गुरुवार, 24 अक्टूबर 2019

चंद्रधर शर्मा गुलेरी (संवत् 1940-1977) : आचार्य रामचंद्र शुक्ल की दृष्टि में


चंद्रधर शर्मा गुलेरी (संवत्1940-1977) : आचार्य रामचंद्र शुक्ल की दृष्टि में : Hindi Sahitya Vimarsh



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अवैतनिक सम्पादक : मुहम्मद इलियास हुसैन
सहायक सम्पादक : शाहिद इलियास


इनका (पं. चंद्रधार गुलेरी का) जन्म जयपुर में एक विख्यात पंडित घराने में 25 आषाढ़ संवत् 1940 में हुआ था। इनके पूर्वज काँगड़े के गुलेर नामक स्थान से जयपुर आए थे। पं. चंद्रधारजी संस्कृत के प्रकांड विद्वान और अंग्रेजी उच्च शिक्षा से सम्पन्न व्यक्ति थे। जीवन के अंतिम वर्षों के पहले ये बराबर अजमेर के मेयो कॉलेज में अध्यापक रहे। पीछे काशी हिंदू विश्वविद्यालय के ओरियंटल कॉलेज के प्रिंसिपल होकर आए। पर हिन्दी के दुर्भाग्य से थोड़े ही दिनों में संवत् 1977 में इनका परलोकवास हो गया। ये जैसे धुरंधर पंडित थे वैसे ही सरल और विनोदशील प्रकृति के थे।
निबंधकार गुलेरी
    गुलेरीजी ने 'सरस्वती' के कुछ ही महीने पीछे अपनी थोड़ी अवस्था में जयपुर से 'समालोचक' नामक एक मासिक पत्र अपने संपादकत्व में निकलवाया था। उक्त पत्र द्वारा गुलेरीजी एक बहुत ही अनूठी लेखनशैली लेकर साहित्यक्षेत्र में उतरे थे। ऐसा गंभीर और पांडित्यपूर्ण हास, जैसा इनके लेखों में रहता था और कहीं देखने में न आया। अनेक गूढ़ शास्त्रीय विषयों तथा कथाप्रसंगों की ओर विनोदपूर्ण संकेत करती हुई उनकी वाणी चलती थी। इसी प्रसंगगर्भत्व (एल्यूसिवनेस) के कारण इनकी चुटकियों का आनंद अनेक विषयों की जानकारी रखनेवाले पाठकों को ही विशेष मिलता था। इनके व्याकरण ऐसे रूखे विषय के लेख भी मज़ाक़ से खाली नहीं होते थे।
    यह बेधड़क कहा जा सकता है कि शैली की जो विशिष्टता और अर्थगर्भित वक्रता गुलेरीजी में मिलती है और किसी लेखक में नहीं। इनके स्मित हास की सामग्री ज्ञान के विविधा क्षेत्रों से ली गई है। अत: इनके लेखों का पूरा आनंद उन्हीं को मिल सकता है जो बहुज्ञ या कम से कम बहुश्रुत हैं।
कहानीकार गुलेरी
संस्कृत के प्रकांड प्रतिभाशाली विद्वान हिन्दी के अनन्य आराधक श्री चंद्रधार शर्मा गुलेरी की अद्वितीय कहानी 'उसने कहा था' संवत् 1972 अर्थात् सन् 1915 की 'सरस्वती' में छपी थी। इसमें पक्के यथार्थवाद के बीच, सुरुचि की चरम मर्यादा के भीतर, भावुकता का चरम उत्कर्ष अत्यंत निपुणता के साथ संपुटित है। घटना इसकी ऐसी है जैसी बराबर हुआ करती है, पर उसमें भीतर से प्रेम का एक स्वर्गीय स्वरूप झाँक रहा है , केवल झाँक रहा है निर्लज्जता के साथ पुकार या कराह नहीं रहा है। कहानी भर में कहीं प्रेमी की निर्लज्जता, प्रगल्भता, वेदना की बीभत्स विवृत्ति नहीं है। सुरुचि के सुकुमार से सुकुमार स्वरूप पर कहीं आघात नहीं पहुँचता। इसकी घटनाएँ ही बोल रही हैं, पात्रों के बोलने की अपेक्षा नहीं।
रामचंद्र शुक्ल, हिंदी साहित्य का इतिहास, आधुनिक काल, प्रकरण 4 : गद्य साहित्य का प्रसार : छोटी कहानियाँ
