शनिवार, 29 नवंबर 2014

साधो, आज मेरे सत की परीक्षा है (SAKHI)—विजयदेव नारायण साही

सत की परीक्षा (साखी)—विजयदेव नारायण साही
साधो, आज मेरे सत की परीक्षा है
आज मेरे सत की परीक्षा है
बीच में आग जल रही है
उस पर बहुत बड़ कड़ाह रखा है
कड़ह में तेल उबल रहा है
उस तेल में मुझे सबके सामने
हाथ जालना है
साधो, आज मेरे सत की परीक्षा है!
               —साखी से

1 टिप्पणी:

  1. सूची-I
    (A) राष्ट्रगीत में भला कौन यह भारत भाग्य विधाता है
    (B) क्या करूँ जो शंभुधनु टूटा तुम्हारा
    (C) अब मैं कवि नहीं रहा, काला छंडा हूँ
    (D) साधो, आज मेरे सत की परीक्षा है
    सूची-II
    1. गिरिजा कुमार माथुर
    2. सर्वेश्वर द.ाल सक्सेना
    3. विजयदेव नारायण साही
    4. रघुवीर सहाय
    5. प्रभाकर माचवे
    कूट
    a b c d
    (A) 2 5 4 3
    (B) 3 1 2 4
    (C) 5 3 1 2
    (D) 4 1 5 3
    उत्तर- B

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