मंगलवार, 12 जुलाई 2022

पाश्चात्य आलोचक और उनकी प्रमुख रचनाएं

पाश्चात्य आलोचक और उनकी प्रमुख रचनाएं

#प्लेटो (427-387 ईस्वी पूर्व) रिपब्लिक, सिंपोजियम फीडो, फीड्रस, पारमनोइजीज, सोफ़िस्ट, स्टेट्समैन, फिलेबस, टाइनियस, क्रिटियस, लॉज।

#अरस्तू (384-322 ईस्वी पूर्व) पेरिपोइएतिकेस ऑन पोएटिक्स।

#हॉरेस (नवशास्त्र वाद के प्रवर्तक, 65-8 ईस्वी पूर्व) आर्स पोएतिका।

#लोंजाइनस (213-273 ईस्वी) पेरिइप्सुस, ऑन दि सबलाइम।

#दांते (1265-1321 ईस्वी) दि वल्गरी एलोकुआ।

#सर फिलिप सिडनी (1554-1586 ईस्वी) एपॉलॉजी फॉर पोएट्री।

#बेन जॉनसन (1572-1637 ईस्वी) एवरी मैन इन हिज ह्मयूमर (1598, ड्रामा)

#जॉन ड्राइडेन (1610-1700 ईस्वी) एसे ऑन ड्रामेटिक पोयट्री

#अलेक्जेंडर पॉप (1685-1744 ईस्वी) एसे ऑन क्रिटिसिज़्म।

#कॉलरिज (1722-1834 ईस्वी) बायोग्राफिया लिटरेरिया, लेक्चर ऑन शेक्सपियर।

#विलियम वर्ड्सवर्थ (1770 1850 ईस्वी) लिरिकल बैलेड्स।

#पी बी शेली (1792-1822 ईस्वी) ए डिफेंस ऑफ पोएट्री।

#मैथ्यू अर्नाल्ड (1822-1888 ईस्वी) ऐसेज इन क्रिटिसिजम, ऑन द ऑफ़ सेल्टिक कल्चर, लिटरेचर एंड ड्रामा।

#फर्डिनेंद डि सस्यूर (1857-1913 ईस्वी) 'संरचनावाद' के प्रवर्तक।

#बेनेदेतो क्रोचे (1866-1952 ईस्वी) एस्थेटिक्स।

#जॉन क्रो रेनसम (1888-1974 ईस्वी) द न्यू क्रिटिसिज़्म।

#टी एस इलियट (1888-1965 ईस्वी) सिलेक्टेड ऐस्सेज, द यूज़ ऑफ पोएट्री एंड द यूज़ ऑफ क्रिटीसिज़्म, पोएट्री एंड ड्रामा, ऑन पोयट्री एंड पोएट्स, द सेक्रेड वुड, दि वेस्टलैंड, बायोग्राफिया लिटरेरिया।

#आई ए रिचर्ड्स (1893-1979 ईस्वी) द फाउंडेशन ऑफ़ एसथेटिक्स, द मीनिंग ऑफ मीनिंग, द साइंस ऑफ सिंबॉलिज्म, साइंस एंड पोएट्री, प्रिंसिपल ऑफ लिटरेरी क्रिटिसिज़्म, बेसिक रूल्स ऑफ रीजन, प्रैक्टिकल क्रिटिसिज़्म फिलोसोफी ऑफ रिटोरिक।

#रेनेवेलक (1903-1995) हिस्ट्री ऑफ मॉडर्न क्रिटिसिज़्म, रोमांटिक एज, द राइज ऑफ़ इंग्लिश लिटरेचर हिस्ट्री, थियरी ऑफ़ लिटरेचर।

#सी डी लेविस (1904-1972) पोइटिक इमेज।

#विलियम एम्पसन (1906-1980 ईस्वी) सेवरल टाइप्स ऑफ़ एंबिगुइटी (1930) 

#क्रिस्टोफ़र काडवेल (1907-1937) इल्यूजन एंड रियलिटी (1937)।

#रोलां बार्थ (1915-1980)

#ज्याक दरोदा (1930) स्पीक एंड फेमिना, राइटिंग एंड डिफरेंस, ऑफ़ ग्रैमिटोलोजी।


"#काव्य-रचना की जगह ऊनन कातना अधिक उपयोगी है।" जर्मन शिक्षाविद कम्पे


"#त्रासदी मनोभावों को जागृत करके विरेचन-पद्धति द्वारा मानव-मन का परिष्कार करती है।" (अरस्तू)


"#चित्रकार अथवा किसी भी अन्य कलाकार की तरह कवि भी अनुकर्ता है।" (अरस्तू)


"#काव्य बाहरी दबाव से भी लिखा जाता है और आंतरिक प्रेरणा से भी।" (होरेस)


"#काव्य में यह क्षमता होनी चाहिए कि वह पाठक को भाव-विभोर कर दे। यदि ऐसा नहीं है तो कविता निष्प्रभावी और निरर्थक है।" (होरेस)


"#महान विचारोद्भावना महत् आत्मा की प्रतिध्वनि होती है। यह वाणी द्वारा ही नहीं मौन के माध्यम से भी प्रतिध्वनि तो होती है।" (लोंजाइनस)


"#विशेष परिस्थितियों में विभिन्न व्यक्तियों की अनुभूतियों में समानता ही संप्रेषण है।" (आई ए रिचर्ड्स)


"#कविता अनुभूतियों का एक वर्ग है, जो मानक अनुभूति की प्रत्येक विशेषता से भिन्न होती हुई भी किसी विशेष से एक ख़ास मात्रा से अधिक दिन नहीं होती।" (आई ए रिचर्ड्स)


"#कलाकार का मनोविज्ञान अध्ययन का निपष्फल क्षेत्र है।" (आई ए रिचर्ड्स)


"#नैतिकता सिर्फ़ दुनियादारी है और आचार संहिता इष्ट सिद्धि की सामान्यतम व्यवस्था की अभिव्यक्ति है।" (आई ए रिचर्ड्स)


"#कविता का अस्तित्व जिस संतुलन पर स्थित होता है वह उसके बहिरंग संतुलन और अंतरंग के बीच घटित होता है।" (एलैन टेट)


"#सांकेतिकता ही काव्य भाषा का प्रधान गुण है, क्योंकि इसमें गति होती है। जहां अभिधा की भाषा समाप्त हो जाती है, वहां सांकेतिक भाषा कार्य करती है।" (आर पी ब्लैकमर)


"#कवि अपनी भाषा में अभिधेयार्थ और लक्ष्य अर्थ का विश्लेषण शंष्लेष उपस्थित करता है।" (आइवर विक्टर)


"#विसंगति ही किसी कविता के संरचनात्मक ढांचे का मूल आधार है।" (क्लींथ ब्रुक्स)


"#ग़ुलामी मृत्यु से भी भयावह है।" (प्लेटो)


"#सहाजाभूति अभिव्यंजना की आंतरिक प्रक्रिया है।" ( बेनेदिते क्रोचे)


"#साहित्यिक स्वतंत्रता राजनीतिक स्वतंत्रता की पुत्री है।" (विक्टर ह्यूगो)


"#स्वच्छंदतावाद साहित्यिक उदारवाद है।" विक्टर ह्यूगो


"#कविता सभी प्रकार के ज्ञानों का प्रथम एवं अंतिम ज्ञान है।" (वर्ड्सवर्थ)


"#प्रत्येक कवि शिक्षक होता है मैं चाहता हूं कि या तो मैं शिक्षक समझा जाऊं या कुछ नहीं।"

(वर्ड्सवर्थ)


"#कविता का ज्ञान कवि की व्यक्तिगत साधना की उपलब्धि है।" (वर्ड्सवर्थ)


"#कविता ज्ञान का प्राण है, उसकी शुद्ध चैतन्य आत्मा है, रागदीप्त व्यक्ति है जो समस्त विज्ञान का आश्रय है।" (वर्ड्सवर्थ)


"#सदकाव्य मानव मन की बलवती भावनाओं का सहज उच्छलन है।" (वर्ड्सवर्थ)


"#कविता का विषय होता है; सत्य, व्यक्तिक या स्थानीय सत्य नहीं, अपितु सामान्य एवं व्यवहारिक सत्य, जो किसी वाह्य साक्ष्य पर आधारित होकर भावों के माध्यम से समग्र रूप से हृदय में प्रविष्ट हो जाता है, ऐसा सत्य जो स्वयं में अपना साध्य है।" (वर्ड्सवर्थ)


"#मुझे और किसी पर बात पर उतना विश्वास नहीं है जितना हृदय के उदात्त भावों की पवित्रता तथा कल्पना की वास्तविकता पर। कल्पना जिसे सुंदर समझती है वह अवश्य ही सत्य होगा, चाहे उसका अस्तित्व पहले रहा हो या नहीं।" (किट्स)


"#कविता मात्र कवि के व्यक्तित्व की अभिव्यक्ति नहीं है, बल्कि कविता व्यक्तित्व से पलायन है।" (टी एस इलियट)


"#कविता कवि व्यक्तित्व की अभिव्यक्ति नहीं, व्यक्तित्व से पलायन है।" (टी एस इलियट)


"आलोचना सांस की तरह अनिवार्य एवं नैसर्गिक क्रिया है।" (टी एस इलियट)


"काव्य में कल्पना की ही अभिव्यक्ति होती है"। (पीवी शैली)


"पागल, प्रेमी और कवि तीनों कल्पना से ओत-प्रोत रहते हैं।" (शेक्सपियर)

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें