भारतीय काव्यशास्त्री एवं उनकी कालजयी कृतियां-2
20. क्षेमेन्द्र 11वीं शती का उत्तरार्द्ध
कालजयी कृतियां : औचित्चविचारचर्चा, सुवृत्ततिलक, कविकण्ठाभरण
21. मम्मट 11वीं शती का उत्तरार्द्ध
कालजयी कृति : काव्यप्रकाश
तद्दोषौ शब्दार्थौ सगुणावलंकृती पुनः क्वापि। —काव्यप्रकाश,मम्मट
शक्ति कवित्वबीजरूपः संस्कारविशेषः। —काव्यप्रकाश, मम्मट
22. हेमचन्द्र 12वीं शती
कालजयी कृति : काव्यानुशासन
23. रामचन्द्र-गुणचन्द्र 12वीं शती का पूर्वार्द्ध
कालजयी कृति : नाट्यदर्पण
24. वाग्भट्ट प्रथम 12वीं शती का पूर्वार्द्ध
कालजयी कृति : वाग्भटालंकार
25. रुय्यक 12वीं शती का मध्यकाल
कालजयी कृति : अलंकारसर्वस्व
26. अमरचन्द्र 13वीं शती का मध्यभाग
कालजयी कृति : काव्यकल्पलतावृत्ति
27. जयदेव 13वीं शती का मध्यभाग
कालजयी कृति : चन्द्रालोचक
28. शारदातनय 13वीं शती का मध्यभाग
कालजयी कृति : भावप्रकाश
29. विद्याधर 13वीं-14वीं शती
कालजयी कृति : एकावली
30. विद्यानाथ 13वीं-14वीं शती
कालजयी कृति : प्रतापरुद्रयशोभूषण
31. भानुमिश्र 13वीं-14वीं शती
कालजयी कृतियां : रसतरंगिणी,रसमंजरी
32. विश्वनाथ 14वीं शती
कालजयी कृति : साहित्यदर्पण
वाक्यम् रसात्मकम् काव्यम्। —साहित्यदर्पण, विश्वनाथ
प्रज्ञानवनवोन्मेषशालिनी प्रतिभा मता। —साहित्यदर्पण, विश्वनाथ
काव्यस्य शब्दार्थौ शरीरम्। —साहित्यदर्पण और काव्यमीमांसा
33. रूपगोस्वामी14वीं-15वीं शती
कालजयी कृति: उज्ज्वलनीलमणि
34. केशव मिश्र 14वीं शती
कालजयी कृतियां : अलंकारशेखर,तर्कभाष्य
35. अप्पयदीक्षित16वीं-17वीं शती
कालजयी कृतियां : कुवलयानन्द, वृत्तिवार्तिक, चित्रामीमांसा
38. पंडितराज जगन्नाथ 16वीं-17वीं शती
कालजयी कृति : रसगंगाधर
रमणीयार्थ प्रतिपादकः शब्दः काव्यम्। —रसगंगाधर, पंडितराज जगन्नाथ
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