शब्द-शक्ति और गुण-दोष प्रश्नोत्तरी-84
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#शब्द में अंतर्निहित अर्थ को व्यक्त करने की सामर्थ्य को कहते हैं :
(A) शब्दार्थ
(B) शब्द-गुण
(C) शब्द-भेद
(D) शब्द-शक्ति
उत्तर : शब्द में अंतर्निहित अर्थ को व्यक्त करने की सामर्थ्य को कहते हैं : (D) शब्द-शक्ति।
#अर्थ का बोध कराने वाली वृत्ति को 'शब्द शक्ति' की संज्ञा किसने दी?
(A) भामाह ने
(B) विश्वनाथ ने
(C) कुंतक ने
(D) आनंदवर्धन ने
उत्तर : (B) आचार्य विश्वनाथ ने अर्थ का बोध कराने वाली वृत्ति को 'शब्द शक्ति' की संज्ञा दी।
#काव्यशास्त्र के अनुसार शब्द में अर्थ कितने प्रकार से आता है?
(A) तीन
(B) चार
(C) पांच
(D) छ:
उत्तर : (A) तीन : काव्यशास्त्र के अनुसार शब्द में अर्थ तीन प्रकार से आता है पदार्थ द्वारा प्रयोजन द्वारा और अनेकार्थी व्यंजना द्वारा
#रसानुभूति कराने में किस शब्द शक्ति की प्रधानता है?
(A) अविधा
(B) लक्षणा
(C) व्यंजना
(D) तात्पर्या
उत्तर : (A) रसानुभूति कराने में 'अविधा' शब्द शक्ति की प्रधानता है।
#इनमें से कौन कवि अर्थ गौरव के लिए प्रसिद्ध है?
(A) कालिदास
(B) भास
(C) भारवि
(D) श्रीहर्ष
उत्तर : (C) भारवि
#आचार्य मम्मट ने काव्य के कितने भेदों का उल्लेख किया है?
(A) दो
(B) तीन
(C) चार
(D) पांच
उत्तर : (B) तीन : आचार्य मम्मट ने कवि के तीन भेद - उत्तम, मध्यम और अधम का उल्लेख किया है।
#इनमें से किस शब्द शक्ति को 'अर्थ सांकेतित' कहा गया है?
(A) अविधा
(B) लक्षणा
(C) व्यंजना
(D) तात्पर्या
उत्तर : (A) 'अविधा' को 'अर्थ सांकेतित' कहा गया है।
#शब्द शक्ति के मूलतः कितने भेद हैं?
(A) तीन
(B) चार
(C) पांच
(D) छह
उत्तर : (A) शब्द शक्ति के मूलतः तीन भेद हैं।
#अर्थबोध कराने के संबंध में कौन सा कथन सत्य है?
(A) अविधा शब्द शक्ति लक्षणा पर आश्रित होती है
(B) लक्ष्णा शक्ति व्यंजना पर आश्रित होती है
(C) अविधा शब्द शक्ति लक्षण व व्यंजना दोनों पर आश्रित होती है
(D) लक्षणा व्यंजना दोनों शब्द शक्तियां अविधा पर आश्रित होती हैं
उत्तर : (C) अर्थबोध कराने के संबंध में अविधा शब्द शक्ति लक्षणा व्यंजना दोनों पर आश्रित होती है।
#मुहावरे तथा लोकोक्तियों में शब्द शक्ति होती है :
(A) अविधा
(B) लक्षणा
(C) व्यंजना
(D) तात्पर्या
उत्तर : (B) लक्षणा : मुहावरे तथा लोकोक्तियों में 'लक्षणा' शब्द शक्ति होती है।
#लक्षणा शब्द शक्ति के मुख्यतः कितने भेद हैं?
(A) 3
(B) 4
(C) 5
(D) 6
उत्तर : (D) 6 : लक्षणा शब्द शक्ति के मुख्यत: 6 भेद हैं : गौड़ी लक्षणा, शुद्धा लक्षणा, उपादान लक्षणा, लक्षण लक्षणा, सारोप्य लक्षणा और साध्यवसाना लक्षणा
#रूढ़ और प्रयोजनवती किस शब्द शक्ति से संबद्ध है?
