नेत्र-रोग के कारण मैं
लगभग दो माह ब्लॉग-लेखन से विरत रहा। नेत्र-चिकित्सा के पश्चात् नई रौशनी और नए
सेवा-भाव से एक बार फिर इसमें रत होता हूँ।
इस ब्लॉग को 362,060 (तीन लाख बासठ हज़ार साठ) लोगों का स्नेह प्राप्त हुआ है। पाठक लेखक के आँख-कान होते हैं। उनकी सुलझी हुई समीक्षात्मक टिप्पणियों की रौशनी में लेखन को परिष्कृत और विकसित करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है। हम सभी विजिटर्स⁄पाठकों के हृदय से बहुत ही आभारी हैं, जिन्होंने इस ब्लॉग को देखा है और इसको सँवारने हेतु अपनी विद्वतापूर्ण टिप्णिपयाँ भेजीं। डॉ. गुलाब मिश्र (इलाहाबाद) और प्रियंका अग्रवाल (बल्लभगढ़) का विशेष रूप से आभार व्यक्त करते हैं, जिनका सतत् उत्साहवर्द्धन और मार्गदर्शन मिलता रहा है।
इस ब्लॉग को 362,060 (तीन लाख बासठ हज़ार साठ) लोगों का स्नेह प्राप्त हुआ है। पाठक लेखक के आँख-कान होते हैं। उनकी सुलझी हुई समीक्षात्मक टिप्पणियों की रौशनी में लेखन को परिष्कृत और विकसित करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है। हम सभी विजिटर्स⁄पाठकों के हृदय से बहुत ही आभारी हैं, जिन्होंने इस ब्लॉग को देखा है और इसको सँवारने हेतु अपनी विद्वतापूर्ण टिप्णिपयाँ भेजीं। डॉ. गुलाब मिश्र (इलाहाबाद) और प्रियंका अग्रवाल (बल्लभगढ़) का विशेष रूप से आभार व्यक्त करते हैं, जिनका सतत् उत्साहवर्द्धन और मार्गदर्शन मिलता रहा है।
—मुहम्मद इलियास हुसैन
24/05/2019 12 : 09 PM
आपका ब्लॉग हमारे लिए बेहद उपयोगी है,कृपया आप इसी तरह समस्त पाठकों का मार्गदर्शन करते रहें। धन्यवाद
जवाब देंहटाएंआपकी कोशिश बहुत ही सराहनीय है। कृपया आप इसी तरह पाठको का मार्गदर्शन करते रहें।
जवाब देंहटाएंप्रश्नोतरी में कुछेक प्रशनों के ऊत्तर गलत हैं। कृपया जांच कर लीजिए।