प्रश्नोत्तरी-44 (हिंदी भाषा एवं साहित्य, प्राणचंद चौहान)
#प्राणचंद चौहान के संबंध में निम्नलिखित
में कौन-कौन से कथन सत्य हैं :
(A) संवत् 1667 में प्राणचंद चौहान ने ‘रामायण महानाटक’ लिखा।
(B) सबसे अधिक प्रसिद्ध प्राणचंद चौहान का ‘हनुमन्नाटक’ हुआ।
(C) ‘‘जेहि माया कह मुनि जग भूला । ब्रह्मा रहे कमल के फूला।
निकसि न सक माया कर बाँधा । देषहु कमलनाल
के राँधा।’’ ये काव्य-पंक्तियां प्राणचंद चौहान के नाटक ‘रामायण महानाटक’ से उद्धृत हैं।
(D) ‘‘तेहि कर दहुँ को करै बषाना । जिहि कर मर्म बेद नहिं जाना।
माया सींव भो कोउ न पारा । शंकर पँवरि बीच
होइ हारा।’’ इन काव्य-पंक्तियों के रचनाकार प्राणचंद चौहान हैं।
(A)(a)(b)(c)
(B)(b)(c)(d)
(C)(a)(c)(d)
(D)(a)(b)(d)
Ans. : (C)(a)(c)(d)
#संवत् 1667 में लिखित नाटक ‘रामायण महानाटक’ के नाटकार हैं :
(1) प्राणचंद चौहान
(2) हृदयराम
(3) गुरु अग्रदास
(4) रायमल्ल पांडे
Ans. : (1) प्राणचंद चौहान
(आचार्य रामचंद्र शुक्ल, हिंदी
साहित्य का इतिहास, भक्तिकाल : प्रकरण 4 : सगुणधारा, रामभक्तिशाखा)
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