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(HINDI) में पूछे गए ग़लत प्रश्न
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(HINDI) में पूछे गए ग़लत प्रश्नों के सम्बन्ध में यूजीसी के चेयरमैन
को पत्र लिखकर एक सुझाव दिया था, जिस पर त्वरित कार्रवाई करके उन्होंने यूजीसी Answer
Keys दिसम्बर 2014 में A B C D के अतिरिक्त पांचवां विकल्प None of the above जुड़वा दिया। चेयरमैन
महोदय को बहुत-बहुत धन्यवाद। पत्र का मुख्य अंश प्रस्तुत है—
UGCNET/JRF SUBJECT-D 20 13,
(DECEBBER 2013) HINDI, PAPER-III, QUESTION-32 में
दिए गए चार विकल्पों में से चारों ग़लत हैं।
प्रश्न
इस प्रकार है―
32.
एही रूप सकती और सीऊ। एही रूप त्रिभुवन कर जीऊ।
काव्य-पंक्ति
किस कवि की है?
(A) मलिक मुहम्मद जायसी (B) तुलसीदास
(C) हृदयनाथ (D) कुतुबन
उपर्युक्त
विकल्पों में से कोई भी सही नहीं है, क्योंकि
उपर्युक्त काव्य पंक्तियां मंझन के प्रेमाख्यानक काव्य ‘मघुमालती’ से ली गई हैं। पूरा पद इस प्रकार है―
देखत
ही पहिचानेउ तोहीं। एही रूप जेहि छँदरयो मोही।
एही
रूप बुत अहै छपाना। एही रूप रब सृष्टि समाना।
एही
रूप सकती औ सीऊ। एही रूप त्रिभुवन कर जीऊ।
एही
रूप प्रगटे बहु भेसा। एही रूप जग रंक नरेसा।
इसी
प्रकार की ग़लती UGCNET/JRF SUBJECT-
J 20 13 (JUNE 2013), HINDI, PAPER-II, QUESTION 15 में भी थी। प्रश्न इस प्रकार है―
15.
‘अगले जनम मोहे बिटिया
न कीजो’ की लेखिका कौन है?
(A) मधुकंकरिया (B) अनामिका
(C) उषा राजे सक्सेना (D) मृणाल पाण्डेय
इस प्रश्न
का उत्तर यूजीसी Answer Keys में (D) मृणाल पाण्डेय दिया गया था, जो कि गलत है। मैंने मृणाल पाण्डेय जी से E-mail पर इस प्रश्न के सम्बन्ध
में पूछा था, तो उन्होंने कहा था कि
‘अगले जनम मोहे बिटिया
न कीजो’ मेरी रचना नहीं है। मृणाल जी का E-mail
से प्राप्त उत्तर मेरे
E-mail पर मौजूद है,
जिसे मैं आपको Forward कर रहा हूं। इंटरनेट पर मैंने उत्तर खोजने का प्रयास किया था, जिससे पता चला कि ‘अगले जनम मोहे बिटिया न कीजो’ शीर्षक से दो रचनाएं हैं। पहली रचना कुर्रतुल ऐन हैदर रचित आत्मकथात्मक उपन्यास
है और दूसरी विभा रानी कृत नाटक है।
इसी
प्रकार एक और ग़लत प्रश्न UGCNET/JRF SUBJECT- D 20 12 (DECEMBER 2012), HINDI,
PAPER-III, QUESTION 3 की
ओर आपका ध्यान आकृष्ट कराना चाहूंगा। प्रश्न इस प्रकार है : ‘पंडिय सअल सन्त बक्खानइ। देहहि बुद्ध बसन्त न जानइ’ कथन है―
(A) मीनपा
(B) शबरीपा
(C) गोरक्षपा
(D) शबरपा
उपर्युक्त विकल्पों में से कोई भी सही नहीं है, क्योंकि उपर्युक्त काव्य पंक्तियां सरहपा की
हैं। आचार्य रामचन्द्र शुक्ल, डॉक्टर नगेद्र और डॉक्टर बच्चन सिंह के हिन्दी साहित्य
के इतिहासों और इंटरनेट के विभिन्न साइट्स से बात की पुष्टि होती है। कृपया परीक्षार्थियों
के हित को ध्यान में रखते हुए इस सन्दर्भ में उचित निर्णय लेने का कष्ट करें।
Suggestion : UGCNET/JRF
D 20 13 के Result से पहले सभी 95 विषयों पर दिए जानेवाले आगामी Answer
Keys के अन्त में विशेष टिप्पणी
के लिए जगह छोड़ी जाए, ताकि यदि कोई प्रश्न
ग़लत हो अथवा किसी प्रश्न के दो उत्तर हों (जैसा कि UGCNET/ JRF J 20 13 (JUNE 2013), HINDI, PAPER-II, QUESTION 9 में ‘परमाल रासो’ और ‘आल्हा खंड’ के साथ हुआ था) तो उनपर Candidates अपनी टिप्पणी दे सकें।
भवदीय
मुहम्मद
इलियास हुसैन
E-mail
: iliyashussain 1966@gmail.com
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