शुक्रवार, 4 दिसंबर 2020

UGCNTA-NET/JRF J-2020 (20 Hindi solved paper)

 UGCNTA-NET/JRF J-2020 (20 Hindi solved paper)

2nd Shift 13/11/2020

1. हिंदी की लोकनाट्यशैलियों को प्रदेशों के साथ सुमेलित कीजिए :

      सूची-I सूची-Ii

(A) सॉन्ग (i) उत्तर प्रदेश

(B) नौटंकी (ii) मालवा (मध्य प्रदेश)

(C) माच (iii) छत्तीसगढ़

(D) नाचा (iv) हरियाणा

नीचे दिए गए विकल्पों में से सही उत्तर चुनिए :

     A B C D

(A) 4 1 2 3

(B) 2 1 3 4

(C) 4 3 2 1

 (D) 3 1 4 2

Ans. : (A) 4 1 2 3 

(A) सॉन्ग हरियाणा 

(B) नौटंकी उत्तर प्रदेश

(C) माच मालवा (मध्य प्रदेश)

(D) नाचा छत्तीसगढ़


2. नामवर सिंह द्वारा रचित पुस्तक के हैं :

(A) कहानी : नई कहानी

(B) साहित्य के सौंदर्यशास्त्र की भूमिका

(C) इतिहास और आलोचना

(D) भक्ति काव्य और लोकजीवन

नीचे दिए गए विकल्पों में से सही उत्तर चुनिए : 

(A) केवल (A) और (B)

(B) केवल (B) और (C)

(C) केवल (C) और (D) 

(D) केवल (A) और (C)

Ans. : केवल (A) कहानी‌ : नहीं कहानी और (C) इतिहास और आलोचना


3. जगदीश चंद्र माथुर द्वारा रचित उपन्यास है :

(A) धरती धन न अपना

(B) यथाप्रस्तावित

(C) क़िस्सा ग़ुलाम

(D) मुट्ठी भर कांकर

नीचे दिए गए विकल्पों में से सही विकल्प चुनिए :

(A) केवल (B) और (C)

(B) केवल (A) और (D)

(C) केवल (C) और (D)

(D) केवल (B) और (D)

Ans. : (B) केवल (A) धरती धन न अपना और (D) मुट्ठी भर कांकर


4. निम्नलिखित में से कौन सी भाषा आर्य भाषाओं में शामिल नहीं है ?

(A) संस्कृत (B) प्राकृत

(C) तुर्की (D) अंग्रेज़ी

Ans. : (C) तुर्की


5. नीचे दो कथन दिए गए हैं : 

कथन समर्पण सगुण भक्ति का मूल है।

कथन भक्ति आंदोलन एकमात्र अद्वैतवाद से प्रभावित रहा।

उपर्युक्त कथनों के आलोक में निम्नलिखित विकल्पों में से सही उत्तर चुनें : 

(A) कथन (S) और (B) दोनों सही हैं।

(B) कथन (A) और (B) दोनों गलत हैं।

(C) कथन (A) सत्य है, किंतु कथन (B) ग़लत है।

(D) कथन (A) असत्य है, किंतु कथन (B) सही है।

Ans. : (C) कथन (A) सत्य है, किंतु कथन (B) ग़लत है।


6. बिंबवाद का संबंध निम्नलिखित में से किससे है : 

(A) जॉर्ज लुकाच 

(B) एजरा पाउंड 

(C) डेनियल बेल 

(D) जाक देरिदा

Ans. : (B) एजरा पाउंड (अमेरिका)


7. निम्नलिखित में से दिनकर-काव्य की विशेषताएं कौन सी हैं?

(A) जातिवादी व्यवस्था का विरोध

(B) सपाट बयानी

(C) युद्ध का तात्विक चिंतन और शोषण का विरोध

(D) व्यक्ति स्वातंत्र्य की प्रतिष्ठा

नीचे दिए गए विकल्पों में से सही उत्तर चुनिए : 

(A) (A) और (B)

(B) (A) और (C)

(C) (B) और (C)

(D) (C) और (D)

Ans. : (B) (A) (A) जातिवादी व्यवस्था का विरोध और (C) युद्ध का तात्विक चिंतन और शोषण का विरोध


8. मानव प्रवृत्ति हों अथवा मनो विकारों को पात्र के रूप में उपस्थित कर नाटकीय द्वंद्व की सृष्टि करने वाला जयशंकर प्रसाद का नाटक है :

(1) विशाख (2) कामना 

(3) सज्जन (4) प्रायश्चित

Ans. : (2) कामना


9. निर्मल वर्मा की कहानियों की दुनिया है :

(1) हताश और आत्म शपरक नायकों की

(2) अकेलेपन और अलगाव की

(3) प्रतिरोध और विद्रोह की

(4) राष्ट्रीय चेतना की

नीचे दिए गए विकल्पों में से सही उत्तर चुनिए : 

(1) केवल (A) और (C)

(2) केवल (A) और (B)

(3) केवल (B) और (C)

(4) केबल (C) और (D)

Ans. : (2) केवल (A) हताशा और आत्मपरक नायकों की और (B) अकेलेपन और अलगाव की


10. शरद जोशी द्वारा रचित निबंध हैं : 

(1) जीप पर सवार इल्लियां

(2) विषकन्या

(3) यत्र तत्र सर्वत्र

(4) आड़ू का पेड़

नीचे दिए गए विकल्पों में से सही उत्तर चुनिए : 

(1) केवल (A) और (B) 

(2) केवल (A) और (C)

(3) केवल (B) और (C)

(4) केवल (C) और (D) 

Ans. : (2) केवल (A) जीप पर सवार इल्लियां और (C) यत्र तत्र सर्वत्र


11. सूची-I को सूची-II से सुमेलित कीजिए : 

(A) आनंद कादंबिनी (1) सदानंद मिश्र

(B) समालोचक (2) राधाचरण गोस्वामी

(C) भारतेंदु (3) प्रेमघन

(D) सार सुधानिधि (4) चंद्रधर शर्मा गुलेरी

नीचे दिए गए विकल्पों में से सही उत्तर चुनिए :

(A) 2 4 1 3

(B) 1 3 4 2

(C) 3 4 2 1

(D) 4 1 3 2

Ans. : (C) 3 4 2 1

(A) आनंद कादंबिनी (3) प्रेमघन 

(B) समालोचक (4) चंद्रधर शर्मा गुलेरी

(C) भारतेंदु (2) राधाचरण गोस्वामी

(D) सार सुधानिधि (1) सदानंद मिश्र



12. निम्नलिखित भाषाओं को विकास के उनके क्रम में व्यवस्थित कीजिए : 

(A) प्राचीन संस्कृत 

(B) शौरसेनी

(C) लौकिक संस्कृत 

(D) पश्चिमी हिंदी

नीचे दिए गए विकल्पों में से सही उत्तर चुनिए :

(A) (A) (C) (B) (D)

(B) (A) (B) (C) (D)

(C) (B) (C) (A) (D)

(D) (C) (D) (A) (B)

Ans. : (A) (A) प्राचीन संस्कृत (C) लौकिक संस्कृत (B) शौरसेनी (D) पश्चिमी हिंदी


13. निम्नलिखित निबंध-संग्रहों को उनके लेखकों के साथ सुमेलित कीजिए :

सूची-I सूची-II

(A) आस्था और सौंदर्य (1) अध्यापक पूर्ण सिंह

(B) अनुसंधान और आलोचना (2) नामवर सिंह

(C) आचरण की सभ्यता (3) नगेंद्र

(D) वाद विवाद संवाद (4) रामविलास शर्मा

      A B C D

(A) 4 3 1 2

(B) 1 2 3 4

(C) 2 3 4 1

(D) 3 4 2 1

Ans. : (A) 4 3 1 2

आस्था और सौंदर्य (रामविलास शर्मा)

अनुसंधान और आलोचना (नागेंद्र)

आचरण की सभ्यता (अध्यापक पूर्ण सिंह)

वाद विवाद संवाद (नामवर सिंह)


14. 'दब्ब--सहाब-- पयास' (द्रव्य-- स्वभाव प्रकाश) को गाथा या साहित्य की प्राकृत में निम्नलिखित में से किसने रूपांतरित किया है?

(A) वररुचि (B) देव सेन (C) पुष्पदंत (D) माइल्ल धवल

Ans. : (D) माइल्ल धवल


15. हरिकृष्ण प्रेमी के नाटकों का मुख्य स्वर है : 

(A) स्वातंत्र्योत्तर नए भाव बोध का विकास

(B) प्रखर राष्ट्रीय चेतना युक्त ऐतिहासिकता

(C) सांप्रदायिक सौहार्द्र की मूल्य चेतना

(D) पश्चिमी बौद्धिकता का प्राधान्य

नीचे दिए गए विकल्पों में से सही उत्तर चुनिए : 

(A) केवल (A) और (B)

(B) केवल (B) और (D) 

(C) केवल (C) और (D)

(D) केवल (B) और (D)

Ans. : (B) (B) प्रखर राष्ट्रीय चेतना युक्त ऐतिहासिकता और (D) पश्चिमी बौद्धिकता का प्राधान्य


16. निम्नलिखित में से रामविलास शर्मा की पुस्तकें हैं : 

(A) आलोचना के मान

(B) प्रेमचंद और उनका युग

(C) रामपुरा का मूल्यांकन

(D) नई कविता

नीचे दिए गए विकल्पों में से सही उत्तर चुनिए : 

(A) केवल (B) और (C)

(B) केवल (A) और (B) 

(C) केवल (C) और (D)

(D) केवल (S) और (D)

Ans. : (A) केवल (B) और (C)


17. "खड़ी बोली मैं इतना बड़ा काव्य अभी तक नहीं निकला है। बड़ी भारी विशेषता इस काव्य की यह है कि यह सारा संस्कृत के वर्ण वृत्तों में है जिसमें अधिक परिमाण में रचना करना कठिन काम है।"

आचार्य रामचंद्र शुक्ल ने यह मत किस ग्रंथ के लिए प्रकट किया है : 

(A) साकेत

(B) सांध्य अटन

(C) कामायनी

(D) प्रियप्रवास

Ans. : (D) प्रियप्रवास


18. निम्नलिखित में से किस उपन्यास में बाल वय: संधि और किशोर मन के मनोवैज्ञानिक अंकन का प्रयास किया गया है ?

(A) शेखर : एक जीवनी

(B) त्यागपत्र

(C) पर्दे की रानी

(D) जयवर्धन

Ans. : (A) शेखर : एक जीवनी


19. स्त्री-विमर्श की मूल स्थापना नहीं है :

(A) सतीत्व ही स्त्रीत्व है।

(B) स्त्री के स्वतंत्र व्यक्तित्व की स्वीकार्यता

(C) सामाजिक योजनाओं से मुक्ति

(D) परिवार संस्था का जनतांत्रीकरण

Ans. : (A) सतीत्व ही स्त्रीत्व है।


20. रामचंद्र शुक्ल के अनुसार निम्नलिखित में से) कौन-सा पंच विडाल में शामिल नहीं है ?