(A) अविधा
(B) लक्षणा
(C) व्यंजना
(D) तात्पर्या
उत्तर : (B) रूढ़ा और प्रयोजनवती 'लक्षणा' शब्द शक्ति से संबद्ध है।
#'ईद का चांद होना' मुहावरे में इनमें से कौन लक्षणा शक्ति है?
(A) प्रयोजनवती
(B) रूढ़ि
(C) शाब्दी
(D) आर्थी
उत्तर : (B) 'ईद का चांद होना' मुहावरे में रूढ़िवश मुख्यार्थ को छोड़कर लाक्षणिक अर्थ ग्रहण किया जाता है। अतः इसमें रूढ़ि लक्षणा है।
#अविधाशक्ति से कितने प्रकार के शब्दों का अर्थबोध होता है?
(A) 3
(B) 4
(C) 5
(D) 6
उत्तर : अविधा शक्ति से तीन प्रकार के शब्दों का अर्थ बोध होता है : रूढ़, यौगिक और योगरूढ़
#मधुमय वसंत जीवन वन के
वह अंतरिक्ष की लहरों में
कब आए थे? तुम चुपके से, रजनी के पिछले पहरों में।"
उपर्युक्त पंक्तियों में कौन सा गुण है?
(A) प्रसाद
(B) माधुर्य
(C) ओज
(D) इनमें से कोई नहीं
उत्तर : (A) उपर्युक्त पंक्तियों में प्रसाद गुण है
#वीर, वीभत्स और रौद्र रस में होता है :
(A) प्रसाद
(B) माधुर्य
(C) ओज
(D) इनमें से कोई नहीं
उत्तर : (C) वीर, वीभत्स और रौद्र रस में ओज गुण होता है।
#प्रसाद गुण के संबंध में कौन सा कथन सत्य है?
(A) इसमें भावों के अनुसार कोमल तथा कठोर सब शब्द तरह के वर्णों का प्रयोग हो सकता है
(B) यह मन में उत्साह का संचार करता है
(C) यह वीर, रौद्र, भयानक और वीभत्स रस में विद्यमान रहता है
(D) यह श्रृंगार, करुणा और शांत रस में विद्यमान रहता है
उत्तर : (C) "प्रसाद गुण में भावों के अनुसार कोमल तथा कठोर सब तरह के वर्णों का प्रयोग हो सकता है-- कथन सत्य है।
#प्रसाद गुण की प्रमुख विशेषता है :
(A) चित्त को द्रवित करता है
(B) चित्त में दीप्ति उत्पन्न करता है
(C) अर्थ की दुरूहता
(D) अर्थ की स्पष्टता
उत्तर : (D) 'अर्थ की स्पष्टता' प्रसाद गुण की प्रमुख विशेषता है
#सभी रसों के उत्कर्ष में सहायक गुण है :
(A) ओज
(B) माधुर्य
(C) प्रसाद
(D) इनमें से कोई नहीं
उत्तर : (C) 'प्रसाद' गुण सभी रसों के उत्कर्ष में सहायक है
#शत घूर्णावर्त तुरंग भंग उठते पहाड़
जल राशि राशि जल पर चढ़ता खाता पछाड़
तोड़ता बंध प्रतिसंघ धरा, हो स्फीत वक्ष
दिग्विजय अर्थ प्रतिपल समर्थ बढ़ता समक्ष। उपर्युक्त काव्य पंक्तियों में कौन सा गुण है?
