द्विवेदी युग की कविता ౼गुप्त
द्विवेदी युग की सीमा 1900-1920 ई.
मुहम्मद इलियास हुसैन
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Mob : 9717324769
मैथिलीशरण गुप्त (1886-1964 ई.)
उपनाम : स्वर्णलता, रसिकेश, रसिकेन्दु, मधुप, नित्यानन्द, भारतीय (इस नाम से ब्रिटिश शासन के विरोध में कविताएँ लिखीं)
1. 'अनघ' नाटक किस कवि ने लिखा है?
(1) भारतेन्दु हरिश्चन्द्र (2) मैथिलीशरण गुप्त (3) सुमित्रनन्दन पन्त(4) रामकुमार वर्मा
उत्तर : (2)
2. निम्नलिखित में से मैथिलीशरण गुप्त की कौन-रचना नायिका प्रधान नहीं है?
(1) यशोधरा (2) पंचवटी (3) साकेत (4) विष्णुप्रिया
उत्तर : (2)
3. भारत भारत का प्रकाशन काल है
(1) सन् 1909 ई. (2) सन् 1910 ई. (3) सन् 1911 ई. (4) सन् 1912 ई.
उत्तर : (4)
4. इनमें से कौन-सी कृति प्रतिबंधित नहीं है?
(1) भारत भारती (2) बन्दिनी (3) झांसी की रानी (4) चिंगारियां
उत्तर : (4)
5. 'सखी वे मुझसे कहकर जाते' ౼किस कवि की काव्य पंक्ति है ?
(1) सियारामशरण गुप्त (2) मैथिलीशरण गुप्त (3) हरिऔध (4) जगदीश गंप्त
उत्तर : (2)
6. 'दो राह, समय के रथ का घर्घर नाद सुनो, सिंहासन खाली करो कि जनता आती है ' ౼ ये काव्य-पंक्तियां किसकी कविता से उद्धृत है ?
(1) शिवमंगलसिंह सुमन (2) मैथिलीशरण गुप्त (3) रामधारीसिंह दिनकर (4) जानकी वल्लभ शास्त्री
उत्तर : (3)
7. इनमें से कौन-सा महाकाव्य नहीं है?
(1) साकेत (2) कामायनी (3) महाप्रस्थान (4) प्रियप्रवास
उत्तर : (3)
8. जन्मकाल की दृष्टि से निम्नलिखित कवियों का सही अनुक्रम है :
(A) अयोध्यासिंह उपाध्याय हरिऔध, बालकृष्ण शर्मा नवीन, मैथिलीशरण गुप्त, माखनलाल चतुर्वेदी
(B) मैथिलीशरण गुप्त, अयोध्यासिंह उपाध्याय हरिऔध, बालकृष्ण शर्मा नवीन, माखनलाल चतुर्वेदी
(C) अयोध्यासिंह उपाध्याय हरिऔध, मैथिलीशरण गुप्त, माखनलाल चतुर्वेदी, बालकृष्ण शर्मा नवीन
(D) माखनलाल चतुर्वेदी, मैथिलीशरण गुप्त, बालकृष्ण शर्मा नवीन, अयोध्यासिंह उपाध्याय हरिऔध
उत्तर : (C) अयोध्यासिंह उपाध्याय हरिऔध (1865), मैथिलीशरण गुप्त (1886), माखनलाल चतुर्वेदी (1889), बालकृष्ण शर्मा नवीन (1897)
9. जन्मकाल की दृष्टि से निम्नलिखित कवियों का सही अनुक्रम है :
(A) दिनकर, बच्चन, अज्ञेय, मैथिलीशरण गुप्त
(B) मैथिलीशरण गुप्त, दिनकर, बच्चन, अज्ञेय
(C) मैथिलीशरण गुप्त, बच्चन, दिनकर, अज्ञेय
(D) बच्चन, अज्ञेय, मैथिलीशरण गुप्त, दिनकर
उत्तर : (B) मैथिलीशरण गुप्त (1886 ई. ), बच्चन (1907 ई.), दिनकर (1908 ई.), अज्ञेय (1911 ई.)