सादे ढंग से केवल कुछ अत्यंत व्यंजक घटनाएँ और थोड़ी बातचीत सामने लाकर क्षिप्र गति से किसी एक गंभीर संवेदना या मनोभाव में पर्यवसित होनेवाली, जिसका बहुत ही अच्छा नमूना है, स्वर्गीय गुलेरीजी की प्रसिद्ध कहानी, 'उसने कहा था'
रामचंद्र शुक्ल, हिंदी साहित्य का इतिहास, आधुनिक काल, प्रकरण 4 : गद्य साहित्य का प्रसार : छोटी कहानियाँ
यदि गद्य कवियों या लेखकों की कसौटी है तो निबंध गद्य की कसौटी है।
रामचंद्र शुक्ल, हिंदी साहित्य का इतिहास, आधुनिक काल, प्रकरण 4 : गद्य साहित्य का प्रसार : निबंध



शुक्रवार, 11 अक्टूबर 2019

NTA/UGC NET/JRF JAN 2017, HINDI-2 (C-20, QUESTIONs & ANSWERs) : Hindi Sahitya Vimarsh

NTA/UGC NET/JRF JAN 2017, HINDI-2 (C-20, QUESTIONs & ANSWERs) : HindiSahitya Vimarsh

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अवैतनिक सम्पादक : मुहम्मद इलियास हुसैन
सहायक सम्पादक : शाहिद इलियास

इस प्रश्न पत्र में पचास (50) बहुविकल्पीय प्रश्न हैं। प्रत्येक प्रश्न के दो अंक हैं। सभी प्रश्न अनिवार्य हैं। उत्तर वाले विकल्प बोल्ड कर दिए गए हैं।
1. ईसा की किस शताब्दी में अपभ्रंश का व्यवहार लोकभाषा के अर्थ में होनो लगा?
(1) पन्द्रहवीं शताब्दी (2) छठवीं शताब्दी (3) नवीं शताब्दी (4) ग्यारहवीं शताब्दी
ANS : (4) ग्यारहवीं शताब्दी
2. 'पुरुष परीक्षा' किस कवि की रचना है ?
 (1) ज्योतिरीश्वर ठाकुर (2) गोरखनाथ (3) विद्यापति (4) आचार्य देवसेन
ANS : (3) विद्यापति
3. निम्नलिखित में से कौन-सा विद्यवान पृथ्वीराज रासो को सर्वथा अप्रामाणिक ग्रंथ मानने वालों में से नहीं हैं ?
 (A) रामचन्द्र शुक्ल             (B) मोहनलाल विष्णुलाल पंड्या
(C) गौरीशंकर हीरालाल ओझा      (D) डॉ. वूलर 
ANS : (B) मोहनलाल विष्णुलाल पंड्या
4. 'मेरा जोबना नवेल रा भयो है गुलाल
कैसे घर दीनी बकस मोरी माल।'
उक्त काव्य-पंक्तियों रचयिता हैं :
(A) धर्मदास (B) अमीर खुसरो  (C) यारी साहब (D) दरिया साहब
ANS : (B) अमीर खुसरो
5. मीराबाई की उपासना किस प्रकार की थी?
 (A) दास्य भाव (B) सख्य भाव (C) माधुर्य भाव (D) वात्स्ल्य भाव
ANS : (C) माधुर्य भाव
 6. आचार्य रामचन्द्र शुक्ल के अनुसार है 'कबीर ने अपनी साखियों में सधुक्कड़ी भाषा का प्रयोम किया है।' सधुक्कड़ी से उनका अभिप्राय है :
(A) ब्रजभाषा मिश्रित पुरबी बोली  (B) ब्रजभाषा मिश्रित खड़ी बोली    
(C) राजस्थानी-पंजाबी मिश्रित खड़ी बोली (D) पाँच भाषोओं के मिश्रण वाली भाषा 
ANS : (C) राजस्थानी-पंजाबी मिश्रित खड़ी बोली
7. 'सुजान कुमार' किस सूफ़ी प्रेमाख्यान का नायक है ?
(A) मधुमालती (B) चित्रावली (C) इन्द्रावती (D) हंसजवाहिर
ANS : (B) चित्रावली
8. सखी हौं स्याम रंग रँगी।
देखि बिकाय गई वह मूरति सूरत माहि पगी।
ये पंक्तियाँ किसकी हैं ?
(A) हितहरिवंश (B) गदाधर भट्ट C) मीराबाई (D) जीव गोस्वामी
ANS : (B) गदाधर भट्ट
9. ’तिय सैसव जोबन मिले, भेद न जान्यो जात।
प्र्रात समय निसि द्योस के डुबो भाव दरसात
इस देाहे में नायिका की किस अवस्था का वर्णन किया गया है?
