हिन्दी भाषा और साहित्य तथा भारतीय एवं पाश्चात्य काव्यशास्त्र पर परीक्षोपयोगी सामग्री के साथ ही विभिन्न भाषाओं के साहित्य के विविध आयामों पर सार्थक विमर्श तथा कविता, कहानी और लेख इत्यादि की प्रस्तुति। हिन्दी साहित्य पर सम्पूर्ण अध्ययन-सामग्री।
गुरुवार, 31 मई 2018
शनिवार, 26 मई 2018
हरिवंशराय बच्चन की रचनाएँ
हरिवंशराय बच्चन
जन्म : 1907 ई. में इलाहाबाद (उ. प्र.) मे हुआ था।
निधन : 8 जनवरी 2003 ई. को मुम्बई में।
हरिवंश राय बच्चन की रचनाएँ
कविता-संग्रह
तेरा हार (1932)
मधुशाला (1935 ई.)
मधुबाला (1936 ई.)
मधुकलश (1937 ई.)
निशा निमन्त्रण (1938 ई.)
एकांत संगीत (1939 ई.)
आकुल अंतर (1943 ई.)
सतरंगिनी (1945 ई.)
हलाहल (1946 ई.)
बंगाल का अकाल (1946 ई.)
खादी के फूल (1948 ई.)
सूते की माला (1948 ई.)
मिलन यामिनी (1950 ई.)
प्रणय-पत्रिका (1955 ई.)
धार के इधर-उधर (1957 ई.)
आरती और अंगारे (1958 ई.)
बुद्ध और नाचघर (1958 ई.)
त्रिभंगिमा (1961 ई.)
चार खेमे चौंसठ खूंटे (1962 ई.)
दो चट्टानें (1965 ई.)
नागर गीता (1966 ई.)
बहुत दिन बीते (1967 ई.)
कटती प्रतिमाओं की आवाज़ (1968 ई.)
उभरते प्रतिमानों के रूप (1969 ई.)
जाल समेटा (1973 ई.)
विविध
बचपन के साथ क्षण भर (1934 ई.)
ख़य्याम की मधुशाला (1938 ई.)
सोपान (1953 ई.)
मैकबेथ (1957 ई.)
जनगीता (1958 ई.)
ओथेलो (1959 ई.)
उमर ख़य्याम की रुबाइयाँ (1959 ई.)
कवियों के सौम्य संत : पंत (1960 ई.)
आज के लोकप्रिय हिन्दी कवि : सुमित्रानंदन पंत (1960 ई.)
आधुनिक कवि : 7 (1961 ई.)
नेहरू : राजनैतिक जीवनचित्र (1961 ई.)
नये पुराने झरोखे (1962 ई.)
अभिनव सोपान (1964 ई.)
चौसठ रूसी कविताएँ (1964 ई.)
डब्लू बी यीट्स एंड औकल्टिज़्म (1968 ई.)
मरकट द्वीप का स्वर (1968 ई.)
नागर गीत (1966 ई.)
बचपन के लोकप्रिय गीत (1967 ई.)
हैमलेट (1969 ई.)
भाषा अपनी भाव पराये (1970 ई.)
पंत के सौ पत्र (1970 ई.)
प्रवास की डायरी (1971 ई.)
टूटी छूटी कड़ियां (1973 ई.)
मेरी कविताई की आधी सदी (1981 ई.)
सोहं हंस (1981 ई.)
आठवें दशक की प्रतिनिधि श्रेष्ठ कवितायें (1982 ई.)
मेरी श्रेष्ठ कविताएँ (1984 ई.)
आत्मकथा
क्या भूलूं क्या याद करूं (1969 ई.)
नीड़ का निर्माण फिर (1970 ई.)
बसेरे से दूर (1977 ई.)
दशद्वार से सोपान तक (1965 ई.)
रचनावली
बच्चन रचनावली के नौ खण्ड (1983 ई.)
दो चट्टानें (काव्य-संग्रह) को 1968 ई. में हिन्दी कविता का साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मनित किया गया था। इसी वर्ष उन्हें सोवियत लैंड नेहरू पुरस्कार तथा एफ्रो एशियाई सम्मेलन के कमल पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया। बिड़ला फाउन्डेशन ने उनकी के लिये उन्हें सरस्वती सम्मान दिया था।
जन्म : 1907 ई. में इलाहाबाद (उ. प्र.) मे हुआ था।
निधन : 8 जनवरी 2003 ई. को मुम्बई में।
हरिवंश राय बच्चन की रचनाएँ
कविता-संग्रह
तेरा हार (1932)
मधुशाला (1935 ई.)
मधुबाला (1936 ई.)
मधुकलश (1937 ई.)
निशा निमन्त्रण (1938 ई.)
एकांत संगीत (1939 ई.)
आकुल अंतर (1943 ई.)
सतरंगिनी (1945 ई.)
हलाहल (1946 ई.)
बंगाल का अकाल (1946 ई.)
खादी के फूल (1948 ई.)
सूते की माला (1948 ई.)
मिलन यामिनी (1950 ई.)
प्रणय-पत्रिका (1955 ई.)
धार के इधर-उधर (1957 ई.)
आरती और अंगारे (1958 ई.)
बुद्ध और नाचघर (1958 ई.)
त्रिभंगिमा (1961 ई.)
चार खेमे चौंसठ खूंटे (1962 ई.)
दो चट्टानें (1965 ई.)
नागर गीता (1966 ई.)
बहुत दिन बीते (1967 ई.)
कटती प्रतिमाओं की आवाज़ (1968 ई.)
उभरते प्रतिमानों के रूप (1969 ई.)
जाल समेटा (1973 ई.)
विविध
बचपन के साथ क्षण भर (1934 ई.)
ख़य्याम की मधुशाला (1938 ई.)
सोपान (1953 ई.)
मैकबेथ (1957 ई.)
जनगीता (1958 ई.)
ओथेलो (1959 ई.)
उमर ख़य्याम की रुबाइयाँ (1959 ई.)
कवियों के सौम्य संत : पंत (1960 ई.)
आज के लोकप्रिय हिन्दी कवि : सुमित्रानंदन पंत (1960 ई.)
आधुनिक कवि : 7 (1961 ई.)
नेहरू : राजनैतिक जीवनचित्र (1961 ई.)
नये पुराने झरोखे (1962 ई.)
अभिनव सोपान (1964 ई.)
चौसठ रूसी कविताएँ (1964 ई.)
डब्लू बी यीट्स एंड औकल्टिज़्म (1968 ई.)
मरकट द्वीप का स्वर (1968 ई.)
नागर गीत (1966 ई.)
बचपन के लोकप्रिय गीत (1967 ई.)
हैमलेट (1969 ई.)
भाषा अपनी भाव पराये (1970 ई.)
पंत के सौ पत्र (1970 ई.)
प्रवास की डायरी (1971 ई.)
टूटी छूटी कड़ियां (1973 ई.)
मेरी कविताई की आधी सदी (1981 ई.)
सोहं हंस (1981 ई.)
आठवें दशक की प्रतिनिधि श्रेष्ठ कवितायें (1982 ई.)
मेरी श्रेष्ठ कविताएँ (1984 ई.)
आत्मकथा
क्या भूलूं क्या याद करूं (1969 ई.)
नीड़ का निर्माण फिर (1970 ई.)
बसेरे से दूर (1977 ई.)
दशद्वार से सोपान तक (1965 ई.)
रचनावली
बच्चन रचनावली के नौ खण्ड (1983 ई.)
दो चट्टानें (काव्य-संग्रह) को 1968 ई. में हिन्दी कविता का साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मनित किया गया था। इसी वर्ष उन्हें सोवियत लैंड नेहरू पुरस्कार तथा एफ्रो एशियाई सम्मेलन के कमल पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया। बिड़ला फाउन्डेशन ने उनकी के लिये उन्हें सरस्वती सम्मान दिया था।
UGCNET/JRF में 'हिन्दी भाषा एवं साहित्य' विषय पर पूछे गए कथनों और गद्य-पद्य-पंक्तियों के प्रश्न-5
UGCNET/JRF में 'हिन्दी भाषा एवं साहित्य' विषय पर पूछे गए कथनों और गद्य-पद्य-पंक्तियों के प्रश्न-5
124. हिन्दी के बारे में यह कथन किसका है कि 'रस्मोरिवाज भाषा का दुनिया से उठ गया' ?
(1) लल्लूलाल (2) सदल मिश्र (3) इंशा अल्लाह खां (4) मुंशी सदासुख
124. (4) मुंशी सदासुख
125. 'छायावाद स्थूल के प्रति सूक्ष्म का विद्रोह है।' यह स्थापना किसकी है ?
(1) नन्ददुलारे वाजपेयी (2) नगेन्द्र (3) रामविलास शर्मा (4) नामवर सिंह
125. (2) नगेन्द्र
126. 'प्रेम का पयोधि तो उमड़ता है। सदा ही निस्सीम भू पर।' यह पंक्ति किस छायावादी कवि की है?
(1) प्रसाद (2) पंत (3) निराला (4) महादेवी वर्मा
126. (3) निराला
127. ‘साधारणीकरण आलम्बन धर्म का होता है’ यह मान्यता किसकी है ?
(1) आचार्य विश्वनाथ (2) आचार्य नगेन्द्र (3) आचार्य अभिनव गुप्त (4) आचार्य रामचन्द्र शुक्ल
(4) आचार्य रामचन्द्र शुक्ल
128. 'गोरख भगायो जोग, भगति भगायो लोग’-यह उक्ति किसकी है ?
(1) गोरखनाथ की (2) कबीरदास की (3) विट्ठलनाथ की (4) तुलसीदास की
128. (4) तुलसीदास की
129. 'कर्म जोग पुनि ज्ञान उपासन सबही भ्रम भरमायो। श्री वल्लभ गुरु तत्व सुनायो लीला भेद बतायो' यह काव्योक्ति किसकी है ?
(1) तुलसीदास (2) कबीरदास (3) कुम्भनदास (4) सूरदास
129. (4) सूरदास
130. 'शब्दार्थौ सहितौ काव्यम्' काव्यलक्षण के प्रणेता हैं :
(1) दण्डी (2) वामन (3) आनन्दवर्धन (4) भामह
(4) भामह
131. 'अभिधा उत्तम काव्य है, मध्य लक्षणा लीन।
अधम व्यंजना रस विरस, उलटी कहत नवीन'- इस उक्ति में अभिधा, लक्षणा आदि शब्द-शक्तियों का निरूपण किस रीति कवि ने किया ?
(1) मतिराम (2) कुलपति मिश्र (3) देव (4) सुखदेव मिश्र
(3) देव
132. 'अमिय हलाहल मद भरे, सेत स्याम रतनार।
जियत मरत झुकि-झुकि परत, जेहि चितवत इकबार।' यह दोहा किस पुस्तक मंे वर्णित है ?
(1) अंगदर्पण (2) रसपीयूषनिधि (3) बिहारी सतसई (4) रसविलास
132. (1) अंगदर्पण
133. 'अपनी कहानी का आरंभ ही उन्होंने इस ढंग से किया है जैसे लखनऊ के भांड़ घोड़ा कुदाते हुए महफ़िल में आते हैं'- आचार्य रामचन्द्र शुक्ल ने यह मत किसके संदर्भ में कहा ?
(1) मुंशी सदासुख नियाज़ (2) सदल मिश्र (3) इंशा अल्ला खां (4) लल्लूलाल जी
(3) इंशा अल्ला खां
134. 'सखा प्यारे कृष्ण के गुलाम राधारानी के।' ౼यह पंक्ति किस कवि के बारे में है?
(1) घनानन्द (2) भारतेन्दु (3) गोपाल चन्द्र ‘गिरिधर दास’ (4) प्रेमघन
134. (2) भारतेन्दु
135. 'इस करुणा कलित हृदय में
अब विकल रागिनी बजती
क्यों हाहाकार स्वर में
वेदना असीम गरजती' ౼इन काव्य पंक्तियों के कवि हैं :
(1) निराला (2) हरिवंशराय बच्चन (3) जयशंकर प्रसाद (4) महादेवी वर्मा
135. (3) जयशंकर प्रसाद
136. 'एही रूप सकती और सीऊ। एही रूप त्रिभुवन कर जीऊ।' काव्य -पंक्ति किस कवि की है ?
(1) मलिक मुहम्मद जायसी (2) तुलसीदास (3) हृदयनाथ (4) मंझन
136. (4) मंझन
137. साखी सबदी दोहरा कहि कहनी उपखान।
भगति निसृपहिं अधम कवि निंदहि वेद पुरान' किस कवि की पंक्तियां हैं ?
(1) कबीरदास (2) भिखारीदास (3) तुलसीदास (4) सूरदास
137. (3) तुलसीदास
138. 'एवं क्रमहेतुमभिधाय रसविषयं लक्षणसूत्रमाह' ౼यह रस-संबंधी सूत्र किस आचार्य का है ?
(1) भरतमुनि (2) आनन्दवर्धन (3) अभिनव गुप्त (4) हेमचन्द्र
138. (3) अभिनव गुप्त
139. 'मस्तीन सूखा डाहिबी। आसीम औरम थाहिबी।।
धो धो धुना नुप जाहिबी फिकी फिना सत साहिबी।।' ౼उपर्युक्त पंक्तियां किस भाषा का नमूना है ?
(1) मागधी (2) पैशाची (3) कौरवी (4) बांगरू
139. (2) पैशाची
140. 'भेजे मनभावन के आवन की
सुधि ब्रजगांवनि में पावन जबै लगी।'
उपर्युक्त पंक्तियां किस काव्य कृति की है ?
(1) रसकलश (2) गंगावतरण (3) उद्धवशतक (4) भ्रमरगीत
140. (3) उद्धवशतक
141. 'कबीर की अपेक्षा ख़ुसरो का ध्यान बोलचाल की भाषा की ओर अधिक था।' किसका कथन है ?
(1) जॉर्ज ग्रियरसन (2) मिश्रबंधु (3) हज़ारी प्रसाद द्विवेदी (4) रामचन्द्र शुक्ल
141. (4) रामचन्द्र शुक्ल
142. 'जायसी पहले कवि हैं, सूफ़ी बाद में' किसका कथन है ?
(1) श्याम मनोहर पांडेय (2) चन्द्रबली सिंह (3) विजयदेव नारायण साही (4) रामचन्द्र शुक्ल
142. (2) चन्द्रबली सिंह
143. 'जसोदा! कहा कहौं हौं बात
तुम्हारे सुत के करतब मो पै कहे नहिं जात।' यह किस कवि की काव्य-पंक्तियाँ हैं ?
(1) सूरदास (2) नंददास (3) कृष्णदास (4) चतुर्भुजदास
143. (4) चतुर्भुजदास
144. 'अधर-मधुरता कठिनता, कुच, तीक्ष्णता-त्यौर
रस-कवित्त-परिपक्वता जाने रसिक न और' यह किस कवि की काव्य-पंक्तियाँ हैं ?
(1) चिंतामणि (2) भिखारीदास (3) जसवंत सिंह (4) बेनी प्रवीन
144. (2) भिखारीदास
145. 'बारह बरस लौं कूकर जियै, अरु तेरह लौ जियै सियार।
बरस अठारह क्षत्रिय जीवै, आगे जीवन को धिक्कार।' ये पंक्तियां किस रासो काव्य की है ?
(1) खुमान रासो (2) पृथ्वीराज रासो (3) हम्मीर रासो (4) परमाल रासो
145. (4) परमाल रासो
146. 'अमिय हलाहल मद भरे, सेत स्याम रतनार
जियत मरत झुकि झुकि परत, जेहि चितवत इक बार' इन काव्य-पंक्तियों के कवि हैं :
(1) बिहारी (2) रसलीन (3) घनानन्द (4) मतिराम
146. (2) रसलीन
147. 'साहित्य जनसमूह के हृदय का विकास है।'- यह परिभाषा किसकी है ?
(1) भारतेन्दु (2) बालकृष्ण भट्ट (3) महावीर प्रसाद द्विवेदी (4) हजारी प्रसाद द्विवेदी
147. (2) बालकृष्ण भट्ट
148. 'भाषा पुराणं च कुरानं कथित मया' भाषा के संबंध में यह पंक्ति किस कवि की है ?
(1) जगनिक (2) नरपति नाल्ह (3) चंदरबरदाई (4) अब्दुल रहमान
148.
149. 'जे हाल मिसकीं मकुन तगाफुल दुराय नैना, बनाय बतियां।' पंक्ति किसकी है ?
(1) अमीर खुसरो (2) मुल्ला दाऊद (3) चन्दरबरदाई (4) रसलीन
149. (1) अमीर खुसरो
150. 'केसव कहि न जाइ, का कहिए।
देखत तब रचना विचित्र अति, समुझि मनहि मन रहिए' किसकी पंक्ति है ?
(1) केशवदास (2) तुलसीदास (2) सूरदास (4) नन्ददास
(2) तुलसीदास
151. 'देसिल बयाना सब जन मिट्ठा' किसका कथन है ?
(1) तुलसीदास (2) सूरदास (3) कबीरदास (4) विद्यापति
151. (4) विद्यापति
152. 'हिन्दी नयी चाल में ढली, सन् 1873 ई॰ में' ౼यह किसका कथन है ?
(1) रामविलास शर्मा (2) रामचन्द्र शुक्ल (3) किशोरीदास वाजपेयी (4) भारतेन्दु
152. (2) भारतेन्दु
153. 'आधुनिक काल में गद्य का आविर्भाव सबसे प्रधान घटना है।' ౼यह कथन किसका है ?
(1) महावीर प्रसाद द्विवेदी (2) रामचन्द्र शुक्ल (3) रामविलास शर्मा (4) नन्ददुलारे वाजपेयी
(2) रामचन्द्र शुक्ल
154. 'सर्वव्यापी एक कुम्हारा, जाकी महिमा आर न पारा।
हिन्दू तुरुक का एक, भर्ता, एके ब्रह्म सबन का भर्ता' के रचनाकार हैं :
(1) कबीरदास (2) मलूकदास (3) तुलसीदास (4) रहीमदास
154. (2) मलूकदास
155. 'भाषा प्रवीन सुछन्द सदा रहै, सो घन जी के कवित्त बखानै।' किस कवि की पंक्ति है ?
(1) घनानन्द की (2) बोधा की (3) ब्रजरत्नदास की (4) रत्नाकर की
155. (3) ब्रजरत्नदास की
156. 'अपने यहां संसद ऐसी घानी है, जिसमें आधा तेल आधा पानी है' के कवि हैं :
(1) केदारनाथ सिंह (2) धूमिल (3) लीलाधर जगूड़ी (4) राजेश जोशी
156. (2) धूमिल
Hindi Sahitya Vimarsh
UGCNET/JRF/SLET/PGT (हिन्दी भाषा एवं साहित्य) के परीक्षार्थियों के लिए सर्वोत्तम मार्गदर्शक
hindisahityavimarsh.blogspot.in
iliyashussain1966@gmail.com
Mobile : 9717324769
सम्पादक : मुहम्मद इलियास हुसैन
सहायक सम्पादक : शाहिद इलियास
UGCNET/JRF में 'हिन्दी भाषा एवं साहित्य' विषय पर पूछे गए कथनों और गद्य-पद्य-पंक्तियों के प्रश्न-3
UGCNET/JRF में 'हिन्दी भाषा एवं साहित्य' विषय पर पूछे गए कथनों और गद्य-पद्य-पंक्तियों के प्रश्न-3
91. 'काव्य की रीति सिखी सुकविन सों देखी सुनी बहुलोक की बातें' ౼इस काव्योक्ति के कवि हैं :
(1) केशवदास (2) मतिराम (3) पद्माकर (4) भिखारीदास
91. (4) भिखारीदास
92. 'हरि रस पीया जानिए, जे कबहुं न जाए ख़ुमार।
मैमंता घूमत फिरै, नाहीं तन की सार।।' ౼इन काव्य पंक्तियों कळ कवि हैं :
(1) सूरदास (2) कबीरदास (3) रसखान (4) नन्ददास
92. (2) कबीरदास
93. निम्नलिखित काव्योक्ति तुलसी की किस रचना से है ?
'श्रुति सम्मत हरिभक्ति पथ संजुत विरति विवेक।'
(1) रामचरितमानस (2) कवितावली (3) विनयपत्रिका (4) गीतावली
93. (1) रामचरितमानस
94. शब्दशक्ति के विषय में निम्नलिखित कथन किसका है ?
‘अभिधा उत्तम काव्य है, मध्य लक्षणा हीन।
अधम व्यंजना रस विरस, उलटी कहत नवीन’ ౼इस काव्योक्ति के कवि हैं :
(1) केशवदास (2) भिखारीदास (3) देवकवि (4) चिन्तामणि
94. (3) देवकवि
95. 'ज्यों-ज्यों बसे जात दूरि-दूरि प्रिय प्राण मूरि।
त्यौं-त्यौं धंसे जात मन मुकुर हमारे मैं ।।'
भ्रमरगीत प्रसंग से संबंधित उपर्युक्त पंक्तियों के कवि हैं :
(1) नन्ददास (2) सूरदास (3) सत्यनारायण कविरत्न (4) जगन्नाथदास रत्नाकर
95. (4) जगन्नाथदास रत्नाकर
96. 'जो घनीभूत पीड़ा थी, मस्तक में स्मृति-सी छाई,
दुर्दिन में आँसू बनकर, वह आज बरसने आई।'
उपर्युक्त काव्य-पंक्तियाँ किस कवि की हैं ?
(1) मैथिलीशरण गुप्त (2) महादेवी वर्मा (3) जयशंकर प्रसाद (4) नरेन्द्र शर्मा
96. (3) जयशंकर प्रसाद
97. 'धिक् धाए तुम यों अनाहूत, धो दिया श्रेष्ठ कुल-धर्म धूत
राम के नहीं, काम के सुत कहलाए।'
उपयुक्त काव्य-पंक्तियों का संबंध किस काव्य रचना से है ?
(1) साकेत (2) तुलसीदास (3) राम की शक्तिपूजा (4) संशय की एक रात
97. (2) तुलसीदास
98. 'कविता दो शब्दों के बीच नीरवता में रहती है।'
काव्यभाषा के संबंध में उपर्युक्त मत किसका है ?
(1) नामवर सिंह (2) रामस्वरूप चतुर्वेदी (3) शमशेर बहादुर सिंह (4) अज्ञेय
98. (4) अज्ञेय
99. 'मंगल का विधान करनेवाले दो भाव हैं' ౼किसका कथन है ?
(1) श्यामसुन्दर दास (2) रामचन्द शुक्ल (3) हज़ारी प्रसाद द्विवेदी (4) नन्ददुलारे वाजपेयी
99. (2) रामचन्द शुक्ल
100. 'आलोचना का विषय कवि नहीं, कविता है।’ ౼किसका कथन है?
(1) ड्राइडन (2) टी॰ एस॰ इलियट (3) क्रोचे (4) लोंजाइस
100. टी॰ एस॰ इलियट
101. 'सत्त्वोद्रेकाद खंड स्वप्रकाशानन्द चिन्मयः।
वेद्यान्तरस्पर्शशून्यो ब्रह्मस्वादसहोदरः।
लोकोत्तर चमत्कार प्राणः कैश्चित्प्रमातृभिः।
स्वाकारवद भिन्नत्वेनायमास्वाद्यते रसः।’ ౼रस के विषय में यह स्थापना किस आचार्य की है ?