10. जन्मकाल की दृष्टि से निम्नलिखित कवियों का सही अनुक्रम है :
(A) श्रीधर पाठक, मैथिलीशरण गुप्त, दिनकर, अज्ञेय
(B) मैथिलीशरण गुप्त, श्रीधर पाठक, दिनकर, अज्ञेय
(C) श्रीधर पाठक, मैथिलीशरण गुप्त, दिनकर, अज्ञेय
(D) श्रीधर पाठक, अज्ञेय, दिनकर, मैथिलीशरण गुप्त,
उत्तर : (B) श्रीधर पाठक (1869 ई.), मैथिलीशरण गुप्त (1886 ई.), दिनकर (1908 ई.), अज्ञेय (1911 ई.)
11. प्रकाशन वर्ष की दृष्टि से निम्नलिखित काव्य-ग्रंथों का सही अनुक्रम है :
(A) काश्मीर सुषमा, प्रिय प्रवास , मिलन, भारत भारती
(B) भारत भारती, मिलन, काश्मीर सुषमा, प्रिय प्रवास
(C) काश्मीर सुषमा, भारत भारती, प्रिय प्रवास, मिलन
(D) प्रिय प्रवास, काश्मीर सुषमा, मिलन, भारत भारती
उत्तर : (C) काश्मीर सुषमा 1904, भारत भारती 1912, प्रिय प्रवास 1914, मिलन 1917
12. रचनाकाल की दृष्टि से निम्नलिखित रचनाओं का सही अनुक्रम बताइए :
(A) साकेत, कामायनी, लोकायतन, प्रियप्रवास
(B) प्रियप्रवास, साकेत, कामायनी, लोकायतन
(C) प्रियप्रवास, कामायनी, साकेत, लोकायतन
(D) कामायनी, साकेत, लोकोयतन, प्रियप्रवास
उत्तर : (B) प्रियप्रवास, साकेत, कामायनी, लोकायतन
13. रचनाकाल की दृष्टि से निम्नलिखित रचनाओं का सही अनुक्रम बताइए :
(A) साकेत, प्रियप्रवास, तुलसीदास, कृष्णायन
(B) प्रियप्रवास, साकेत, तुलसीदास, कृष्णायन
(C) कृष्णायन, प्रियप्रवास, साकेत, तुलसीदास
(D) तुलसीदास, प्रियप्रवास, साकेत, कृष्णायन
उत्तर : (B) प्रियप्रवास (1914 ई.), साकेत (1931 ई.), तुलसीदास (1938 ई.), कृष्णायन (1947 ई.)
14. रचनाकाल की दृष्टि से निम्नलिखित रचनाओं का सही अनुक्रम बताइए :
(A) प्रियप्रवास, साकेत, कामायनी, कुरुक्षेत्र
(B) साकेत, प्रियप्रवास, कुरुक्षेत्र, कामायनी
(C) कामायनी, कुरुक्षेत्र, साकेत, प्रियप्रवास
(D) प्रियप्रवास, कामायनी, कुरुक्षेत्र, साकेत
उत्तर : (A) प्रियप्रवास (1914 ई.), साकेत (1931 ई.), कामायनी (1935 ई.), कुरुक्षेत्र (1946 ई.)
15. रचनाकाल की दृष्टि से निम्नलिखित रचनाओं का सही अनुक्रम बताइए :
(A) साकेत, कामायनी, कुरुक्षेत्र, अंधायुग
(B) कामायनी, कुरुक्षेत्र, साकेत, अंधायुग
(C) साकेत, कुरुक्षेत्र, अंधायुग, कामायनी
(D) अंधायुग, कुरुक्षेत्र, साकेत, कामायनी
उत्तर : (A) साकेत (1931 ई.), कामायनी (1935 ई.), कुरुक्षेत्र (1946 ई.), अंधायुग ( 1954ई.)
16. रचनाकाल की दृष्टि से निम्नलिखित रचनाओं का सही अनुक्रम बताइए :
(A) आत्मजयी, कनुप्रिया, उर्वशी, यशोधरा
(B) कनुप्रिया, उर्वशी, आत्मजयी, यशोधरा
(C) उर्वशी, कनुप्रिया, यशोधरा , आत्मजयी,
(D) यशोधरा, उर्वशी, कनुप्रिया, आत्मजयी
उत्तर : (D) यशोधरा (1932 ई.), उर्वशी, (1961 ई.), कनुप्रिया, (1965 ई.), आत्मजयी (1965 ई.)