(A) माधुर्य
(B) ओज
(C) प्रसाद
(D) उपर्युक्त सभी
उत्तर : (B) उपर्युक्त पंक्तियों में ओज गुण है
#कच समेटि करि भुज उलटि खए खीस पट डारि। काको मन बांधै न यह, जूरो बांधनी हारि।।
उपर्युक्त दोहे में है
(A) रूढ़ लक्षणा
(B) प्रयोजनवती लक्षणा
(C) लक्षण लक्षणा
(D) सारोप्य लक्षणा
उत्तर : C) लक्षण लक्षणा : बिहारी के दोहे में जूड़ा बांधती हुई नायिका का चित्रण है। इसमें 'मन बांधे' का मुख्यार्थ बाधित है, क्योंकि मन कोई वस्तु नहीं है, जिसे बांधा जा सके। यहां लक्ष्यार्थ है---मन को अपने में आसक्त करना। यहां बांधने का मुख्यार्थ बिल्कुल छूट गया है। अतः यहां 'लक्षण लक्षणा' है।
#लक्षण-लक्षणा शब्द शक्ति का एक अन्य नाम यह भी है :
(A) शुद्धा लक्षणा
(B) प्रयोजनवती लक्षणा
(C) अजहत् स्वार्था
(D) जहत् स्वार्था
उत्तर : (D) लक्षण-लक्षणा शब्द शक्ति का एक अन्य नाम 'जहत् स्वार्था' है।
#'मुखचंद है' में लक्षण लक्षणा है :
(A) सारोप्य
(B) शुद्धा
(C) गौणी
(D) साध्यवसाना
उत्तर : (A) यहां मुख (उपमेय) और चंद्र (उपमान) दोनों में अभेद कथन है। अतः सारोप्य लक्षणा है।
#रूपकातिशयोक्ति अलंकार में लक्षणा होती है :
(A) सारोप्य
(B) साध्यवसाना
(C) उपादान
(D) गौणी
उत्तर : रूपकातिशयोक्ति में साध्यवसाना लक्षणा होती है।
#प्रतीक विधान में कौन से लक्षणा होती है?
(A) प्रयोजनवती
(B) शुद्धा
(C) साध्यवसाना
(D) सारोप्य
उत्तर : प्रतीक विधान में साध्यवसाना लक्षणा होती है
#सादृश्यमूलक सभी अलंकारों में होता है :
(A) उपादान लक्षणा
(B) लक्षण लक्षणा
(C) शुद्धा लक्षणा
(D) गौणी लक्षणा
उत्तर : सादृश्यमूलक सभी अलंकारों मे गौणी लक्षणा होती है
#"सिंधु सेज पर धरावधू अब तनिक संकूचित बैठी सी"
(A) अविधा
(B) लक्षणा
(C) व्यंजना
(D) तात्पर्या
उत्तर : (C) उक्त पंक्तियों में व्यंजना शक्ति है।
#"कर्णधार संभाल कर तलवार अपनी बांधना" इस पंक्ति में कौन सी शब्द शक्ति है?
(A) अविधा
(B) लक्षणा
(C) व्यंजना
(D) तात्पर्या
उत्तर : (C) उक्त पंक्ति में व्यंजना शक्ति है
#श्लेष अलंकार में शब्द शक्ति होती है :
(A) अविधा
(B) लक्षणा
(C) व्यंजना
(D) तात्पर्यवृत्ति
उत्तर : (C) श्लेष अलंकार में व्यंजना शक्ति है
#जहां मुख्यार्थ को बाधित कर के सामान्य रूप, गुण, धर्म, सादृश्य से संबंध के आधार पर अर्थ लक्षित होता है, वहां कौन सी लक्षणा होती है?
(A) गौड़ी लक्षणा
(B) शुद्धता लक्षणा
(C) उपादान लक्षणा
(D) लक्षण लक्षणा
उत्तर : (A) जहां मुख्यार्थ को बाधित कर के सामान्य रूप, गुण, धर्म, सादृश्य संबंध के आधार पर अर्थ लक्षित होता है, वहां 'गौड़ी लक्षणा' होती है।
#"कौशल्या के वचन सुनि, भरत सहित रनिवास। व्याकुल विलपत राजगृह, मानहुं शोक निवास।।"
उपर्युक्त दोहे में शब्द शक्ति है :
(A) तात्पर्या
(B) अविधा
(C) लक्षणा
B) ) व्यंजना
उत्तर : (C) कौशल्या की बात सुनकर समस्त राजगृह व्याकुल होकर रो रहा है। राजगृह रो नहीं सकता। यहां राजगृह का अर्थ उसमें रहने वाले लोगों से है। समस्त राजगृह के रोने में अत्यधिक दुख को व्यक्त करने का विशेष प्रयोजन होने से 'लक्षणा' शक्ति है। में
#"रसापकर्षक: दोष:" किसने कहा है?