(A) आलस्य

(B) हिंसा

(C) चिकित्सा

(D) अहंकार

Ans. : (D) अहंकार


21. मैला आंचल उपन्यास के पात्र नहीं हैं : 

(A) प्रशांत और कालीचरण

(B) श्रीधर और सरस्वती

(C) कमली और सुमरित दास

(D) हरगौरी सिंह और मंगला देवी

Ans. : (B) श्रीधर और९ सरस्वती


22. संविधान के अनुच्छेद 343 में संघ की राजभाषा के बारे में निम्नलिखित में से कौन से प्रावधान किए गए हैं ?

(A) संघ की राजभाषा हिंदी और लिपि देवनागरी होगी।

(B) शासकीय प्रयोजनों के लिए भारतीय अंकों का अंतरराष्ट्रीय रूप मान्य होगा।

(C) राजभाषा के बारे में राष्ट्रपति एक आयोग का गठन करेंगे।

(D) उच्च न्यायालय तथा उच्चतम न्यायालय की संपूर्ण कार्रवाई अंग्रेज़ी भाषा में ही होगी।

नीचे दिए गए विकल्पों में से सही उत्तर चुनिए : 

(A) केवल (A) और (C)

(B) केवल (A) और (B) 

(C) केवल (B) (C) और (D)

(D) केवल (A) (B) और (C)

Ans. : (B) केवल (A) और (B) 


23. 'लछमी दासिन' निम्नलिखित में से किस उपन्यास की पात्र है ?

(A) मैला अंचल

(B) परती परिकथा

(C) जुलूस

(D) कितने चौराहे

Ans. : (A) मैला अंचल


24. सूची-I को सूची-II से सुमेलित कीजिए :

       सूची-I सूची-II

(A) रम्य कल्पना (1) टी. एस. इलियट

(B) मूल्य सिद्धांत (2) आई. ए. रिचर्ड्स

(C) परंपरा की अवधारणा (3) सैमुअल टेलर कॉलेरिज

(D) उत्तर आधुनिकतावाद (4) रोलां बार्थ

नीचे दिए गए विकल्पों में से सही उत्तर चुनिए :

(A) 2 4 3 1

(B) 4, 3 2 1

(C) 3 2 1 4 

(D) 4 1 3 2

Ans. : (C) 3 2 1 4 


25. 'मुक्तिबोध की आत्मकथा' कृति के लेखक हैं : 

(A) विष्णुचंद्र शर्मा

(B) नामवर सिंह

(C) रमेशचंद्र शाह

(D) हंसराज रहबर

And. : (A) विष्णुचंद्र शर्मा


26. "आध्यात्मिक रंग के चश्मे आजकल बहुत सस्ते हो गए हैं।" रामचंद्र शुक्ल ने यह टिप्पणी किस कवि के संदर्भ में की है?

(A) बिहारी

(B) विद्यापति

(C) रसखान

(D) मलूक दास

Ans. : (B) विद्यापति


27. निम्नलिखित में से कौन-से अज्ञेय के काव्य हैं ?

(A) भग्नदूत

(B) आत्मा की आंखें

(C) आत्महत्या के विरुद्ध

(D) चिंता

नीचे दिए विकल्पों में से सही उत्तर चुनिए :

(A) केवल (A) और (C)

(B) केवल (A) और (D) 

(C) केवल (B) और (C)

(D) केवल (C) और (D)

Ans. : (B) केवल (A) भग्नदूत और (D) चिंता


28. अभिजात्य वर्गीय परिवार की कठोर अनुशासनबद्धता के ज़ुल्म और विद्रोह तथा मशीनी ज़िंदगी से मुक्ति का चित्रण निम्नलिखित में से किस नाटक की विषय वस्तु है?

(A) क़ैद

(B) अलग-अलग रास्ते

(C) अंजो दीदी

(D) उड़ान

Ans. : (C) अंजो दीदी


29. हरिशंकर परसाई द्वारा रचित निबंध-संग्रह हैं :

(A) तुलसीदास चंदन घिसैं

(B) अपनी-अपनी बीमारी

(C) बबूल और कैक्टस

(D) एक बार जुगनू की

नीचे दिए गए विकल्पों में से सही उत्तर चुनिए :

(A) केवल (A) और (B)

(B) केवल (B) और (C) 

(C) केवल (S) और (D)

(D) केवल (A) और (C)

Ans. : (A) केवल (A) तुलसीदास चंदन घिसैं और (B) अपनी-अपनी बीमारी


30. निम्नलिखित में से महाकाल लाल चतुर्वेदी की रचनाएं हैं :

(A) स्वर्णधूलि

(B) हिमकिरीटिनी

(C) विष्णुप्रिया

(D) हिमतरंगिणी

नीचे दिए गए विकल्पों में सेऐ सही उत्तर चुनिए :

(A) केवल (C) और (D)

(B) केवल (A) और (B) 

(C) केवल (B) और (D)

(D) केवल (A) और (C)

Ans. : (C) केवल (B) हिमकिरीटिनी और (D) हिमतरंगिणी 


31. "नई कहानी आग्रहों की कहानी नहीं है, प्रवृत्तियों की हो सकती है और उसका मूल्य स्रोत है जीवन का यथार्थबोध और इस यथार्थ को लेकर चलने वाला वह विराट मध्य और निम्न वर्ग है जो अपनी जीवन शक्ति से आज के दुर्दांत संकट को जाने-अनजाने झेल रहा है।" 

उपर्युक्त कथन किस लेखक ने नई कहानी के संदर्भ में कहा है?

(A) भीष्म साहनी

(B) शिवप्रसाद सिंह

(C) राजेंद्र यादव

(D) कमलेश्वर

Ans. : D) कमलेश्वर


32. "इतिहास के गड़े मुर्दे उखाड़ने का काम इस युग के साहित्य में वांछनीय नहीं है। अपने किस नाटक की भूमिका में लक्ष्मीनारायण मिश्र ने जयशंकर प्रसाद के ऐतिहासिक-सांस्कृतिक नाटकों की प्रतिक्रिया में यह बात कही?

(A) संन्यासी

(B) मुक्ति का रहस्य

(C) सिंदूर की होली

(D) राजयोग

Ans. : (A) संन्यासी

33 से 100 तक के प्रश्नोत्तर के लिए निम्नलिखित लिंक देखें

https://www.hindisahityavimarsh.com/question-answer/1056-ntaugcnetjrf-j-2020-20-hindi-soleved-paper/


शुक्रवार, 20 नवंबर 2020

NTA UGC NET2020 (Ans Key Hindi-20)

 NTA UGC NET2020 (Ans Key Hindi-20)

Date : 13/11/2020

Time : 02:00 to 05:00

(2nd Shift)

1. 1

2. 4

3. 2

4. 3

5. 3

6. 1

7. 2

8. 1

9. 2

10. 2

11. 3

12. 1

13. 1

14. 4

15. 2

16. 1

17. 4

18. 1

19. 1

20. 4

21. 2

22. 2

23. 1

24. 3

25. 1

26. 2

27. 2

28. 3

29. 1

30. 3

31. 4

32. 1

33. 4

34. 2

35. 1

36. 2

37. 2

38. 3

39. 2

40. 4

41. 1

42. 4

43. 3

44. 2

45. 1

46. 4

47. 1

48. 1

49. 3

50. 4

51. 3

52. 3

53. 1

54. 1

55. 4

56. 1

57. 4

58. 2

59. 3

60. 2

61. 4

62. 1

63. 2

64. 4

65. 1

66. 4

67. 1

68. 4

69. 2

70. 1

71. 1

72. 2

73. 3

74. 1

75. 4

76. 4

77. 2

78. 1

79. 1

80. 3

81. 2

82. 1

83. 4

84. 4

85. 1

86. 2

87. 1

88. 1

89. 2

90. 4

91. 2

92. 4

93. 2

94. 2

95. 4

96. 4

97. 3

98. 3

99. 1

100. 2

बुधवार, 18 नवंबर 2020

NTA/UGC NET/JRF2020 (ans keys)

 NTA/UGC NET/JRF (ans keys)

Date : 13/11/2020

Time : 09:00 A. M. To 12:00 A. M

Subject : 20 Hindi

NTA/UGCNET/JRF2020 (Ans Keys)

Date : 13/11/2020

Time : 09:00 to 12:00 A. M.

Subject :  20 Hindi

1. (3)

2. (3)

3. (3)

4. (1)

5. (2)

6. (3)

7. (2)

8. (2)

9. (2)

10. (2)

11. (1)

12. (4)

13. (4)

14. (1)

15. (2)

16. (4)

17. (2)

18. (1)

19. (2)

20. (3)

21. (2)

22. (4)

23. (4)

24. (2)

25. (1)

26. (3)

27. (4)

28. (3)

29. (2)

30. (1)

31. (4)

32. (2)

33. (2)

34. (1)

35. (1)

36. (2)

37. (1)

38. (3)

39. (4)

40. (4)

41. (4)

42. (3)

43. (2)

44. (3)

45. (4)

46. (2)

47. (2)

48. (3)

49. (1)

50. (1)

51. (2)

52. (2)

53. (3)

54. (2)

55. (4)

56. (1)

57. (2)

58. (3)

59. (4)

60. (4)

61. (4)

62. (3)

63. (2)

64. (2)

65. (2)

66. (2)

67. (2)

68. (3)

69. (3)

70. (1)

71. (3)

72. (2)

73. (1)

74. (4)

75. (1)

76. (2)

77. (3)

78. (4)

79. (3)

80. (1)

81. (2)

82. (1)

83. (1)

84. (2)

85. (1)

86. (1)

87. (1)

88. (4)

89. (3)

90. (2)

91. (3)

92. (2)

93. (1)

94. (2)

95. (2)

96. (1)

97. (3)

98. (4)

99. (3)

100. (2)

42. प्रकाशन-वर्ष के अनुसार निम्नलिखित कहानी-संग्रहों का सही क्रम बताइए :

(A) वाड.चू

(B) राजा निरबंसिया

(C) एक और जिंदगी

(D) यही सच है

सही उत्तर चुनिए :

1. (B), (C), (D), (A)

2. (A), (B), (C), (D)

3. (D), (C), (B), (A)

4. (C), (A), (D), (B)

1, 2, 3, 4 मैं से कोई उत्तर सही नहीं है।

सही उत्तर है :

(A) वाड.चू (1978, भीष्म साहनी)

(B) राजा निरबंसिया (1957, कमलेश्वर)

(C) एक और जिंदगी (1961, मोहन राकेश)

(D) यही सच है (1996, मन्नू भंडारी)

अतः सही क्रम इस प्रकार होगा : 

(B), (C), (A), (D)

शनिवार, 26 सितंबर 2020

प्रश्नोत्तरी-8 (भाषा और साहित्य)

 प्रश्नोत्तरी-8 (भाषा और साहित्य) 


1. इनमें से कौन सी रचना #अवधी मैं #नहीं है?

(A) padmaavat/ पद्मावत (B) मधुमालती (C) #कवितावली (D) नूर जवाहर

Ans : (C) कवितावली

2. "#देसील बयना सब जग मिट्ठा।" यह कथन किसका है? 

(A) सूरदास (B) तुलसीदास 

(C) कबीरदास (D) विद्यापति 

Ans : (D) #विद्यापति

3. "#हिंदी नई चाल में ढली, 1873 ईस्वी में।"

उपर्युक्त कथन किसका है?

(A) रामचंद्र शुक्ल (B) रामविलास शर्मा

 (C) हजारी प्रसाद द्विवेदी (D) #भारतेंदु हरिश्चंद्

Ans : (D) bhartendu Harishchandra/भारतेंदु हरिश्चंद्र 

4. "#आधुनिक काल में गद्य का आविर्भाव सबसे प्रधान घटना है।" 

उपर्युक्त कथन किसका है?

(A) हजारी प्रसाद द्विवेदी (B) रामचंद्र शुक्ल

(C) गुलाब राय (D) नंददुलारे वाजपेयी

Ans : (B) #रामचंद्र शुक्ल

5. '#उज्जवल नीलमणि' किस आचार्य की रचना है? 

(A) मधुसूदन सरस्वती (B) रामानुजाचार्य 

(C) रामानंद (D) रूपगोस्वामी

Ans : (D) #रूपगोस्वामी

रविवार, 20 सितंबर 2020

घुमक्कड़ शास्त्र (राहुल सांकृत्यायन)


घुमक्कड़ ल्शास्त्रत (राहुल सांकृत्यायन)

"संसार में यदि कोई अनादि धर्म है तो वह घुमक्कड़ धर्म है। लेकिन वह संकुचित संप्रदाय नहीं है। आकाश की तरह महान है, समुद्र की तरह विशाल है, जिन धर्मों ने अधिक यश प्राप्त किया है, वह केवल घुमक्कड़ धर्म के कारण।"

(राहुल सांकृत्यायन, घुमक्कड़शास्त्र)

https://www.hindisahityavimarsh.com


सोमवार, 7 सितंबर 2020

प्रश्नोत्तरी-5 (Prashnottari, भाषा और साहित्य)


प्रश्नोत्तरी-9 (Prashnottari, भाषा और साहित्य)



 1. #"कविता का कर्म अर्थमात्र ग्रहण करना नहीं होता, अपितु बिंब ग्रहण करना होता है।"# यह कथन किसका है?

(A) सुमित्रानंदन पंत 

(B) डॉ. नगेंद्र 

(C) रामचंद्र शुक्ल 

(D) शिवदान सिंह चौहान

उत्तर : (C) #रामचंद्र शुक्ल#

2. #"यथार्थवादी रचनाकार काल्पनिक लोक में भ्रमण नहीं करता, बल्कि जिस परिवेश में सांस लेता है, उसकी धड़कन को महसूस करता है।अ अतःउसका चित्र प्रामाणिकता के आधार पर करता है।"# यह कथन किसका है?

(A) प्रसाद (B) निराला 

(C) इलाचंद्र जोशी (D) प्रेमचंद

उत्तर : (D) #प्रेमचंद#

3. #प्रिय यामिनी जागी। 

अलस पंकज-दृग अरुण-मुख तरुण अनुरागी।#

उपर्युक्त पंक्तियों में कौन-सा प्रतीक है?

 (A) सांस्कृतिक (B) आध्यात्मिक

 (C) ऐतिहासिक (D) प्राकृतिक

उत्तर : (D) #प्राकृतिक#

4. #"तुम्हारी देह मुझको कनक चंपे की कली है

 दूर से ही स्मरण में भी गंध देती है।"# अज्ञेय की उपर्युक्त पंक्तियों में बिंब है : 

(A) स्पर्श (B) घ्राण (C) श्रव्य (D) दृश्य

उत्तर : (B) #घ्राण#

5. #दूलहिनी गावहु मंगलाचार।

 हम घर आए राजा राम भरतार।#

उपर्युक्त पंक्तियों में #प्रतीक# है :

(A) ऐतिहासिक (B) प्राकृतिक 

(C) शास्त्रीय (D) #सांस्कृतिक#

(D) #sanskritik/सांस्कृतिक#

6. #उड़ गई चिड़िया

कांपी फिर 

थिर हो गई पत्ती।#

अज्ञेय की उपर्युक्त पंक्तियों में किस बिंब का प्रयोग हुआ है?

(A) दृश्य बिंब (B) स्पर्श बिंब

(C) श्रव्य बिंब (D) घ्राण बिंब

उत्तर : (A) #दृश्य बिंब#

7. "#अहेड़ी दब लाइया मिरिग पुकारे रोय।

जा बन में क्रीड़ा करी, दाझत है बन सोय।"#

उपर्युक्त दोहा में प्रयुक्त 'मिरिग पुकारै रोय' बिंब द्वारा इनमें से किसकी अभिव्यक्ति हुई है?

(A) विवशता (B) संसार की नश्वरता  

(C) सहायता (D) इनमें से कोई नहीं

उत्तर : (B) #संसार की नश्वरता#

8. "#बालक लिपटा है मेरे गले से चुपचाप छाती से

कंधे से चिपका है नन्हा-सा आकाश

स्पर्श है सुकुमार प्यार भरा कोमल 

किंतु है भार का गंभीर अनुभव।"#

मुक्तिबोध की उपर्युक्त पंक्तियों में किस बिंब का प्रयोग हुआ है?

(A) चाक्षुस (B) श्रव्य (C) स्पर्श (D) घ्राण

उत्तर : (C) #स्पर्श#

9. "#घाटियों में भर्राती 

गिरती चट्टानों की गुंज 

कांपती मंद गुंज अनुगूंज।#"

अज्ञेय की इन पंक्तियों में किस बिंब का प्रयोग हुआ है?

 (A) घ्राण बिंब (B) स्पर्श बिंब 

(C) दृश्य बिंब (D) श्रव्य बिंब

  उत्तर : (D) #श्रव्य बिंब#

10. "#कविता के लिए चित्रभाषा की आवश्यकता होती है।#"

उपर्युक्त कथन है :

(A) जयशंकर प्रसाद (B) निराला 

(C) सुमित्रानंदन पंत (D) महादेवी वर्मा

उत्तर : C) #सुमित्रानंदन पंत#



शनिवार, 5 सितंबर 2020

रस-मैत्री

 रस-मैत्री

#अनुकूल भाव वाले अनेक रस एक-दूसरे को गति और उत्कर्ष प्रदान करते हैं तो उसे रस-मैत्री' कहते हैं।

#वीर, अद्भुत और रौद्र रस परस्पर मित्र हैं।

#वीभत्स और भयानक रस में पारस्परिक मित्रता है।



रविवार, 30 अगस्त 2020

इतिहास के प्रश्न

 इतिहास (ऐच्छिक विषय) I. A. 2019 (BESSB)

कुल प्रश्नों की संख्या 60+27+8=95

1. गुरु नानक का जन्म कहां हुआ था?

अमृतसर चंडीगढ़ तलवंडी लाहौर

Where was Guru Nanak born?

Amritsar Chandigarh Talwandi Lahore

2. दिल्ली चलो का नारा किसने दिया सुभाष चंद्र बोस महात्मा गांधी लाला लाजपत राय गोपाल कृष्ण गोखल

Who gave the slogan Delhi chalo Subhash Chandra BOS Mahatma Gandhi Lala Lajpat Rai Gopal Krishna Gokhale?

3. अर्थशास्त्र के लेखक कौन थे ? 

() वाल्मीकि  वेदव्यास मेगास्थनीज कौटिल्य

Who was the author of of Arthashastra?

() Valmiki vedavyas megasthanij Kautilya

4. 1857 के विद्रोह के समय भारत का बादशाह कौन था?

() सिराजुद्दौला शुजा उड दौला बहादुर शाह द्वितीय इनमें से कोई नहीं

Who was the empire of India at the time of the revolt of 1857?

Sirajuddaula sujhav udawala Bahadur Shah II none of them

5. जैन धर्म के 24वें तीर्थंकर कौन थे?

() ऋषभदेव आदिनाथ पार्श्वनाथ महावीर स्वामी

Who was the 24th tirthankar of Jain religion?

 (A) Rishabhdev aadinath hai parshwanath mahaveer Swami

6. भारत के संविधान का पिता किसे कहा जाता है ?

डॉ राजेंद्र प्रसाद डॉक्टर बी आर अंबेडकर डॉक्टर सच्चिदानंद सिन्हा पंडित जवाहरलाल नेहरू

Who is called the father of the constitution of India?

 (A) Dr Rajendra Prasad Dr BR Ambedkar doctor sachidanand Sinha pandit Jawaharlal Nehru

7. पानीपत का प्रथम युद्ध किस वर्ष हुआ था? 

() 1509 1526 1556 1761

When was the first battle of Panipat fought?

(A) 1509 1526 12556 1890

8. कांग्रेस की स्थापना कब हुई थी?

 () 1858 1881 1885 1890

When was Congress founded?

(A) 1858 1881 1885 1890

9. इंडिका किसका यात्रा वृतांत है?

 () मेगास्थनीज फाह्यान ह्वेन सांग अलबरूनी

Whose travel account is Indica? (A) Megasthenes (B)  Fahien 

(C) Hieun Tsang (D)  Al biruni 

10. मोहनजोदड़ो का उत्खनन किसने किया था? () 





सोमवार, 10 अगस्त 2020

नंददुलारे वाजपेयी की रचनाएं

नंददुलारे वाजपेयी की रचनाएं

नंददुलारे वाजपेयी (जन्म : 4 सितम्बर1906उन्नावउत्तर प्रदेश; मृत्यु : 11 अगस्त1967 ई.) 

हिन्दी के प्रसिद्ध पत्रकार, समीक्षक, साहित्यकार, आलोचक तथा सम्पादक 

#नंददुलारे वाजपेयी की #रचनाएं

#हिंदी साहित्य बीसवीं सदी (1942 ई.)

प्रेमचंद एक साहित्यिक विवेचना

 #आधुनिक साहित्य (1950 ई.)

#नया साहित्य नए प्रश्न (1955 ई.) 

#राष्ट्रभाषा की कुछ समस्याएं (1961 ई.) 

कवि सुमित्रानंदन पंत

#राष्ट्रीय साहित्य (1965 ई.)

#नई कविता (1976 ई.)

#रस सिद्धांत (1977 ई.)

