009 कविवर बच्चन के साथ (अजीत कुमार)

2009 कालातीत (मुद्राराक्षस)

2009 कितने शहरों में कितनी बार (ममता कालिया)

2009 कुछ यादें : कुछ बातें (अमरकान्त)

2009 दिल्ली शहर दर शहर (डॉ॰ निर्मला जैन)

2009 मेरे भोजपत्र (चन्द्रकान्ता)

2009 हाशिए की इबारतें (चन्द्रकान्ता)

2010 अ से लेकर ह तक (यानी अज्ञेय से लेकर हृदयेश तक, डॉ॰ वीरेन्द्र सक्सेना)

2010 अंधेरे में जुगनू (अजीत कुमार)

2010 जे॰ एन॰ यू॰ में नामवर सिंह (सं॰ सुमन केशरी)

2010 बैकुंठ में बचपन (कान्तिकुमार जैन)

2011 अतीत राग (नन्द चतुर्वेदी)

2011 कल परसों बरसों (ममता कालिया)

2011 स्मृति में रहेंगे वे (शेखर जोशी)

2012 हम हशमत (भाग-3, कृष्णा सोबती)

2012 अपने-अपने अज्ञेय (दो खंड, ओम थानवी)

2012 आलोचक का आकाश (मधुरेश)

2012 गंगा स्नान करने चलोगे (डॉ॰ विश्वनाथ त्रिपाठी)

2012 माफ़ करना यार (बलराम)

2012 यादों का सफ़र (प्रकाश मनु)

2012 स्मृतियों के गलियारे से (नरेन्द्र कोहली)

2013 मेरी यादों का पहाड़ )देवेंद्र मेवाड़ी( (


हरिऔधजी के संस्मरण (बालमुकुन्द गुप्त)







रामधारी सिंह ‘दिनकर’ की रचनाएँ

hindisahityavimarsh.blogspot.in

mobile  09717324769



(23 सितम्बर 190824 अप्रैल 1974, बेगूसराय, बिहार)

कविता संग्रह

§                     प्रणभंग (1929)
§                     रेणुका (1935)
§                     हुंकार (1938)
§                     रसवन्ती  (1939)
§                     द्वन्द्वगीत (1940)
§                     कुरुक्षेत्र (1946)
§                     धूपछाँह (1946)
§                     सामधेनी (1947)
§                     बापू (1947)
§                     इतिहास के आँसू (1951)
§                     धूप और धुआँ (1951)
§                     मिर्च का मज़ा (1951)
§                     रश्मिरथी (1954)
§                     नीम के पत्ते (1954)
§                     दिल्ली (1954)
§                     नील कुसुम (1955)
§                     चक्रवाल (1956)
§                     नये सुभाषित (1957)
§                     सीपी और शंख (1957)
§                     उर्वशी (1961)
§                     परशुराम की प्रतीक्षा (1963)
§                     हारे को हरि नाम (1970)
§                     सूरज का ब्याह (1955)
§                     कविश्री (1957)
§                     कोयला और कवित्व 1964)
§                     मृत्तितिलक (1964)
§                     भगवान के डाकिए (1964)

अनुवाद

 

खण्डकाव्य

·                     कुरुक्षेत्र (1946)
·                     रश्मिरथी (1954)
·                     चक्रवाल (1956)
·                     उर्वशी (1961)
·                     मृत्तितिलक (1964)
·                     भगवान के डाकिए (1970)

गद्य कृतियाँ

 

निबन्ध

·                     मिट्टी की ओर (1946 ई॰)
·                     अर्द्धनारीश्वर (1953 ई॰)
·                     रेती के फूल (1954 ई॰)
·                     हमारी सांस्कृतिक एकता (1954 ई॰)
·                     भारत की सांस्कृतिक कहानी (1955 ई॰)
·                     राष्ट्रभाषा और राष्ट्रीय एकता (1955 ई॰)
·                     संस्कृति के चार अध्याय (1956 ई॰)
·                     वेणु वन (1958 ई॰)
·                     धर्म, नैतिकता और विज्ञान (1959 ई॰)
·                     वट पीपल (1961 ई॰)
·                     राष्ट्रभाषा आन्दोलन और गाँधीजी (1968 ई॰)
·                     हे राम (1969)
·                     भारतीय एकता (1971 ई॰)
·                     विवाह की मुसीबतें (1973 ई॰)
·                     चेतना की शिखा (1973 ई॰)

 

संस्मरण

·                     वट पीपल (1961 ई॰)
·                     लोकदेव नेहरू (1965 ई॰)
·                     संस्मरण और श्रद्धांजलियाँ (1970 ई॰)
·                     शेष-निःशेष (1985, इस संग्रह में 11 साक्षात्कार भी हैं)

 

आलोचना

·                     साहित्यमुखी (1968 ई॰)
·                     आधुनिक बोध (1973 ई॰)
·                     शुद्ध कविता की खोज (1966 ई॰)
·                     साहित्यमुखी (1968 ई॰)
·                     आधुनिक बोध (1973 ई॰)
·                     काव्य की भूमिका (1958 ई॰)
·                     पंत, प्रसाद और मैथिलीशरण (1958 ई॰)

 

यात्रा-वृत्तान्त

·                     देश-विदेश (1957 ई॰)
·                     मेरी यात्राएँ (1971 ई॰)

 

डायरी

·                     दिनकर की डायरी (1973 ई॰)

 

लघुकथा और गद्य-गीत

·                     उजली आग (1956 ई॰)

गद्य कृतियाँ (कालक्रमानुसार(

 

·                     मिट्टी की ओर (1946 ई॰)
·                     अर्द्धनारीश्वर (1953 ई॰)
·                     रेती के फूल (1954 ई॰)
·                     हमारी सांस्कृतिक एकता (1954 ई॰)
·                     भारत की सांस्कृतिक कहानी (1955 ई॰)
·                     राष्ट्रभाषा और राष्ट्रीय एकता (1955 ई॰)
·                     संस्कृति के चार अध्याय (1956 ई॰)
·                     उजली आग (1956 ई॰)
·                     देश-विदेश (1957 ई॰)
·                     वेणु वन (1958 ई॰)
·                     काव्य की भूमिका (1958 ई॰)
·                     पंत, प्रसाद और मैथिलीशरण (1958 ई॰)
·                     धर्म, नैतिकता और विज्ञान (1959 ई॰)
·                     वट पीपल (1961 ई॰)
·                     लोकदेव नेहरू (1965 ई॰)
·                     शुद्ध कविता की खोज (1966 ई॰)
·                     साहित्यमुखी (1968 ई॰)
·                     राष्ट्रभाषा आन्दोलन और गाँधीजी (1968 ई॰)
·                     साहित्यमुखी (1968 ई॰)
·                     हे राम (1969)
·                     संस्मरण और श्रद्धांजलियाँ (1970 ई॰)
·                     भारतीय एकता (1971 ई॰)
·                     मेरी यात्राएँ (1971 ई॰)
·                     आधुनिक बोध (1973 ई॰)
·                     दिनकर की डायरी (1973 ई॰)
·                     विवाह की मुसीबतें (1973 ई॰)
·                     चेतना की शिखा (1973 ई॰)
·                     शेष-निःशेष (1985, इस संग्रह में 11 साक्षात्कार भी हैं)

दिनकर के विचार
कविता तो कवि की आत्मा का आलोक है।−रामधारीसिंह दिनकर

मैं कविता को जजजजजीवन तक पहंचने की सबसे सीसधी और सबसे ोटी राह मालता हूं। यह मस्तिष्क की नहीं हृदय की राह है।−रामधारीसिंह दिनकर

चित्रकारी और बिम्ब योना कविता  को ख़ूबसूरत तो बनाती है,लेकिन कविता की शक्ति किसी ऐर दिशा से आती है। कोरे  बिम्बों का खेल कोरी आतिशबाज़ का काम है।−रामधारीसिंह दिनकर