(1) आचार्य भरत (2) आचार्य भट्टनायक (3) आचार्य अभिनवगुप्त (4) आचार्य विश्वनाथ
101. (4) आचार्य विश्वनाथ
102. 'दग्धाभंगी भणीति' ౼किसका सूत्र है ?
(1) कुतन्तक (2) भोज (3) राजशेखर (4) पंडितराज जगन्नाथ
102. (1) कुतन्तक
103. 'देखिए मार्क्सवाद सिखाता है कि हर चीज़ पर डाउट करो’ यह कथन किस आलोचक का है ?
(1) रामविलास शर्मा (2) हजारी प्रसाद द्विवेदी (3) रामचन्द्र शुक्ल (4) शिवदान सिंह चौहान
103. (3) रामचन्द्र शुक्ल
104. दुख ही जीवन की कथा रही,
क्या कहूं आज जो नहीं कही।’ ౼ये पंक्तियां किसे कविता से उद्धृत है ?
(1) सरोज स्मृति (2) राम की शक्तिपूजा (3) तुलसीदास (4) कुकुरमत्ता
104. (1) सरोज स्मृति
105. 'हेरी म्हा तो दरद दिवाणी म्हारौ दरद न जाण्यौ कोय' उक्ति है :
(1) सहजोबाई (2) मीराबाई (3) दयाबाई (4) मुक्ताबाई
105. (2) मीराबाई
106. 'मांगि के खैबो मसीत के सोइबो, लैबो को न एक दैबो को दोऊ’ पंक्ति का संबंध तुलसीदास की किस रचना से है ?
(1) रामचरितमानस (2) विनयपत्रिका (3) गीतावली (4) कवितावली
106. (4) कवितावली
107. 'लोगन कवित्त कीबो खेल करी जानो है' किसकी उक्ति है ?
(1) ठाकुर (2) घनानन्द (3) केशवदास (4) मतिराम
107. (1) ठाकुर
108. यह काव्य-पंक्ति 'हिन्दू मग पर पांव न राखेउं। का जौ बहुतै हिन्दी भाखेउ' किसकी है ?
(1) जायसी (2) नूर मुहम्मद (3) मंझन (4) कुतुबन
108. (2) नूर मुहम्मद
109. 'कबीर कानी राखी नहीं, वर्णाश्रम षड्दरसनी' किसने कहा है ?
(1) रैदास (2) मलूकदास (3) नाभादास (4) प्रियादास
109. (3) नाभादास
110. ‘साधारणीकरण आलम्बनत्व धर्म का होता है’ कथन किसका है ?
(1) आचार्य विश्वनाथ (2) आचार्य अभिनव गुप्त (3) आचार्य रामचन्द्र शुक्ल (4) आचार्य विश्वनाथ शुक्ल
110. (2) आचार्य अभिनव गुप्त
^
111. 'एक हथौड़ा वाला घर में और हुआ' किसकी पंक्ति है ?
(1) केदारनाथ अग्रवाल (2) भवानी प्रसाद मिश्र (3) रामकुमार वर्मा (4) शिवमंगल सिंह सुमन
111. (1) केदारनाथ अग्रवाल
112. 'अग्निपथ के पार चांदनी का देश' किसकी पंक्ति है ?
(1) हरिवंशराय बच्चन (2) महादेवी वर्मा (3) रामनरेश त्रिपाठी (4) नरेन्द्र शर्मा
112. (2) महादेवी वर्मा
113. ‘कर्मठ कठमलिया कहें ज्ञानी ज्ञान विहीन
तुलसी त्रिपथ बिहाय गो राम दुआरे दीन’ में त्रिपथ का अर्थ है :
(1) निर्गुण, सगुण और मुक्ति
(2) उत्तम मार्ग, मध्यम मार्ग और निम्न मार्ग
(3) द्वैत, अद्वैत और द्वैताद्वैत
(4) कर्म मार्ग, ज्ञान मार्ग और उपासना मार्ग
113. (4) कर्म मार्ग, ज्ञान मार्ग और उपासना मार्ग
114. 'ढलमल ढलमल चंचल अंतल, झलमल झलमल तारा’ पंक्ति में मुख्यतः वर्णन है :
(1) नदी की धारा का (2) नीले आकाश का (3) चांदनी रात का (4) साड़ी के आंचल का
(1) नदी की धारा का
115. 'संतन को कहा सीकरी सों काम, आवत जात पनहियां टूटी, बिसरि गयो हरि नाम' ये पंक्तियां किस कवि की हैं ?
(1) तुलसीदास (2) कुम्भनदास (3) कबीरदास (4) दादू दयाल
115. (2) कुम्भनदास
116. 'बहु बीती थोड़ी रही, साऊ बीती जाय।
हित ध्रुव वेगि विचारि कै बसि वृन्दावन आय।' ये पंक्तियां किस कवि की हैं ?
(1) सूरदास (2) कुम्भनदास (3) ध्रुवदास (4) रहीम
116. (3) ध्रुवदास
117. 'हबकि न बोलिबा ठबकि न चलिबा। धीरे धरिबा पांव।' पंक्ति है :
(1) मत्स्येन्द्रनाथ (2) गोरखनाथ (3) श्रीराम शर्मा (4) पद्माकर
117. (2) गोरखनाथ
118. 'अस्त्रीय जनम कांइ दीधउ महेस। अवर जनम थारइ घणा रे नरेश' पंक्ति का संबंध किस कृति से है ?
(1) पृथ्वीराज रासो (2) विजयपाल रासो (3) बीसलदेव रासो (4) आल्हखंड
118. (3) बीसलदेव रासो
119. 'कबीर की उक्तियों में कहीं-कहीं विलक्षण प्रभाव और चमत्कार है।' यह कथन है :
(1) रामचन्द्र शुक्ल (2) हजारी प्रसाद द्विवेदी (3) धर्मवीर (4) श्यामसुन्दर दास
119. (1) रामचन्द्र शुक्ल
120. 'जेइ मुख देखा तेइ हंसा, सुनि तेहि आयउ आंसु' पंक्ति भक्तिकाल के किस कवि के बारे में है ?
(1) कबीर (2) जायसी (3) सूरदास (4) तुलसीदास
121. (2) जायसी
121. 'कलि कुटिल जीव निस्तार हित वाल्मीकि तुलसी भयो' कथन है :
(1) रामचरणदास (2) नाभादास (3) रधुवर दास (4) हरिराम
121. (2) नाभादास
122. 'ब्रजभाषा हेत ब्रजवास ही न अनुमानो' कथन रीतिकाल के किस कवि का है ?
(1) केशवदास (2) कालिदास त्रिवेदी (3) भिखारीदास (4) पद्माकर
122. (3) भिखारीदास
123. 'देव की ध्वनि संवेदनशीलता समूचे रीतिकाल में अप्रतिम है' कथान है :
(1) नगेन्द्र (2) विश्वनाथ प्रसाद मिश्र (3) बच्चन सिंह (4) रामस्वरूप चतुर्वेदी
(4) रामस्वरूप चतुर्वेदी
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सम्पादक : मुहम्मद इलियास हुसैन
सहायक सम्पादक : शाहिद इलियास
मंगलवार, 22 मई 2018
UGCNET/JRF में हिन्दी साहित्यकारों आदि के कथनों\गद्य\पद्य पंक्तियों पर पूछे गए प्रश्न-3
61. 'काम मंगल से मंडित श्रेय
सर्ग इच्छा का है परिणाम,
तिरस्कृत कर उसको तुम भूल
बनाते हो असफल भवधाम।'
उपर्युक्त काव्य-पंक्तियां 'कामायनी' के किस सर्ग की हैं \
(1) वासना (2) काम (3) श्रद्धा (4) लज्जा
61. (3) श्रद्धा
62. 'सूरदास जब अपने प्रिय विषय का वर्णन शुरू करते हैं तो मानो अलंकारशास्त्र हाथ जोड़कर उनके पीछे-पीछे दौड़ा करता है। उपमाओं की बाढ़ आ जाती है, रूपकों की वर्षा होने लगती है।'
उपर्युक्त कथन किस आलोचक है౼
(1) हज़ारी प्रसाद द्विवेदी (2) रामचन्द्र शुक्ल
(3) नन्ददुलारे वाजपेयी (4) हरबंशलाल शर्मा
62. (1) हज़ारी प्रसाद द्विवेदी
63. 'रैण गंवाई सोइ के दिवस गवाँइयाँ खाई।
हीरे जैसे जनमुह है, कउड़ी बदले जाई।।' ౼ये काव्य-पंक्तियाँ किस कवि की हैं \
(1) कबीरदास (2) दादूदयाल
(3) गुरु नानक (4) कुम्भनदास
63. (3) गुरु नानक
64. 'गुन निरगुन कहियत नहीं जाके'౼ किस कवि की पंक्ति है \
(1) कबीर (2) नानक
(2) दादू (4) रैदास
64. (4) रैदास
65. 'कालदर्शी भक्त कवि जनता के हृदय को सम्भालने और लीन रखने के लिए दबी हुई भक्ति को जगाने लगे। क्रमशः भक्ति का प्रवाह ऐसा विकसित और प्रबल होता गया कि उसकी लपेट में केवल हिन्दू जनता ही नहीं आई, देश में बसने वाले सहृदय मुसलमानों में से भी न जाने कितने आ गए।' ౼ यह कथन किस आलोचक का है \
(1) रामविलास शर्मा (2) रामचन्द्र शुक्ल
(3) हजारीप्रसाद द्विवेदी (4) नगेन्द्र
65. (2) रामचन्द्र शुक्ल
66. 'सोहैं धनश्याम मग हेरति हथेरी ओट
ऊँचे धात बाम चढ़ि आवत उतरी जात।' ౼इन पंक्तियों में नायिका की किस मनोदशा का वर्णन हुआ है\
(1) उल्लास (2) उत्कंठा
(3) हताशा (4) आह्लाद
66. (2) उत्कंठा
67. 'रीतिकाल' में 'लला' के ललाट पर महावर दिखाई पड़ने लगी। 'बीर' सखी हो गया। रणात्मक ध्वनियों की बहार आ गई। 'नाद योजना' से मादकता को बढ़ा वा मिला।౼ यह कथन किसका है \
(1) रामचन्द्र शुक्ल (2) हज़ारी प्रसाद द्विवेदी
(3) जगदीश गुप्त (4) बच्चन सिंह
67. (3) जगदीश गुप्त
68. 'बानी को सार बखान्यो सिंगार
सिंगार को सार किसो-किसोरी।' ౼उक्त पंक्तियाँ किसकी हैं \
(1) आलम (2) देव (3) रसलीन (4) कृपाराम
68. (3) रसलीन
69. निम्नलिखित काव्य-पंक्तियों को उनके कवियों के साथ सुमेलित कीजिए :
सूची-1 सूची-2
(1) हे मेरी तुम! आओ बैठें पास-पास
हम हास और परिहास करें (i) धूमिल
(2) और वह सुरक्षित नहीं है
जिसका नाम हत्यारों की सूची में नहीं है (ii) नागार्जुन
(3) साम्यवाद के पथ में लीद किया करते हैं
मानवता का पोस्टर देखा लगे रेंकने (iii) केदारनाथ अग्रवाल
(4) कर गई चाक तिमिर का सीना
जीत की फांक यह तुम थीं (iv) त्रिलोचन
(v) लक्ष्मीकान्त वर्मा
कोड :
(a) (b) (c) (d)
(1) (i) (iii) (ii) (iv)
(2) (iii) (i) (iv) (ii)
(3) (i) (ii) (iii) (iv)
(4) (iv) (iii) (ii) (i)
69. (2)
(1) हे मेरी तुम! आओ बैठें पास-पास
हम हास और परिहास करें केदारनाथ अग्रवाल
(2) और वह सुरक्षित नहीं है
जिसका नाम हत्यारों की सूची में नहीं है धूमिल
(3) साम्यवाद के पथ में लीद किया करते हैं
मानवता का पोस्टर देखा लगे रेंकने त्रिलोचन
(4) कर गई चाक तिमिर का सीना
जीत की फांक यह तुम थीं नागार्जुन
70. निम्नलिखित काव्य-पंक्तियों को उनकs कवियों कs साथ सुमेलित कीजिए :
सूची-1 सूची-2
(1) जीवन तेरा छुद्र अंश है व्यक्त नील घन माला में
सौदामिनी संधि-सा सुन्दर क्षणभर रहा उजाला में। (i) पंत
(1) जो सोए सपनों के तम में वे जागेंगे यह सत्य बात (ii) निराला
(2) बांधो न नाव इस ठांव बन्धु
पूछेगा सारा गांव बन्धु (iii) महादेवी वर्मा
(3) पंथ होने दो अपरिचित
प्राण रहने दो अकेला (iv) प्रसाद
(v) भगवतीचरण वर्मा
कोड :
(a) (b) (c) (d)
(1) (i) (ii) (iii) (iv)
(2) (iii) (v) (ii) (i)
(3) (ii) (iii) (iv) (v)
(4) (iv) (v) (iii) (ii)
70. (2)
(1) जीवन तेरा छुद्र अंश है व्यक्त नील घन माला में
सौदामिनी संधि-सा सुन्दर क्षणभर रहा उजाला में। महादेवी वर्मा
(2) जो सोए सपनों के तम में वे जागेंगे यह सत्य बात भगवतीचरण वर्मा
(3) बांधो न नाव इस ठांव बन्धु
पूछेगा सारा गांव बन्धु निराला
(4) पंथ होने दो अपरिचित
प्राण रहने दो अकेला पंत
71. भारतेन्दु की नाट्य-उक्तियों को उनके नाटकों के साथ सुमेलित कीजिए :
सूची-1 सूची-2
(1) प्यारी! वे अधर्म्म से लड़ें, हम तो अधर्म्म नहीं कर सकते
हम आर्यवंशी लोग धर्म्म छोड़कर लड़ना क्या जानें। (i) अंधेर नगरी
(2) कोऊ नहिं पकरत मेरो हाथ
बीस कोटि सूत होत फिरत मैं हा हा होय अनाथ। (ii) विषस्य विषमौषधम
(3) चना हाकिम सब जो खाते।
सब पर दूना टिकस लगाते।। (iii) सत्य हरिश्चन्द्र
(4) हमने माना कि उसको स्वर्ग लेने की इच्छा न हो तथापि
अपने कर्मों से वह स्वर्ग का अधिकारी तो हो जाएगा। (iv) नीलदेवी (v) भारत दुर्दशा
कोड :
(a) (b) (c) (d)
(1) (iv) (iii) (ii) (v)
(2) (iv) (v) (i) (iii)
(3) (i) (ii) (iv) (v)
(4) (ii) (v) (iii) (i)
71. (2)
(1) प्यारी! वे अधर्म्म से लड़ें, हम तो अधर्म्म नहीं कर सकते
हम आर्यवंशी लोग धर्म्म छोड़कर लड़ना क्या जानें। नीलदेवी
(2) कोऊ नहिं पकरत मेरो हाथ
बीस कोटि सूत होत फिरत मैं हा हा होय अनाथ। भारत दुर्दशा
(3) चना हाकिम सब जो खाते।
सब पर दूना टिकस लगाते।। अंधेर नगरी
(4) हमने माना कि उसको स्वर्ग लेने की इच्छा न हो तथापि
अपने कर्मों से वह स्वर्ग का अधिकारी तो हो जाएगा। सत्य हरिश्चन्द्र
72. 'गोस्वामी के प्रादुर्भाव को हिन्दी काव्य क्षेत्र में एक चमत्कार समझना चाहिए।' ౼यह कथन किस आलोचक का है \
(1) रामविलास शर्मा (2) रामचन्द्र शुक्ल
(3) हज़ारी प्रसाद द्विवेदी (4) नन्ददुलारे वाजपेयी
(2) रामचन्द्र शुक्ल
73. अपना परिचय देते हुए किस कवि ने स्वीकार किया है कि౼
‘‘हय, रथ पालकी, गयंद, ग्राम, चारु
आखर लगाय लेत लाखन की सामा हौं।’’ ౼
(1) भूषण (2) देव
(3) प्रतापसाहि (4) पद्माकर
73. (4) पद्माकर
74. 'तिय सैसव जोबन मिले, भेद न जान्यो जात।
परात समय निसि द्यौस के दुवौ भाव दरसात।'
౼उक्त दोहे में नायिका की किस अवस्था का वर्णन हुआ है \
(1) वयःसंधि (2) युवावस्था
(3) प्रौढ़ावस्था (4) शैशवावस्था
74. (1) वयःसंधि
75. 'समरस थे जड़ या चेतन
सुन्दर साकार बना था
चेतनता एक विलसती
आनन्द अखंड घना था।'
౼जयशंकर प्रसाद की उपर्युक्त पंक्तियां 'कामायनी' के किस सर्ग की हैं \
(1) श्रद्धा (2) रहस्य
(3) आनन्द (4) इड़ा
75. (3) आनन्द
76. 'वाक्य रसात्मकं काव्यं ।' ౼किसकी उक्ति है \
(1) रुद्रट (2) विश्वनाथ
(3) वामन (4) कुन्तक
76. (2) विश्वनाथ
77. निम्नलिखित काव्य-पंक्तियों को उनकs रचनाकारों कs साथ सुमेलित कीजिए :
सूची-1 सूची-2
(1) पराधीन रहकर अपना सुख शोक न कह
सकता है। वह अपमान जगत में केवल पशु ही सह सकता है।
(i) मैथिलीशरण गुप्त
(2) धरती हिलकर नींद भगा दे।
वज्रनाद से व्योम जगा दे।
देव, और कुछ लाग लगा दें (ii) जगन्नाथदास 'रत्नाकर'
(3) दिवस का अवसान समीप था
गगन था कुछ लोहित हो चला। (iii) नाथूराम शर्मा शंकर
(4) भेजे मनभावन के उद्धव के आवन की
सुधि ब्रज-गांवनि में पावन जबै लगी। (iv) रामनरेश त्रिपाठी
(v) अयोध्यासिंह उपाध्याय 'हरिऔध'
कोड :
(a) (b) (c) (d)
(1) (iv) (i) (v) (ii)
(2) (i) (iii) (ii) (iv)
(3) (v) (i) (iii) (ii)
(4) (ii) (v) (iv) (iii)
77. (1)
(1) पराधीन रहकर अपना सुख शोक न कह
सकता है। वह अपमान जगत में केवल पशु ही सह सकता है।
रामनरेश त्रिपाठी
(2) धरती हिलकर नींद भगा दे।
वज्रनाद से व्योम जगा दे।
देव, और कुछ लाग लगा दें मैथिलीशरण गुप्त
(3) दिवस का अवसान समीप था
गगन था कुछ लोहित हो चला। अयोध्यासिंह उपाध्याय 'हरिऔध'
(4) भेजे मनभावन के उद्धव के आवन की
सुधि ब्रज-गांवनि में पावन जबै लगी। जगन्नाथदास 'रत्नाकर
78. जयशंकर प्रसाद कs नाट्यगीतों को उनकs नाटकों कs साथ सुमेलित कीजिए :
सूची-1 सूची-2
(1) आह वेदना मिली विदाई
मैंने भ्रमवश जीवन संचित
मधुकरियों की भीख लुटाई (i) अजातशत्रु
(2) यौवन तेरी चंचल छाया
इसमें बैठ घूंट भर पी लूं जो रस तू है लाया। (ii) ध्रुवस्वामिनी
(3) कैसी कड़ी रूप की ज्वाला
पड़ता है पतंग-सा इसमें मन हो कर मतवाला (iii) स्कन्दगुप्त
(4) स्वर्ग है नहीं दूसरा और
सज्जन हृदय परम करुणामय यही एक है ठौर। (iv) कामना (v) चन्द्रगुप्त
कोड :
(a) (b) (c) (d)
(1) (ii) (v) (i) (iii)
(2) (iv) (iii) (v) (ii)
(3) (v) (i) (ii) (iii)
(4) (iii) (v) (iv) (i)
78. (4)
(1) आह वेदना मिली विदाई
मैंने भ्रमवश जीवन संचित
मधुकरियों की भीख लुटाई स्कन्दगुप्त
(2) यौवन तेरी चंचल छाया
इसमें बैठ घूंट भर पी लूं जो रस तू है लाया। चन्द्रगुप्त
(3) कैसी कड़ी रूप की ज्वाला
पड़ता है पतंग-सा इसमें मन हो कर मतवाला कामना
(4) स्वर्ग है नहीं दूसरा और
सज्जन हृदय परम करुणामय यही एक है ठौर। अजातशत्रु
79. 'भक्तिमार्ग के साधकों के पद, राम-भक्त या वैधी भक्तिमार्ग के उपासकों की कविताएँ, सूफ़ी साधना से पुष्ट मुसलमान कवियों के तथा ऐतिहासिक हिन्दू कवियों के रोमांस और रीति-काव्य ये छहों धाराएँ अपभ्रंश कविता का स्वाभाविक विकास है।' ౼यह कथन किसका है \
(1) रामचन्द्र शुक्ल (2) हज़ारी प्रसाद द्विवेदी
(3) रामविलास शर्मा (4) राहुल सांकृत्यायन
79. (2) हज़ारी प्रसाद द्विवेदी
80. 'यह सूचित करने की आवश्यकता नहीं है कि न तो सूर का अवधी पर अधिकार था और न जायसी का ब्रजभाषा पर ।'౼ यह कथन किसका है \
(1) हज़ारीप्रसाद द्विवेदी (2) नगेन्द्र
(3) रामचन्द्र शुक्ल (4) रामकुमार वर्मा
80. (3) रामचन्द्र शुक्ल
81. गिरा अरथ, जल बीचि सम कहियत भिन्न भिन्न।
बंदौं सीमाराम पद जिनहि परम परम प्रिय खिन्न।
उक्त काब्य पंक्तियाँ किस कवि की है \
(1) केशवदास (2) तुलसीदास
(3) ईश्वरदास (4) नागरीदास
81. (2) तुलसीदास
82. 'धर्म का प्रवाह कर्म, ज्ञान और भक्ति, इन तीन धाराओं में चलता है। इन तीनों के सामंजस्य से धर्म अपनी पूर्ण सजीव दशा से रहता है। किसी एक के भी अभाव से वह विकलांग रहता है।' ౼यह कथन किस आलोचक का है \
(1) रामचन्द्र शुक्ल (2) हज़ारी प्रसाद द्विवेदी
(3) राहुल सांकृत्यान (4) रामविलास शर्मा
82. (1) रामचन्द्र शुक्ल
83. 'चिरजीवों जारी जुरैं क्यों न सनेह गंभीर ।
को घटि ये वृषभानुजा वे हलधर के बीर ।।'
'वृषभानुजा' और 'हलधर' में कौन-सा अलंकार है \
(1) यमक (2) प्रतीप
(3) श्लेष (4) ब्याजस्तुति
83. (3) श्लेष
84. 'पानिप अपार घन आनंद उकति ओछी
जतन जुगति जोन्ह कौन पै नपति है ।'
उक्त काव्यांश में कवि क्या कहना चाहता है \
(1) नायिका का सौन्दर्य वर्णन असंभव नहीं है।
(2) नायिका के सौन्दर्य से अच्छी कवि की उक्ति है।
(3) नायिका के सौन्दर्य की तुलना में मेरी उक्ति निष्कृष्ट है।
(4) नायिका का सौन्दर्य और कवि की उक्ति दोनों अच्छे हैं।
84. (3) नायिका के सौन्दर्य की तुलना में मेरी उक्ति निष्कृष्ट है।
85. 'अष्टछाप में सूरदास के पीछे इन्हीं का नाम लेना पडझ्ता है। इनकी रचना भी बड़ी सरस और मधुर है। इनके संबंध में यह कहावत प्रसिद्ध है कि और कवि गढ़िया नंददास जड़िया।' ౼यह कथन किसका है ?
(1) रामचन्द्र शुक्ल (2) हज़ारी प्रसाद द्विवेदी
(3) रामकुमार (4) नन्ददुलारे वाजपेयी
85. (1) रामचन्द्र शुक्ल
86. 'छोड़ द्रुमों की मृदु छाया
तोड़ प्रकृति से भी माया
बोलो! तेरे बाल-जाल में कैसे उलझा दूँ लोचन ?'౼यह काव्य-पंक्तियाँ किस कवि की हैं ?
(1) रामनरेश त्रिपाठी (2) जयशंकर प्रसाद
(3) सुमित्रानंदन पंत (4) सूर्यकांत त्रिपाठी निराला
86. (3) सुमित्रानंदन पंत
87. 'अब तक क्या किया,
जीवन क्या जिया,
ज़्यादा लिया और दिया बहुत-बहुत कम'
उपर्युक्त पंक्तियाँ के रचयिता हैं :
(1) अज्ञेय (2) रघुवीर सहाय
(3) शमशेर बहादुर सिंह (4) मुक्तिबोध
87. (4) मुक्तिबोध
88. 'मौन भी अभिव्यंजना है :
जितना तुम्हारा सच है
उतना ही कहो।'
'मौन' के इस रचनात्मक संदर्भ की अभिव्यक्ति अज्ञेय ने अपनी किस काव्य कृति में की है ?
(1) इंद्रधनुष रौंदे हुए (2) पहले सन्नाटा बुनता हूँ
(3) आँगन के पार द्वार (4) हरी घास पर क्षण भर
88. (1) इंद्रधनुष रौंदे हुए
89. 'कविता कवि व्यक्तित्व की अभिव्यक्ति नहीं, व्यक्तित्च से पलायन है।’ ౼यह कथन किसका है ?
(1) लुकाच (2) कॉलरिज
(3) आई॰ ए॰ रिचर्ड्स (4) टी॰ एस॰ इलियट
89. (4) टी॰ एस॰ इलियट
90. 'श्रेष्ठ कविता प्रबल मनोवेगों का सहज उच्छलन है, किन्तु इसके पीछे कवि की विचारशीलता और गहन चिन्तन होना चाहिए।’ यह विचार किस पाश्चात्य चिन्तक का है ?
(1) कॉलरिज (2) क्रोचे
(3) लेविस (4) वर्ड्सवर्थ
90. (4) वर्ड्सवर्थ
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Mobile : 9717324769
सम्पादक : मुहम्मद इलियास हुसैन
सहायक सम्पादक : शाहिद इलियास
61. 'काम मंगल से मंडित श्रेय
सर्ग इच्छा का है परिणाम,
तिरस्कृत कर उसको तुम भूल
बनाते हो असफल भवधाम।'
उपर्युक्त काव्य-पंक्तियां 'कामायनी' के किस सर्ग की हैं \
(1) वासना (2) काम (3) श्रद्धा (4) लज्जा
61. (3) श्रद्धा
62. 'सूरदास जब अपने प्रिय विषय का वर्णन शुरू करते हैं तो मानो अलंकारशास्त्र हाथ जोड़कर उनके पीछे-पीछे दौड़ा करता है। उपमाओं की बाढ़ आ जाती है, रूपकों की वर्षा होने लगती है।'
उपर्युक्त कथन किस आलोचक है౼
(1) हज़ारी प्रसाद द्विवेदी (2) रामचन्द्र शुक्ल
(3) नन्ददुलारे वाजपेयी (4) हरबंशलाल शर्मा
62. (1) हज़ारी प्रसाद द्विवेदी
63. 'रैण गंवाई सोइ के दिवस गवाँइयाँ खाई।
हीरे जैसे जनमुह है, कउड़ी बदले जाई।।' ౼ये काव्य-पंक्तियाँ किस कवि की हैं \
(1) कबीरदास (2) दादूदयाल
(3) गुरु नानक (4) कुम्भनदास
63. (3) गुरु नानक
64. 'गुन निरगुन कहियत नहीं जाके'౼ किस कवि की पंक्ति है \
(1) कबीर (2) नानक
(2) दादू (4) रैदास
64. (4) रैदास
65. 'कालदर्शी भक्त कवि जनता के हृदय को सम्भालने और लीन रखने के लिए दबी हुई भक्ति को जगाने लगे। क्रमशः भक्ति का प्रवाह ऐसा विकसित और प्रबल होता गया कि उसकी लपेट में केवल हिन्दू जनता ही नहीं आई, देश में बसने वाले सहृदय मुसलमानों में से भी न जाने कितने आ गए।' ౼ यह कथन किस आलोचक का है \
(1) रामविलास शर्मा (2) रामचन्द्र शुक्ल
(3) हजारीप्रसाद द्विवेदी (4) नगेन्द्र
65. (2) रामचन्द्र शुक्ल
66. 'सोहैं धनश्याम मग हेरति हथेरी ओट
ऊँचे धात बाम चढ़ि आवत उतरी जात।' ౼इन पंक्तियों में नायिका की किस मनोदशा का वर्णन हुआ है\
(1) उल्लास (2) उत्कंठा
(3) हताशा (4) आह्लाद
66. (2) उत्कंठा
67. 'रीतिकाल' में 'लला' के ललाट पर महावर दिखाई पड़ने लगी। 'बीर' सखी हो गया। रणात्मक ध्वनियों की बहार आ गई। 'नाद योजना' से मादकता को बढ़ा वा मिला।౼ यह कथन किसका है \
(1) रामचन्द्र शुक्ल (2) हज़ारी प्रसाद द्विवेदी
(3) जगदीश गुप्त (4) बच्चन सिंह
67. (3) जगदीश गुप्त
68. 'बानी को सार बखान्यो सिंगार
सिंगार को सार किसो-किसोरी।' ౼उक्त पंक्तियाँ किसकी हैं \
(1) आलम (2) देव (3) रसलीन (4) कृपाराम
68. (3) रसलीन
69. निम्नलिखित काव्य-पंक्तियों को उनके कवियों के साथ सुमेलित कीजिए :
सूची-1 सूची-2
(1) हे मेरी तुम! आओ बैठें पास-पास
हम हास और परिहास करें (i) धूमिल
(2) और वह सुरक्षित नहीं है
जिसका नाम हत्यारों की सूची में नहीं है (ii) नागार्जुन
(3) साम्यवाद के पथ में लीद किया करते हैं
मानवता का पोस्टर देखा लगे रेंकने (iii) केदारनाथ अग्रवाल
(4) कर गई चाक तिमिर का सीना
जीत की फांक यह तुम थीं (iv) त्रिलोचन
(v) लक्ष्मीकान्त वर्मा
कोड :
(a) (b) (c) (d)
(1) (i) (iii) (ii) (iv)
(2) (iii) (i) (iv) (ii)
(3) (i) (ii) (iii) (iv)
(4) (iv) (iii) (ii) (i)
69. (2)
(1) हे मेरी तुम! आओ बैठें पास-पास
हम हास और परिहास करें केदारनाथ अग्रवाल
(2) और वह सुरक्षित नहीं है
जिसका नाम हत्यारों की सूची में नहीं है धूमिल
(3) साम्यवाद के पथ में लीद किया करते हैं
मानवता का पोस्टर देखा लगे रेंकने त्रिलोचन
(4) कर गई चाक तिमिर का सीना
जीत की फांक यह तुम थीं नागार्जुन
70. निम्नलिखित काव्य-पंक्तियों को उनकs कवियों कs साथ सुमेलित कीजिए :
सूची-1 सूची-2
(1) जीवन तेरा छुद्र अंश है व्यक्त नील घन माला में
सौदामिनी संधि-सा सुन्दर क्षणभर रहा उजाला में। (i) पंत
(1) जो सोए सपनों के तम में वे जागेंगे यह सत्य बात (ii) निराला
(2) बांधो न नाव इस ठांव बन्धु
पूछेगा सारा गांव बन्धु (iii) महादेवी वर्मा
(3) पंथ होने दो अपरिचित
प्राण रहने दो अकेला (iv) प्रसाद
(v) भगवतीचरण वर्मा
कोड :
(a) (b) (c) (d)
(1) (i) (ii) (iii) (iv)
(2) (iii) (v) (ii) (i)
(3) (ii) (iii) (iv) (v)
(4) (iv) (v) (iii) (ii)
70. (2)
(1) जीवन तेरा छुद्र अंश है व्यक्त नील घन माला में
सौदामिनी संधि-सा सुन्दर क्षणभर रहा उजाला में। महादेवी वर्मा
(2) जो सोए सपनों के तम में वे जागेंगे यह सत्य बात भगवतीचरण वर्मा
(3) बांधो न नाव इस ठांव बन्धु
पूछेगा सारा गांव बन्धु निराला
(4) पंथ होने दो अपरिचित
प्राण रहने दो अकेला पंत
71. भारतेन्दु की नाट्य-उक्तियों को उनके नाटकों के साथ सुमेलित कीजिए :
सूची-1 सूची-2
(1) प्यारी! वे अधर्म्म से लड़ें, हम तो अधर्म्म नहीं कर सकते
हम आर्यवंशी लोग धर्म्म छोड़कर लड़ना क्या जानें। (i) अंधेर नगरी
(2) कोऊ नहिं पकरत मेरो हाथ
बीस कोटि सूत होत फिरत मैं हा हा होय अनाथ। (ii) विषस्य विषमौषधम
(3) चना हाकिम सब जो खाते।
सब पर दूना टिकस लगाते।। (iii) सत्य हरिश्चन्द्र
(4) हमने माना कि उसको स्वर्ग लेने की इच्छा न हो तथापि
अपने कर्मों से वह स्वर्ग का अधिकारी तो हो जाएगा। (iv) नीलदेवी (v) भारत दुर्दशा
कोड :
(a) (b) (c) (d)
(1) (iv) (iii) (ii) (v)
(2) (iv) (v) (i) (iii)
(3) (i) (ii) (iv) (v)
(4) (ii) (v) (iii) (i)
71. (2)
(1) प्यारी! वे अधर्म्म से लड़ें, हम तो अधर्म्म नहीं कर सकते
हम आर्यवंशी लोग धर्म्म छोड़कर लड़ना क्या जानें। नीलदेवी
(2) कोऊ नहिं पकरत मेरो हाथ
बीस कोटि सूत होत फिरत मैं हा हा होय अनाथ। भारत दुर्दशा
(3) चना हाकिम सब जो खाते।
सब पर दूना टिकस लगाते।। अंधेर नगरी
(4) हमने माना कि उसको स्वर्ग लेने की इच्छा न हो तथापि
अपने कर्मों से वह स्वर्ग का अधिकारी तो हो जाएगा। सत्य हरिश्चन्द्र
72. 'गोस्वामी के प्रादुर्भाव को हिन्दी काव्य क्षेत्र में एक चमत्कार समझना चाहिए।' ౼यह कथन किस आलोचक का है \
(1) रामविलास शर्मा (2) रामचन्द्र शुक्ल
(3) हज़ारी प्रसाद द्विवेदी (4) नन्ददुलारे वाजपेयी
(2) रामचन्द्र शुक्ल
73. अपना परिचय देते हुए किस कवि ने स्वीकार किया है कि౼
‘‘हय, रथ पालकी, गयंद, ग्राम, चारु
आखर लगाय लेत लाखन की सामा हौं।’’ ౼
(1) भूषण (2) देव
(3) प्रतापसाहि (4) पद्माकर
73. (4) पद्माकर
74. 'तिय सैसव जोबन मिले, भेद न जान्यो जात।
परात समय निसि द्यौस के दुवौ भाव दरसात।'
౼उक्त दोहे में नायिका की किस अवस्था का वर्णन हुआ है \
(1) वयःसंधि (2) युवावस्था
(3) प्रौढ़ावस्था (4) शैशवावस्था
74. (1) वयःसंधि
75. 'समरस थे जड़ या चेतन
सुन्दर साकार बना था
चेतनता एक विलसती
आनन्द अखंड घना था।'
౼जयशंकर प्रसाद की उपर्युक्त पंक्तियां 'कामायनी' के किस सर्ग की हैं \
(1) श्रद्धा (2) रहस्य
(3) आनन्द (4) इड़ा
75. (3) आनन्द
76. 'वाक्य रसात्मकं काव्यं ।' ౼किसकी उक्ति है \
(1) रुद्रट (2) विश्वनाथ
(3) वामन (4) कुन्तक
76. (2) विश्वनाथ
77. निम्नलिखित काव्य-पंक्तियों को उनकs रचनाकारों कs साथ सुमेलित कीजिए :
सूची-1 सूची-2
(1) पराधीन रहकर अपना सुख शोक न कह
सकता है। वह अपमान जगत में केवल पशु ही सह सकता है।
(i) मैथिलीशरण गुप्त
(2) धरती हिलकर नींद भगा दे।
वज्रनाद से व्योम जगा दे।
देव, और कुछ लाग लगा दें (ii) जगन्नाथदास 'रत्नाकर'
(3) दिवस का अवसान समीप था
गगन था कुछ लोहित हो चला। (iii) नाथूराम शर्मा शंकर
(4) भेजे मनभावन के उद्धव के आवन की
सुधि ब्रज-गांवनि में पावन जबै लगी। (iv) रामनरेश त्रिपाठी
(v) अयोध्यासिंह उपाध्याय 'हरिऔध'
कोड :
(a) (b) (c) (d)
(1) (iv) (i) (v) (ii)
(2) (i) (iii) (ii) (iv)
(3) (v) (i) (iii) (ii)
(4) (ii) (v) (iv) (iii)
77. (1)
(1) पराधीन रहकर अपना सुख शोक न कह
सकता है। वह अपमान जगत में केवल पशु ही सह सकता है।
रामनरेश त्रिपाठी
(2) धरती हिलकर नींद भगा दे।
वज्रनाद से व्योम जगा दे।
देव, और कुछ लाग लगा दें मैथिलीशरण गुप्त
(3) दिवस का अवसान समीप था
गगन था कुछ लोहित हो चला। अयोध्यासिंह उपाध्याय 'हरिऔध'
(4) भेजे मनभावन के उद्धव के आवन की
सुधि ब्रज-गांवनि में पावन जबै लगी। जगन्नाथदास 'रत्नाकर
78. जयशंकर प्रसाद कs नाट्यगीतों को उनकs नाटकों कs साथ सुमेलित कीजिए :
सूची-1 सूची-2
(1) आह वेदना मिली विदाई
मैंने भ्रमवश जीवन संचित
मधुकरियों की भीख लुटाई (i) अजातशत्रु
(2) यौवन तेरी चंचल छाया
इसमें बैठ घूंट भर पी लूं जो रस तू है लाया। (ii) ध्रुवस्वामिनी
(3) कैसी कड़ी रूप की ज्वाला
पड़ता है पतंग-सा इसमें मन हो कर मतवाला (iii) स्कन्दगुप्त
(4) स्वर्ग है नहीं दूसरा और
सज्जन हृदय परम करुणामय यही एक है ठौर। (iv) कामना (v) चन्द्रगुप्त
कोड :
(a) (b) (c) (d)
(1) (ii) (v) (i) (iii)
(2) (iv) (iii) (v) (ii)
(3) (v) (i) (ii) (iii)
(4) (iii) (v) (iv) (i)
78. (4)
(1) आह वेदना मिली विदाई
मैंने भ्रमवश जीवन संचित
मधुकरियों की भीख लुटाई स्कन्दगुप्त
(2) यौवन तेरी चंचल छाया
इसमें बैठ घूंट भर पी लूं जो रस तू है लाया। चन्द्रगुप्त
(3) कैसी कड़ी रूप की ज्वाला
पड़ता है पतंग-सा इसमें मन हो कर मतवाला कामना
(4) स्वर्ग है नहीं दूसरा और
सज्जन हृदय परम करुणामय यही एक है ठौर। अजातशत्रु
79. 'भक्तिमार्ग के साधकों के पद, राम-भक्त या वैधी भक्तिमार्ग के उपासकों की कविताएँ, सूफ़ी साधना से पुष्ट मुसलमान कवियों के तथा ऐतिहासिक हिन्दू कवियों के रोमांस और रीति-काव्य ये छहों धाराएँ अपभ्रंश कविता का स्वाभाविक विकास है।' ౼यह कथन किसका है \
(1) रामचन्द्र शुक्ल (2) हज़ारी प्रसाद द्विवेदी
(3) रामविलास शर्मा (4) राहुल सांकृत्यायन
79. (2) हज़ारी प्रसाद द्विवेदी
80. 'यह सूचित करने की आवश्यकता नहीं है कि न तो सूर का अवधी पर अधिकार था और न जायसी का ब्रजभाषा पर ।'౼ यह कथन किसका है \
(1) हज़ारीप्रसाद द्विवेदी (2) नगेन्द्र
(3) रामचन्द्र शुक्ल (4) रामकुमार वर्मा
80. (3) रामचन्द्र शुक्ल
81. गिरा अरथ, जल बीचि सम कहियत भिन्न भिन्न।
बंदौं सीमाराम पद जिनहि परम परम प्रिय खिन्न।
उक्त काब्य पंक्तियाँ किस कवि की है \
(1) केशवदास (2) तुलसीदास
(3) ईश्वरदास (4) नागरीदास
81. (2) तुलसीदास
82. 'धर्म का प्रवाह कर्म, ज्ञान और भक्ति, इन तीन धाराओं में चलता है। इन तीनों के सामंजस्य से धर्म अपनी पूर्ण सजीव दशा से रहता है। किसी एक के भी अभाव से वह विकलांग रहता है।' ౼यह कथन किस आलोचक का है \
(1) रामचन्द्र शुक्ल (2) हज़ारी प्रसाद द्विवेदी
(3) राहुल सांकृत्यान (4) रामविलास शर्मा
82. (1) रामचन्द्र शुक्ल
83. 'चिरजीवों जारी जुरैं क्यों न सनेह गंभीर ।
को घटि ये वृषभानुजा वे हलधर के बीर ।।'
'वृषभानुजा' और 'हलधर' में कौन-सा अलंकार है \
(1) यमक (2) प्रतीप
(3) श्लेष (4) ब्याजस्तुति
83. (3) श्लेष
84. 'पानिप अपार घन आनंद उकति ओछी
जतन जुगति जोन्ह कौन पै नपति है ।'
उक्त काव्यांश में कवि क्या कहना चाहता है \
(1) नायिका का सौन्दर्य वर्णन असंभव नहीं है।
(2) नायिका के सौन्दर्य से अच्छी कवि की उक्ति है।
(3) नायिका के सौन्दर्य की तुलना में मेरी उक्ति निष्कृष्ट है।
(4) नायिका का सौन्दर्य और कवि की उक्ति दोनों अच्छे हैं।
84. (3) नायिका के सौन्दर्य की तुलना में मेरी उक्ति निष्कृष्ट है।
85. 'अष्टछाप में सूरदास के पीछे इन्हीं का नाम लेना पडझ्ता है। इनकी रचना भी बड़ी सरस और मधुर है। इनके संबंध में यह कहावत प्रसिद्ध है कि और कवि गढ़िया नंददास जड़िया।' ౼यह कथन किसका है ?
(1) रामचन्द्र शुक्ल (2) हज़ारी प्रसाद द्विवेदी
(3) रामकुमार (4) नन्ददुलारे वाजपेयी
85. (1) रामचन्द्र शुक्ल
86. 'छोड़ द्रुमों की मृदु छाया
तोड़ प्रकृति से भी माया
बोलो! तेरे बाल-जाल में कैसे उलझा दूँ लोचन ?'౼यह काव्य-पंक्तियाँ किस कवि की हैं ?
(1) रामनरेश त्रिपाठी (2) जयशंकर प्रसाद
(3) सुमित्रानंदन पंत (4) सूर्यकांत त्रिपाठी निराला
86. (3) सुमित्रानंदन पंत
87. 'अब तक क्या किया,
जीवन क्या जिया,
ज़्यादा लिया और दिया बहुत-बहुत कम'
उपर्युक्त पंक्तियाँ के रचयिता हैं :
(1) अज्ञेय (2) रघुवीर सहाय
(3) शमशेर बहादुर सिंह (4) मुक्तिबोध
87. (4) मुक्तिबोध
88. 'मौन भी अभिव्यंजना है :
जितना तुम्हारा सच है
उतना ही कहो।'
'मौन' के इस रचनात्मक संदर्भ की अभिव्यक्ति अज्ञेय ने अपनी किस काव्य कृति में की है ?
(1) इंद्रधनुष रौंदे हुए (2) पहले सन्नाटा बुनता हूँ
(3) आँगन के पार द्वार (4) हरी घास पर क्षण भर
88. (1) इंद्रधनुष रौंदे हुए
89. 'कविता कवि व्यक्तित्व की अभिव्यक्ति नहीं, व्यक्तित्च से पलायन है।’ ౼यह कथन किसका है ?
(1) लुकाच (2) कॉलरिज
(3) आई॰ ए॰ रिचर्ड्स (4) टी॰ एस॰ इलियट
89. (4) टी॰ एस॰ इलियट
90. 'श्रेष्ठ कविता प्रबल मनोवेगों का सहज उच्छलन है, किन्तु इसके पीछे कवि की विचारशीलता और गहन चिन्तन होना चाहिए।’ यह विचार किस पाश्चात्य चिन्तक का है ?
(1) कॉलरिज (2) क्रोचे
(3) लेविस (4) वर्ड्सवर्थ
90. (4) वर्ड्सवर्थ
Hindi Sahitya Vimarsh
UGCNET/JRF/SLET/PGT
हिन्दी भाषा एवं साहित्य के परीक्षार्थियों के लिए सर्वोत्तम मार्गदर्शक
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सम्पादक : मुहम्मद इलियास हुसैन
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शनिवार, 19 मई 2018
UGCNET/JRF में हिन्दी भाषा एवं साहित्य की कृतियोँ एवं उनके पात्रों पर पूछे गए प्रश्न-1
UGCNET/JRF में हिन्दी भाषा एवं साहित्य की कृतियोँ एवं उनके पात्रों पर पूछे गए प्रश्न-1
1. निम्नलिखित काव्य-पंक्तियों को उनके कवियों के साथ सुमेलित कीजिए : सूची-1 सूची-2
(A) मालविका (i) सूर्यमुख
(B) मल्लिका (ii) देहान्तर
(C) वेणुरति (iii) चन्द्रगुप्त
(D) देवयानी (iv) शस्त्रा संतान (v) आषाढ़ का एक दिन
कोड :
a b c d
(A) (iii) (v) (i) (ii)
(B) (iii) (i) (ii) (iv)
(C) (ii) (iii) (iv) (v)
(D) (iv) (iii) (ii) (i)
24. (A)
(A) मालविका चन्द्रगुप्त (प्रसाद, 1928 ई.)
(B) मल्लिका आषाढ़ का एक दिन (मोहन राकेश, 1958 ई.)
(C) वेणुरति देहान्तर (नन्दकिशोर आचार्य, 1987 ई.)
(D) देवयानी सूर्यमुख (लक्ष्मीनारायण लाल, 1968 ई.)
2. निम्नलिखित नाटकों के साथ उनके पात्रों को सुमेलित कीजिए :
सूची-1 सूची-2
(A) अन्धेर नगरी (i) चाणक्य
( (B) कोर्ट मार्शल (ii) सुरेखा
( (C) द्रोपदी (iii) रामचन्दर
( (D) कौमुदी महोत्सव (iv) नारायणदास
(v) मातृगुप्त
कूट :
a b c d
(A) v i iii iv
(B) ii iii i v
(C) iv iii ii i
(D) iii ii iv i
2. (C)
(A) अन्धेर नगरी नारायणदास
(B) कोर्ट मार्शल रामचन्दर
(C) द्रोपदी सुरेखा
(D) कौमुदी महोत्सव चाणक्य
3. निम्नलिखित पात्रों को नाट्य कृतियों से सुमेलित कीजिए :
(A) स्कन्दगुप्त (i) विशु
(B) कोणार्क (ii) विलोम
(C) आषाढ़ का दिन (iii) प्रपंचबुद्धि
(D) सूर्य की पहली किरण से अन्तिम किरण (iv) शीलवती (v) दाण्ड्यायन
कूट :
a b c d
(A) (iv) (i) (iii) (ii)
(B) (ii) (iii) (i) (iv)
(C) (iii) (i) (ii) (iv)
(D) (v) (iv) (ii) (ii)
3. (C)
(A) स्कन्दगुप्त प्रपंचबुद्धि
(B) कोणार्क विशु
(C) आषाढ़ का दिन विलोम
(D) सूर्य की पहली किरण से अन्तिम किरण शीलवती
4. निम्नलिखित पात्रों को उनके नाटकों के साथ सुमेलित कीजिए :
(A) मल्लिका (i) देहान्तर
(B) देवसेना (ii) आषाढ़ का एक दिन
(C) शीलवती (iii) स्कन्दगुप्त
(D) शर्मिष्ठा (iv) कोमल गांधार
(v) सूर्य की अन्तिम किरण से सूर्य की पहली किरण तक
कोड :
(a) (b) (c) (d)
(A) (iii) (iv) (i) (ii)
(B) (v) (ii) (iii) (ii)
(C) (ii) (iii) (v) (i)
(D) (ii) (i) (iv) (iii)
4. (C)
(A) मल्लिका (आषाढ़ का एक दिन)
(B) देवसेना (स्कन्दगुप्त)
(C) शीलवती (सूर्य की अन्तिम किरण से सूर्य की पहली किरण तक)
(D) शर्मिष्ठा (देहान्तर)
5. ’नाच्यौ बहुत गोपाल’ की नायिका है :
(A) मृणालिनी (B) बुधिया
(C) निर्गुनिया (D) सिलिया
5. (C) निर्गुनिया
6. निम्नलिखित उपन्यासों को उनके पात्रों के साथ सुमेलित कीजिए :
(A) ग़वन (i) मृणाल
(B) नदी के द्वीप (ii) डॉ॰ प्रशान्त
(C) मैला आंचल (iii) जालपा
(D) बाणभट्ट की आत्मकथा (iv) भुवन (v) निपुणिका
कोड :
( a) (b) (c) (d)
(A) (iii) (iv) (ii) (v)
(B) (v) (ii) (iii) (ii)
(C) (iv) (ii) (v) (ii)
(D) (ii) (i) (iv) (iii)
6. (A)
(A) ग़वन जालपा
(B) नदी के द्वीप भुवन
(C) मैला आंचल डॉ॰ प्रशान्त
(D) बाणभट्ट की आत्मकथा निपुणिका
7. इन चरित्रों को उनके नाटकों के साथ सुमेलित कीजिए :
सूची-1 सूची-2
(A) सुन्दरी (i) चन्द्रगुप्त
(B) कल्याणी़ (ii) देहान्तर
(C) उर्वी (iii) शकुन्तला की अंगूठी
(D) कनक (iv) लहरों के राजहंस (V) पहला राजा
कूट :
a b c d
(A) (iv) (i) (iii) (v)
(B) (v) (iii) (iv) (i)
(C) (ii) (v) (ii) (iii)
(D) (i) (ii) (iv) (iii)
7. (A)
(A) सुन्दरी (लहरों के राजहंस)
(B) कल्याणी़ (चन्द्रगुप्त)
(C) उर्वी (शकुन्तला की अंगूठी)
(D) कनक (पहला राजा)
8. निम्नलिखित पात्रों को उनके नाटकों के साथ सुमेलित कीजिए :
(A) सिंहरण (i) आधे-अधूरे
(B) युयुत्सु (ii) हानूश
(C) जुनेजा (iii) चन्द्रगुप्त
(D) दक्ष (iv) अंधायुग (v) एक कंठ विषपायी
कोड :
(a) (b) (c) (d)
(A) (iii) (iv) (ii) (v)
(B) (v) (ii) (iii) (ii)
(C) (iii) (iv) (i) (v)
(D) (ii) (i) (iv) (iii)
8. (C)
(A) सिंहरण चन्द्रगुप्त
(B) युयुत्सु अंधायुग
(C) जुनेजा आधे-अधूरे
(D) दक्ष एक कंठ विषपायी
9. ’सुचरिता’ का संबंध किस उपन्यास से है :
(A) शेखर : एक जीवनी (B) वाणभट्ट की आत्मकथा
(C) रागदरबारी (D) पहला गिरमिटिया
9. (B) वाणभट्ट की आत्मकथा
10. निम्नलिखित पात्रों को उनके उपन्यासों के साथ सुमेलित कीजिए :
(A) गोबर (i) नदी के द्वीप
(B) भुवन (ii) वाणभट्ट की आत्मकथा
(C) महामाया (iii) मृगनयनी
(D) कुमारगिरि (iv) गोदान (v) चित्रालेखा
कोड :
(a) (b) (c) (d)
(A) (iv) (i) (ii) (v)
(B) (iii) (ii) (i) (iv)
(C) (iv) (ii) (v) (i)
(D) (i) (iii) (v) (ii)
10. (A)
(A) गोबर गोदान
(B) भुवन नदी के द्वीप
(C) महामाया वाणभट्ट की आत्मकथा
(D) कुमारगिरि चित्रालेखा
11. निम्नलिखित पात्रों को उनके काव्यों के साथ सुमेलित कीजिए :
(A) प्रियंवद (i) प्रलय की छाया
(B) कमला (ii) उर्वशी
(C) औशीनरी (iii) आत्मजयी
(D) नचिकेता (iv) असाध्य वीणा (v) अंधायुग
कोड :
(a) (b) (c) (d)
(A) (iv) (i) (ii) (v)
(B) (iv) (i) (ii) (iii)
(C) (iv) (ii) (v) (i)
(D) (i) (iii) (v) (ii)
11. (B)
(A) प्रियंवद असाध्य वीणा
(B) कमला प्रलय की छाया
(C) औशीनरी उर्वशी
(D) नचिकेता आत्मजयी
12. राजमती इनसे से किस काव्य-कृति की नायिका है :
(A) कीर्तिपताका (B) आल्हखंड
(C) बीसलदेव रासो (D) रणमल्ल छंद
12. (C) बीसलदेव रासो
13. निम्नलिखित पात्रों को उनके नाटकों के साथ सुमेलित कीजिए :
सूची-1 सूची-2
(1) पर्णदत्त (i) सूर्य की अन्तिम किरण से सूर्य की पहली किरण तक
(2) हेरूप (ii) स्कन्दगुप्त
(3) ओक्काक (iii) माधवी
(4) गालव (iv) कलंकी (v) नरसिंह कथा
कोड :
(a) (b) (c) (d)
(1) (ii) (iii) (iv) (v)
(2) (iii) (i) (iv) (ii)
(3) (i) (iv) (v) (iii)
(4) (ii) (iv) (i) (iii)
13. (4)
(1) पर्णदत्त स्कन्दगुप्त
(2) हेरूप कलंकी
(3) ओक्काक सूर्य की अन्तिम किरण से सूर्य की पहली किरण तक
(4) गालव माधवी
14. निम्नलिखित पात्रों को संबंद्ध काव्य-ग्रंथों के साथ सुमेलित कीजिए :
सूची-1 सूची-2
(1) चंदा (i) बीसलदेव रासो
(2) नागमती (ii) चंदायन
(3) राजमती (iii) ढोला-मारू रा दूहा
(4) मालवणी (iv) पृथ्वीराज रासो
(v) पदमावत
कोड :
(a) (b) (c) (d)
(1) (ii) (v) (i) (iii)
(2) (iv) (iii) (v) (ii)
(3) (v) (i) (ii) (iii)
(4) (ii) (v) (iv) (i)
14. (1)
(1) चंदा चंदायन
(2) नागमती पदमावत
(3) राजमती बीसलदेव रासो
(4) मालवणी ढोला-मारू रा दूहा
15. निम्नलिखित पात्रों को रचनाओं के साथ सुमेलित कीजिए :
सूची-2 सूची-2
(1) राधा (i) राम की शक्तिपूजा
(2) जाम्बवान (ii) असाध्य वीणा
(3) युधिष्ठिर (iii) प्रियप्रवास
(4) केशकंबली (iv) विजय पथ (v) महाप्रस्थान
कोड :
(a) (b) (c) (d)
(1) (i) (ii) (iii) (iv)
(2) (iii) (i) (v) (ii)
(3) (ii) (i) (ii) (iv)
(4) (v) (i) (ii) (iii)
15. (2)
(1) राधा प्रियप्रवास
(2) जाम्बवान राम की शक्तिपूजा
(3) युधिष्ठिर महाप्रस्थान
(4) केशकंबली असाध्य वीणा
16. निम्नलिखित स्त्री चरित्रों को संबंधित नाटकों के साथ सुमेलित कीजिए :
सूची-1 सूची-2
(1) शीलवती (i) पहला राजा
(2) शर्मिष्ठा (ii) द्रौपदी
(3) सुरेखा (iii) सूर्य की अंतिम किरण से सूर्य की पहली किरण तक
(4) उर्वी (iv) देवयानी का कहना है (v) देहान्तर
कोड :
(a) (b) (c) (d)
(1) (i) (ii) (iii) (iv)
(2) (iii) (v) (ii) (i)
(3) (ii) (iii) (iv) (v)
(4) (iv) (v) (iii) (ii)
16. (2)
(1) शीलवती सूर्य की अंतिम किरण से सूर्य की पहली किरण तक
(2) शर्मिष्ठा देहान्तर
(3) सुरेखा द्रौपदी
(4) उर्वी पहला राजा
17. ^’अनन्तदेवी’ जयशंकर प्रसाद के किस नाटक के की पात्रा है :
(1) ध्रुवस्वामिनी (2) राज्यश्री (3) अजातशत्रु (4) स्कन्दगुप्त
17. (4) स्कन्दगुप्त
18. फणीश्वरनाथ रेणु द्वारा रचित कहानी ‘ठेस’ का नायक है :
(1) सिरचन (2) घीसू (3) शेख जुम्मन (4) रामा
18. (1) सिरचन
19. अरुण और मधूलिका किस कहानी के पात्र हैं :
(1) चित्तौड़ का उद्धार (2) अशोक (3) आकाशदीप (4) पुरस्कार
19. (4) पुरस्कार
20. निम्नलिखित पात्रों को संबंधित रचनाओं के साथ सुमेलित कीजिए :
सूची-1 सूची-2
(1) आकुलि किलात (i) रश्मिरथी
(2) अश्वसेन (ii) उर्वशी
(3) युयुत्सु (iii) कामायनी
(4) औशीनरी (iv) वैदेही बनवास
(v) अंधायुग
कोड :
(a) (b) (c) (d)
(1) (i) (ii) (iii) (v)
(2) (iii) (iii) (v) (ii)
(3) (iii) (i) (v) (ii)
(4) (iv) (v) (ii) (iii)
20. (3) (
