भारतीय काव्यशास्त्री और उनकी रचनाएँ (कालक्रमानुसार) : Hindi Sahitya Vimarsh
कमलेश्वर (कथाकार) : Hindi Sahitya
Vimarsh
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अवैतनिक सम्पादक : मुहम्मद इलियास
हुसैन
सहायक सम्पादक : शाहिद इलियास
1. भरत 2री शती ई॰ पूर्व से 2री शती ई॰ पू॰ के बीच (अनुमानतः)
कालजयी कृति : नाट्यशास्त्र (नाट्यविधानों का अमर
विश्वकोश)
रस-सम्प्रदाय के प्रवर्तक
तत्र
विभावानुभावव्यभिचारी संयोगात्द्रस-निष्पत्ति। —नाट्यशास्त्र, भरत
भवति जगति योग्यं
नाटकं प्रेक्षकाणम्। —नाट्यशास्त्र
2. भामह छठी शती का मध्यकाल
कालजयी
कृति : काव्यालंकार
अलंकार-सम्प्रदाय के प्रवर्तक
शब्दार्थौ सहितौ काव्यम्। —काव्यालंकार, भामह
न
कान्तिमपि नर्मूषं विभाति वनितामुखम्—काव्यालंकार, भामह
3. दण्डी 7वीं शती का उत्तरार्द्ध
कालजयी कृतियां : काव्यदर्श
(काव्यशास्त्र विषयक), दशकुमारचरित,
अवन्तिसुन्दरी (गद्यकाव्य) अलंकारवादी
आचार्य
काव्यशोभाकरान्
धर्मान् अलंकारान् प्रचक्षते। —काव्यादर्श, दण्डी।
नैसर्गिकी च प्रतिभा
श्रुत बहुनिर्मलम्। —काव्यादर्श, दण्डी।
शरीरं तावदिष्टार्थ
व्यवछिन्ना पदावली। —काव्यादर्श, दण्डी।
4. वामन 8वीं-9वीं शती के बीच
कालजयी कृति : काव्यालंकारसूत्रावृत्ति
रीति सम्प्रदाय के प्रवर्तक, रीति को काव्य की आत्मा
माननेवाले
सौन्दर्यमलंकारः। — काव्यालंकारसूत्रावृत्ति, वामन
कवित्वबीजं
प्रतिभानम्। — काव्यालंकारसूत्रावृत्ति, वामन
सादृश्यलक्षणाः
वक्रोक्तिः। — काव्यालंकारसूत्रावृत्ति, वामन
विशिष्ट पद रचना
रीतिः। — काव्यालंकारसूत्रावृत्ति, वामन
रीतिरात्मा
काव्यस्यः। — काव्यालंकारसूत्रावृत्ति, वामन
काव्य शोभायाः
कर्तारौ गुणाः। — काव्यालंकारसूत्रावृत्ति, वामन
5. उद्भट 9वीं शती का पूर्वार्द्ध
कालजयी कृतियां : काव्यालंकारसारसंग्रह, भामह-विवरण, कुमारसम्भव
6. रुद्रट 9वीं शती का आरम्भ
कालजयी कृतियां : काव्यालंकार
ननु शब्दार्थौ
काव्यम्।—काव्यालंकार, रुद्रट
7. भट्ट लोल्लट उद्भट और अभिनव गुप्त के बीच
भरत के रस सूत्र
के प्रथम व्याख्याकार —उत्पत्तिवाद या उपचयवाद, आरोपवाद
8. शंकुक 9वीं शती का आरम्भ
भरत
के रस सूत्र के द्वितीय व्याख्याकार —अनुमितिवाद या अनुकृतिवाद
9. आनन्दवर्द्धन 9वीं शती का मध्यभाग
कालजयी कृति : ध्वन्यालोक
ध्वनि को काव्य की
आत्मा माननेवाले और ध्वनि-सम्प्रदाय के प्रवर्तक
10. रुद्र भट्ट 10वीं शती
कालजयी कृतियां : काव्यालंकार, श्रृंगार
तिलक
11. राजशेखर 880-920 के बीच
कालजयी कृतियां : काव्यमीमांसा, बालरामायण, कर्पूरमंजरी (प्राकृत)
कारयित्री
भावयित्रयावितीमे प्रतिभाभिदे।—काव्यमीमांसा, राजशेखर
अभ्यासः इति मंगलः।
—काव्यमीमांसा, राजशेखर
12. मुकुल भट्ट 9वीं-10वीं शती
कालजयी कृतियां : अभिधावृत्तिमातृका
13. धनंजय 10वीं शती
कालजयी कृतियां : दशरूपक
(नाट्यशास्त्र पर टीका)
14. भट्ट नायक 10वीं शती का मध्यकाल
भरत के रस सूत्र
के तृतीय व्याख्याकार —
भुक्तिवाद या भोगवाद और साधारणीकरण
‘भावकत्वम्
साधारणीकरणम्’ (भट्ट नायक)
15. अभिनवगुप्त 10वीं-11वी शती
कालजयी कृतियां : ध्वन्यालोक
की टीका ‘लोचन’ और नाट्यशास्त्र की टीका ‘अभिनवभारती’
भरत के रस सूत्र
के चतुर्थ व्याख्याकार —अभिव्यक्तिवाद
16. कुन्तक 10वीं-11वीं शती
कालजयी कृति : वक्रोक्तिजीवित
वक्रोक्ति सम्प्रदाय के प्रवर्तक
शब्दार्थौ सहितौ वक्रकवि व्यापार शालिनी।—कुन्तक
17. सागरनन्दी 11वीं शती का आरम्भ
कालजयी कृतियां : नाटकलक्षणरत्नकोश
18. भोजराज
11वीं शती का पूर्वार्द्ध
कालजयी कृतियां : सरस्वती कण्ठाभरण, श्रृंगारप्रकाश
19. महिम भट्ट 11वीं शती का मध्यकाल
कालजयी कृति : व्यक्तिविवेक
20. क्षेमेन्द्र 11वीं शती का उत्तरार्द्ध
कालजयी कृतियां : औचित्यविचारचर्चा, सुवृत्ततिलक, कविकण्ठाभरण
औचित्य सम्प्रदाय के प्रवर्तक
21. मम्मट 11वीं शती का उत्तरार्द्ध
कालजयी कृति : काव्यप्रकाश
तद्दोषौ शब्दार्थौ
सगुणावलंकृती पुनः क्वापि। —काव्यप्रकाश, मम्मट
शक्ति कवित्वबीजरूपः
संस्कारविशेषः। —काव्यप्रकाश, मम्मट
22. हेमचन्द्र 12वीं शती
कालजयी कृति : काव्यानुशासन
23. रामचन्द्र-गुणचन्द्र 12वीं शती का पूर्वार्द्ध
कालजयी कृति : नाट्यदर्पण
24. वाग्भट्ट प्रथम 12वीं शती का पूर्वार्द्ध
कालजयी कृति : वाग्भटालंकार
25. रुय्यक 12वीं शती का मध्यकाल
कालजयी कृति : अलंकारसर्वस्व
26. अमरचन्द्र 13वीं शती का मध्यभाग
कालजयी कृति : काव्यकल्पलतावृत्ति
27. जयदेव 13वीं शती का मध्यभाग
कालजयी कृति : चन्द्रालोक
28. शारदातनय 13वीं शती का मध्यभाग
कालजयी कृति : भावप्रकाश
29. विद्याधर 13वीं-14वीं शती
कालजयी कृति : एकावली
30. विद्यानाथ 13वीं-14वीं शती
कालजयी कृति : प्रतापरुद्रयशोभूषण
31. विश्वनाथ 14वीं शती
कालजयी कृति : साहित्यदर्पण
वाक्यम् रसात्मकम्
काव्यम्। —साहित्यदर्पण, विश्वनाथ
प्रज्ञानवनवोन्मेषशालिनी
प्रतिभा मता। —साहित्यदर्पण, विश्वनाथ
काव्यस्य शब्दार्थौ
शरीरम्। —साहित्यदर्पण और काव्यमीमांसा
32. भानुमिश्र 13वीं-14वीं शती
कालजयी कृतियां : रसतरंगिणी, रसमंजरी
33. रूपगोस्वामी 14वीं-15वीं शती
कालजयी कृति: उज्ज्वलनीलमणि
34. केशव मिश्र 14वीं शती
कालजयी कृतियां : अलंकारशेखर, तर्कभाष्य
35. अप्पयदीक्षित 16वीं-17वीं शती
कालजयी कृतियां : कुवलयानन्द, वृत्तिवार्तिक, चित्रमीमांसा
36. पंडितराज
जगन्नाथ 16वीं-17वीं शती
कालजयी कृति : रसगंगाधर
रमणीयार्थ प्रतिपादकः शब्दः काव्यम्। — रसगंगाधर, पंडितराज जगन्नाथ
37. अकबरशाह 17वीं शती का मध्यभाग
कालजयी कृति : श्रृंगारमंजरी
विविध
1. पतंजलि—महाभाष्य,
2. यास्क—निरुक्त
3. रुद्र भट्ट— श्रृंगारतिलक,
4. वात्स्यायन—काम-सूत्र,
5. धनिक—दशरूपक अवलोक
रस और उनके स्थायी भाव
रति—श्रृंगार
हास—हास्य
उत्साह—वीर
अमर्ष, क्रोध—रौद्र
भय—भयानक
विस्मय—अद्भुत
शोक—करुण
जुगुप्सा—वीभत्स
निर्वेद—शान्त
रससूत्र के व्याख्याता
भट्ट लोल्लट (प्रथम
व्याख्याकार) उत्पत्तिवाद
या उपचयवाद
शंकुक (द्वितीय
व्याख्याकार) अनुमितिवाद या अनुकृतिवाद
भट्टनायक (तृतीय
व्याख्याकार) भुक्तिवाद
अभिनवगुप्त (चतुर्थ
व्याख्याकार) अभिव्यक्तिवाद
संकलन
@ मुहम्मद इलियास हुसैन
असाधारण प्रयास 👍
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