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शुक्लोत्तर युग के प्रख्यात प्रभाववादी समीक्षक । वाजपेयी जी ने ‘प्रयोगवाद को बैठे-ठाले का धंधा’ कहा है।
3. प्रेमचन्द्र – एक साहित्यिक विवेचन
4. आधुनिक – साहित्य (1950)
5. नया साहित्य : नए प्रश्न (1955)
2. महाकवि – सूरदास
5. कवि निराला (1965)
7. नई कविता (1976)
8. कवि सुमित्रनन्द पंत (1976)
9. रस सिद्धान्त नए संदर्भ (1977)
10. साहित्य का आधुनिक युग (1978)
11. आधुनिक साहित्य सृजन और समीक्षा (1978)
12. रीति और शैली (1979)
13. रचनावली 8 खण्डों में
14. भुलक्कडों का देश (व्यंग्य लेख)
15. हिन्दी साहित्य का संक्षिप्त इतिहास
16. राष्ट्रीय साहित्य
17. प्राश्चात्य सौदर्य शास्त्र का इतिहास
18. और यादे बोल उठीं (संस्मरण)
नन्ददुलारे वाजपेयी (1906—21 अगस्त, 1967) की रचनाएं/Nandadulare Vajpeyee ki Rachnayen
शुक्लोत्तर युग के प्रख्यात प्रभाववादी समीक्षक । वाजपेयी जी ने ‘प्रयोगवाद को बैठे-ठाले का धंधा’ कहा है।
आचार्य नन्द दुलारे वाजपेयी जी
1. हिन्दी साहित्य बीसबी शाताब्दी (1940, प्रथम कृति)
.2. जयशंकर प्रसाद (1940)3. प्रेमचन्द्र – एक साहित्यिक विवेचन
4. आधुनिक – साहित्य (1950)
5. नया साहित्य : नए प्रश्न (1955)
2. महाकवि – सूरदास
5. कवि निराला (1965)
7. नई कविता (1976)
8. कवि सुमित्रनन्द पंत (1976)
9. रस सिद्धान्त नए संदर्भ (1977)
10. साहित्य का आधुनिक युग (1978)
11. आधुनिक साहित्य सृजन और समीक्षा (1978)
12. रीति और शैली (1979)
13. रचनावली 8 खण्डों में
14. भुलक्कडों का देश (व्यंग्य लेख)
15. हिन्दी साहित्य का संक्षिप्त इतिहास
16. राष्ट्रीय साहित्य
17. प्राश्चात्य सौदर्य शास्त्र का इतिहास
18. और यादे बोल उठीं (संस्मरण)
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