रविवार, 19 दिसंबर 2021

प्रश्नोत्तरी-51 (हिंदी भाषा एवं साहित्य श्रुतिसमभिन्नार्थक शब्द)

प्रश्नोत्तरी-51 (हिंदी भाषा एवं साहित्य श्रुतिसमभिन्नार्थक शब्द)

#किन्ही पांच के _श्रुतिसमभिन्नार्थक शब्द_ लिखिए :

(क) अंत-अंत्य (ख) अभिराम-अविराम 

(ग) अनिल-अनल (घ) अन्य-अन्न 

(ड.) अतुल-अतल (च) तुरंग-तरंग 

(छ) तरनि-तरणी (ज) संदेह-सदेह

उत्तर : (क) अंत-समाप्ति

अंत्य-अंतिम का, अंतिम

(ख) अभिराम-सुंदर

अविराम-लगातार

(ग) अनिल-हवा

अनल-आग

(घ) अन्य-दूसरा

अन्न-अनाज

(ड.) अतुल-आनोखा, जिसकी तुलना न की जा सके

अतल-गहराई, बिना तल का

(च) तुरंग-घोड़ा

तरंग-लहर

(छ) तरणि-सूर्य

त़रणी-नौका

तरुणी-युवती, जवान स्त्री

(ज) संदेह-शक

सदेह-शरीर सहित

#किन्ही पांच के _श्रुतिसमभिन्नार्थक शब्द_ लिखिए :

(क) अनल-अनिल  

अनल-आग  अनिल-हवा

(ख) अपेक्षा-उपेक्षा 

अपेक्षा-इच्छा, उम्मीद  उपेक्षा-अनादर, अवहेलना

(ग) अवधि-अवधी 

अवधि-समय, काल  अवधी-अवध की भाषा

(घ) आसन-आसन्न 

आसन-बैठने की वस्तु आसन्न-निकट

(च) चिर-चीर 

चिर-पुरानाचीर-कपड़ा

चिर-पुराना  चीर-वस्त्र

(छ) इत्र-इतर  

इत्र-सुगंधइ इतर-दूसरा

(ज) केशर-कुंकुम केसर-सिंह की गर्दन के बाल

अन्य श्रुतिसम भिन्नार्थक शब्द

#अकल-बेचैन, #अंगहीन अकाल-दुर्भिक्ष

#अकुल-कुलहीन  #आकुल-बेचैन

#अंश-हिस्सा  #अंस-कंधा

#अगम-न जाने योग्य #दुर्गम-कठिन मार्ग

#अजर-जो बूढ़ा न हो  #अजिर-आंंगन

#अन्न-अनाज  #अन्य-दूसरा

#अपर-दूसरा #अपार-जिसका पार नहीं हो

#अब-इस समय  #अव-एक उपसर्ग

#अम्ब-आम, माता  #अंबु-जल

#अथक-बिना थके हुए  #अकथ-जो कहा न जाए

#अध्ययन-पढ़ना  #अध्यापन-पढ़ाना 

#अधम-नीच  #अधर्म-पाप 

#अभिहित-कहा हुआ  #अविहित-अनुचित 

#अमित-अत्यधिक  #अमीत-शत्रु 

#आगमी-ज्योतिषी  #आगामी-आनेवाला 

#आदि-आरंभ  #आदी-अभ्यस्त,अदरक 

#आधि-मानसिक 

#आरति-विरक्ति #आरती-देवता को धूप-दीप दिखाना

#आस्तिक-ईश्वर को माननेवाला, ईश्वरवादी #आस्तिक-एक ऋषि 

#उद्यत-तैयार #उद्धत-उद्दंड 

#कर्ण-कान #करण-करणकारक, उपादान

#उपल-पत्थर #उत्पल-कमल 

#उपाधि-पद, खिताब #उपाधी-उपद्रव

#किताब-पुस्तक  #ख़िताब-संबोधन, भाषण

#कर-हाथ  #कारा-जेल, बंदीगृह  #खर-गधा

#कपि-बंदर  #कपी-घिरनी

#कपिश-भूरा नं #औकपीश-बंदरों का राजा

#क़िला-गढ़  औ#कीला-खूंटा गड़ा हुआ

#कृत-किया हुआ #ंक्रीत-ख़रीदा हुआ

#कृति-कार्य  #कृती-यशस्वी

#कृत्ति-मृगचर्म  #कीर्ति-यश

#गज-हाथी  #गज़-दो हाथ की माप

#गण-समूह  #गण्य-प्रतिष्ठित

#ग्रंथ-बड़ी पुस्तक #ग्रंथि-गांठ

#चिता-आग जलाने की लकड़ियों का ढेर 

#चीता-बाघ की एक जाति

#चूत-आम  #च्यूत-गिरा हुआ

#चूर-चूर्णक्ष #चूड़-चोटी

#चोर-तस्कर #छोर-ओर, किनारा

#जगत्-संसार  #जगत-कुएं का चबूतरा 

#जलज-कमल  #जलद-बादल

#घन-बादल  #धन-वित्त, दौलत

#हल्-उत्तर, हलंत  #हल-खेत जोतने का यंत्र

#चर-चलनेवाला, जासूस  #चारु-सुंदर 

#वित्त-धन  #वृत्त-गोलाकार 

#छत्र-छाता  #क्षत्र-प्रभुत्व, क्षत्रिय

#छात्र-विद्यार्थी  #क्षात्र-क्षत्रिय संबंधी

#अलि-भौंरा  ध#आली-सखी

#आभास-झलक, संकेत  #नआवास-रहने का स्थान

#पवन-हवा  #पावन-पवित्र 

#कलि-कलियुग  #कली-अविकसित फूल 

#कुल-वंश, ख़ानदान  #कूल-किनारा, तट 

#कर्म-काम  #क्रम-सिलसिला 

#कृपण-कंजूस  #कृपाण-कटार 

#ग्रह-नक्षत्र  #गृह-घर 

#तरि-नाव  #तरी-गीलापन

#दार-स्त्री, परिवार  #द्वार-दरवाज़ा 

#दारु-काठ  #दारू-शराब

#दिन-दिवस  #दीन-ग़रीब, धर्म 

#दीया-दीपक  #दीवा-दिन

#दूत-संवादवाहक  #द्यूत-जुआ

#देव-देवता  #दैव-भाग्य 

#दौड़-दौड़ने की कला  #दौर-चक्कर

#धत्-दुत्कारने का शब्द  #धत-लत

#धुरा-अक्ष  #धूर-धूल

#नगर-शहर  #नागर-शहरी, चतुर व्यक्ति

#नमित्त-झुका हुआ  #निमित्त-हेतु

#नाई-तरह, समान   #नाई-हजाम 

#नित-प्रतिदिन  #नीत-लाया हुआ

