बुधवार, 16 मार्च 2022

प्रश्नोत्तरी-64 (हिंदी साहित्यकारों के कथन)

 हिंदी साहित्य विमर्श

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प्रश्नोत्तरी-64 (हिंदी साहित्यकारों के कथन)


#"संतन को कहा सीकरी सो काम" यह कथन किसका है? 

(A) सूरदास 

(B) मीराबाई 

(C) हितहरिवंश 

(D) कुंभनदास

उत्तर : (D) कुंभनदास


#"काह करौं बैकुंठ जाइ। जंह नहिं नंद जसोदा नाहीं, जंह नहिं गोपी ग्वाल न गाय।" 

यह कथन किसका है? 

(A) सूरदास 

(B) सूरदास मदनमोहन

(C) परमानंददास 

(D) तुलसीदास

उत्तर : (C) परमानंददास 


#"मानो माई घन-घन अंतर दामिनी" यह काव्य-पंक्ति किस कवि की है?

(A) मीराबाई 

(B) सूरदास 

(C) केशवदास 

(D) नरोत्तमदास

उत्तर : (B) सूरदास 


#"कर्म योग ज्ञान उपासना सभी धर्म भरमायो श्रीवल्लभ गुरु तत्व सुनाइए लीला भेद बतायो।" यह पद किसका है?

(A) सूरदास 

(B) सूरदास मदनमोहन

(C) नंददास 

(D) परमानंद दास

उत्तर : (A) सूरदास 


#"तजौ रे हरि बिमुखनि को संग" यह काव्य-पंक्ति किस कवि की है?

(A) कबीरदास 

(B) दादूदयाल

(C) तुलसीदास 

(D) सूरदास

उत्तर : (D) सूरदास


#"श्रृंगार और बात वात्सल्य के क्षेत्र में जहां तक इनकी (सूर की) दृष्टि पहुंची, वहां तक और किसी कवि की नहीं।" यह कथन किसका है?

(A) वियोगी हरि 

(B) श्यामसुंदर दास 

(C) आचार्य रामचंद्र शुक्ल

(D) पंडित हज़ारीप्रसाद द्विवेदी

उत्तर : (C) आचार्य रामचंद्र शुक्ल


#"भ्रमरगीत सूर साहित्य का मुकुटमणि है, यदि वात्सल्य और श्रृंगार के पदों को निकाल भी दिया जाए तो हिंदी साहित्य में सूर का नाम अमर रखने के लिए भ्रमरगीत ही काफ़ी है।" यह कथन किस साहित्यकार का है?

(A) पंडित हज़ारीप्रसाद द्विवेदी 

(B) आचार्य रामचंद्र शुक्ल

(C) महावीर प्रसाद द्विवेदी 

(D) डॉ. नामवर सिंह

उत्तर : (B) आचार्य रामचंद्र शुक्ल


#"सूरदास की कविता में हम विश्वव्यापी राग सुनत हैं। वह राग मनुष्य के हृदय का सूक्ष्म उद्गार है।" किस साहित्यकार का है?

(A) डॉ. रामकुमार वर्मा

(B) आचार्य रामचंद्र शुक्ल 

(C) डॉ. विजयनारायण साही

(D) डॉक्टर श्यामसुंदर दास

उत्तर : (A) डॉ. रामकुमार वर्मा


#"सूर वात्सल्य है, वात्सल्य ही सूर है" यह कथन किसका है? 

(A) प्रो. वासुदेव सिंह 

(B) डॉ. हज़ारीप्रसाद द्विवेदी 

(C) आचार्य नंददुलारे वाजपेयी 

(D) आचार्य रामचंद्र शुक्ल

उत्तर : (D) आचार्य रामचंद्र/ शुक्ल


#"कत विधि रची नारि जग मांही। 

पराधीन सपनेहु सुख नाही।" इन काव्य पंक्तियों के रचयिता हैं :

(A) जायसी 

(B) कुतुबन 

(C) तुलसी 

(D) मंझन

उत्तर : (C) तुलसी 


#"जनकसुता जगजननी 

जानकी। 

अतिसय प्रिय करुना निधान की।" 

ये काव्य-पंक्तियां किस रचनाकार की हैं?

(A) प्राणनाथ 

(B) तुलसीदास 

(C) तानसेन 

(D) रामचरणदास

उत्तर : (B) तुलसीदास 


#"मातु पीता जग जाइ तज्यौ विधिहूं न लिख्यो कुछ भाल भलाई।" इस पद के रचनाकार कौन हैं?

 (A) तुलसी 

(B) सूर 

(C) कबीर 

(D) जायसी

उत्तर : (A) तुलसी


#"गोरख जगायो जोग भगति भगायो लोग।" यह काव्य पंक्ति किस कवि की है?

(A) तुलसीदास 

(B) कबीरदास 

(C) दादूदयाल 

(D) प्राणनाथ

उत्तर : (A) तुलसीदास


#"भय बिनु होय न प्रीति।" यह काव्य-पंक्ति किस कवि की है? 

(A) जायसी 

(C) कबीर 

(C) तुलसी 

(D) रहीम

उत्तर : (C) तुलसी 


#"केशव कहीं न जाए का कहिए" यह काव्य-पंक्ति किस कवि की है? 

(A) सूर 

(B) तुलसी 

(C) कृष्णदास 

(D) नंददास

उत्तर : (B) तुलसी 


#"कहे बिनु रह्यो न परत, कहे राम! रस न रहत।" इस काव्य पंक्ति के रचयिता कौन हैं?

(A) कबीरदास 

(B) केशवदास 

(C) तुलसीदास 

(D) रहीम

उत्तर : (C) तुलसीदास


#"अरुणगात अति प्रात पद्मिनी-प्राणनाथ भय" यह काव्य-पंक्ति किस कवि की है?

(A) जयशंकर प्रसाद 

(B) केशवदास 

(C) निराला 

(D) महादेवी वर्मा

उत्तर : (B) केशवदास 


#"सब जाति फटी दु:ख की दुपटी, 

कपटी न रहै जहं एक घटी" ये काव्य-पंक्तियां किस कवि की हैं? 

(A) पद्माकर 

(B) भूषण 

(D) केशवदास 

(D) तुलसीदास

उत्तर : (D) केशवदास 


#"घायल की गति घायल जाने और न जाने कोई" यह काव्य-पंक्ति किसकी है?

(A) सूरदास 

(B) तुलसीदास 

(C) कबीरदास 

(D) मीराबाई

उत्तर : (D) मीराबाई


#"प्रेम हरि को रूप है, 

त्यों हरि प्रेम स्वरूप। 

एक होई द्वैत यों लसै, 

ज्यों सूरज अरु धूप।" ये काव्य-पंक्तियां किस कवि की हैं?

(A) रसखान 

(B) रहीम 

(C) तुलसी 

(D) कबीर

उत्तर : (A) रसखा


#"या लकुटी अरु कमरिया पर, 

राज तिहूं पुर को तजी डारौं।" यह पद किस रचनाकार की है?

(A) मतिराम 

(B) रसखान 

(C) पद्माकर 

(D) भूषण

उत्तर : (B) रसखान 


#"पानी गए न ऊबरै, मोती मानष-चून" यह काव्य-पंक्ति किसकी है?

(A) कबीर 

(B) तुलसी 

(C) रहीम 

(D) रसखान

उत्तर : (C) रहीम 


#"प्रीतम छवि मन में बसी, पर छवि कहां समाय।"

इस पद के रचनाकार कौन हैं?

(A) तुलसी 

(B) जायसी 

(C) कबीर 

(D) रहीम

उत्तर : (D) रहीम


#"कलित ललित माला वा जवाहर जड़ा था, 

चपल चखनवाला चांदनी में खड़ा था,

कटि तट बिच मेला, पीत सेला नवेला, 

अलि बन अलबेला, यार मेरा अकेला।" यह पद किस रचना से लिया गया है?

(A) दोहावली 

(B) नगर शोभा 

(C) मदनाष्टक 

(D) बरवै नायिका भेद

उत्तर : (C) मदनाष्टक


#"रहीमन कोऊ का करै जुआरी चोर लवार।

जोपत राखनहार है, 

माखन चाखन हार।" यह दोहा किस दोहाकार का है?

(A) रहीम 

(B) रसखान 

(C) रज्जब 

(D) कबीर

उत्तर : (A) रहीम 


#"प्रेम-प्रेम सब कोउ कहत, प्रेम न जानत कोय। 

जो जन जानैं प्रेम तो मरे जगत् क्यों रोय।" यह दोहा किस रचना से उद्धृत है?

(A) सुजान रसखान 

(B) प्रेम वाटिका 

(C) दानलीला 

(D) इनमें से कोई नहीं

उत्तर : (B) प्रेम वाटिका

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