(1) आकुलि किलात कामायनी
(2) अश्वसेन रश्मिरथी
(3) युयुत्सु अंधायुग
(4) औशीनरी उर्वशी
21. निम्नलिखित स्त्राी चरित्रों को संबंधित नाटकों के साथ सुमेलित कीजिए :
सूची-1 सूची-2
(1) विलोम (i) माधवी
(2) गालव (ii) मिस्टर अभिमन्यु
(3) आत्मन (iii) देहान्तर
(4) पृथु (iv) आषाढ़ का एक दिन
(v) पहला राजा
कोड :
(a) (b) (c) (d)
(1) (iii) (ii) (i) (iv)
(2) (iv) (i) (ii) (v)
(3) (ii) (iii) (iv) (i)
(4) (ii) (iv) (v) (iii)
21. (2) (a
(1) विलोम आषाढ़ का एक दिन
(2) गालव माधवी
(3) आत्मन मिस्टर अभिमन्यु
(4) पृथु देहान्तर
22. निम्नलिखित पात्रों को उनकी कहानियों के साथ सुमेलित कीजिए :
सूची-1 सूची-2
(1) अलोपीदीन (i) ईदगाह
(3) झुरिया (ii) नमक का दारोगा
(3) जोखू (iii) सद्गति
(4) अमीना (iv) गुल्ली-डंडा
(v) ठाकुर का कुआं
कोड :
(a) (b) (c) (d)
(1) (ii) (iii) (v) (i)
(2) (i) (ii) (iii) (iv)
(3) (iii) (i) (iv) (v)
(4) (v) (iv) (i) (ii)
22. (1)
(1) अलोपीदीन नमक का दारोगा
(3) झुरिया सद्गति
(3) जोखू ठाकुर का कुआं
(4) अमीना ईदगाह
23. ’सुजान कुमार’ किस सूफ़ी प्रेमाख्यान का नायक है :
(A) मधुमालती (B) चित्रावली (C) इन्द्रावती (D) हंसजवाहिर
23. (B) चित्रावली
24. निम्नलिखित पात्रों को उनके उपन्यासों के साथ सुमेलित कीजिए :
(A) रेखा (i) मैला आंचल
(B) नीलिमा (ii) वे दिन
(C) कमला (iii) आवाँ
(D) रायना (iv) नदी के द्वीप (v) अंधेरे बन्द कमरे
कूट :
a b c d
(A) (i) (iii) (ii) (i)
(B) (iv) (v) (i) (ii)
(C) (iv) (iii) (ii) (ii)
(D) (v) (ii) (i) (iv)
1. (B)
(A) रेखा नदी के द्वीप
(B) नीलिमा अंधेरे बन्द कमरे
(C) कमला मैला आंचल
(D) रायना वे दिन
25. निम्नलिखित पात्रों को उनसे संबंद्ध काव्यों के साथ सुमेलित कीजिए :
सूची-1 सूची-2
(1) कैमास (i) आल्हखंड
(2) परमाल (ii) कीर्तिलता
(3) राघव चेतन (iii) पृथ्वीराज रासो
(4) इब्राहीम शाह (iv) पउमचरिउ (v) पदमावत
कोड :
(a) (b) (c) (d)
(1) (i) (ii) (iii) (iv)
(2) (iii) (v) (ii) (i)
(3) (ii) (iii) (iv) (v)
(4) (iv) (v) (iii) (ii)
25. (2)
(1) कैमास पृथ्वीराज रासो
(2) परमाल पदमावत
(3) राघव चेतन कीर्तिलता
(4) इब्राहीम शाह आल्हखंड
26. निम्नलिखित औपन्यासिक पात्रों को उनके उपन्यासों के साथ सुमेलित कीजिए :
सूची-1 सूची-2
(1) भुवन (i) अपने अपने अजनबी
(2) जोहरा (ii) अनामदास का पोथा
(3) कालीचरन (iii) मैला आंचल
(4) रैक्व (iv) गबन (v) नदी के द्वीप
कोड :
(a) (b) (c) (d)
(1) (v) (ii) (i) (iv)
(2) (i) (ii) (iii) (iv)
(3) (v) (iv) (iii) (ii)
(4) (iv) (v) (i) (iii)
26. (3)
(1) भुवन नदी के द्वीप
(2) जोहरा गबन
(3) कालीचरन मैला आंचल
(4) रैक्व अनामदास का पोथा
27. निम्नलिखित पात्रों को उनके उपन्यासों के साथ सुमेलित कीजिए :
सूची-1 सूची-2
(1) बावनदास (i) रागदरबारी
(2) रंगनाथ (ii) आंवा
(3) मंदा (iii) मैला आंचल
(4) नमिता पाण्डे (iv) इदन्नम (v) आधा गांव
कोड :
(a) (b) (c) (d)
(1) (ii) (iii) (iv) (v)
(2) (iii) (i) (iv) (ii)
(3) (i) (iv) (v) (iii)
(4) (v) (iv) (ii) (i)
27. (2)
(1) बावनदास मैला आंचल
(2) रंगनाथ रागदरबारी
(3) मंदा इदन्नम
(4) नमिता पाण्डे आंवा
28. प्रेमचन्द के औपन्यासिक पात्रों को उनके उपन्यासों से सुमेलित कीजिए :
सूची-1 सूची-2
(A) अमृतराय (i) निर्मला
(B) कृष्णचन्द्र (ii) सेवासदन
(C) जानसेवक (iii) प्रेमा
(D) उदयभानु (iv) कायाकल्प (v) रंगभूमि
कोड :
(A) (b) (c) (d)
(1) (ii) (iii) (iv) (v)
(2) (iii) (iv) (v) (ii)
(3) (i) (iv) (v) (iii)
(4) (v) (iv) (ii) (i)
28. (2)
(A) अमृतराय प्रेमा
(B) कृष्णचन्द्र कायाकल्प
(C) जानसेवक रंगभूमि
(D) उदयभानु सेवासदन
29. निम्नलिखित पात्रों को उनके काव्यों के साथ सुमेलित कीजिए :
सूची-1 सूची-2
(1) यशोदा (i) असाध्य वीणा
(2) शची (ii) प्रियप्रवास
(3) अश्वत्थामा (iii) आत्महत्या के विरुद्ध
(4) केशकम्बली (iv) अंधायुग (v) विष्णप्रिया
कोड :
(a) (b) (c) (d)
(1) (ii) (iv) (v) (iii)
(2) (iii) (i) (iv) (ii)
(3) (i) (iv) (v) (iii)
(4) (v) (iv) (ii) (i)
29. (1)
(1) यशोदा (ii) प्रियप्रवास
(2) शची (v) विष्णप्रिया
(3) अश्वत्थामा (iv) अंधायुग
(4) केशकम्बली (i) असाध्य वीणा
30. निम्नलिखित पात्रों को उनके उपन्यासों के साथ सुमेलित कीजिए :
सूची-1 सूची-2
(A) जालपा (i) त्यागपत्र
(B) वर्षा (ii) परदे की रानी
(C) मृणालिनी (iii) अपने अपने अजनबी
(D) सेल्मा (iv) गबन
(v) मुझे चांद चाहिए
कूट :
a b c d
(A) (iv) (v) (i) (iii)
(B) (v) (i) (ii) (iv)
(C) (ii) (iv) (v) (i)
(D) (iii) (iv) (ii) (v)
30. (A)
(A) जालपा (गबन)
(B) वर्षा (मुझे चांद चाहिए)
(C) मृणालिनी (त्यागपत्र)
(D) सेल्मा (अपने अपने अजनबी)
31. कालीचरण किस उपन्यास का पात्र है :
(A) परती परिकथा (B) झूठा सच
(C) मैला आंचल (D) गोदान
31. (C) मैला आंचल
32. निम्नलिखित चरित्रों को उनके काव्यों के साथ सुमेलित कीजिए :
सूची-1 सूची-2
(A) मानव (i) अंधायुग
(B) पुरुरवा (ii) कामायनी
(C) युयुत्सु (iii) प्रियप्रवास
(D) राधा (iv) उर्वशी (v) अग्निलीक
कूट :
a b c d
(A) (v) (i) (iii) (ii)
(B) (ii) (iv) (i) (iii)
(C) (ii) (iii) (i) (iv)
(D) (i) (ii) (iii) (iv)
32. (B)
(A) मानव कामायनी
(B) पुरुरवा उर्वशी
(C) युयुत्सु अंधायुग
(D) राधा प्रियप्रवास
33. उपन्यासों का उनके पात्रों के साथ सुमेलन कीजिए :
(A) रंगभूमि (i) मृणाल
(B) झूठा-सच (ii) नीलिमा
(C) त्यागपत्र (iii) योके
(D) अन्धेरे बन्द कमरे (iv) तारा (v) सोफ़िया
कोड :
(a) (b) (c) (d)
(A) (i) (i) (v) (ii)
(B) (iv) (ii) (i) (iii)
(C) (v) (iv) (i) (ii)
(D) (iii) (iv) (v) (ii)
33. (C)
(A) रंगभूमि सोफ़िया
(B) झूठा-सच तारा
(C) त्यागपत्र मृणाल
(D) अन्धेरे बन्द कमरे नीलिमा
34. पात्रों को उनके नाटकों के साथ सुमेलित कीजिए :
(A) देवसेना (i) कोणार्क
(B) विशु (ii) आधे-अधूरे
(C) गांधारी (iii) स्कन्दगुप्त
(D) सावित्री (iv) रातरानी (v) अंधायुग
कोड :
(a) (b) (c) (d)
(A) (iii) (i) (v) (ii)
(B) (v) (ii) (i) (iii)
(C) (ii) (v) (iii) (iv)
(D) (i) (iv) (v) (ii)
34. (A)
(A) देवसेना स्कन्दगुप्त
(B) विशु कोणार्क
(C) गांधारी अंधायुग
(D) सावित्री आधे-अधूरे
35. ’निउनिया’ किस उपन्यास का पात्र है
(A) अनामदास का पोथा (B) चारुचन्द्रलेख
(C) पुनर्नवा (D) बाणभट्ट की आत्मकथा
35. (D) बाणभट्ट की आत्मकथा
36. 'शीलवती' सुरेन्द्र वर्मा के किस नाटक की पात्र है \
(1)
सेतुबंध
(2)
सूर्य की अन्तिम किरण से पहली किरण
(3)
आठवां सर्ग
(4)
द्रौपदी
37. पात्रों को नाट्यक्तियों के साथ सुमेलित कीजिए :
(1) चन्द्रगुपत (i) महेन्द्रनाथ
(2) आधे-अधूरे (ii) प्रपंचबुद्धि
(3) कोणार्क (iii) चाणक्य
(4) अंधायुग (iv)
अश्वत्थामा (v) विशु
कूट %
(a) (b) (c) (d)
(A) (i) (iii) (iv) (ii)
(B) (iii) (i) (v) (iv)
(C) (ii) (ii) (i) (v)
(D) (iii) (ii) (iv) (i)
(1) चन्द्रगुपत चाणक्य
(2) आधे-अधूरे महेन्द्रनाथ
(3) कोणार्क विशु
(4) अंधायुग अश्वत्थामा
38. निम्नलिखित उपन्यास और उनके नारी पात्रों को सुमेलित कीजिए
:
(1) परख (i) जालपा
(2) गबन (ii) शशि
(3) त्यागपत्र (iii) कट्टो
(4) शेखर : एक जीवनी (iv) मृणालिनी (v) धनिया
कूट :
a b c d
(A) (v) (iii) (i) (iv)
(B) (iii) (i) (iv) (ii)
(C) (iv) (iii) (ii) (i)
(D) (v) (iv) (i) (iii)
(1) परख कट्टो
(2) गबन जालपा
(3) त्यागपत्र मृणालिनी
(4) शेखर : एक जीवनी शशि
Hindi Sahitya Vimarsh
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