#नशा-मद  #निशा-रात

#नियुत-लाख, दस लाख  #नियुक्त बहाल किया गया

#रत-तल्लीन

#रति-कामदेव की पत्नी 

#प्रबल-बलवान 

#प्रवर-उच्च कोटि 

#शिखर-चोटी 

#शेखर-सिर 

#नहर-सिंचाई का साधन, सिंचाई हेतु निकाली गई कृत्रिम नदी   #नाहर-सिंह 

#अज-ब्रह्मा, बकरा 

#आज-वर्तमान दिन 

#गुरु-शिक्षक, भारी 

#गुरू-उस्ताद, चालाक

#तप-तपस्या

#ताप-गर्मी

#द्रव-रस पिघला हुआ द्रव्य पदार्थ ठोस पैसा

#निहत-मारा हुआ 

#निहित-छिपा हुआ

#निहार-देखकर 

#नीहार-ओसकण

#नियत-निश्चित

#नियति-भाग्य

#नीयत-मंशा, इरादा

#नीड़-घोंसला, खोता 

#नीर-पानी 

#नेति-जिसका अंत न हो

#नेती-मथानी की रस्सी

#आकर-खान 

#आकार-रूप, सूरत 

#बार-दफ़े 

#वार-प्रहर, दिवस 

#द्वीप-टापू

#द्विप-हाथी 

#बात-कही गई बात, वचन 

#वात-हवा 

#प्रसाद-कृपा, अनुग्रह 

#प्रासाद,-राजमहल 

#उपकार-भलाई 

#अपकार-बुराई 

#कंगाल-भिखारी 

#कंकाल-उठरी, हड्डी का ढांचा 

#लक्ष-लाख 

#लक्ष्य-उद्देश्य 

#पट-कपड़ा

#पट्ट-तख़्ता

#पत्ति-पैदल सिपाही 

#पत्ती-छोटा पत्ता

#परमित-चरम सीमा 

#परिमिति-मान, मर्यादा, तौल

#पत्र-पत्ता, चिट्ठी 

#पात्र-योग्य, बर्तन 

#पथ-रास्ता 

#पथ्य-आहार (रोगी का) 

#पोत-जहाज 

#पौत्र-पोता

 #प्रण-प्रतिज्ञा 

#प्राण जान, जीवन 

#प्रवेश-दाख़िल

#परिवेश-आसपास का माहौल

#परिहार-परित्याग 

#प्रहार-वार, आघात

#परिधान-पोशाक 

#प्रधान-मुख्य

#परिषद्-सभा 

#पार्षद-परिषद् का सदस्य

#परिक्षा-कीचड़ 

#परीक्षा-इम्तहान

#परुष-कठोर

#पुरुष-मर्द

#बगुला-एक पक्षी 

#बगूला-बवंडर

#बलि-बलिदान 

#बली-वीर 

#बहन-बहिन 

#वहन-ढोना

#बंदी-चारण, भाट 

#वन्दी-क़ैदी

#भवन-महल, घर 

#भुवन-संसार 

#भारतीय-भारत का 

#भारती-सरस्वती 

#भिड़-बर्रे

#भीड़-जनसमूह

#भित्ति-दीवार 

#भीत-डरा हुआ

#मूल-जड़ 

#मूल्य-क़ीमत, दाम 

#चपल-चंचल 

#चपला-लक्ष्मी, बिजली

 #दायी- देनेवाला, संस्थापक 

#दाई-दाय 

#नारी-स्त्री 

#नाड़ी-धमनी, रग, नब्ज़ 

#निशान चिह्न

#निसान-झंडा

#निशाकर-चंद्रमा 

#निशाचर-राक्षस 

#पानी-जल  #पाणि-हाथ 

#प्रणाम-नमस्कार  

#प्रमाण-सबूत 

#रंक-ग़रीब  #रंग-वर्ण 

#रवि-सूर्य  #रब्बी-फ़सल की क़िस्म 

#लाश-शव  #लास्य-कोमल नृत्य 

#वतन-अपना देश, घर  #बदन-शरीर

#वसन-कपड़ा  #व्यसन-आदत 

#शर-तीर #सर-तालाब

#शूर-वीर  #सुर-देवता  #सूर-अंधा

#सुत-बेटा  #सूत-धागा 

#सुधि-याद, स्मरण  #सुधी-वद्वान, प्रवीण 

#सन्-साल, संवत्  #सन-पटुआ 

#समान-तरह, बराबर  #सामान-सामग्री 

#स्वर-आवाज़  #स्वर्ण-सोना 

#शुल्क-फ़ीस, चंदा  #शुक्ल-उजला, सफ़ेद 

#हरि-विष्णु  #हरी-हरे रंग की चीज़

#मद-मस्ती, घमंड 

#मद्य-शराब 

#मद्य-मधु 

#मणि-एक रत्न  #मणी-सांप 

#वर्ण-रंग  #व्रण-घाव

#शौर्य-वीरता  #सौर्य-सूर्य संबंधी 

#शती-सैकड़ा  #सती-पतिव्रता 

#शम-शांत  #सम-समान

#श्रम-मेहनत  #शर्म-लाज





कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें