शनिवार, 8 मार्च 2014

भारतीय काव्यशास्त्री एवं उनकी कालजयी कृतियां-2


20. क्षेमेन्द्र 11वीं शती का उत्तरार्द्ध

कालजयी कृतियां : औचित्चविचारचर्चा, सुवृत्ततिलक, कविकण्ठाभरण

21. मम्मट 11वीं शती का उत्तरार्द्ध

कालजयी कृति : काव्यप्रकाश

तद्दोषौ शब्दार्थौ सगुणावलंकृती पुनः क्वापि। काव्यप्रकाश, मम्मट

शक्ति कवित्वबीजरूपः संस्कारविशेषः। काव्यप्रकाश, मम्मट

22. हेमचन्द्र 12वीं शती

कालजयी कृति : काव्यानुशासन

23. रामचन्द्र-गुणचन्द्र 12वीं शती का पूर्वार्द्ध

कालजयी कृति : नाट्यदर्पण

24. वाग्भट्ट प्रथम 12वीं शती का पूर्वार्द्ध

कालजयी कृति : वाग्भटालंकार

25. रुय्यक 12वीं शती का मध्यकाल

कालजयी कृति : अलंकारसर्वस्व

26. अमरचन्द्र 13वीं शती का मध्यभाग

कालजयी कृति : काव्यकल्पलतावृत्ति

27. जयदेव 13वीं शती का मध्यभाग

कालजयी कृति : चन्द्रालोचक

28. शारदातनय 13वीं शती का मध्यभाग

कालजयी कृति : भावप्रकाश

29. विद्याधर 13वीं-14वीं शती

कालजयी कृति : एकावली

30. विद्यानाथ 13वीं-14वीं शती

कालजयी कृति : प्रतापरुद्रयशोभूषण

31. भानुमिश्र 13वीं-14वीं शती

कालजयी कृतियां : रसतरंगिणी,रसमंजरी

32. विश्वनाथ 14वीं शती

कालजयी कृति : साहित्यदर्पण

वाक्यम् रसात्मकम् काव्यम्। साहित्यदर्पण, विश्वनाथ

प्रज्ञानवनवोन्मेषशालिनी प्रतिभा मता। साहित्यदर्पण, विश्वनाथ

काव्यस्य शब्दार्थौ शरीरम्। साहित्यदर्पण और काव्यमीमांसा

33. रूपगोस्वामी 14वीं-15वीं शती

कालजयी कृति: उज्ज्वलनीलमणि

34. केशव मिश्र 14वीं शती

कालजयी कृतियां : अलंकारशेखर,तर्कभाष्य

35. अप्पयदीक्षित 16वीं-17वीं शती

कालजयी कृतियां : कुवलयानन्द, वृत्तिवार्तिक, चित्रामीमांसा

38. पंडितराज जगन्नाथ 16वीं-17वीं शती

कालजयी कृति : रसगंगाधर

रमणीयार्थ प्रतिपादकः शब्दः काव्यम्। रसगंगाधर, पंडितराज जगन्नाथ

37. अकबरशाह 17वीं शती का मध्यभाग

कालजयी कृति : श्रृंगारमंजरी

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