(A) सद्यः स्नाता   (B) वयःसंधि (C) नवोढ़ा (D) मानमृदु
ANS : (B) वयःसंधि
10.  ‘‘जगत् जनायो जिहिं सकल, सो हरि जान्यों नाहिं।
ज्यों आंखिन सब देखियै, आंखि न देखी जाहिं।।’’
उक्त दोहे में कौन-सा अलंकार है?
(A) दृष्टान्त   (B) उदाहरण (C) उपमा (D) प्रतिवस्तुपमा
ANS : (B) उदाहरण
11. मैथिलीशरण गुप्त की प्रतिभा का विकास सर्वाधिक किस साहित्य-रूप में देखने को मिलता है?
(A)  नाटककार के रूप में   (B) प्रबंधकार के रूप में
(C) प्रगीतकार के रूप में    (D) मुक्तकार के रूप में
ANS : (B) प्रबंधकार के रूप में
12. ‘‘.....रचना न तो दर्शन है और न किसी ज्ञानी के प्रौढ़ मस्तिष्क का चमत्कार। यह तो अन्ततः एक साधारण मनुष्य का शंकाकुल हृदय ही है, जो मस्तिष्क के स्तर पर चढ़कर बोल रहा है।’’ रामधारी सिंह दिनकर द्वारा कहा गया यह कथन किस काव्य में संबंध में है?
(A) रश्मिरथी   (B) उर्वशी (C) कुरुक्षेत्र  (D) परशुराम की प्रतीक्षा
ANS : (C) कुरुक्षेत्र 
13. ‘‘उड़ गया गरजता यत्र-गरुड़
 बन बिन्दु, शून्य में पिघल गया साँप।’’
ये पंक्तियाँ अज्ञेय की किस कविता से हैं?
(A) पहचान               (B) साँप
(C) हरि घास पर क्षण भर (D) हवाई अड्डे पर विदा
ANS : (D) हवाई अड्डे पर विदा
14. ‘ठंडा लोहाकविता-संग्रह के रचनाकार हैं :
(A) धर्मवीर भारती         (B) भारत भूषण अग्रवाल
(C) गिरिजा कुमार माथुर     (D) सर्वेश्वर दया सक्सेना
ANS : (A) धर्मवीर भारती  
15. उन्नीसवीं शताब्दी के मध्यवर्गीय बनिया समाज के जीवन का यथार्थ चित्रण किस उपन्यास में किया है?
(A) देवरानी जेठानी की कहानी     (B) रानी केतकी की कहानी
(C) वामा शिक्षक                (D) भाग्यवती
ANS : (A) देवरानी जेठानी की कहानी  
16.  कामकुंठा की शिकार स्त्री का चित्रण किस उपन्यास में किया गया है?
(A) ज़िन्दगीनामा   (B) अनित्य (C) शेषयात्रा     (D) सूरजमुखी अंधेरे के
ANS : (D) सूरजमुखी अंधेरे के
17. निम्नलिखित में से हिन्दू-मुस्लिम एकता को प्रतिपादित करने वाला कौन-सा नाटक है?
(A) नीलदेवी              (B) रक्षाबन्धन
(C) सिन्दूर की होली       (D) सागर-विजय
ANS : (B) रक्षाबन्धन
18.  निम्नलिखित में से भारतेन्दु हरिश्चन्द्र का कौन-सा नाटक क्षेमीश्वरकृत चंडकौशिकके आधार पर लिखा गया है?
(A) सत्य हरिश्चन्द्र         (B) वैदिकी हिंसा हिंसा न भवति
(C) विषस्य विषमौधम्     (D) श्री चन्द्रावली
ANS : (A) सत्य हरिश्चन्द्र 
19. अर्थोपक्षेपक के कितने प्रकार होते हैं :
(A) पाँच   (B) छह (C) सात     (D) आठ
ANS : (A) पाँच
20. निम्नलिखित में से कौन-सी रचना मैथ्यू ऑर्नाल्ड की नहीं है?
(A) कल्चर एंड अनार्की           (B) लिट्रेचर एंड डोग्मा
(C) एसेज ऑन चर्च एंड स्टेट      (D) द कॉकटेल पार्टी
ANS : (D) द कॉकटेल पार्टी
21. रामवृ़क्ष बेनीपुरी के अनुसार लेखन-काल की दृष्टि से विद्यापति की रचनाओं का सही अनुक्रम है:
(A) कीर्तिलता, भू-परिक्रमा, पुरुष परीक्षा, कीर्तिपताका
(B)  भू-परिक्रमा, पुरुष परीक्षा, कीर्तिलता, कीर्तिपताका
(C)  कीर्तिलता, कीर्तिपताका, भू-परिक्रमापुरुष परीक्षा,
(D) पुरुष परीक्षा, भू-परिक्रमा, कीर्तिलता, कीर्तिपताका
ANS : (A) कीर्तिलता, भू-परिक्रमा, पुरुष परीक्षा, कीर्तिपताका
22. रचनाकाल के अनुसार निम्नलिखित कवियों का सही अनुक्रम है :
(1) भिखारीदास, चिन्तामणि, देव, जसवंत सिंह
(2) चिन्तामणि, देव, भिखारीदास, जसवंत सिंह
(3) जसवंत सिंह, चिन्तामणि, देव, भिखारीदास    
(4) चिन्तामणि, जसवंत सिंह, देव, भिखारीदास
ANS : (4) चिन्तामणि, जसवंत सिंह, देव, भिखारीदास
23. रचनाकाल के अनुसार श्रीधर पाठक की निम्नलिखित रचनाओं का सही अनुक्रम है :
(1) श्रान्त पथिक, ऊजड़ ग्राम, एकांतवासी योगी, सांध्य अटन
(2) एकांतवासी योगी, ऊजड़ ग्राम, श्रान्त पथिक, सांध्य अटन
(3) ऊजड़ ग्राम, श्रान्त पथिक, सांध्य अटन, एकांतवासी योगी
(4) श्रान्त पथिक, सांध्य अटन, एकांतवासी योगी, ऊजड़ ग्राम
ANS : (2) एकांतवासी योगी, ऊजड़ ग्राम, श्रान्त पथिक, सांध्य अटन
24. प्रकाशन वर्ष के अनुसार सूर्यकांत निराला त्रिपाठी की निम्नलिखित रचनाओं का सही अनुक्रम है:
(1) गीतिका, अणिमा, अर्चना, आराधना
(2) अणिमा, अर्चना, आराधना, गीतिका
(3) आराधना, अर्चना, अणिमा, गीतिका   
(4) अर्चना, आराधना अणिमा, गीतिका
ANS : (1गीतिकाअणिमाअर्चनाआराधना
25. प्रकाशन वर्ष के अनुसार निम्नलिखित नाटकों का सही अनुक्रम है :
(1) अंधा कुआँ, इक तारे की आँख, बकरी, कोर्ट मार्शल
(2) इक तारे की आँख, बकरी, अंधा कुआँ, कोर्ट मार्शल
(3) बकरी, अंधा कुआँ, कोर्ट मार्शल, इक तारे की आँख
(4) अंधा कुआँ, बकरी, इक तारे की आँख, कोर्ट मार्शल
ANS : (4) अंधा कुआँ, बकरी, इक तारे की आँख, कोर्ट मार्शल
26. प्रकाशन वर्ष के अनुसार निम्नलिखित रचनाओं का सही अनुक्रम है :
(A) परीक्षा गुरु, भाग्यवती, वामा शिक्षक, रानी केतकी की कहानी
(B) रानी केतकी की कहानी, परीक्षा गुरु, भाग्यवती, वामा शिक्षक
(C) रानी केतकी की कहानी, वामा शिक्षक, भाग्यवती, परीक्षा गुरु
(D) भाग्यवती, परीक्षा गुरु, वामा शिक्षक रानी केतकी की कहानी
ANS : (C) रानी केतकी की कहानी, वामा शिक्षक, भाग्यवती, परीक्षा गुरु
27.  प्रकाशन वर्ष के अनुसार निम्नलिखित आलोचना-ग्रंथों का सही अनुक्रम है :
(A) वाद विवाद संवाद, अधूरे साक्षात्कार, कामायनी : एक पुनर्विचार, हिन्दी साहित्य के अस्सी वर्ष
(B) हिन्दी साहित्य के अस्सी वर्ष, कामायनी : एक पुनर्विचार, अधूरे साक्षात्कार, वाद विवाद संवाद
(C) कामायनी : एक पुनर्विचार, हिन्दी साहित्य के अस्सी वर्ष, वाद विवाद संवाद, अधूरे साक्षात्कार
(D) अधूरे साक्षात्कार, वाद विवाद संवाद, हिन्दी साहित्य के अस्सी वर्ष, कामायनी : एक पुनर्विचार
ANS : (B) हिन्दी साहित्य के अस्सी वर्ष, कामायनी : एक पुनर्विचार, अधूरे साक्षात्कार, वाद विवाद संवाद
28. ऐतिहासिक दृष्टि से निम्नलिखित पाश्चात्य साहित्य चिन्तकों पूर्वापर अनुक्रम है :
(A) अरस्तू, कॉलरिज, मैथ्यू ऑर्नाल्ड, टी॰ एस॰ इलियट  
(B) टी॰ एस॰ इलियट, मैथ्यू ऑर्नाल्ड, कॉलरिज, अरस्तू
(C) कॉलरिज, अरस्तू, टी॰ एस॰ इलियट, मैथ्यू ऑर्नाल्ड
(D) मैथ्यू ऑर्नाल्ड, टी॰ एस॰ इलियट, अरस्तू, कॉलरिज
ANS : (A) अरस्तू, कॉलरिज, मैथ्यू ऑर्नाल्ड, टी॰ एस॰ इलियट
29. भरतमुनि के अनुसार नाट्यवृतियों का सही अनुक्रम है :
(A) भारती, आरभटी, काशिकी, सात्वती
(B) सात्वती, काशिकी, भारती, आरभटी
(C) भारती, सात्वती, काशिकी, आरभटी
(D) आरभटी, काशिकी, सात्वती, भारती
ANS : (C) भारती, सात्वती, काशिकी, आरभटी
30.  जन्मकाल के अनुसार हिन्दी आलोचकों का सही अनुक्रम है :
(A) नन्ददुलारे वाजपेयी, रामचन्द्र शुक्ल, नगेन्द्र, रामविलास शर्मा
(B) रामचन्द्र शुक्ल, नन्ददुलारे वाजपेयी, रामविलास शर्मा, नगेन्द्र
(C) नगेन्द्र, नन्ददुलारे वाजपेयी, रामचन्द्र शुक्ल, रामविलास शर्मा
(D) रामविलास शर्मा, रामचन्द्र शुक्ल, नगेन्द्र, नन्ददुलारे वाजपेयी
ANS : (B) रामचन्द्र शुक्ल, नन्ददुलारे वाजपेयी, रामविलास शर्मा, नगेन्द्र
31. निम्नलिखित काव्य-पंक्तियों को उनके कवियों के साथ सुमेलित कीजिए :
सूची-1             सूची-2
(A) हौ सब कबिन्ह केर पछिलगा।        (i) कबीरदास
(B) कबित्त बिवेक एक नहिं मोरे।         (ii) जायसी
(C) प्रभुजी, हौं पतितन कौ टीको।        (iii) मलूकदास
(D) अब तो अजपा जपु मन मेरे         (iv) तुलसीदास  (v) सूरदास
कोड :
      (a)   (b)   (c)   (d)
(A)   (ii)    (iv)   (v)   (iii)
(B)   (iv)   (i)    (ii)    (v)
(C)   (iii)   (ii)    (iv)   (i)
(D)   (i)    (iv)   (v)   (ii)
ANS : (A)  (ii)    (iv)   (v)   (iii)
32. निम्नलिखित रचनाओं को उनके रचनाकारों के साथ सुमेलित कीजिए :
सूची-1                   सूची-2
(A) राउलवेल             (i) आसगु
(B) खुमाण रास           (ii) डोम्भिबा
(C) चंदनबाला रास        (iii) कुक्कुरिया
(D) योगचर्या              (iv) रोड कवि  (v) दलपत विजय
कोड :
      (a)   (b)   (c)   (d)
(A)   (i)    (ii)    (iv)   (iii)
(B)   (iv)   (v)   (i)    (iii)
(C)   (iii)   (ii)    (iv)   (i)
(D)   (i)    (iv)   (v)   (iii)
ANS : (B)  (iv)   (v)   (i)    (iii)
33. निम्नलिखित कवियों को उनकी काव्य-कृतियों के साथ सुमेलित कीजिए :
सूची-1                         सूची-2
(A) सियारामशरण गुप्त          (i) मौर्य विजय
(B) बालकृष्ण शर्मा नवीन         (ii) राखी की चुनौती
(C) सुभद्रावती कुमारी चौहान       (iii) राष्ट्रीय तरंग
(D) गयाप्रसाद शुक्ल सनेही        (iv) विप्लव गायन  (v) सतरंगे पंखों वाली
कोड :
      (a)   (b)   (c)   (d)
(A)   (ii)    (ii)    (iv)   (i)
(B)   (iii)   (ii)    (v)   (i)
(C)   (i)    (iv)   (ii)    (iii)
(D)   (i)    (iv)   (v)   (ii)
ANS : (C)  (i)    (iv)   (ii)    (iii)
34. निम्नलिखित काव्य-पंक्तियों को उनके कवियों के साथ सुमेलित कीजिए :
सूची-1                                      सूची-2
(A) श्रेय नही कुछ मेरा, मैं तो डूब गया था स्वयं शून्य में
