प्रसाद का काव्य
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मुहम्मद
इलियास हुसैन
सम्पर्क-सूत्र
: 9717324769
• 'प्रेम पथिक'
(1905 ई., ब्रजभाषा)।
• 'चित्राधार'
(1909 ई.,
अयोध्या का उद्धार : राम के बड़े बेटे कुश द्वारा अयोध्या के उद्धार का
वर्णन,
वनमिलन : ब्रजभाषा में रोला छन्द में और प्रेमराज्य तीन कथाकाव्य
इसमें संगृहीत हैं।)
• 'प्रेम पथिक'
(1913 ई., खड़ीबोली)।
• 'करुणालय' (1913 ई., गीतिनाट्य, बलिप्रथा का विरोध)।
• 'महाराणा का महत्व' (1914 ई., ऐतिहासिक खण्ड-काव्य, कवि रहीम की पत्नी को
बन्दी बनाकर महाराणा प्रताप के समक्ष पेश करने की कथा)।
• 'कानन कुसुम'
(1912-1916 तक की
कविताएँ, 1918, खड़ीबोली की कविताओं का प्रथम संग्रह है)।
• 'झरना' (1918, छायावादी शैली में रचित कविताएँ इसमें संगृहीत)
• 'आँसू'
(1925 ई.) 'आँसू' एक श्रेष्ठ गीतिकाव्य है।
• 'महाराणा का महत्त्व'
(1928 ई.)
1914 ई. में 'इन्दु' में प्रकाशित हुआ था। यह भी 'चित्राधार' में संकलित था, पर 1928 ई. में इसका स्वतन्त्र प्रकाशन हुआ। इसमें महाराणा प्रताप की
गौरव गाथा है।)
• 'लहर' (1933 ई., मुक्तक रचनाओं का संग्रह)
• 'कामायनी' (1936 ई., महाकाव्य)
कामायनी के सर्ग
1. चिंता
2. आशा
3. श्रद्धा
4. काम
5. वासना
6. लज्जा
7. कर्म
8. ईर्ष्या
9. इड़ा
10. स्वप्न
11. संघर्ष
12. निर्वेद
13. दर्शन
14. रहस्य
15. आनंद
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