#हिंदी साहित्य का आधुनिक युग (1978 ई.)

#आधुनिक साहित्य और समीक्षा (1978 ई.)

#भुलक्कड़ों का देश 

#यादें बोल उठीं

#रीति और शैली (1979 ई.)

#सूरसागर (संपादन)

#रामचरितमानस (संपादन)

#भारत (संपादन)


शुक्रवार, 7 अगस्त 2020

हिंदी के महत्वपूर्ण यात्रा वृतांत पर प्रश्न

 हिंदी के महत्वपूर्ण यात्रा वृतांत पर प्रश्न

1. 'एक बूंद सहसा उछली' किस विधा की रचना है?

(A) कविता (B) यात्रा-वृतांत 

(C) संस्मरण (D) निबंध

(D) यात्रा-वृतांत

2. 'अरे यायावर रहेगा याद' के रचनाकार हैं :

(A) नेमी चंद्र जैन (B) निर्मल वर्मा  

(C) निर्मला जैन (D) अज्ञे़य

(D) अज्ञेय'

3. 'पृथ्वी प्रदक्षिणा' के रचनाकार हैं :

(A) धर्मवीर भारती (B) मोहन राकेश

 (C) शिवप्रसाद गुप्त (D) राहुल सांकृत्यायन 

(C) शिवप्रसाद गुप्त

4.  'यात्राचक्र' यात्रा-वृतांत के रचनाकार हैं : 

(A) राहुल सांकृत्यायन (B) इलाचंद्र जोशी

(C) मंगलेश डबराल (D) धर्मवीर भारती

(D)  धर्मवीर भारती

5. 'तिब्बत में सवा वर्ष' के लेखक हैं : 

(A) शिवदान सिंह चौहान (B) रामवृक्ष बेनीपुरी 

(C) राहुल सांकृत्यायन (D) निर्मल वर्मा

(C) राहुल सांकृत्यायन

6. 'सागर की लहरों पर' यात्रा-वृतांत के लेखक हैं: 

(A) निराला (B) मोहन राकेश (C) भगवतशरण उपाध्याय (D) राहुल सांकृत्यायन 

(C) भगवतशरण उपाध्याय

7. 'चीड़ों पर चांदनी' के रचनाकार हैं :

(A) रामकुमार वर्मा (H) वृंदालाल वर्मा 

(C) निमल वर्मा (D) महादेवी वर्मा 

(C) निर्मल वर्मा

8. 'सुबह के रंग' शीर्षक यात्रा-वृतांत के लेखक हैं: 

(A) विभूति नारायण राय (B) अमृतराय

(C) नागार्जुन (D) दिनकर 

(B) अमृतराय

9. 'तंत्रलोक से यंत्रलोक तक' के रचनाकार हैं  :

(A) डॉ. नगेंद्र (B)  कमला सांकृत्यायन (C) राहुल सांकृत्यायन (D) नागार्जुन 

(A) डॉ.  नगेंद्र

10. 'गोरी नज़रों में हम' यात्रा-वृतांत के रचनाकार हैं : 

(A) प्रभाकर  माचवे (B) बनारसीदास चतुर्वेदी (C) राकेश (D) रामदरश मिश्र

 (A) प्रभाकर माचवे

11. 'कश्मीर रात के बाद' के रचनाकार हैं 

(A) जैनेंद्र कुमार (B) कमलेश्वर

 (C) मुक्तिबोध (D) नागार्जुन 

(B) कमलेश्वर

12. आख़िरीं चट्टान तक के रचनाकार हैं :

 (A) रांगेय राघव (B) राहुल सांकृत्यायन 

(C) मोहन राकेश (D) कमलेश्वर

(C) मोहन राकेश

 13. 'एक बूंद सहसा उछली' यात्रा-वृतांत के रचनाकार हैं :

(A) शकुंतला माथुर (B) शिवानी

 (C)  मुक्तिबोध (D) अज्ञेय 

(D) अज्ञेय

14. 'आंखों देखा पाकिस्तान' के रचनाकार हैं :

(A) चावला (B) मोहन राकेश

 (C) जैनेंद्र (D) निर्मल वर्मा

(D) आंखों देखा पाकिस्तान--- निर्मल वर्मा

15. 'क्या हाल हैं चीन के' रचनाकार हैं :

 (A) अमृतराय (B) मनोहर श्याम जोशी

 (C) गुलाब राय (D) रांगेय राघव 

(B) मनोहर श्याम जोशी

16. 'स्वर्गोद्यान बिना सांप' यात्रा-वृतांत के रचनाकार हैं :

(A) इलाचंद्र जोशी (B) अमृतलाल नागर

(C) अमृतराय (D) यशपाल 

(D) यशपाल

17. 'स्मृति के अंकुर' यात्रा-वृतांत के रचनाकार हैं:

(A) महादेवी वर्मा (B) रामकुमार वर्मा 

(C) वृंदालाल वर्मा (D) निर्मल वर्मा

(B) रामकुमार वर्मा

18. 'जहां फव्वारे लहू रोते हैं' के रचनाकार हैं : (A) नासिरा शर्मा (B) राजी सेठ 

(C) अर्चना वर्मा (Dj) महादेवी वर्मा

(A) नासिरा शर्मा

19. 'घुमक्कड़शास्त्र' के रचनाकार हैं : 

(A) राहुल सांकृत्यायन (B) रामवृक्ष बेनीपुरी

 (C) मोहन राकेश (D) निर्मल वर्मा

(A) राहुल सांकृत्यायन

20. 'पैरों में पंख बांधकर' के रचनाकार हैं :

(A) राहुल सांकृत्यायन (B) रामवृक्ष बेनीपुरी

(C) रामधारी सिंह दिनकर (D) मोहन राकेश

(B) रामवृक्ष बेनीपुरी

21. 'ज्योतिपुंज हिमालय' के रचनाकार हैं :

(A) मोहन राकेश (B)  कमलेश्वर 

(C) राम दरश मिश्र (D) विष्णु प्रभाकर

(D) विष्णु प्रभाकर



मंगलवार, 4 अगस्त 2020

यशपाल की प्रमुख रचनाएं

यशपाल की प्रमुख रचनाएं
निबंध
न्याय का संघर्ष (1940 ई.), बात बात में बात (1950 ई.), देखा-परखा समझा (1951 ई.)
कहानी-संग्रह
पिंजरे की उड़ान (1939 ई.), ज्ञानदान (1943 ई.), अभिशप्त (1943 ई.), तर्क का तूफ़ान (1944 ई.), भस्मावृत्त  चिंगारी (1946 ई.), वो दुनिया (1948 ई.), फूलों का कुर्ता (1949 ई.), धर्मयुद्ध (1950 ई.), उत्तराधिकारी (1951 ई., पात्र : हरसिंह, मानी, कुशली, गनेर सिंह), चित्र का शीर्षक (1951 ई.), तुमने क्यों कहा था मैं सुंदर हूं (1954 ई., पात्र : चित्रकार निगम, माया, वकील साहब), उत्तमी की मां (1955 ई.), सच कहने की भूल (1962 ई.), खच्चर और आदमी (1965 ई.), भूख के तीन दिन (1968 ई.,मक्रीला, शिवपार्वती, दूसरी नाक, परदा।
उपन्यास
दादा कामरेड (1941 ई., पात्र : हरीश, शैल नायक-नायिका), देशद्रोही (1943 ई., पात्र : डॉक्टर भगवानदास खन्ना, राजाराम, राज, चंदा), दिव्या (1945 ई., पात्र : दिव्या, रत्नप्रभा, मल्लिका), पार्टी कामरेड (1946 ई., पूंजीवाद, गांधीवाद और समाजवाद के बीच के संघर्ष का सजीव चित्रण, पात्र : पद में लालभावरिया, गीता नायक-नायिका), मनुष्य के रूप (1949 ई.), अमिता (1956 ई.), झूठा-सच (2 भाग 1958 ई., भारत-विभाजन की भूमिका और उसके दुष्परिणामों का विस्तृत चित्रण, पात्र : कनक, उर्मिला, तारा, जयदेव पुरी, सूदजी, गिल,असद, सोमराज, डॉक्टर प्राणनाथ), बारह घंटे (1962 ई.), अप्सरा का शाप (1965 ई.), क्यों फंसे (1968 ई.), तेरी मेरी उसकी बात (1974 ई., 1976 ई. मैं साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित, यशपाल का  अंतिम उपन्यास, गांधीवादी विचारधारा का विरोधी उपन्यास, पात्र : ऊषा, अमर सेठ, रूद्र दत्त पाठक, नरेंद्र)।
आत्मकथा
सिंहावलोकन
यात्रा-वृतांत
लोहे की दीवार के दोनों ओर (1953 ई.)





मंगलवार, 28 जुलाई 2020

नामवर सिंह की रचनाएं

नामवर सिंह की रचनाएं 


#हिंदी के विकास में अपभ्रंश का योग (1952 ई.), #छायावाद (1955 ई.), 
₹इतिहास और आलोचना (1957 ई.), 
#आधुनिक साहित्य की प्रवृत्तियां (1962 ई.), #कहानी : नई कहानी (1965 ई.),
#कविता के नए प्रतिमान (1968 ई.), 
#दूसरी परंपरा की खोज (1982 ई.), 
#वाद-विवाद-संवाद (1989 ई.), 
#आलोचक के मुख से (2005 ई.)।

सोमवार, 20 जुलाई 2020

पाश्चात्य #काव्यशास्त्रीय #वाद और उनके #प्रवर्तक

#दैवीय प्रेरणा सिद्धांत.   #प्लेटो 
#विरेचन-सिद्धांत         #अरस्तू
#अनुकरण सिद्धांत.      #अरस्तू
#त्रासदी सिद्धांत           #अरस्तू
#उदात्तवाद                 #लोंजाइनस
#अभिव्यंजनावद          #क्रोचे
#नवशास्त्रवाद              #होरेस  
#औचित्य सिद्धांत         #होरेस
#स्वच्छंदतावाद            # विलियम वर्ड्सवर्थ
#काव्यभाषा सिद्धांत      #विलियम वर्ड्सवर्थ
#कल्पना सिद्धांत          #कॉलरिज 
#फैंटेसी सिद्धान्त           #कॉलरिज
#द्वन्द्ववाद                      #हीगेल
#वस्तुनिष्ठ समीकरण का सिद्धान्त #टी. एस.                                                        इलियट 
#निर्वैयक्तिकता का सिद्धान्त #टी. एस. इलियट 
#परम्परा की परिकल्पना का सिद्धान्त. #टी. एस.                                                       इलियट 
#मूल्य सिद्धांत             #आई. ए. रिचर्डस
#संप्रेषण सिद्धांत         #आई. ए. रिचर्डस
#काव्य भाषा सिद्धांत    #आई. ए. रिचर्डस
#द्वन्द्वात्मक भौतिकवाद  #कार्ल मार्क्स
#मार्क्सवादी यथार्थवाद   #कार्ल मार्क्स 
#रूसी रूपवाद.            #रूसो
#यथार्थवाद                 #कार्वे एवंं फ्लावेयर 
#महान यथार्थवाद         #जार्ज लुकाच 
#प्राकृत यथार्थवाद        #एमीली जोला 
#विडम्बना                  #क्लींथ ब्रुक्स 
#विसंगति                   #क्लींथ ब्रुक्स 
#अंतर्विरोध                 #क्लींथ ब्रुक्स
#तनाव                       #एलन टेट 
#संरचनावाद               #प्रो. फर्निनाद सस्यूर  #उत्तरसंरचनावाद         #ज्यॉक दारिदा
#प्रतीकवाद                 #बादलेयर
#बिम्बवाद                   #टी. ई. ह्यूम
#अजनबीपन                #स्केलोवस्की
#विखंडनवाद                #ज्यॉक दारिदा 
#उत्तरआधुनिकवाद         #फ्रांसीसी विद्वान                                            फ्रांसुआ ल्योतार
#प्रतीकवाद                   #बादलेयर
#यथार्थवाद                   #कार्वे
#नई समीक्षा.               #एस. ई. स्पिनगार्न
#एम्बीगुइटी, अनेकार्थता  #विलियम एम्पसन 
#सार्वभौमिक मूर्तविधान  #वी. के. विम्साट
#मिथकीय समीक्षा         #नार्थप फ्राई
#अंतश्चेतनावादी यथार्थवाद  #लारेंस
##फ्रायडियन यथार्थवाद/मनोवैज्ञानिक यथार्थवाद                       #फ्रायड 
#कुत्सित यथार्थवाद          #फ्लावर्ट 
#दार्शनिक यथार्थवाद       #डेकार्ट और लॉक  
#आइरनी                       #रॉबर्ट पेन वारेन . +

सोमवार, 13 जुलाई 2020

मुहावरे और कहावतें

मुहावरे और कहावतें 

डॉ. वचनदेव कुमार मुहावरे की परिभाषा इन शब्दों में देते हैं, "मुहावरे ऐसे वाक्यांश होते हैं जिनसे वाक्य सुसंगठित, चमत्कारजनक और सारगर्भित बनते हैं।" (वृहत् व्याकरण भास्कर, अध्याय - 9, पृ.  25) 
डॉ. वासुदेवननदन प्रसाद मुहावरे के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहते हैं, "मुहावरे किसी भी सजीव भाषा के प्राण होते हैं।" (सरल हिंदी व्याकरण और रचना,  पृ. 99)
वस्तुतः मुहावरे के प्रयोग से भाषा चमक उठती है और उसकी सुन्दरता में चार चाँद लग जाते हैं। 
#अंगूठा दिखाना (मौक़े पर धोखा देना) : चालबाज़ों से बचकर रहो, वे अंगूठा दिखाना ख़ूब जानते हैं। 
#आँख मारना (इशारा करना) : मदन ने रमा को आँख मारकर अपने पास बुलाया। 
#आँख खुलना (सावधान होना, बोध होना) : ठोकर खाने पर अब उसकी आँखें खुल गई हैं।
#आँख चुराना (लज्जित होना, कतरा जाना) : सरिता मुझे देखकर आँखें चुराने लगती है। 
#आँख दिखाना (ग़ुस्सा करना) : चीन यदि दोबारा आँख दिखाए तो उसकी आँखें निकाल लो। 
#आँख फेरना (विरुद्ध होना) : बुरे दिनों में अपने-पराये सभी आँखें फेर लेते हैं। ः
#आँख भर आना (आँसू आना) : बेटी की विदाई पर माँ-बाप की आँखें भर आईं। 
#आँख में चर्बी छाना (घमंड से उपेक्षा करना, घमंड में चूर होना) : धन आते ही उसकी आँखों में चर्बी छा गई। 
#आँख में धूल डालना (धोखा देना) : जनता की आँखों में धूल डालना आसान नहीं।
#आँख में बसना (हृदय में समाना) : रूप की रानी सारंगा मेरी आँखों में बस गई है।
#आँखों का तारा (अत्यंत प्रिय) : बेटा कैसा भी क्यों न हो, बेटा माँ-बाप की आँखों का तारा ही होता है। 
#आँख की पुतली (अत्यंत प्रिय होना) : बेटा कैसा भी क्यों न हो, माँ-बाप की आँखों की पुतली ही होता है।
#आग उगलना (अतिशय क्रोध) : छोटी-सी ग़लती पर भी आग उगल रहे हो?
#आग से खेलना (ख़तरा मोल लेना) : हटो, बचो, आग से मत खेलो।
#आवाज़ उठाना (विरोध करना) : बुराई के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाना हर इन्सान के लिए फ़र्ज़ है।
#इतिश्री करना (समाप्त करना) : आज निबंध-लेखन की इतिश्री करनी ही है। 
#रंगा सियार होना (धूर्त होना, अन्दर कुछ, बाहर कुछ) : वह रंगा सियार है, अपनी बात से कब पलट जाएगा, कुछ कहना मुश्किल है। 
#लकीर का फ़कीर (पुरानी रीतियों पर आँख मूँदकर चलनेवाला, पुराणपंथी ही रहना) : ज़माने के साथ बदलना चाहिए, पर वह तो लकीर का फ़कीर ही है।
#आगे कुआँ पीछे खाई (चारों ओर संकट ही संकट) : दुश्मन से बुुरी तरह घिरकर चीन के सैनिकों ने आख़िर हथियार डाल दिया। क्या करते, आगे कुआँ, पीछे खाई। 
#एक पंथ दो काज (एक ही प्रयास से अनेक कार्यों की सिद्धि) : मैं रमा की शादी में शामिल होने के लिए दिल्ली गया था। वहाँ एक अटका पड़ा काम हो गया। इसे कहते हैं--एक पंथ दो काज। 
#ईमान बेचना (ईमान गँवाना) : पैसों के लोभ में कितनों ने ईमान बेच दिए। 
#टेढ़ी खीर (कठिन काम) : उससे पैसा लेना टेढ़ी खीर है।
#पापड़ बेलना (कष्ट झेलना) : आजकल नौकरी के लिए काफ़ी पापड़ झेलना पड़ता है।
#तलवा चाटना (ख़ुशामद करना) : चाटुकारों का काम तलवा चाटना ही है।
#तलवे धो-धोकर पीना (ख़ुशामद करना) : चाटुकारों का काम तलवे धो-धोकर पीना है।
#तलवे सहलाना (ख़ुशामद करना) : चाटुकारों का काम ही तलवे सहलाना है।
#दाल में काला होना (संदेह की स्थिति होना):
कुछ दाल में काला है, नहीं तो वह तुम्हारी इतनी ख़ुशामदी क्यों करता।
#दाल न गलना (किसी मामले में बात न चलना) : इस मामले में उसकी दाल न गली। 
#मन चंगा तो कठौती में गंगा (आंतरिक शुद्धि ही  सर्वशुद्धि) : वह पूजा-पाठ पर ज़ोर नहीं देता है। वह कहता है : मन चंगा तो कठौती में गंगा ।
#चार दिन की चांदनी फिर अंधेरी रात (थोड़ेे समय का सुख) : जीवन में सुख के दिन थोड़े और दुु के अधिक होते हैं। इसलिए कहा गया है कि चार दिनों की चाँदनी फिर अंधेरी रात। 
#दूध का दूध पानी का पानी (उचित न्याय) : उस विवादित भूमि का अदालत ने उसके पक्ष में फ़ैसला देकर दूध का दूध पानी का पाानी कर दिया। 
#धज्जियाँ उड़ाना (ख़ूब मरम्मत करना, दोष दिखाना) : उसने उसकी कविता की धज्जियाँ उड़ा दीं। 
#गड़े मुरदे उखाड़ना (दबी हुई बात को फिर से उभारना पुरानी बातों को निकालना) : भाई, क्यों गड़े मुरदे उखाड़ रहे हो, काम की बात करो। 
#गर्दन पर सवार होना (पीछा न छोड़ना, पीछे लगे रहना) : अपनी राह लो, मेरी गर्दन पर सवार न रहो।
#गागर में सागर भरना (थोड़े में अधिक कहना) : बिहारीलाल के दोहों में गागर में सागर भरा है।
#गाजर-मूली समझना (छोटा समझना) : हम तो चीनियों को गाजर-मूली समझते हैं।
#गिरगिट की तरह रंग बदलना (बराबर बात बदलना) : उसपर कौन यक़ीन करे, वह तो गिरगिट की तरह रंग बदलता रहता है। 
#कंधा लगाना (सहारा देना) : भारी बोझ है। ज़रा कंधा लगा दो भाई।
#कड़वा कड़वा थू (कटु वचन बोलना) : तुम अक्सर कड़वा-कड़वा थू करते हो।
#कलेजा फटना (ईर्ष्या करना) : मेरी तरक़्क़ी देखकर उसका कलेजा फटने लगा।
#काठ का उल्लू (निरा मूर्ख) : उसकी समझ में कुछ नहीं आता। वह तो काठ का उल्लू है। 
#कान खोलना (सावधान होना) : कान खोलकर सुन लो, तुम्हें यह काम नहीं करना है। 
#कान पकड़ना (बाज़ आना) : कान पकड़ो कि फिर ऐसा काम न करोगे।
#कान पर जूँ न रेंगना (असर न होना) : मै
मैं उसे समझाता रहा, लेकिन उसके कान 
जूँँ न रेंगी। 
#कान देना (ध्यान देना) : बच्चों को माँ-बाप की बातों पर कान देना चाहिए। 
#काल के गाल में जाना (मौत के मुँह में जाना) : हर जीव को अंत में काल के गाल में जाना पड़ता है। 
#गला छूटना (मुसीबत दूर हो जाना) : इस बॉस के ट्रांसफर के बाद ही गला छूटेगा। 
#चंपत होना (भाग जाना) : चोर बटुआ लेकर चंपत हो गया।
#चाँदी का जूता (घूस के रूप में दिया जाने वाला धन) : इस काम के लिए बड़ा बाबू को कई चाँदी के जूते मिले। 
#चाँदी के जूते मारना (रुपये के ज़ोर से वश में करना) : चुनाव में चाँदी के जूते ख़ूब मारे जाते हैं।
चिराग़ तले अंधेरा (अपनी ख़ामी से अनभिज्ञ होना) : विद्वान का बेटा अनपढ़, चिराग़ तले अंधेरा नहीं तो और क्या है? 
#श्री गणेश करना (प्रारम्भ करना) : आज मैं निबंध-लेखन का श्रीगणेश करूँगा। 
#घी के दीये जलाना (आनंद मनाना, ख़ुशी मनाना): मुफ्त का अपार धन मिल जाने के कारण उसने घी के दीये जलाए। 
#दाने-दाने को तरसना (भुखमरी की स्थिति) :
काम के अभाव के कारण दिहाड़ी मज़दूर दाने-दाने को तरस गए।
#नाक कटना (इज़्ज़त जाना) : सबके सामने उसके काले कारनामे की पोल खुलते ही उसकी नाक कट गई। 
#नाक काटना (अपमानित करना) : सबके सामने उसके काले कारनामों की पोल खोलकर उमेश ने उसकी नाक काट ली। 
#सब्ज़ बाग़ दिखाना (झूठ बोलकर ठगना) :
#गले का हार (बहुत प्यारा) : लक्ष्मण श्रीराम के गले का हार थे। 
#गाल बजाना (डींग हाँकना) : चीनियों के गाल बजाने से अब कोई लाभ नहीं। 
#गुरुघंटाल (बहुत चालाक) : गुरुघंटाल लोग अपने आसपास बेपेंदे के लोटों को जमा रखते हैं। 
#अक़्ल का दुश्मन (मूर्ख) : वह तो अक़्ल का दुश्मन है, इस बात को नहीं समझ पाएगा।
#आठ-आठ आँसू बहाना (फूट-फूटकर रोना): बेटे की हत्या की ख़बर सुनकर माँ ने आठ-आठ आँसू बहाए। 
#आस्तीन का साँप (वह व्यक्ति जो मित्र होकर धोखा दे) : मेरा परम मित्र आस्तीन का साँप निकला।
एड़ी-चोटी का पसीना एक करना (कठिन परिश्रम करना) : उसने सफलता प्राप्त करने के लिए एड़ी-चोटी का पसीना एक कर दिया। 
#ईद का चाँद होना (लम्बे अंतराल के बाद दिखाई पड़ना) : भाई, तुम तो कभी आते ही नहीं, ईद का चाँद हो रहे हो।
#गुदड़ी का लाल (तुच्छ स्थान में छिपी हुई उत्तम वस्तु) : उस ठेले वाले का बेटा डी. एम. बन गया। वह गुदड़ी का लाल है। 
#गूंगे का गुड़ (अनुभूति की अभिव्यक्ति में असमर्थ) : यह कविता इतनी अच्छी हैै कि मै
इसे शब्दों में बयान नहीं कर सकता। यह तो गूँगे का गुड़ है। 
#घर का शेर (घर में बहादुरी की डींग हाँकने वाला) : अरे भाई, अपने घर में हर कोई शेर होता है, घर के बाहर सीना दिखाओ तो जानें।
#चाँद का टुकड़ा (परम सुन्दर वस्तु या व्यक्ति) : मेरे सामनेवाली खिड़की में एक चाँद का टुकड़ा रहता है।
ज़हर उगलना (अनुचित बात बोलना) : वह आया और ज़हर उगलकर चला गया। 
#ज़हर का घूँट पीना (अप्रिय बात सुनकर भी चुपचाप रहना, क्रोध रोक कर रह जाना) : मैं उनकी अनुचित बातों का उत्तर देना चाहता था, लेकिन ज़हर का घूँट पीकर रह गया। 
#घड़ियाली आँसू (बनावटी शोक या दुख) :
घड़ियाल जल की ढेर सारी मछलियों को खाकर किनारे पर सोए आँसू बहा रहा है। 
#डगरे का बैंगन (ढुलमुल विचार वाला आदमी) : उसकी बातों का क्या, वह तो डगरे का बैंगन है। 
#थाली का बैंगन (ढुलमुल विचार वाला आदमी) : उसकी बातों का क्या, वह तो थाली का बैंगन है। 
#दाहिना हाथ (सहायक) : वह मोहन बाबू का दाहिना हाथ है।
#नमक-मिर्च लगाना (किसी बात को बढ़ा-चढ़ा कर कहना) : झूठे लोग किसी बात को नमक-मिर्च लगाकर ही सुनाते हैं।
#पगड़ी उछालना (हँसी उड़ाना) : उसने भरी सभा में मेरी पगड़ी उछाली। 
#बेपेंदी का लोटा (अनिश्चित विचार वाला आदमी) : कुछ नेता बेपेंदी का लोटा हैं, सुबह इस पार्टी में तो शाम को उस पार्टी में। 
#सफ़ेद झूठ (नितान्त असत्य) : यह सफ़ेद झूठ है कि वह इस कालजयी कृति का अनुवादक है। 
#शिकार होना (भुक्त भोगी होना) : वह भी कोरोना का शिकार हो गया।
#शिकार करना (इच्छा-पूर्ति) : उसने उसका शिकार कर लिया। 
#सोने में सोहागा (बहुत अच्छी चीज़ में और अच्छे गुण प्राप्त होना) : वह रूपवान ही नहीं, गुणवान भी है। सोने में सुहागा। 
#सौ बात की एक बात (ठीक और सारभूत बात):
सौ बात की एक बाा यह है कि वह इस कालजयी कृति का अनुवादक नहीं है। 
#छक्के छुड़ाना (हरा देना) : भारतीय सैनिकों ने चीनी सैनिकों के छक्के छुड़ा दिए।
#पानी उतरना (इज़्ज़त लेना) : भरी सभा में द्रौपदी का पानी उतारा गया। 
#पानी-पानी होना (लज्जित होना) : सबके सामने उसके काले कारनामों की पोल खुलते ही वह पानी-पानी हो गया।
#पेट काटना (अपने भोजन तक में बचत) : अपना पेट काटकर मैं तुम्हें पढ़ा रहा हूँ।
#पेट में आग लगना (बहुत तेज़ भूख लगना) : मेरे पेट में आग लगी है, पेट-पूजा के बाद ही कुछ करूँगा।
#पेट में चूहे कूदना/पेट में चूहे दौड़ना (बहुत भूख लगना) : जब पेट में चूहे कूदने लगते हैं तो कोई काम अच्छा नहीं लगता।
#पौ बारह होना ( लाभ ही लाभ ) : आजकल सरकारी ठेकेदारों का पौ बारह है।
#फूला न समाना (बहुत ख़ुश होना) : अपनी जीत पर वह फूला न समा रहा है।
#बात का बतंगड़ बनाना (बात को तूल देना):  कुछ लोग बात का बतंगड़ बना देते हैं।
#बीड़ा उठाना (ज़िम्मेदारी लेना) : भारत को आज़ाद कराने का गाँधीजी ने बीड़ा उठाया था।
#मीठा मीठा गप्प (चिकनी-चुपड़ी बातें) : महेश को मीठे-मीठे गप्प के जाल में फँसाकर उसने अपना उल्लू सीधा कर लिया। 
#नौ-दो ग्यारह होना (भाग जाना) : पुलिस को देखते ही चोर नौ दो ग्यारह हो गया।
#खेत आना (युद्ध में शहीद होना) : गलवान घाटी झड़प में हमारे बीस जवान खेत आए। 
#ख़ून का घूँट पीना (भीतर ही भीतर सहकर रह जाना) : उसकी जली-कटी सुनकर मैं ख़ून का घूँट पीकर रह गया। 
#ख़ून खौलना (ग़ुस्सा होना) : उन दुष्टों को देखते ही मेरा ख़ून खौल उठता है। 
#कमर टूटना (बेसहारा होना) : बेटे के मर जाने पर बाप की कमर ही टूट गई। 
#सिर धुनना (नाराज़गी प्रकट करना) : बेटे की आपत्तिजनक बात पर माँ सिर धुनने लगी। 
#अपना उल्लू सीधा करना (स्वार्थ साधना) : महेश को मीठे-मीठे गप्प में फँसाकर उसने अपना उल्लू सीधा कर लिया।
#अपनी खिचड़ी अलग पकाना (सबसे अलग रहना) : अरे मिल-जुल कर रहो। अपनी खिचड़ी अलग पकाने से कोई लाभ है?
#अपने पाँव पर कुल्हाड़ी मारना (मुसीबत मोल लेना) : शाहिद, तुम उस औरत के चक्कर में पड़कर अपने पाँव पर कुल्हाड़ी मार रहे हो।
#अधजल गगरी छलकत जाय (ओछे व्यक्ति में ऐंठन होती है) : अमर की बात करते हो, वह तो छोटाा-स व्यापारी है और हाँकता है लम्बी-चौड़ी, अधजल गगरी छलकत जाय। 
#ईंट से ईंट बजाना (नेस्तनाबूद करना) : भारतीय जवानों ने चीनी सैनिकों की ईंट से ईंट बजा दी।
#होनहार बिरवान के होत चीकने पात (बड़े लोगों के लक्षण उनके बचपन से ही झलकने लगते हैं) : महादेवी वर्मा छात्र-जीवन से ही कविता लिखने लगी थीं, आगे चलकर वह हिंदी की बड़ी कवयित्री बनी। होनहार बिरवान के होत चीकनेे पात। 
#ऊँची दुकान, फीका पकवान (केवल बाह्य प्रदर्शन केवल बाहरी चमक-दमक, भीतरी खोखलापन) :   भाई, मैंने तुम्हारा बहुत नाम सुनाा था कि तुम यह कर देते हो, वह कर देते हो। मगर तुम कुछ भी नहीं कर सके। ऊँची दुकान, फीका पकवान। 
#ज़हर उगलना (अपमानजनक बातें करना) : तुम बात-बात में ज़हर उगलते हो।
#नाक का बाल होना (बहुत प्यारा होना) : इन दिनों वह अपने प्रिंसिपल की नाक का बाल बना हुआ है।
#नाक में दम करना/नाकों दम करना (बहुत परेशान  करना) : गलवान घाटी में भारतीय सैनिकों ने चीनी सैनिकों के नाकों दम कर दिया। 
#चोर की दाढ़ी में तिनका (अपराधी के हाव-भाव से अपराध की पहचान मिल जाना) : पुलिस को देखते ही उसका मुँह सूखने लगा और वह बगलें झाँकने लगा मानो चोर की दाढ़ी में तिनका। 
#मन में बसना (प्रिय लगना) : उसकी भोली सूरत मेरे मन में बस गई है।
#मुँह छिपाना (लज्जावश सामने न आना, कतराना) : तुम मुझसे मुँ क्यों छिपाते हो? 
#काला अक्षर भैंस बराबर (पूर्णतः निरक्षर) : वह तो अनपढ़ है। उसके लिए यह पत्र काला अक्षर भैंस बराबर है। 
#उँगली उठाना (बदनाम करना) : अच्छे आदमी पर उँगली उठाना ठीक नहीं।
#आँख की किरकिरी होना (आँख का काटा होना): इन दिनों मैं उनकी आँखों की किरकिरी हो गया हूँ। 
#कान भरना (गुमराह करना) : जुमलेबाज़ लोग अपने सहकर्मियों के ख़िलाफ़ अधिकारियों के कान भरते रहते हैं। 
#आँखें चार होना (आँखें मिलना) : अजय और सरिता की आँखें चार होते ही दोनों के चेहरे खिल उठे। 
#अपने पैरों पर खड़ा होना (आत्मनिर्भर होना) : अपने पैरों पर खड़ा होने के बाद ही मैं परिणय-सूत्र में बँधूँगा। 
#कलेजा काँपना (डरना) : बाघ को देखते ही मेरा कलेजा काँप उठा। 
#कलेजा का टुकड़ा (बेटा, बहुत प्यारा) : तुम मेरे कलेजे का टुकड़ा हो।
#कलेजा फटना (ईर्ष्या होना) : मेरी उन्नति देखकर मेरे पड़ोसी का कलेजा फटने लगा।
#कफ़न सिर से बाँधना (मरने के लिए तैयार रहना) : जो सिर से कफ़न बाँध ले, उसके लिए मौत का डर क्या?
#खड़ा-खोटा पहचानना (भले-बुरे की पहचान करना) : अब वह मुझे चकमा नहीं दे सकता, मैं खड़ा-खोटा पहचानता हूँ। 
#तीन-तेरह करना (तितर-बितर करना) : महेश के मरते ही उसके बेटे ने धन-सम्पत्ति को तीन-तेरह कर दिया।
#मुँह की खाना (पहल करके हार जाना) : भारत-चीन झड़प में चीन को मुँह की खानी पड़ी।
#मुँह ताकना (किसी का आसरा जोहना) : मेहनती आदमी किसी का मुँह नहीं ताकता।
#मुँह जोहना (किसी का आसरा जोहना ) : मेहनती आदमी किसी का मुँह नहीं जोहता।
#मुँह धो रखना (आशा न रखना) : यह चीज़ तुम्हें मिलने की नहीं, मुँह धो रखो।
#मुँह में पानी आना (लालच होना) : मिठाई देखते ही महेश के मुँह में पानी आ गया।
#मुँह में पानी भरना (लालच होना) : मिठाई देखते ही रमेश के मुँह में पानी भर आया।
#मौत से खेलना (ख़तरा मोल लेना) : हटो, बचो मौत से क्यों खेलते हो? 
#सिर चढ़ाना (शोख़ बनाना) : बच्चे को सिर चढ़ाना ठीक नहीं। 
#चाँदी काटना (मौज उड़ाना) : दारोग़ा साहब इस थाने में चाँदी काट रहे हैं।
#हाथ मलना (पछताना) : समय बीतने पर हाथ मलने से क्या लाभ? 
#बाँछें खिलना (अत्यंत प्रसन्न होना) : पास होने की ख़बर सुनते ही उसकी बाँछें खिल उठीं।
#रंग उतरना (फीका होना) : सज़ा सुनते ही अपराधी के चेहरे का रंग उतर गया।
#रंग जमना (धाक जमना) : खेल में तुमने तो रंग जमा लिया।
#रास्ते पर आना (सुधर जाना) : मेरा बेटा रास्ते पर नहीं आ सका।
#लेने के देने पड़ना (लाभ के बदले हानि) : मदन ने व्यापार में अच्छी-ख़ासी राशि निवेश की थी, लेकिन काफ़ी घाटा लगा। उसे लेने के देने पड़े।
#लोहे के चने चबाना (बहुत कठिनाइयां झेलना, श्रम-साध्य कार्य करना) : भारतीय सेना के सामने चीनी सेना को लोहे के चने चबाने पड़े।
#लोहा मानना (श्रेष्ठ समझना) : चीनी सेना भारतीय जवानों का लोहा मानती है। 
#वीर गति को प्राप्त होना (शहीद होना) : भारत-चीन झड़प में बीस भारतीय जवान वीर गति को प्राप्त हुए।
#सर करना (काम पूूरा कर लेना, जीत लेना) : उसने अपना अभियान सर कर लिया।
#सिर आँखों पर होना (सहर्ष स्वीकार करना): पुत्र ने पिता से कहा कि आपकी आज्ञा सिर आँखों पर।
#सिर उठाना (विरोध में खड़ा होना, मुख़ालफ़त करना) : जनता भ्रष्टाचारियों के ख़िलाफ़ सिर उठाने लगी है।
 #सिर खुजलाना (बहाना करना) : सिर न खुजलाओ, देना है तो जल्दी दो।
#सिर गंजा कर देना (ख़ूब पीटना) : भागो यहाँ से, नहीं तो सिर गंजा कर दिया जाएगा।
#सिर पर आ जाना (बहुत नज़दीक होना) : परीक्षा सिर पर आ गई है।
#सिर फिर जाना (पागल होना) : दौलत मिलते ही उसका सिर फिर गया।
#सुबह का चिराग़ (मरनासन्न व्यक्ति) : वह बहुत दिनों से बीमार है। उसे सुबह का चिराग़ ही समझो।
#हवा खाना (शुद्ध. हवा का सेवन करना या व्यर्थ होना) : सुबह-शाम ताज़ा हवा खाना चाहिए।
#हाथ खींचना (अलग होना) :
मैंने इस काम से हाथ खींच लिया है।
#हाथ पैर मारना (काफ़ी प्रयत्न करना) :
#हाथ बँटाना (सहयोग देना)  : काम में अपने बड़े भाई का हाथ बँटाओ।
#हाथ मारना (उड़ा देना) : देखते ही देखते उसने मेरा बैग उड़ा दिया।
#हाथों-हाथ (जल्दी, शीघ्र) : यह काम हाथों-हाथ निपटा लो।
#हाथ देना (सहायता करना) : आपके हाथ दिए बिना यह काम न होगा।
#हाथ लगाना (सहायता करना) : आपके हाथ लगाए बिना यह काम न होगा।
#हथियार डाल देना (पराजित हो जाना) : भूखी सेना ने हथियार डाल दिया।
#हामी भरना (स्वीकृति प्रदान करना) : उसने मेरे साथ चलने को हामी भर दी। 


सोमवार, 29 जून 2020

क्षेमेंद्र के अनुसार औचित्य के 27 भेद

क्षेमेंद्र के अनुसार औचित्य के 27 भेद

#पद
#वाक्य
#प्रबंधार्थ
#गुण
#अलंकार
#रस
#क्रिया
#कारक
#लिंग
#वचन
#विशेषण
#उपसर्ग
#निपात
#काल
#देश
#कुल
#व्रत
#तत्व
#सत्व
#अभिप्राय
#स्वभाव
#सारसंग्रह
#प्रतिभा
#अवस्था
#विचार
#नाम
#आशीर्वचन

बुधवार, 24 जून 2020

राजा भोज और गंगू तेली (संदर्भ : प्रेमचंद)

राजा भोज और गंगू तेली (संदर्भ : प्रेमचंद)

प्रेमचंद युगद्रष्टा और युगस्रष्टा साहित्यकार हैं। उन्होंने हिंदी कथा-साहित्य को करिश्माई दुनिया से निकालकर यथार्थोन्मुख आदर्शवाद के धरातल पर प्रतिष्ठित किया। उनकी रचनाएँ हिंदी-कथा-साहित्य की अनमोल धरोहर हैं।
उनकी ज़्यादातर कहानियों को आज के हीनता ग्रस्त आलोचक 'कूड़ा' की संज्ञा दे रहे हैं, जिनकी ख़ुद की हैसियत प्रेमचंद की तुलना में हिंदी कथा-जगत में नगण्य है, जो 'कहां राजा भोज और कहां गंगू तेली' वाली कहावत को चरितार्थ करते हैं। 

शनिवार, 6 जून 2020

उपसर्ग /UPSARG

उपसर्ग/UPSARG  Google.search.com

#इति : इतिहास, इतिवृत्त, इतिश्री, इतिकथ, इतिकर्तव्य, इतिमात्र, इतिहासज्ञ, इतिहासकार
#उप : उपकार, उपदेश, उपसंहार, उपस्थित, उपद्रव, उपक्रम, उपवन, उपग्रह, उपनाम, उप
उपेन्द्र, उपमंत्री
#प्राक् : प्राक्कथन, प्राक्कलन, प्राक्कल्पना, प्राक्कर्म
#बा : बाअदब, बाक़ायदा, बाइज़्ज़त, बाक़लम, बावस्ता
#वि : विशेष, विपदा, विकास, विवाद, विपक्ष, विचार, विनाश, वियोग, विशिष्ट, विभाग, विराम, विशुद्ध, विसंगति, विसंवाद
#स : सपरिवार, सपत्नीक, सकाम, सकल, सकर्ण, सफल
#हम : हमसाया, हमसफ़र, हमराह, हमउम्र, हमक़ौम, हमदर्द, हमशक्ल, हमवतन
#हर : हरगिरि, हरगौरी, हरतेज, हरिद्वार, हरकारा, हरदम, हरपल, हरफ़नमौला

शुक्रवार, 5 जून 2020

हिंदी कहानी-आन्दोलन

 हिंदी कहानी-आन्दोलन 
नई कहानी-आन्दोलन (1950 के बाद) : राजेंद्र यादव, मोहन राकेश, कमलेश्वर
अकहानी (1960-1962 ई.) : राजेंद्र यादव, मोहन राकेश, कमलेश्वर
सचेतन कहानी (1964 ई., महीप सिंह,   आधार पत्रिका द्वारा)

सहज कहानी-आन्दोलन (1968 ई.) : अमृताराय ('नई कहानी' पत्रिका द्वारा)

समानांतर कहानी-आन्दोलन (1974 ई.) :  कमलेश्वर (सारिका पत्रिका द्वारा)
सक्रिय कथा-आन्दोलन (1979 ई.) : राकेश वत्स ('मंच' पत्रिका द्वारा)
जनवादी कहानी आन्दोलन (1982 ई. जनवादी लेखक संघ की स्थापना के साथ)
समकालीन कथा-आन्दोलन : गंगा प्रसाद विमल 

गुरुवार, 21 मई 2020

अज्ञेय की कहानियां /AJNEYA KI KAHANIYAN

अज्ञेय की कहानियां/AJNEYA KI KAHANIYAN 


(जन्म : 7 मार्च, 1911 कुशीनगरदेवरियाउ. प्र. – मृत्यु : 4 अप्रैल, 1987 नई दिल्ली)
#नाम : #सच्चिदानंद वात्स्यायन
#बचपन का नाम : #सच्चा
#ललित निबंधकार नाम  : #कुट्रिटचातन
रचनाकार नाम : #अज्ञेय (#जैनेद्र और #प्रेमचंद का दिया नाम है)।
#अज्ञेय #प्रयोगवाद एवं #नई कविता को साहित्य-जगत् में #प्रतिष्ठित करने वाले कविप्रयोगधर्मी साहित्यकार। अज्ञेय के विषय में यह कहा जाता है किवह #'कठिन काव्य के प्रेत हैं'
#पहला कहानी :जिज्ञासा (1935, ई.)
#पहला कहानी-संग्रह :  विपथगा (1932 ई.)
#अंतिम कहानी हज़ामत का साबुन (1959)
#अधूरी कहानी गृहत्याग (1932 ई.विपथगा में संकलित)
कहानी-संग्रह
  1. #विपथगा (1937), भारतीय भड़ारलीडर प्रेस इलहाबाद
  2. #परंपरा (1944), सस्वती प्रेसबनारस
  3. #अमर वल्लरी और अन्य कहानियाँसस्वती प्रेसबनारस
  4. #कड़ियाँ तथा अन्य कहानियाँसस्वती प्रेसबनारस
  5. #कठोरी की बात (1945), प्रतीक प्रकाशनदिल्ली
  6. #शरणार्थी (1948), शारदा प्रकाशनबनारस
  7. #जयदोल (1951) प्रतीक प्रकाशनदिल्ली
  8. #ये तेरे प्रतिरूप (1961), राजपाल एंड संजदिल्ली
  9. जिज्ञासा एवं अन्य कहनियाँ (1965 ई.)
  10. #संपूर्ण कहानियाँ (दो खंडों में, 1975), राजपाल एंड संजदिल्ली
1मशहूर कहानियां
विपथगा (वार्तालाप-शैली)कविप्रिया (वार्तालाप-शैली में)सांपधीरज और पठार का धीरज (तीनों प्रतीकात्मक शैली में)हीली बोन की बत्तखेंमेजर चौधुरी की वापसी (दोनों मनोविश्लेषण-प्रधान शैली में)देवी (व्यंग्यप्रधान-शैली में)खित्तीन बाबू (रेखाचित्र या संस्मरण शैली)पगोडा वृक्षअकलंककड़ियापुलिस की सीटी (नाटकीय शैली)द्रोहीमनसोअमरबल्लारी (आत्मकथात्मक शैली)शरणदातामुस्लिम-मुस्लिम भाई-भाईबदलारमंते तत्र देवतानारंगियां (देश-विभाजन-संबंधी कहानियां)  गैंग्रीन (रोज़)हारीतिछायाक्षमादारोगा अमीचंदअलिखित कहानीशांति हंसी थीशत्रुपुरुष का भाग्यकोठरी की बातसिगनेलरपुलिस की सीटीचिड़ियाघरपठार का धीरज इत्यादि अज्ञेय की मशहूर कहानियां हं।

अज्ञेय (nta/ugc net/jrf syllabus) की काव्य-पंक्तियां


अज्ञेय (nta/ugc net/jrf syllabus) की काव्य-पंक्तियां


#हम हैं द्वीप, हम धरा नहीं, हम बहते नहीं हैं, क्योंकि बहना रेत होना है।

#मौन भी अभिव्यंजना है। जितना तुम्हारा सच है, उतना ही कहो।

#दुख सबको मांजता है।

#मैं ही हूं वह पदाक्रांत रिरियाता कुत्ता।

#एक क्षण क्षण में प्रवहमान व्याप्त संपूर्णता वंचना है चांदनी सित।

#उड़ चल हारिल, लिए हाथ में यही अकेला ओछा तिनका।

#नहीं कारण कि मेरा हृदय उथला या कि सूना है
या कि मेरा प्यार मैला है।
(कलगी बाजरे की)

#बल्कि केवल यही : ये उपमान मैले हो गये हैं।
देवता इन प्रतीकों के कर गये हैं कूच।
(कलगी बाजरे की)

#कभी बासन अधिक घिसने से मुलम्मा छूट जाता है। (कलगी बाजरे की)

#शब्द जादू हैं-
मगर क्या समर्पण कुछ नहीं है
 ? (कलगी बाजरे की)
          
#आ गये प्रियंवद ! केशकम्बली ! गुफा-गेह ! (असाध्य वीणा)

#हठ-साधना यही थी उस साधक की --
वीणा पूरी हुई
, साथ साधना, साथ ही जीवन-लीला। (असाध्य वीणा)

#मेरे हार गये सब जाने-माने कलावन्त,
सबकी विद्या हो गई अकारथ
, दर्प चूर,
कोई ज्ञानी गुणी आज तक इसे न साध सका।
अब यह असाध्य वीणा ही ख्यात हो गयी। (असाध्य वीणा)

#सब उदग्र, पर्युत्सुक,
जन मात्र प्रतीक्षमाण
 ! (असाध्य वीणा)

#राजन! पर मैं तो
कलावन्त हूँ नहीं
, शिष्य, साधक हूँ--
जीवन के अनकहे सत्य का साक्षी। (असाध्य वीणा)

#गा तू :
तेरी लय पर मेरी साँसें
भरें
, पुरें, रीतें, विश्रान्ति पायें। (असाध्य वीणा)

#तू गा :
मेरे अंधियारे अंतस में आलोक जगा
स्मृति का
श्रुति का -- (असाध्य वीणा)

#समाधिस्थ संगीतकार का हाथ उठा था --
काँपी थी उँगलियाँ।
अलस अँगड़ाई ले कर मानो जाग उठी थी वीणा :
किलक उठे थे स्वर-शिशु। (असाध्य वीणा)

#सहसा वीणा झनझना उठी --
संगीतकार की आँखों में ठंडी पिघली ज्वाला-सी झलक गयी --
रोमांच एक बिजली-सा सबके तन में दौड़ गया । (असाध्य वीणा)

#अवतरित हुआ संगीत
स्वयम्भू
जिसमें सीत है अखंड
ब्रह्मा का मौन
अशेष प्रभामय । (असाध्य वीणा)

#ईर्ष्या, महदाकांक्षा, द्वेष, चाटुता
सभी पुराने लुगड़े-से झड़ गये
, निखर आया था जीवन-कांचन
धर्म-भाव से जिसे निछावर वह कर देगा । (असाध्य वीणा)

#सब अंधकार के कण हैं ये ! आलोक एक है
प्यार अनन्य
 ! उसी की
विद्युल्लता घेरती रहती है रस-भार मेघ को
,
थिरक उसी की छाती पर उसमें छिपकर सो जाती है
आश्वस्त
, सहज विश्वास भरी। (असाध्य वीणा)

#सबने भी अलग-अलग संगीत सुना। (असाध्य वीणा)

#बटुली में बहुत दिनों के बाद अन्न की सोंधी खुशबू।
किसी एक को नयी वधू की सहमी-सी पायल-ध्वनि।
किसी दूसरे को शिशु की किलकारी। (असाध्य वीणा)

#उसे युद्ध का ढाल :
इसे सझा-गोधूली की लघु टुन-टुन --
उसे प्रलय का डमरू-नाद। (असाध्य वीणा)

#श्रेय नहीं कुछ मेरा :
मैं तो डूब गया था स्वयं शून्य में
वीणा के माध्यम से अपने को मैंने
सब कुछ को सौंप दिया था --
सुना आपने जो वह मेरा नहीं
,
न वीणा का था
 :
वह तो सब कुछ की तथता थी
(असाध्य वीणा)

#महाशून्य
वह महामौन
अविभाज्य
, अनाप्त, अद्रवित, अप्रमेय
जो शब्दहीन
सबमें गाता है। (असाध्य वीणा)

#धीर, आश्वस्त, अक्लांत—
ओ मेरे अनबुझे सत्य! कितनी बार... (कितनी नावों में कितनी बार)

#आओ बैठें
इसी ढाल की हरी घास पर। (हरी घास पर क्षण भर)

#आओ, बैठो
तनिक और सट कर
, कि हमारे बीच स्नेह-भर का व्यवधान रहे, बस,
नहीं दरारें सभ्य शिष्ट जीवन की। (हरी घास पर क्षण भर)

#नमो, खुल खिलो, सहज मिलो
अन्त:स्मित
, अन्त:संयत हरी घास-सी। (हरी घास पर क्षण भर)

#पौधे, लता दोलती, फूल, झरे पत्ते, तितली-भुनगे,
फुनगी पर पूँछ उठा कर इतराती छोटी-सी चिड़िया-
और न सहसा चोर कह उठे मन में-
प्रकृतिवाद है स्खलन
क्योंकि युग जनवादी है। (हरी घास पर क्षण भर)

#क्षण-भर हम न रहें रह कर भी :
सुनें गूँज भीतर के सूने सन्नाटे में किसी दूर सागर की लोल लहर की
जिस की छाती की हम दोनों छोटी-सी सिहरन हैं-
जैसे सीपी सदा सुना करती है। (हरी घास पर क्षण भर)

#मसजिद के गुम्बद के पीछे सूर्य डूबता धीरे-धीरे,
झरने के चमकीले पत्थर
, मोर-मोरनी, घुँघरू,
सन्थाली झूमुर का लम्बा कसक-भरा आलाप
,
रेल का आह की तरह धीरे-धीरे खिंचना
, लहरें। (हरी घास पर क्षण भर)

#आँधी-पानी,
नदी किनारे की रेती पर बित्ते-भर की छाँह झाड़ की
अंगुल-अंगुल नाप-नाप कर तोड़े तिनकों का समूह
,
लू
,
मौन। (हरी घास पर क्षण भर)

#हम अतीत के शरणार्थी हैं;
स्मरण हमारा-जीवन के अनुभव का प्रत्यवलोकन-
हमें न हीन बनावे प्रत्यभिमुख होने के पाप-बोध से। (हरी घास पर क्षण भर)

#आओ बैठो : क्षण-भर :
यह क्षण हमें मिला है नहीं नगर-सेठों की फैयाजी से।
हमें मिला है यह अपने जीवन की निधि से ब्याज सरीखा। (हरी घास पर क्षण भर)

#झिझक न हो कि निरखना दबी वासना की विकृति है! (हरी घास पर क्षण भर)

#और रहे बैठे तो लोग कहेंगे
धुँधले में दुबके प्रेमी बैठे हैं। (हरी घास पर क्षण भर)

#नहीं सुनें हम वह नगरी के नागरिकों से
जिन की भाषा में अतिशय चिकनाई है साबुन की
किन्तु नहीं है करुणा। (हरी घास पर क्षण भर)

#यह दीप अकेला स्नेह भरा
है गर्व भरा मदमाता पर
इसको भी पंक्ति को दे दो। (यह दीप अकेला)

#यह मधु है : स्वयं काल की मौना का युगसंचय
यह गोरस
: जीवन-कामधेनु का अमृत-पूत पय
यह अंकुर
 : फोड़ धरा को रवि को तकता निर्भय
यह प्रकृत
, स्वयम्भू, ब्रह्म, अयुतः
इस को भी शक्ति को दे दो। (यह दीप अकेला)

#जिज्ञासु, प्रबुद्ध, सदा श्रद्धामय
इस को भक्ति को दे दो। (यह दीप अकेला)