वीणा के माध्यम से अपने को मैंने, सब कुछ सौंप दिया था।     (i) मुक्तिबोध
(B) परम अभिव्यक्ति, लगातार घूमती है जग में,
पता नहीं जाने कहाँ, जाने कहाँ, वह है           (ii) दिनकर
(C) पर एक तत्व है बीज, स्थित मन में साहस में,
स्वतंत्रता में, नूतन सृजन में                   (iii) शमशेर बहादुर सिंह
(D) मैं उनका आदर्श जो व्यथा न खोल सकेंगे
पूछेगा जग किन्तु पिता का नाम न बोल सकेंगे।  (iv) धर्मवीर भारती  (v) अज्ञेय
कोड :
      (a)   (b)   (c)   (d)
(A)   (v)   (i)    (iv)   (ii)
(B)   (v)   (iv)   (iii)   (i)
(C)   (i)    (ii)    (iii)   (iv)
(D)   (iv)   (iii)   (ii)    (v)
ANS : (A)  (v)   (i)    (iv)   (ii)
35. निम्नलिखित रचनाओं को उनके रचनाकारों के साथ सुमेलित कीजिए :
सूची-1                   सूची-2
(A) मधूलिका                   (i) शिवमंगल सिंह सुमन
(B) प्रभातफेरी                  (ii) सियारामशरण गुप्त
(C) प्रण-भंग                    (iii) रामेश्वर शुक्ल अंचल
(D) कांठमांडु की पहली शाम       (iv) नगेन्द्र शर्मा  (v) रामधारी सिंह दिनकर
कोड :
      (a)   (b)   (c)   (d)
(A)   (iii)   (iv)   (v)   (i)
(B)   (v)   (iii)   (ii)    (iv)
(C)   (i)    (ii)    (iv)   (i)
(D)   (ii)    (i)    (iii)   (iv)
ANS : (A)  (iii)   (iv)   (v)   (i)
36. निम्नलिखित उपन्यासों को उनकी विषय वस्तु के साथ सुमेलित कीजिए :
सूची-1                   सूची-2
(A) अपना मोर्चा           (i) औपनिषदिक आख्यान
(B) मुझे चाँद चाहिए       (ii) छात्र आन्दोलन
(C) दिलो दानिश          (iii) रंगमंच और सिनेमा संसार
(D) अनामदास का पोथा    (iv) मुस्लिम संस्कृति (v) साम्प्रदायिक संघर्ष
कोड :
      (a)   (b)   (c)   (d)
(A)   (i)    (ii)    (iii)   (iv)
(B)   (ii)    (iii)   (iv)   (i)
(C)   (v)   (iv)   (ii)    (iii)
(D)   (iii)   (i)    (v)   (i)
ANS : (B)  (ii)    (iii)   (iv)   (i)
37. निम्नलिखित पात्रओं को उनके नाटकों के साथ सुमेलित कीजिए :
सूची-1             सूची-2
(A) मधूलिका       (i) सूर्यमुख
(B) मल्लिका       (ii) देहान्तर
(C) वेणुरति        (iii) चन्द्रगुप्त
(D) देवयानी        (iv) शस्त्र संतान  (v) आषाढ़ का एक दिन
कोड :
      (a)   (b)   (c)   (d)
(A)   (iii)   (v)   (i)    (ii)
(B)   (iii)   (i)    (ii)    (iv)
(C)   (ii)    (iii)   (iv)   (v)
(D)   (iv)   (iii)   (ii)    (i)
ANS : (A)  (iii)   (v)   (i)    (ii)
38. निम्नलिखित काव्य-पंक्तियों को उनके कवियों के साथ सुमेलित कीजिए :
सूची-1                   सूची-2
(A) साहित्य क्यों          (i) विश्वनाथ त्रिपाठी
(B) भाषा और संवेदना      (ii) प्रभाकर माचवे
(C) लोकवादी तुलसीदास    (iii) जगदीश गुप्त
(D) कविता की तीसरी आँख (iv) विजयदेव नारायण साही  (v) रामस्वरूप चतुर्वेदी
कोड :
      (a)   (b)   (c)   (d)
(A)   (i)    (ii)    (iii)   (iv)
(B)   (iv)   (v)   (i)    (ii)
(C)   (ii)    (iii)   (iv)   (i)
(D)   (iii)   (i)    (ii)    (v)
ANS : (B)  (iv)   (v)   (i)    (ii)