(A) भामाह
(B) विश्वनाथ
(C) वामन
(D) रुय्यक
उत्तर : (B) विश्वनाथ ने "रसापकर्षक: दोष:" कहा है।
#काव्य में सामान्यतः कितने प्रकार के दोष मान्य हैं?
(A) दो
(B) तीन
(C) चार
(D) पांच
उत्तर : (B) काव्य में सामान्यत: है तीन प्रकार के दोष माने गए हैं : शब्द-दोष, अर्थ-दोष और रस-दोष है।
#आचार्य मम्मट ने किसने काव्य दोषों का उल्लेख किया है?
(A) 50
(B) 60
(C) 70
(D) 80
उत्तर : (C) आचार्य मम्मट ने 70 काव्य दोषों का उल्लेख किया है। इनमें 37 शब्द-दोष, 23 अर्थ-दोष और 10 रस-दोष हैं।
#निम्नलिखित चार विकल्पों में से काव्य-दोष के सही विकल्प चुनिए :
अवसर न खो निठल्ली
बढ़ जा बढ़ जा निकट बल्ली
अब छोड़ना न लल्ली
कदम्ब अवलंब तू मल्ली।
(A) रस-दोष
(B) अर्थ-दोष
(C) शब्द-दोष
(D) ये सभी
उत्तर : (C) इस पद्यांश में शब्दों के अनुचित प्रयोग से अर्थ का अपकर्ष हुआ है। अतः यहां 'शब्द-दोष' है।
#निम्नलिखित चार विकल्पों में से काव्य-दोष के सही विकल्प चुनिए :
"मुख सूखाहि लोचन स्रवहिं, सोकु न हृदय समाय।
मनहुं करुन रस कटकई, उतरा अवध बजाय।"
(A) शब्द-दोष
(B) अर्थ-दोष
(C) रस-दोष
(D) ये सभी
उत्तर : (C) रस-दोष : इस दोहे में स्थायी भाव शोक और करुण रस का स्पष्ट उल्लेख होने से 'रस-दोष' है।
#निम्नलिखित चार विकल्पों में से काव्य-दोष के सही विकल्प चुनिए :
"धनु है यह गौरमादइन नाहीं"
(A) च्युतसंस्कृति
(B) ग्राम्यत्व
(C) पुनरुक्ति
(D) अप्रतीतत्व
उत्तर : इस काव्य-पंक्ति में 'गौरमाइदन' शब्द का प्रयोग इंद्रधनुष के अर्थ में किया गया है। 'गौरमाइदन' शब्द का प्रयोग बुंदेलखंडी बोली में होता है। अतः यहां ग्राम्यत्व' दोष है।
#निम्नलिखित चार विकल्पों में से काव्य-दोष के सही विकल्प चुनिए :
"मृदुबानी मीठी लगै बात कविन की उक्ति"
(A) पुनरुक्ति
(B) क्लिष्टत्व
(C) संदिग्धत्व
(D) असमर्थत्व
उत्तर : (A) इस काव्य-पंक्ति में 'बानी', 'बात' और 'उक्ति' के प्रयोग के कारण 'पुनरुक्ति' दोष है।
#निम्नलिखित चार विकल्पों में से काव्य-दोष के सही विकल्प चुनिए :
"नतरु बांझ भलि बाद बियानी"
(A) क्लिष्टत्व
(B) अनुचितार्थत्व
(C) अश्लीलत्व
(D) ग्राम्यत्व
उत्तर : (D) इस काव्य-पंक्ति में 'बियानी' शब्द के प्रयोग से 'ग्राम्यत्व' दोष गया है।
#निम्नलिखित चार विकल्पों में से काव्य-दोष के सही विकल्प चुनिए :
"पानी पावक पवन प्रभु, ज्यों असाधु त्यों साधु।
(A) संदिग्धत्व
(B) अनुचितार्थत्व
(C) न्यूनपदत्व
(D) अप्रयुक्तत्व
उत्तर : ( C) न्यूनपदत्व : इस काव्य-पंक्ति में कवि का अभीष्ट अर्थ है कि पानी, अग्नि, वायु और स्वामी, साधु और असाधु दोनों के लिए समान व्यवहार करते हैं। किंतु ज्यों 'साधु' त्यों 'असाधु' कहने से पूरी बात स्पष्ट नहीं होती। अतः यहां समान व्यवहार करते हैं। अर्थ को स्पष्ट करने के लिए कोई और पद होना चाहिए। अतः यहां 'न्यूनपदत्व' दोष है।
#निम्नलिखित चार विकल्पों में से काव्य-दोष के सही विकल्प चुनिए :
"मथम वचन जब सीता बोला।
हरि प्रेरित लक्ष्मण मन डोला।।"
(A) असमर्थत्व
(B) च्युतसंस्कृति
(C) अप्रयुक्तत्व
(D) न्यूनपदत्व
उत्तर : इस चौपाई में सीता (स्त्रीलिंग) के लिए 'बोला' (पुल्लिंग) शब्द का प्रयोग होने से 'च्युतसंस्कृति' दोष है।
#निम्नलिखित चार विकल्पों में से काव्य-दोष के सही विकल्प चुनिए :
"जगजीव जतीन की छूटी तटी"
(A) अप्रतीतत्व
(B) अश्लीलत्व
(C) न्यूनपदत्व
(D) अश्लीलत्व
उत्तर : (A) इस काव्य-पंक्ति में तटी शब्द योगशास्त्र का है, जिसका प्रयोग 'त्राटक मुद्रा' के लिए होता है। शास्त्री विशेष का पारिभाषिक शब्द होने के कारण अर्थ प्रतीति में बाधा हो रही है। अतः यहां 'अप्रतीतत्व' दोष है।
#निम्नलिखित चार विकल्पों में से काव्य-दोष के सही विकल्प चुनिए :
"बंद्या पर करिए कृपा"
(A) च्युतसंस्कृति
(B) ग्राम्यत्व
(C) पुनरुक्ति
(D) संदिग्धत्व
उत्तर : (D) इस काव्य-पंक्ति में 'बंद्या' पद के दो अर्थ हैं : 'वंदिनी' और 'वंदनीय'। प्रयोग से यह स्पष्ट नहीं है कि यहां तात्पर्यभूत अर्थ क्या है। अतः यहां 'संदिग्धत्व' दोष है।
#निम्नलिखित चार विकल्पों में से काव्य-दोष के सही विकल्प चुनिए :
"ह्वैके पसु रन-यज्ञ में,
अमर होहिं जग सूर।"
(A) अप्रतीतत्व
(B) अप्रयुक्तत्व
(C) अनुचितार्थत्व
(D) असमर्थत्व
उत्तर : (C) इस काव्य-पंक्ति में 'शूरवीरों' के लिए 'पशु' शब्द का प्रयोग अनुचित है। अतः यह 'अनुचितार्थत्व' दोष है।
#निम्नलिखित चार विकल्पों में से काव्य-दोष के सही विकल्प चुनिए :
"विषमय यह गोदावरी, अमृतन के फल देती।"
(A) अप्रतीतत्व
(B) निहितार्थत्व
(C) असमर्थत्व
(D) अश्लीलत्व
उत्तर : (B) इस काव्य-पंक्ति में विष शब्द का प्रयोग 'जल' के अर्थ में किया गया है। 'विष' का प्रसिद्ध अर्थ है 'ज़हर' है। 'जल' का अर्थ अप्रसिद्ध है। अतः यहां 'निहितार्थत्व' दोष है।
#निम्नलिखित चार विकल्पों में से काव्य-दोष के सही विकल्प चुनिए :
