Mobilr : 9717324769सम्पादक : मुहम्मद इलियास हुसैन
229. 'रमणीयार्थ प्रतिपादकः
शब्दः काव्यम्’ किस आचार्य का कथन है \
(1) मम्मट (2) विश्वनाथ (3) पंडितराज जगन्नाथ (4) भामह
230. काव्यं तू जायते कस्यचित् प्रतिभावतः। ౼यह उक्ति किस आचार्य की है \
(1) भामह (2) दण्डी (3) उद्भट
(4) मम्मट
231. हिन्दू
मग पर पांव न राख्यौ।
का बहुतं
जो हिन्दी भाख्यौ।।
ये काव्य-पंक्तियां किस बोली में हैं \
(1)
ब्रज (2) भोजपुरी
(3) अवधी (4) बुन्देली
232. 'जन गण मन अधिनायक जय है,
प्रजा विचित्र तुम्हारी है
भूख भूख चिल्लाने वाली अशुभ
अमंलकारी है।' ౼इन पंक्तियों के कवि हैं :
(1) केदारनाथ अग्रवाल (2)
नागार्जुन
(3) केदारनाथ सिंह (4)
धूमिल
233. 'झांकियां निकलती हैं ढोंग अविश्वास की
बदबू आती है मरी हुई बात की
इस हवा में अब नहीं डोलूंगा,
नहीं, नहीं, मैं यह खिड़की नहीं खोलूंगा।’ ౼ये पंक्तियां किसकी है \
(1) प्रभाकर माचवे (2)
भारतभूषण अग्रवाल
(3) नरेश मेहता (4)
सर्वेश्वर दयाल सक्सेना
234. कौन-सा युग्म संगत है \
(1) कौन तुम मेरे हृदय
में \ ౼महादेवी वर्मा
(2) न जाने नक्षत्रों में कौन \ ౼प्रसाद
(3) जो घनीभूत पीड़ा थी। ౼पंत
(4) सखि, वे मुझसे कहकर जाते। ౼निराला
235. 'काव्यशोभाकरानधर्मानलंकारान्प्रचक्षते' किसकी उक्ति है \
(1) दण्डी (2) भामह (3) रुद्रट
(4) भरतमुनि
236. 'संतौ भाई आई ज्ञान की आंधी रे' ౼पंक्ति में कौन-सा अलंकार है \
(1) उपमा (2) रूपक (3) रूपकातिशयाक्ति (4) अन्योक्ति
237. 'काशी में प्रकट भए, रामानन्द चेताए' ౼किसकी उक्ति है\
(1) कबीर (2) तुलसी
(3) सूर
(4) रैदास
238. किंशुक कुसुम जानकर झपटा
भौंरा की शुक की लाल चोंच पर!
तोते ने निज ठोर चलाई जामुन का फल उसे सोचकर। ౼इस उक्ति में कौन-सा अलंकार है \
(1) सन्देह (2) स्वभावोक्ति (3) अन्योक्ति
(4) भ्रातिमान
239. ౼विश्वजन की अर्चना में
नहीं बाधक था इस व्यष्टि का अभिमान। किसकी
पंक्ति है \
(1) भारत भूषण अग्रवाल (2)
अज्ञेय
(3) नेमिचन्द्र जैन (4) त्रिलोचन
240. 'जीवन विवेक ही साहित्य विवेक है।' ౼किसका कथन है \
(1) रामविलास शर्मा
(2) हज़ारी प्रसाद द्विवेदी
(3) मुक्तिबोध (4) अज्ञेय
241. पंडिअ
सअल सत्त बक्खाणइ। देहहि बृद्ध बसंत न जाणइ।’
इस काव्य-पंक्ति
के रचनाकार हैं \
(1)
सरहपा (2)
कण्हपा
(3)
शबरीपा (4)
नागार्जुन
242. 'आध्यात्मिक
रंग के चश्मे आजकल बहुत सस्ते हो गए हैं।'
आचार्य रामचन्द्र शुक्ल का यह कथन किस कवि के संबंध में है \
(1) बिहारी (2)
विद्यापति (3) मतिराम (4) भिखारीदास
243. सूर
समाना चंद में दहूं किया घर एक। यह काव्य-पंक्ति किसकी है \
(1) सूरदास (2)
कबीरदास (3) चंदरबरदाई (4) जायसी
244. प्रकृति
के नाना रूपों के साथ केशव के हृदय का सामंजस्य कुछ भी न था। ౼यह कथन किसका है \
(1) विश्वनाथ प्रसाद मिश्र
(2) लाला भगवान दीन
(3) रामचन्द्र शुक्ल (4)
महावीर प्रसाद द्विवेदी
245. हमन
है इश्क मस्ताना हमन को होशियारी क्या \
रहै आजाद या जग में, हमन दुनियां से यारी क्या \
इन काव्य-पंक्तियों के रचयिता हैं :
(1) अमीर खुसरो (2) नज़ीर अकबराबादी
(3)
उसमान (4)
कबीरदास
246. एक तनी
हुई रस्सी है जिसपर मैं नाचता हूं।
पंक्ति के रचनाकार हैं :
(1) अज्ञेय (2द्ध
सर्वेश्वर दयाल सक्सेना
(3)
त्रिलोचन (4) केदारनाथ अग्रवाल
247. शब्द
जादू हैं।
मगर क्या यह समर्पण कुछ नहीं है।
ये पंक्तियां किस रचनाकार की हैं \
(1) मुक्तिबोध (2) अज्ञेय
(3)
शमशेर बहादुर सिंह (4) रघुरवीर सहाय
248. बीती
विभावरी जाग री। अम्बर पनघट में डुबो रही तारा घट उषा नागरी।
उपर्युक्त पंक्तियां जयशंकर प्रसाद के किस काव्य-संग्रह में संकलित हैं \
(1) प्रेमपथिक (2) झरना
(3)
काननकुसुम (4) लहर
249. 'सजन
सकारे आएंगे, नैन मरेंगे रोय' ౼उक्ति है :
(1) अमीर खसरो (2) कबीर
(3)
दादूदयाल (4) रहीम
250. निम्नलिखित
में से कौन-सी उक्ति निबन्धकार रामचन्द्र शुक्ल की नहीं है \
(1) जीवन विवेक ही साहित्य
विवेक है।
(2) काव्य एक अखंड तत्त्च या शक्ति है, जिसकी गति अमर है।
(3) श्रद्धा और प्रेम के योग का नाम भक्ति है।
(4) धर्म की रसात्मक अनुभूति का नाम भक्ति है।
इनमें सारी उक्तियां रामचन्द्र शुक्ल की हैं।
251. काव्य
सर्जन एक प्रकार के ईश्वरीय उन्माद का परिणाम है।
౼यह कथन किसका है \
(1) कॉलरिज (2) प्लेटो
(3)
अरस्तू (4)
क्रोचे
252. संदेसडउ
सवित्थरउ हउँ कहणउँ असमत्थ।
भण पिय इक्कति बलिमडइ
बेवि समाणा हत्थ।
उपर्युक्त दोहा किसका
है \
(1)
नरपति नाल्ह (2) हेमचंद्र
(3)
अब्दुर्रहमान (4) शारंगधर
253. जो नर
दुख में दुख नहिं मानै।
सुख सनेह अरु भय नहिं
जाके कंचन माटी जानै। ౼इन काव्य-पंक्तियों के
रचनाकार हैं :
(1)
सूरदास (2) गुरुनानक
(3)
कबीरदास (4) रैदास
254. तुम
नीके दुहि जानत गैया।
चलिए कुंवर रसिक मनमोहन
लागौं तिहारे पैयाँ। ౼इन काव्य-पंक्तियों के
रचनाकार हैं :
(1)
सूरदास (2) कुम्भनदास
(3)
नंददास (4) परमानंददास
255. डेल सो बनाय आय मेलत
सभा के बीच
लोगन कबित्त कीबो
खेल करि जानो है। ౼ये काव्य-पंक्तियाँ किसकी
हैं\
(1)
आलम (2)
बोधा
(3)
ठाकुर (4) द्विजदेव
256. निम्नलिखित
पंक्तियाँ किस कवि की हैं \
'क्या कहा मैं अपना खंडन करता हूँ \
ठीक
है तो मैं अपना खंडन करता हूँ,
मैं
विराट् हूं, मैं समूहों को समोये हूँ।'
(1) जयशंकर प्रसाद (2) सुमित्रानंदन पंत
(3) सूर्यकांत त्रिपाठी
निराला (4) रामधारी सिंह दिनकर
257. आज मैं अकेला हूँ, अकेले में रहा नहीं जाता
जीवन मिला है यह, रतन मिला है यह।
उपर्युक्त
काव्य-पंक्तियाँ किस कवि की हैं \
(1) त्रिलोचन (2) केदारनाथ
(3) नागार्जुन (4)
रघुवीर सहाय
258. हृदय प्रसार का स्मारक स्तंभ काव्य है। ౼ ౼यह कथन किसका है \
1) विश्वनाथ प्रसाद मिश्र (2) गुलाब राय
(3) रामचन्द्र शुक्ल (4) महावीर प्रसाद द्विवेदी
259. 'हिन्दू हृदय और मुसलमान हृदय आमने-सामने करके अजनबीपन मिटानेवालों
में इन्हीं का नाम लेना पड़ेगा।' ౼रामचन्द शुक्ल का उक्त कथन किस कवि के संबंध में है \
(1) कबीरदास (2) जायसी (3) रहीम (4) रसखान
उत्तर :
229. (3) पंडितराज जगन्नाथ
230. (1) भामह
231. (3)
अवधी
232. (2) नागार्जुन
233. (4) सर्वेश्वर दयाल सक्सेना
234. (1) कौन तुम मेरे हृदय में \ ౼महादेवी वर्मा
235. (1) दण्डी
236. (2) रूपक
237. (1) कबीर
238. (4) भ्रातिमान
239. (2) अज्ञेय
240. (3) मुक्तिबोध
241. (2) कण्हपा
242. (2) विद्यापति
243. (2) कबीरदास
244. (3) रामचन्द्र शुक्ल
246. (1) अज्ञेय
245. (4) कबीरदास
247. (2) अज्ञेय
248. (4) लहर
249. (1) अमीर खसरो
250. (1) जीवन विवेक ही साहित्य
विवेक है। (मुक्तिबोध)
251. (2) प्लेटो
252. (3) अब्दुर्रहमान
253. (2) गुरुनानक
254. (2) कुम्भनदास
255. (3) ठाकुर
256 . (3) सूर्यकांत त्रिपाठी निराला
257. (1) त्रिलोचन
258. (3) रामचन्द्र शुक्ल
259. (2) जायसी
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