हिन्दी भाषा और साहित्य तथा भारतीय एवं पाश्चात्य काव्यशास्त्र पर परीक्षोपयोगी सामग्री के साथ ही विभिन्न भाषाओं के साहित्य के विविध आयामों पर सार्थक विमर्श तथा कविता, कहानी और लेख इत्यादि की प्रस्तुति। हिन्दी साहित्य पर सम्पूर्ण अध्ययन-सामग्री।
मंगलवार, 21 नवंबर 2017
मुक्त गगन है, मुक्त पवन है - माखनलाल चतुर्वेदी
स्वाधीनता प्राप्ति के अवसर पर लिखी गई निम्नलिखित कविता किस कवि की है?
‘‘मुक्त गगन है, मुक्त पवन है, मुक्त सांस गर्वीली
लांघ सात लांबी सदियों को हुई शृंखला ढीली
टूटी नहीं कि लगा अभी तक, उपनिवेश का दाग़?
बोल तिरंगे, तुझे उड़ाऊँ या कि जगाऊँ आग?’’
(1) माखनलाल चतुर्वेदी (2) रामधारी सिंह दिनकर
(3) बालकृष्ण शर्मा ‘नवीन’ (4) सोहनलाल द्विवेदी
माखनलाल चतुर्वेदी रचित इस कविता का शीर्षक है - मुक्त गगन है, मुक्त पवन है
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लीलाधर जगूड़ी की रचनाएँ
जवाब देंहटाएंमुहम्मद इलियास हुसैन
9717324769
iliyashussain@gmail.com
लीलाधर जगूड़ी
जन्म : 1 जुलाई 1940, धंगड़, टिहरी (उत्तराखंड)
प्रमुख कृतियाँ : कविता संग्रह : 1. शंखमुखी शिखरों पर (1964), 2. नाटक जारी है (1972), 3. इस यात्रा में (1974), 4. रात अभी मौजूद है (1976), 5. बची हुई पृथ्वी (1977), 6. घबराये हुए शब्द (1981), 7. भय भी शक्ति देता है, 8. अनुभव के आकाश में चाँद, 9. महाकाव्य के बिना, 10. ईश्वर की अध्यक्षता में, 11. ख़बर का मुँह विज्ञापन से ढँका है।
नाटक : पाँच बेटे
गद्य : मेरे साक्षात्कार
सम्मान : साहित्य अकादमी पुरस्कार vuqHko osQ vkdk”k esa pkan (1997), पद्मश्री सम्मान, रघुवीर सहाय सम्मान।