39. निम्नलिखित ग्रंथों को उनके रचनाकारों के साथ सुमेलित कीजिए :
सूची-1                               सूची-2
(A) रस मीमांसा                             (i) रामविलास शर्मा 
(B) हिन्दी साहित्य का आदिकाल               (ii) नन्ददुलारे वाजपेयी
(C) निराला की साधना                       (iii) रामचन्द्र शुक्ल
(D) आधुनिक साहित्य : सृजन और समीक्षा            (iv) महावीर प्रसाद द्विवेदी 
(v) हजारीप्रसाद द्विवेदी
कोड :
      (a)   (b)   (c)   (d)
(A)   (ii)    (iv)   (i)    (i)
(B)   (iv)   (iii)   (v)   (i)
(C)   (ii)    (iv)   (iii)   (i)
(D)   (iii)   (v)   (i)    (iii)
ANS : (D)  (iii)   (v)   (i)    (iii)
40. निम्नलिखित पंक्तियों को उनके कवियों के साथ सुमेलित कीजिए :
      (1) शब्दार्थौ सहितौ काव्यम्              (i) पंडितराज जगन्नाथ
      (2) वाक्यं रसात्मकं काव्यम्                   (ii) मम्मट 
      (3) रमणीयार्थ प्रतिपादकः शब्दः काव्यम्   (iii) कुन्तक
      (4) तददोषौ सहितौ सगुणा वनलंकृती पुनः क्वापि (iv) भामह (v) विश्वनाथ
कूट :
a     b     c     d
(A)   (ii)    (iv)   (i)    (v)
(B)   (iv)   (iii)   (v)   (i)
(C)   (i)    (ii)    (iii)   (iv)
(D)   (iii)   (v)   (i)    (ii)
ANS : (A)  (ii)    (iv)   (i)    (v)
41. स्थापना (Assertion) (A) : रीतिकाल में जन-साधारण का जीवन सामन्ती विलासपूर्ण आकांक्षाओं और भोगपूर्ण श्रृंगार से ओतप्रोत था।
तर्क (Reason) (R) : इसीलिए नैतिकता की दृष्टि से जन-साधारण का आचरण और चरित्र दरबारी संस्कृति से अलग नहीं हो पाया था।
      (1) (A) ग़लत (R) सही
      (2) (A) ग़लत (R) ग़लत
      (3) (A) सही (R) ग़लत
      (4) (A)  सही (R) सही
ANS : (2) (A) ग़लत (R) ग़लत
42. स्थापना (Assertion) (A) : साहित्य एवं कलाएँ वर्ग-हितों ही का प्रतिबिम्बन और प्रतिनिधित्व करती हैं।
तर्क (Reason) (R) : चूँकि साहित्य की चेतना शासन और सत्ता की विचारधारा से प्रतिबद्ध होती है।
कोड :
      (1) (A) ग़लत (R) ग़लत
      (2) (A) ग़लत (R) सही
      (3) (A) सही (R) ग़लत
      (4) (A)  सही (R) सही
ANS : (1) (A) ग़लत (R) ग़लत
43. स्थापना (Assertion) (A) : बिम्ब अतीन्द्रीय होते हैं।
तर्क (Reason) (R) : क्योंकि उनमें ऐन्द्रिकता का होना अनिवार्य है।
कोड :
      (1) (A) सही (R) ग़लत
      (2) (A) ग़लत (R) सही
      (3) (A) सही (R) सही
      (4) (A)  ग़लत (R) ग़लत
ANS : (2) (A) ग़लत (R) सही
44. स्थापना (Assertion) (A) : हृदय सहित समाज में उत्पन्न होने वाला हर व्यक्ति सहृदय और सामाजिक होता है।
तर्क (Reason) (R) : इसीलिए साहित्यशासत्र में उनके लिए किसी गुण अथवा लक्षणों का उल्लेख नहीं किया गया।
      (1) (A) सही (R) सही
      (2) (A) ग़लत (R) ग़लत
      (3) (A) ग़लत (R) सही
      (4) (A) सही (R) ग़लत
ANS : (2) (A) ग़लत (R) ग़लत
45. स्थापना (Assertion) (A) : रस कार्य (कारणजन्य) रूप वस्तु नहीं ।
तर्क (Reason) (R) : क्योंकि वह तो विभावादि समूहामूलम्बनात्क अनुभव है, न कि विभावादि द्वारा उत्पन्न की गई वस्तु। कारण-ज्ञान और कार्य-ज्ञान का एक समय में होना कदापि सम्भव नहीं।
      (1) (A) ग़लत (R) सही
      (2) (A) सही (R) ग़लत
      (3) (A) ग़लत  (R) ग़लत
      (4) (A) सही (R) सही
ANS : (4) (A) सही (R) सही
 निर्देश : निम्नलिखित अवतरण को ध्यानपूर्वक पढ़ें और उससे सम्बन्धित प्रश्नों (46 से 50 तक) के उत्तरों के दिए गए बहु-विकलपों में से सही विकल्प का चयन करें :
शासन की पहुँच प्रवृत्ति और निवृत्ति की बाहरी व्यवस्था तक ही होती है। उनके मूल या मरम तक उनकी गति नहीं होती। भीतरी या सच्ची प्रवृत्ति-निवृत्ति को जागरित रखनेवाली शक्ति कविता है, जो धर्म-क्षेत्र में शक्ति-भावना को जगाती रहती है। भक्ति धर्म की रसात्मक अनुभूति है। अपने मंगल और लोक के मंगल का संगम उसी के भीतर दिखाई पड़ता है। इस संगम के लिए प्रकृति के क्षेत्र के बीच मनुष्य को अपने हृदय के प्रसार का अभ्यास करना चाहए। जिस प्रार ज्ञान नरसत्ता के प्रसार के लिए है, उसी प्रकार हृदय भी। रागात्मिका वृत्ति के प्रसार के बिना विश्व के साथ जीवन का प्रकृत सामंजस्य घटित नहीं हो सकता। जब मनुष्य के सुख और आनन्द का मेल शेष प्रकृति के सुख-सौन्दर्य के साथ हो जाएगा जब उसकी रक्षा का भाव तृणगुल्म, वृक्ष-लता, पशु-पक्षी, कीट-पतंग सबकी रक्षा के भाव के साथ समन्वित हो जाएगा, तब उसके अवतार का उद्देश्य पूर्ण हो जाएगा और वह जगत् का सच्चा प्रतिनिधि हो जाएगा। काव्य-योग की साधना इसी भूमि पर पहुँचने के लिए है।   
46. कविता की गति कहाँ तक होती है?
(A) निवृत्ति के मूल तक (B) प्रवृत्ति और निवृत्ति की भीतरी व्यवस्था तक
(C) प्रवृत्ति और निवृत्ति की बाहरी व्यवस्था तक   (D) प्रवृत्ति के मरम तक
ANS : (B) प्रवृत्ति और निवृत्ति की भीतरी व्यवस्था तक
47. व्यापक मंगल भाव का संगम कहाँ दिखाई पड़ता है?
(A) शासन में (B) भक्ति में (C) धर्म में (D) कविता में
ANS : (D) कविता में
48. जीवन में स्वाभाविक सामंजस्य कैसे सम्भव है?
(A) रागात्मिका वृत्ति के प्रसार से (B) सुख और आनन्द में
(C) प्रकृति के सौन्दर्य में (D) आत्ममंगल में
ANS : (A) रागात्मिका वृत्ति के प्रसार से
49. मनुष्य जगत् का सच्चा प्रतिनिधि कैसे बन सकता है?
(A) मनुष्य के मंगल और शेष प्रकृति के कल्याण-भाव से
(B) मनुष्य को सुख-आनन्द देने में
(C) प्रकृति के रक्षा-भाव से 
(D) मनुष्येतर प्राणियों के कल्याण से।   
ANS : (A) मनुष्य के मंगल और शेष प्रकृति के कल्याण-भाव से
50. 'काव्य-योग की साधना' से तात्पर्य है :
(A) वैयक्तिक सुख-दुख     (B) प्रकृति प्रेम
(C) लोकमंगल            (D) रसात्मक अनुभूति
ANS : (C) लोकमंगल
JAN-2017, HINDI-2
1.    4     26.   3
2.    3    27.   2
3.    2    28.   1
4.    2    29.   3
5.    3    30.   2
6.    3    31.   1
7.    2    32.   2
8.    2    33.   3
9.    2    34.   1
10.   2    35.   1
11.   2    36.   2
12.   3    37.   1
13.   4    38.   2
14.   1    39.   4
15.   1    40.   1
16.   4    41.   2
17.   2    42.   1
18.   1    43.   2
19.   1    44.   2
20.   4    45.   4
21.   1    46.   2
22.   4    47.   4
23.   2    48.   1
24.   1    49.   1
25.   4     50.  3