चिन्तन की अपेक्षा कर्म सत्य के अधिक समीप होता है।−रामधारीसिंह दिनकर

समालोचना काव्य की अन्तरधाराओं का विश्लेषण है।−रामधारीसिंह दिनकर

नयी कविता का मनसूबा सूत्र-शैली में बोलने का मनसूबा है।−रामधारीसिंह दिनकर

काव्य-पंक्तियाँ
पत्थर सी हों मांसपेशियाँ, लौहदंड भुजबल अभय; 
नस-नस में हो लहर आग की, तभी जवानी पाती जय। रश्मिरथी से

हटो व्योम के मेघ पंथ से, स्वर्ग लूटने हम जाते हैं; 
दूध-दूध ओ वत्स तुम्हारा, दूध खोजने हम जाते है। रश्मिरथी / तृतीय सर्ग

सच पूछो तो सर में ही, बसती है दीप्ति विनय की; 
सन्धि वचन संपूज्य उसी का, जिसमें शक्ति विजय की। रश्मिरथी / तृतीय सर्ग

सहनशीलता, क्षमा, दया को तभी पूजता जग है;
बल का दर्प चमकता उसके पीछे जब जगमग है। रश्मिरथी / तृतीय सर्ग

जब नाश मनुज पर छाता है,
पहले विवेक मर जाता है। रश्मिरथी / तृतीय सर्ग / भाग 3

मैत्री की राह बताने को, सबको सुमार्ग पर लाने को,
दुर्योधन को समझाने को, भीषण विध्वंस बचाने को,
भगवान हस्तिनापुर आये, पांडव का संदेशा लाये। रश्मिरथी से 

दो न्याय अगर तो आधा दो और उसमें भी यदि बाधा हो,
तो दे दो केवल पाँच ग्राम, रक्खो अपनी धरती तमाम।
हम वहीं खुशी से खायेंगे, परिजन पर असि न उठायेंगे! रश्मिरथी / तृतीय सर्ग

दुर्योधन वह भी दे न सका, आशिष समाज की ले न सका,
उलटे, हरि को बाँधने चला, जो था असाध्य, साधने चला। −रश्मिरथी से

यह देख, गगन मुझमें लय है, यह देख, पवन मुझमें लय है,
मुझमें विलीन झंकार सकल, मुझमें लय है संसार सकल।
सब जन्म मुझी से पाते हैं, फिर लौट मुझी में आते हैं। −रश्मिरथी से

यह देख जगत का आदि-अन्त, यह देख, महाभारत का रण,
मृतकों से पटी हुई भू है, पहचान, कहाँ इसमें तू है? −रश्मिरथी से

रे रोक युधिष्ठर को न यहाँ, जाने दे उनको स्वर्ग धीर
पर फिरा हमें गांडीव गदा, लौटा दे अर्जुन भीम वीर। हिमालय से

क्षमा शोभती उस भुजंग को, जिसके पास गरल हो; 
उसको क्या जो दन्तहीन, विषहीन, विनीत, सरल हो। कुरुक्षेत्र से

सदियों की ठंढी-बुझी राख सुगबुगा उठी,
मिट्टी सोने का ताज पहन इठलाती है,
दो राह, समय के रथ का घर्घर-नाद सुनो,
सिंहासन ख़ाली करो कि जनता आती है। कुरुक्षेत्र

सोचा, क्या अच्छे दाने हैं, खाने से बल होगा, 
यह ज़रूर इस मौसम का कोई मीठा फल होगा। मिर्च का मज़ा

धन है तन का मैल, पसीने का जैसे हो पानी, 
एक आन को ही जीते हैं इज्जत के अभिमानी। सूरज का ब्याह

पुरस्कार और सम्मान

1952 राज्यसभा के लिए चुने गये
1959 पद्म विभूषण भारत सरकार की ओर से
1959 साहित्य अकादमी ‘संस्कृति के चार अध्याय’ पर
1968 साहित्य-चूड़ामणि राजस्थान विद्यापीठ की ओर से
1972 ज्ञानपीठ पुरस्कार ‘उर्वशी’ पर