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— मुहम्मद इलियास हुसैन
प्रभु जी तुम चंदन हम पानी—रैदास
प्रभु
जी तुम चंदन हम पानी।
जाकी
अंग-अंग बास समानी॥
प्रभु जी तुम घन बन हम मोरा।
प्रभु जी तुम घन बन हम मोरा।
जैसे
चितवत चंद चकोरा॥
प्रभु जी तुम दीपक हम बाती।
प्रभु जी तुम दीपक हम बाती।
जाकी
जोति बरै दिन राती॥
प्रभु जी तुम मोती हम धागा।
प्रभु जी तुम मोती हम धागा।
जैसे
सोनहिं मिलत सोहागा।
प्रभु जी तुम स्वामी हम दासा।
प्रभु जी तुम स्वामी हम दासा।
ऐसी
भक्ति करै 'रैदासा॥
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