भारतीय काव्यशास्त्री एवं उनकी
कालजयी कृतियां-1
आचार्यकाल (ईस्वी सन् में)
1. भरत 2री शती ई॰ पूर्व से2री शती ई॰ पू॰ के बीच
(अनुमानतः)
कालजयी कृति नाट्यशास्त्र (नाट्यविधानों का अमर विश्वकोश)
रस-सम्प्रदाय
के प्रवर्तक
तत्र विभावानुभावव्यभिचारी
संयोगात्द्रस-निष्पत्ति। —नाट्यशास्त्र, भरत
भवति जगति योग्यं नाटकं
प्रेक्षकाणम्। —नाट्यशास्त्र
2. भामह छठी शती का मध्यकाल
कालजयी कृति काव्यालंकार
अलंकार-सम्प्रदाय
के प्रवर्तक
शब्दार्थौ सहितौ काव्यम्।—काव्यालंकार,भामह
3. दण्डी7वीं शती का उत्तरार्द्ध
कालजयी कृतियां : काव्यदर्श (काव्यशास्त्र विषयक), दशकुमारचरित, अवन्तिसुन्दरी
(गद्यकाव्य) अलंकारवादी आचार्य,
काव्यशोभाकरान् धर्मान्
अलंकारान् प्रचक्षते। —काव्यादर्श, दण्डी।
4. वामन 8वीं-9वीं शती के बीच
कालजयी कृति : काव्यालंकारसूत्रवृत्ति
रीतिवादी आचार्य, रीति को काव्य की आत्मा माननेवाले
सौन्दर्यमलंकारः। —
काव्यालंकारसूत्रावृत्ति, वामन
कवित्वबीजं प्रतिभानम्। —
काव्यालंकारसूत्रावृत्ति,वामन
5. उद्भट9वीं शती का पूर्वार्द्ध
कालजयी कृतियां : काव्यालंकारसारसंग्रह,भामह-विवरण, कुमारसम्भव
6. रुद्रट 9वीं शती का आरम्भ
कालजयी कृतियां : काव्यालंकार
ननु शब्दार्थौ काव्यम्।—काव्यालंकार, रुद्रट
7. शंकुक 9 वीं शती का आरम्भ
भरत के रस सूत्र के व्याख्याकार —अनुमितिवाद
या अनुकृतिवाद
8. आनन्दवर्द्धन 9वीं शती का मध्यभाग
कालजयी कृति : ध्वन्यालोक
ध्वनि को काव्य की आत्मा
माननेवाले और ध्वनि-सम्प्रदाय के प्रवर्तक
9. रुद्रभट्ट 10वीं शती
कालजयी कृतियां : काव्यालंकार
10. राजशेखर 880-920 के बीच
कालजयी कृतियां : काव्यमीमांसा, बालरामायण, कर्पूरमंजरी (प्राकृत)
कारयित्री भावयित्रयावितीमे
प्रतिभाभिदे।—काव्यमीमांसा, राजशेखर
अभ्यासः इति मंगलः। —काव्यमीमांसा, राजशेखर
11. मुकुल भट्ट 9वीं-10वीं शती
कालजयी कृतियां : अभिधावृत्तिमातृका
12. धनंजय 10वीं शती
कालजयी कृतियां : दशरूपक (नाट्यशास्त्र पर टीका)
13. भट्ट नायक 10वीं शती का मध्यकाल
भरत के रस सूत्र के व्याख्याकार —भुक्तिवाद
और साधारणीकरण
14. भट्ट लोल्लट उद्भट और अभिनव गुप्त के बीच
भरत के रस सूत्र के व्याख्याकार —उत्पत्तिवाद
या उपचयवाद
15. अभिनवगुप्त 10वीं-11वी शती
कालजयी कृतियां : ध्वन्यालोक की टीका‘लोचन’ और नाट्यशास्त्र की टीका ‘अभिनवभारती’
भरत के रस सूत्र के व्याख्याकार —अभिव्यक्तिवाद
16. कुन्तक 10वीं-11वीं शती
कालजयी कृति : वक्रोक्तिजीवित
17. सागरनन्दी 11वीं शती का आरम्भ
कालजयी कृतियां : नाटकलक्षणरत्नकोश
18. भोजराज 11वीं शती का पूर्वार्द्ध
कालजयी कृतियां : सरस्वती कण्ठाभरण, श्रृंगारप्रकाश
19. महिम भट्ट 11वीं शती का मध्यकाल
कालजयी कृति : व्यक्तिविवेक
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें