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सम्पादक : मुहम्मद इलियास हुसैन
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196. ज्ञान दूर कुछ क्रिया भिन्न है
इच्छा क्यों
हो पूरी मन की
एक दूसरे
से न मिल सके
यह विडम्बना
है जीवन की।
इन काव्य-पंक्तियों
के रचनाकार हैं :
(1) जयशंकर प्रसाद (2)
सुमित्रानन्दन पंत
(3) रामनरेश त्रिपाठी (4) अज्ञेय
197. पानी परात को हाथ छुयो नहिं
नैनन के जल सों परात धोए।
౼ये किस कवि की पंक्तियां हैं \
(1) सूरदास (2) रहीम (3) गंग कवि (4) नरोत्तमदास
198. बह्मणेहि म जाणंत हि भेऊ। एवइ पढ़िअउ ए च्चउ बेऊ।।
मट्टी पाणीं कुस लइ पढ़ित। घरहि बइसी अग्गि हुणंत।।
उपर्युक्त काव्य-पंक्तियां किस कवि की हैं \
(1) गोरखनाथ (2)
सरहपा (3) रैदास (4) कबीरदास
199. पाय महावर दैन को नाइन
बैठी आय।
फिरि फिरि जानि महावरी एड़ी मीड़ती जाय।।
इन काव्य-पंक्तियों में कौन-सा अलंकार है \
(1) सन्देह (2)
भ्रान्तिमान (3) समासोक्ति (4) विशेषोक्ति
200. हम दीवानों की क्या हस्ती, हैं आज यहां कल वहां चले।
ये काव्य-पंक्तियां किस कवि की हैं \
(1) बालकृष्ण शर्मा नवीन
(2) माखनलाल चतुर्वेदी
(3) भगवतीचरण वर्मा (4) सुभद्रावती कुमारी चौहान
201. बात बोलेगी हम नहीं, भेद खोलेगी बात ही।
काव्य-पंक्तियों के रचनाकार हैं :
(1) शमशेर बहादुर सिंह (2) नागार्जुन
(3) त्रिलोचन शास्त्री (4)
शिवमंगल सिंह सुमन
202. जनम अवधि हम रूप निहारल नयन न तिरपति भेल।
इन काव्य-पंक्तियों के रचयिता हैं :
(1)
विद्यापति (2) हितहरिवंश
(3)
मीराबाई (4) रसखान
203. रूप की आराधना का मार्ग
आलिंगन नहीं तो और क्या है।
इन काव्य-पंक्तियों के रचनाकार हैं :
(1) भवानी प्रसाद मिश्र (2) नरेन्द्र शर्मा
(3) रामधारी सिंह दिनकर (4) केदारनाथ अग्रवाल
204. लोकवृत्तानुकरणं नाट्यमेतन्मया कृतम्। ౼यह उक्ति किस आचार्य की है \
(1)
भरत (2) अभिनव
गुप्त
(3)
रामचन्द्र गुणचन्द्र (4) धनंजय
205. ''सौन्दर्य की वस्तुगत सत्ता होती है, इसलिए यह शुद्ध सौन्दर्य नाम की कोई चीज़ नहीं होती।'' ౼यह कथन किसका है \
(1) हज़ारी प्रसाद द्विवेदी (2) रामचन्द्र शुक्ल
(3) रामविलास शर्मा (4) नन्ददुलारे
वाजपेयी
206. औचित्यं रससिद्धस्य स्थिरं कावस्य जीवितम्। ౼यह उक्ति किस आचार्य की है \
(1)
आनन्दवर्द्धन (2) मम्मट
(3)
क्षेमेन्द्र (4) विश्वनाथ
207. कविता सर्वोत्तम शब्दों का सर्वोत्तम विधान है । ౼किस पाश्चात्य आलाचक का मत है \
(1) एडीसन (2) वर्ड्सवर्थ (3) कॉलरिज (4) मैथ्यू ऑर्नल्ड
208. कविता हमारे परिपूर्ण क्षणों की वाणी है। ౼यह कथन किसका है \
(1) प्रसाद (2)
पंत (3) निराला (4) महादेवी वर्मा
209. बसो मेरे नैनन में नन्दलाल ౼किसकी पंक्ति है \
(।) सूरदास (2) नन्ददास (3) मीराबाई (4)
कृष्णदास
210. तुम विद्युत बन जाओ पाहुन, मेरे नयनों में पग धर कर ౼पंक्ति है :
(।) महादेवी वर्मा की (2) मीरा की
(3) श्रीनरेश मेहता की (4)
लीलाधर जगूरी की
211. अधिकार-सुख कितना मादक, किन्तु सारहीन है ౼पंक्ति प्रसाद के किस
नाटक से है :
(।) ध्रुवस्वामिनी
(2) अजातशत्रु (3) चन्द्रगुप्त (4)
स्कन्दगुप्त
212. आगम वेअ पुराणे पंडित मान बहंति।
पक्क सिरिफल अलि अ जिम वाहेरित भ्रमयंति
ये पंक्तियां किसकी हैं \
(1) सरहपा (2) कण्हपा
(3) डोम्भिपा (4) कुक्कुरिपा
213. निम्नलिखित
में से महावीर प्रसाद द्विवेदी का कथन कौन-सा है \
(1) भाषा संसार का नादमय चित्रा है। ౼पंत
(2) मनुष्यों की मुक्ति की तरह कविता की भी मुक्ति होती है। ౼निराला
(3) कवित्व को आत्मा की अनुभूति कहते हैं। ౼प्रसाद
(4) अर्थ सौरस्य ही कविता का प्राण है। ౼महावीर प्रसाद द्विवेदी
214. ''कविता करना अनन्त पुण्य का फल है। इस दुराशा और अनन्त उत्कण्ठा
से कवि जीवन व्यतीत करने की इच्छा हुई।'' ౼यह संवाद-पंक्ति जयशंकर प्रसाद के किस नाटक की है \
(1)
चन्द्रगुप्त (2) ध्रुवस्वामिनी
(3)
स्कन्दगुप्त (4)
राज्यश्री
215. ''हिन्दी रीति गंथों की परंपरा चिंतामणि त्रिपाठी से चली, अतः रीति काल का आरंभ उन्हीं से मानना चाहिए।'' ౼यह किस इतिहासकार का
कथन है \
(1) रामचन्द्र शुक्ल (2)
हज़ारी प्रसाद द्विवेदी
(3) विश्वनाथ प्रसाद मिश्र (4)
बच्चन सिंह
216. बलचंद विज्जावइ भासा
छुहु नहिं लग्गइ दुज्जन हासा।
ये पंक्तियां किसकी हैं \
(1) स्वयंभू (2) नरपति
नाल्ह (3) विद्यापति (4) मधुकर कवि
217. कुछ नाहीं का नांव धरी भरमा सब संसार।
सांच झूठ समझे नहीं, ना कुछ किया विचार।।
उपर्युक्त दोहा किस कवि का है \
(1) कबीरदास (2) रहीम (3) जायसी (4) दादूदयाल
218. कहा करौं बैकुंठ जाय \
जहं नहीं नन्द, जहां न जसोदा, नहिं जहं गोपी ग्वाल न गाय
उपर्युक्त पंक्तियां किसकी हैं \
(1) सूरदास (2) परमानन्ददास (3) हित हरिवंश (4) रसखान
219. गगन हुता नहिं महि हुती हुते चंद नहिं सूर।
ऐसे अंधकार महं रचा मुहम्मद नूर।।
उपर्युक्त दोहा जायसी की किस काव्य-कृति का है \
(1) पद्मावत (2) अखरावट
(3) आखिरी कलाम (4)
कन्हावत
220. कमलदल नैननि की उपमानि
बिसरत नाहिं, सखी! मो मन तें मंद मंद मुसकानि
उपर्युक्त काव्य पंक्तियों के रचनाकार हैं :
(1) नंददास (2) मीराबाई (3) रहीम (4) रसखान
221. हीन भए जल मीन अधीन कहा कति मो अकुलानि समानै।
नीर सनेही को लाय कलंक निरास ह्वै कायर त्यागत प्रानै।।
‘नीर सनेही’ में कौन-सा अलंकार है \
(1) अभंग श्लेष (2) सभंग श्लेष (3) श्लेष वक्रोक्ति (4) श्लेष और वक्रोक्ति
222. रामचन्द्र शुक्ल ने बिहारी की भाषा के बारे में क्या लिखा है
\
(1) बिहारी की भाषा चलती है ।
(2) बिहारी की भाषा साहित्यिक है ।
(3) बिहारी
की भाषा चलती होने पर भी साहित्यिक है।
(4) बिहारी की भाषा में शब्द वैचित्रय बहुत कम है।