"जहां नही सामर्थ्य शोध की क्षमा वहां निष्फल है"
(A) असमर्थत्व
(B) अश्लीलत्व
(C) अप्रतीतत्व
(D) अप्रतीतत्व
उत्तर : (A) इस काव्य-पंक्ति में 'शोध' शब्द का प्रयोग 'प्रतिरोध' (बदला लेने) के अर्थ में किया गया है, किंतु उससे अभीष्ट अर्थ व्यक्त नहीं हो पा रहा है। अतः यहां 'असमर्थत्व' दोष है।
#निम्नलिखित चार विकल्पों में से काव्य-दोष के सही विकल्प चुनिए :
'तेरी ही छाती है सचमुच उपमोचिस्तनी"
(A) श्रुतिकटुत्व
(B) ग्राम्यत्व
(C) च्युतसंस्कृति
(D) क्लिष्टत्व
उत्तर : (D) उपर्युक्त काव्य-पंक्ति में उपमोचिस्तनी शब्द के प्रयोग से क्लिष्टत्व दोष है।
#शब्द शक्ति का स्रोत नहीं है :
(A) पदार्थ
(B) प्रयोजन
(C) अनेकार्थी व्यंजना
(D) ध्वनि
उत्तर : (D) ध्वनि शब्द शक्ति का स्रोत नहीं है।
#अविधा में प्रयुक्त शब्द को कहते हैं :
(A) व्यंजक
(B) संकर
(C) अनुकरणमुलक
(D) वाचक
उत्तर : (D) अविधा में प्रयुक्त शब्द को 'वाचक' कहा जाता है।
#वाच्यार्थ कहते हैं :
(A) वाचक शब्द के अर्थ को
(B) व्यंजक शब्द के अर्थ को
(C) गूढ़ शब्द के अर्थ को
(D) संकर शब्द के अर्थ को
उत्तर : (A) वाचक शब्द के अर्थ को वाच्यार्थ कहते हैं।
#रूढ़ यौगिक और योगरूढ़ शब्दों का अर्थ बोध किस 'शब्द शक्ति' से होता है?
(A) अविधा
(B) लक्षणा
(C) व्यंजना
(D) तात्पर्या
उत्तर : (A) अविधा शक्ति से रूढ़, यौगिक और योगरूढ़ शब्दों का अर्थ बोध होता है।
#"उत्तम अविधा काव्य है" किसने कहा?
(A) कुलपति मिश्र
(B) भिखारी दास
(C) देव
(D) बिहारी
उत्तर : देव कवि ने कहा है :
अविधा उत्तम काव्य है मध्य लक्षणा हीन।
अधम व्यंजना रस विरस उलटी कहत नवीन।।"
#चतुर्थ शब्द शक्ति 'तात्पर्या' का अनुसंधानकर्ता इनमें से कौन है?
(A) भिखारी दास तथा देव कवि
(B) कुमारिल भट्ट तथा प्रभाकर
(C) शंकुक की तथा अभिनव गुप्त
(D) बाणभट्ट तथा भास
उत्तर : (B) कुमारिल भट्ट तथा प्रभाकर ने चतुर्थ शब्द शक्ति 'तात्पर्या' का अनुसंधान किया।
#शब्द शक्ति के लिए आचार्य मम्मट ने किस शब्द का प्रयोग किया है?
(A) वाणी
(B) आभास
(C) प्रतीति
(D) व्यापार
उत्तर : (D) शब्द शक्ति के लिए आचार्य मम्मट ने व्यापार शब्द का प्रयोग किया है।
#शब्द शक्ति का एक अन्य नाम यह भी है :
(A) ध्वनि
(B) रीति लव
(C) वृत्ति
(D) वक्रोक्ति
उत्तर : (C) शब्द शक्ति का एक अन्य नाम वृत्ति भी है।
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