'ज्ञानदीप' के रचयिता शेख नबी (SHEKH NABI) : आचार्य रामचंद्र शुक्ल की दृष्टि में में
M : 9717324769
ये जौनपुर जिले में दोसपुर के पास मऊ नामक
स्थान के रहने वाले थे और संवत् 1676 में जहाँगीर के समय में वर्तमान थे। इन्होंने 'ज्ञानदीप' नामक एक आख्यान
काव्य लिखा, जिसमें राजा ज्ञानदीप और रानी देवजानी की
कथा है।
यहीं प्रेममार्गी सूफी कवियों की प्रचुरता की समाप्ति
समझनी चाहिए। पर जैसा कहा जा चुका है, काव्यक्षेत्र में जब कोई परंपरा
चल पड़ती है तब उसके प्रार्चुय काल के पीछे भी कुछ दिनों तक समय समय पर उस शैली की रचनाएँ
थोड़ी बहुत होती रहती हैं, पर उनके बीच कालांतर भी अधिक रहता है और जनता पर उनका
प्रभाव भी वैसा नहीं रह जाता। अत: शेख नबी से प्रेमगाथा परंपरा समाप्त समझना चाहिए। (आचार्य रामचंद्र शुक्ल, हिंदी साहित्य का इतिहास, रीतिकाल, प्रकरण 2—ग्रंथकार कवि)
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