शनिवार, 8 जनवरी 2022

प्रश्नोत्तरी-54 (हिंदी भाषा एवं साहित्य, कबीरदास)

प्रश्नोत्तरी-54 (हिंदी भाषा एवं साहित्य, कबीरदास)

#'कबीर' शब्द का क्या अर्थ है?

उत्तर : 'कबीर' शब्द का क्या अर्थ है-- बड़ा, महान।

#'साखी' का शाब्दिक अर्थ क्या होता है?

उत्तर : 'साखी' का शाब्दिक अर्थ है-- साक्षी, प्रत्यक्ष ज्ञान, ज्ञान की आंख। 'साखी' राजस्थानी-पंजाबी मिली खड़ी बोली में है।

#'रमैनी' का शाब्दिक अर्थ क्या होता है?

उत्तर :  'रमैनी' का शाब्दिक अर्थ है—रामायण। रमैनी ब्रजभाषा और पूर्वी बोली बहुलता है।

#'सबद' का शाब्दिक अर्थ क्या होता है?

उत्तर : 'सबद' का शाब्दिक अर्थ हैशब्द। 'सबद' ब्रजभाषा और पूर्वी बोली की बहुलता है।

#'पानी बिच मीन पियासी' यह पंक्ति किस रचनाकार की है?

उत्तर : यह पंक्ति कबीरदास द्वारा रचित है।

#कबीर को 'मस्तमौला' किसने कहा है?

उत्तर : हजारी प्रसाद द्विवेदी ने कबीर को 'मस्तमौला' कहा है।

#'बीजक' किनकी रचना है?

उत्तर : 'बीजक' के रचयिता कबीरदास हैं, जिसे उनके शिष्य धर्मदास ने सन् 1464 में संकलित किया

#कबीर का जन्म कब हुआ था?

उत्तर : सन 1398 ई. (संवत 1455) में ज्येष्ठ मास की पूर्णिमा को हुआ था।

#कबीर का जन्म कहां हुआ था?

उत्तर : कबीर का जन्म काशी (उत्तर प्रदेश) में हुआ था

#कबीर की मृत्यु कहां हुई थी?

उत्तर : कबीर की मृत्यु सन् 1518 ई. में मगहर (उत्तर प्रदेश) में हुई थी।

#कबीर के पालक पिता का क्या नाम है?

उत्तर : कबीर के पालक पिता का नीरु नाम है।

#कबीर की पालक माता का क्या नाम है?  

उत्तर : कबीर की पालक माता का नाम नीमा है

#कबीर की पत्नी का क्या नाम है?

उत्तर : कबीर की पत्नी का नाम लोई है

#कबीरदास किस शाखा के कवि थे?

उत्तर : कबीर ज्ञानमार्गी शाखा के कवि थे।

#कबीर किस ब्रह्म के उपासक थे?

उत्तर : कबीर निर्गुण ब्रह्म के उपासक थे।

#कबीर को कितनी संतान थी?

उत्तर : कबीर के दो संतानें थीं-- कमाल (पुत्र) और कमाली (पुत्री)।

#कबीरदास के गुरु का नाम बताएं।

उत्तर : कबीरदास के गुरु का नाम स्वामी रामानंद है।

#कबीर के उपास्य कौन थे?

उत्तर : कबीर के उपास्य निर्गुण ब्रह्म थे।

 

भाषा

कबीर की भाषा सधुक्कड़ी एवं पंचमेल खिचड़ी है। इनकी भाषा में हिंदी भाषा की सभी बोलियों के शब्द सम्मिलित हैं। राजस्थानी, हरयाणवी, पंजाबी, खड़ी बोली, अवधी, ब्रजभाषा के शब्दों की बहुलता है।

 

ऐसा माना जाता है की रमैनी और सबद में ब्रजभाषा की अधिकता है तो साखी में राजस्थानी व पंजाबी मिली खड़ी बोली की।

कबीर साखी : इस ग्रंथ में कबीर साहेब जी साखियों के माध्यम से सुरता (आत्मा) को आत्म और परमात्म ज्ञान समझाया करते थे।

कबीर बीजक : कबीर की वाणी का संग्रह उनके शिष्य धर्मदास ने बीजक नाम से किया। इस ग्रंथ में मुख्य रूप से पद्य भाग है। बीजक के तीन भाग किए गए हैं—रमैनी, सबद, साखी।

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