223. जहां कलह तहां सुख नहीं, कलह सुखन को सूल।
सबै कलह इक राज में, राज कलह को मूल।।
इस दोहे के द्वारा किस कवि ने अतीतकालीन चित्तवृत्ति का वर्णन
किया है\
(1) चाचा हित वृन्दावनदास (2)
भगवत रसिक
(3) अलबेली अली (4)
नागरीदास
224. ''भारतेन्दु का प्रभाव भाषा और साहित्य दोनों पर बहुत गहरा पड़ा।
उन्होंने जिस प्रकार गद्य की भाषा को परिमार्जित करके उसे बहुत ही चलता, मधुर और स्वच्छ रूप दिया, उसी प्रकार हिंदी साहित्य को भी नए मार्ग पर लाकर खड़ा कर दिया।'' ౼यह कथन
किसका है \
(1) रामचन्द्र शुक्ल (2) हज़ारी
प्रसाद द्विवेदी
(3) नन्ददुलारे वाजपेयी (4)
शिवदान सिंह चौहान
25. ''सुधि मेरे आगम की जग में
सुख की सिहरन हो अंत खिली।''
उपर्युक्त पंक्तियां किस कवि की हैं \
(1) मैथिलीशरण गुप्त (2)
महादेवी वर्मा
(3) जयशंकर प्रसाद (4)
सुभद्राकुमारी चौहान
226. ''यद्यपि 1942 के आन्दोलन के समय न तो फ़ौजियों का कोई उत्पात हुआ
था और न आन्दोलन की लहर ही गांव में पहुँच पाई थी, किन्तु जिले भर की घटनाओं की ख़बर अफवाहों के रूप में यहां ज़रूर
पहुंची थी।''
उपर्युक्त पंक्तियां किस उपन्यास से है \
(1) मैला आंचल (2) कालकथा (3) पीढ़ियाँ (4) इन्हीं हथियारों से।
227. ''सौन्दर्य की वस्तुगत सत्ता होती है, इसलिए यह शुद्ध सौन्दर्य नाम की कोई चीज़ नहीं होती।'' ౼यह कथन किसका है \
(1) हज़ारी प्रसाद द्विवेदी (2) रामचन्द्र शुक्ल
(3) रामविलास शर्मा (4) नन्ददुलारे
वाजपेयी
228. आगम वेअ पुराणे पंडित मान बहंति।
पक्क सिरिफल अलि अ जिम वाहेरित भ्रमयंति
ये पंक्तियां किसकी हैं \
(1) सरहपा (2)
कण्हपा
(3) डोम्भिपा (4)
कुक्कुरिपा
उत्तर :
196. (1) जयशंकर प्रसाद
197. (4) नरोत्तमदास
198. (2) सरहपा
199. (2) भ्रान्तिमान
200. (3) भगवतीचरण वर्मा
201. (1) शमशेर बहादुर
सिंह
202. (1) विद्यापति
203. (3) रामधारी सिंह
दिनकर
204. (1) भरत
205. (3) रामविलास शर्मा
206. (3) क्षेमेन्द्र
207. (3) कॉलरिज
208. (2) पंत
209. (3) मीराबाई
210. (।) महादेवी वर्मा
की
211. (4) स्कन्दगुप्त
212. (2) कण्हपा
213. (4) महावीर प्रसाद द्विवेदी
214. (3) स्कन्दगुप्त
215. (1) रामचन्द्र शुक्ल
216. (3) विद्यापति
217. (4) दादूदयाल
218. (2) परमानन्ददास
219. (2) अखरावट
220. (3) रहीम
221. (2) सभंग श्लेष
222. (3) बिहारी की
भाषा चलती होने पर भी साहित्यिक है।
223. (4) नागरीदास
224. (1) रामचन्द्र
शुक्ल
225. (2) महादेवी वर्मा
226. (1) मैला आंचल
227. (3) रामविलास शर्मा
228. (2) कण्हपा
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इतना उपयोगी ब्लॉग न कभी देखा, न सुना ।
जवाब देंहटाएंआभार है !
बहुत महान काम है ।
Thank you very much sir for giving valuable study material.
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