17. रचनाकाल की दृष्टि से निम्नलिखित रचनाओं का सही अनुक्रम बताइए :
(A) साकेत, उर्वशी, प्रियप्रवास, कामायनी
(B) प्रियप्रवास, साकेत, कामायनी, उर्वशी
(C) कामायनी, उर्वशी, साकेत, प्रियप्रवास
(D) उर्वशी, प्रियप्रवास, कामायनी, साकेत
उत्तर : (B) प्रियप्रवास (1914 ई.), साकेत (1931 ई.) , कामायनी (1935 ई.), उर्वशी (191961 ई.)
18. रचनाकाल की दृष्टि से निम्नलिखित रचनाओं का सही अनुक्रम बताइए :
(A) भारत भारती, रस कलश, उर्वशी, शम्बुक
(B) रस कलश, भारत भारती, उर्वशी, शम्बुक
(C) उर्वशी, शम्बुक, भारत भारती, रस कलश,
(D) शम्बुक, रस कलश, भारत भारती, उर्वशी
उत्तर : (A) भारत भारती (1912 ई.), रस कलश (1031 ई.), उर्वशी (1961 ई.), शम्बुक (ई., जगदीश गुप्त)
19. रचनाकाल की दृष्टि से निम्नलिखित रचनाओं का सही अनुक्रम बताइए :
(A) अनामिका, पल्लव, भारत भारती, दीपशिखा
(B) दीपशिखा, अनामिका, पल्लव, भारत भारती
(C) पल्लव, अनामिका, दीपशिखा, भारत भारती
(D) भारत भारती, पल्लव, अनामिका, दीपशिखा
उत्तर : (D) भारत भारती, पल्लव, अनामिका, दीपशिखा
21. निम्नलिखित ग्रंथों को उनके काव्यरूपों के साथ सुमेलित कीजिए :
(A) पंचवटी (i) महाकाव्य
(B) प्रिय प्रवास (ii) काव्यनाटक
(C) एक कंठ विषपायी (iii) खंडकाव्य
(D) शिवाबावनी (iv) मुक्तक (v) चम्पू
कूट :
(a) (b) ¼c) ¼d)
(1) ¼ii½ ¼iii½ ¼iv½ ¼v½
(2) (iii) (i) (ii)(¼iv)
(3) ¼i½ ¼iv½ ¼v½ ¼iii½
(4) ¼v½ ¼i½ ¼ii½ ¼iii½
उत्तर : (2)
22. निम्नलिखित कविताओं को उनके प्रकाशन वर्ष के साथ सुमेलित कीजिए :
(A) विष्णुप्रिया (i) 1929
(B) श्वप्न (ii) 1902
(C) हिमकिरीटिनी (iii) 1915
(D) श्रान्त पथिक (iv) 1941 (v) 1957
कूट :
(a) (b) (c) (d)
¼1½ ¼ii½ ¼iii½ ¼iv½ ¼v½
¼2½ ¼iii½ ¼i½ ¼iv½ ¼ii½
¼3½ ¼i½ ¼iv½ ¼v½ ¼iii½
(4) (v) (i) (iv) (ii)
उत्तर : (4)
23. निम्नलिखित पंक्तियों को उनक कवियों के साथ सुमेलित कीजिए :
(A) वैश्यो, सुनो व्यापार सारा मिट चुका है देश का
सब धनविदेशी हर रहे हैं पार है क्या क्लेश का ? (i) जयशंकर प्रसाद
(B) तुम भूल घए पुरुषत्व मोह में, कुछ सत्ता है नारी की।
समरसता है संबंध बनी अधिकार और अधिकारी की। (ii) पन्त
(C) प्रथम रश्मि का आना रागिणी, तूने कैसे पहचाना ?
कहां-कहां हे बाल विहंगिनी ? पाया तूने यह गाना ? (iii) महादेवी वर्मा
(D) क्या अमरों का लोक मिलेगा तेरी करुणा का उपहार ?
रहने दो हे देव, अरे यह मेरा मिटने का अधिकार । (iv) निराला (v) मैथिलीशरण गुप्त
कूट :
¼a½ ¼b½ ¼c½ ¼d½
¼1½ ¼ii½ ¼iii½ ¼iv½ ¼v½
¼2½ ¼iii½ ¼i½ ¼iv½ ¼ii½
¼3½ ¼i½ ¼iv½ ¼v½ ¼iii½
(4) (v) (i) (ii) (iii)
उत्तर : (4)
24. निम्नलिखित पंक्तियों को उनक कवियों के साथ सुमेलित कीजिए :
(A) दोनों ओर प्रेम पलता है (i) प्रसाद
(B) धिक जीवन जो पाता ही आया विरोध (ii) तुलसीदास
(C) परहित सरस धर्म नहीं भाई (iii) निराला
(D) बीन भी हूं मैं तुम्हारी रागिनी भी हूं (iv) मैथिलीशरण गुप्त (v) महादेवी वर्मा
कूट :
¼a½ ¼b½ ¼c½ ¼d½
¼1½ ¼ii½ ¼iii½ ¼iv½ ¼v½
¼2½ ¼iii½ ¼i½ ¼iv½ ¼ii½
(3) (iv) (iii) (ii) (v)
¼4½ ¼v½ ¼i½ ¼ii½ ¼iii½
उत्तर : (3)
25. निम्नलिखित पंक्तियों को उनक कवियों के साथ सुमेलित कीजिए :
(A) चिर सजग आंखें उनीन्दी आज कैसा व्यस्त बाना (i) महावीर प्रसाद द्विवेदी
(B) रूपोद्यान प्रफुल्ल प्राय कलिका राकेन्दु बिम्बाना (ii) मैथिलीशरण गुप्त
(C) वेदने, तू भी भली बनी (iii) महादेवी वर्मा
(D) सुरम्य रम्ये, रस राशि रंजिते (iv) हरिऔध (v) सुभद्राकुमारी चौहान
कूट :
¼a½ ¼b½ ¼c½ ¼d½
1 (iiI) (iV) (iI) (I)
¼2½ ¼iii½ ¼i½ ¼iv½ ¼ii½
¼3½ ¼iv½ ¼iii½ ¼ii½ ¼v½
¼4½ ¼v½ ¼i½ ¼ii½ ¼iii½
उत्तर : (1)
26. निम्नलिखित पंक्तियों को उनक कवियों के साथ सुमेलित कीजिए :
(A) रवि हुआ अस्त ज्योति के त्र पर लिखा अमर (i) पन्त
(B) शैया सैकत पर दुग्धधवल तन्वंगी गंगा ग्रीष्म विकल (ii) मैथिलीशरण गुप्त
(C) सखि, वे मुझसे कहकर जाते (iii) निराला
(D) शशि मुख पर घूंघट डाले ( iv) नागार्जुन (v) जयशंकर प्रसाद
कूट :
¼a½ ¼b½ ¼c½ ¼d½
¼1½ ¼ii½ ¼iii½ ¼iv½ ¼v½
¼2½ ¼iii½ ¼i½ ¼iv½ ¼ii½
¼3½ ¼iv½ ¼iii½ ¼ii½ ¼v½
(4) (iii) (i) (ii) (v)
उत्तर : (4)
27. निम्नलिखित पंक्तियों को उनक कवियों के साथ सुमेलित कीजिए :
(A) पराधीन रहकर अपना सुख शोक न कह सकता है।
वह अपमान जगत में केवल पशु ही सह सकता है। (i) मैथिलीशरण गुप्त
(B) धरती हिल कर नींद भगा दे । वज्रनाद से व्योम जगा दे ।
देव और कुछ लाग लगा दे। (ii) जगन्नाथदास रत्नाकर
(C) दिवस का अवसान समीप था, गगन था कुछ लोहित हो चला । (iii) नाथूराम शर्मा शंकर
(D) भेजे मनभावन के उधव के आवन की,
सुधि ब्रज-गांवनि मैं पावन जबै लगी । (iv) रामनरेश त्रिपाठी (v) अयोध्यासिंह उपाध्याय हरिऔध
कूट :
(a) (b) (c) (d)
(1) (ii) (iii) (iv) (v)
¼2½ (iii) (i) (iv) (ii)
¼3½ (i) (iv) (v) (iii)
¼4½ (v½ (i) (ii) (iii)
उत्तर : (1)
28. निम्नलिखित काव्य-पंक्तियों को उनक कवियों के साथ सुमेलित कीजिए :
(A) ये उपमान मैले हो घए हैं (i) अज्ञेय
(B) हम राज्य के लिए मरते हैं (ii) बिहारी
(C) बतरस लालच लाल की (iii) मैथिलीशरण गुप्त
(D) निज भाषा उन्नति अहै
सब उन्नति को मूल (iv) तुलसीदास (v) पन्त
कूट :
(a) (b (c) (d)
¼1½ (ii) (iii) (iv) (v)
(2) (i) (iII) (iI) (iV)
¼3½ (i) (iv) (v) (iv)
¼4½ (v) (i) (ii) (iii)
उत्तर : (2)
खड़ीबोली में पहली कविता : हेमन्त (1905 ई.)
पहला काव्य-ग्रंथ : रंग में भंग (1909 ई.)।
अन्तिम रचना : विजयपर्व (1963 ई., भारत पर चीन के आक्रमण पर उदबोधन गीत)।
काव्य-ग्रंथ प्रबन्धकाव्य
1. मौलिक खण्ड-काव्य : रंग में भंग (1909ई., ऐतिहासिक काव्य, बूँदी एवं के राजपूतेम के शौर्य का वर्णन), जयद्रथवध (1910 ई., महाभारत की कथा, सात सर्गों में अभिमन्यु के शौर्य और जयद्रथ के वध का वर्णन), शकुन्तला (1914 ई., कालिदास के आभिज्ञानशकुन्तलम का पद्य रूपान्तरण, शकुन्तला-दुष्यन्त का आख्यान) पंचवटी (1915 ई., लक्ष्मण और सूर्पनखा का आख्यान), किसान (1916 ई., किसान तथा कुली प्रथा से संबंधित, आठ सर्गों में विभाजित आत्मचरितात्मक खण्ड-काव्य), सैरन्ध्री (1926 ई., पाण्डवों के अज्ञातवास के दौरान सैरन्ध्री अर्थात द्रौपदी और कोचक का प्रसंग, महाभारत का आख्यान), बकसंहार (1927 ई., कुन्ती के आदर्श चरित्र का चित्रण और भीम द्वारा बकासुर का वध-प्रसंग), वनवैभव (1927 ई., अर्जुन की विजय और दुर्योधन की पराजय की कथा, महाभारत का आख्यान), शक्ति (1927 ई., दुर्गाशप्तशती में वर्णित दुर्गा के शौर्य का वर्णन, पौराणिक कथा), यशोधरा (1932 ई., गौतम बुद्ध और यशोधरा से संबंधित चम्पूकाव्य), द्वापर (1936 ई., कृष्ण-कथा पर आश्रित एकालाप), सिद्धराज (1936 ई., सिद्धराज (1936 ई., राजा जयसिंह के चरित्र पर आधारित खण्ड-काव्य), नहुष (1940 ई., महाभारत का आख्यान, नहुष का चरित्र-चित्रण), कुणाल गीत (1941 ई., कुणाल की करुण कथा गीत शैली में), क़र्बला ( 1942 ई., इमाम हुसैन के बलिदान का कथा), अजित (1946 ई., एक राजनीतिक बन्दी का आत्मकथात्मक आख्यान),हिडिम्बा (1950 ई., राक्षसी हिडिम्बा और भीम की कथा,महाभारत का आख्यान), विष्णुप्रिया (1957 ई., महाप्रभु चैतन्य की धर्म-पत्नी विष्णप्रिया की पुण्य गाथा), रत्नावली (1960 ई., सन्त तुलसीदास की धर्म-पत्नी रत्नावली की कथा), उर्मिला (अप्रकाशित, लक्ष्मण की पत्नी उर्मिला की कथा, रचनाकाल 1908-9 ई.)
2. महाकाव्य या वृहत् प्रबन्धकाव्य
साकेत (1931 ई., राम की अयोध्या के साथ राम, सीता, लक्षमण और उर्मिला का चरित्र-चित्रण 12 सर्गों में), जयभारत (1952 ई., महाभारत का आख्यान, कथा युधिष्ठिर के इर्द-गिर्द घूमती है, डॉ. कमलकान्त ने इसे वृहत काव्य कहा है )
3. मुक्तक काव्य
पद्य-प्रबन्ध (1912 ई., स्फुट कविताओं का संग्रह), मंगल घट (1937 ई., दार्शनिक-सांस्कृतिक पृष्ठभूमि पर कविताएँ), आस्वाद (1938 ई., प्रकीर्ण कविताएँ और गीत-संग्रह), स्वस्ति और संकेत (1979 ई., गीत-संग्रह), राष्ट्रवाणी (1986 ई., राष्ट्रगीत)।
4. मुक्तक काव्य
वैतालिक (1916 ई., राष्ट्रीय एवं पुनर्जागरण गीत), स्वदेश-संगीत (1925 ई., राष्ट्र गीतों का संकलन), झंकार (1927 ई., आध्यात्मिक एवं रहस्यानुभूति की कविताएँ), विश्ववेदना (1942 ई., युद्ध की विभीषिक-संबंधी कविताएँ), अंजलि और अर्घ्य (1942 ई., महात्मा गांधी के निधन पर रचित शोक-गीत), भूमि-भाग (1953 ई,.विनोबा भावे के भूदान-य़ज्ञ संबंधी गीत), उच्छवास (1960 ई., पुत्र की मृत्यु पर शोक-गीत)।
गीति- नाटय, पद्य-नाट्य (काव्य-नाट्य, रूपक)
अनघ (1925 ई., बौद्ध संस्कृति पर नाट्य-रूपक), दिवोदास (1950 ई., काशीराज दिवोदास के वैदिक आख्यान पर आधारित एकांकी नाटक), पृथ्वीपुत्र (1950 ई., मातृभूमि के मिथख पर आधारित एकांकी संवाद रूपक), जयिनी (1950 ई., मार्क्स एवं जेनी यानी जयिनी के जीवनादर्शों पर आधारित संवादात्मक काव्य)।
5. कथाश्रित निबंधकाव्य
पत्रावली (1916 ई., सात पद्यात्मक पत्र), विकट भट (1928 ई., राजपूती शौर्य-गाथा), गुरुकुल (1928 ई., सिक्ख गुरुओं की कथात्मक निबंधमाला), अर्जन एवं विसर्जन (1942 ई., दमिश्क़ और उत्तरी अफ़रीक़ा पर किए गए आक्रमण पर आधारित काव्य), काबा (1942 ई., इस्लामी संस्कृति, हजरत मुहम्मद सल्ल. की जीवनी), प्रदक्षिणा (1950 ई., रामककथा), युद्ध (1950 ई., महाभारत युद्ध पर आधारित काव्य), कविताश्री (1955 ई., आदर्श भारतीय नारी-भावना का चित्रण), नल-दमयन्ती (1910-11 ई., अप्रकाशित पौराणिक आख्यानक काव्य।
निबंधकाव्य
भारत भारती (1912 ई., उद्बोधन काव्य), हिन्दू (1927 ई., जातीय एकता पर आधारित), राजा-प्रजा (1956 ई., राजतंत्र बनाम प्रजातंत्र पर आधारित विचार-प्रधान काव्य), विजयपर्व (1963 ई., भारत पर चीन के आक्रमण पर उदबोधन गीत)।
कथन
मैं पढ़ने के लिए नहीं जन्मा हूँ, मैंने इसीलिए जन्म लिया है कि लोग ही मुझे पढ़ें।౼ मैथिलीशरण गुप्त
Hindi sahitya par Uttam samagree hai.😂😃😅😆
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जवाब देंहटाएंमैं अमृत की जय : माखनलाल चतुर्वेदी
मैं अमृत की जय, मरण का भय नहीं हूं,
नियति हूं, निर्माण हूं, बलिदान हूं मैं, ज़िन्दगी हूं, साधना हूं, ज्ञान हूं मैं....
ये पंक्तियां माखनलाल चतुर्वेदी की कविता प्रश्न हंसकर कह उठा से उद्धृत हैं।
Hindi Sahitya Vimarsh
hindisahityavimarsh.blogspot,in
iliyashussain1966@gmail.com
Mobilr : 9717324769
अवैतनिक सम्पादक : मुहम्मद इलियास हुसैन
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नियति हूं, निर्माण हूं, बलिदान हूं मैं, ज़िन्दगी हूं, साधना हूं, ज्ञान हूं मैं....
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