शनिवार, 29 जनवरी 2022

Syllabus B. A. Part-III (BNMU/Purnea University) हिंदी प्रतिष्ठा : सप्तम पत्र (हिंदी भाषा और साहित्य का इतिहास)

 Syllabus B. A. Part-III (BNMU/Purnea University)
हिंदी प्रतिष्ठा : सप्तम पत्र (हिंदी भाषा और साहित्य का इतिहास) 

समय : 3 घंटे  

पूर्णांक : 100 

यह पत्र चार खंडों में विभक्त है। खंड (क) हिंदी भाषा के इतिहास से तथा खंड (ख) हिंदी साहित्य के इतिहास से संबंध है। परीक्षार्थी को इन दोनों खंडों से दो-दो आलोचनात्मक प्रश्नों के उत्तर देने होंगे। खंड (ग) एवं खंड (घ) क्रमशः लघु उत्तरीय और वस्तुनिष्ठ/ अतिलघुउत्तरीय प्रश्नों के होंगे जिनके भी उत्तर अपेक्षित होंगे।

अंक विभाजन : 

 (i) निर्धारित पाठ्य विषयों से आलोचनात्मक प्रश्न : 4×15=60 अंक

(प्रत्येक खंड से दो-दो प्रश्न)

(ii) लघु उत्तरीय प्रश्न प्रश्न 5×4= 20 अंक

(iii) वस्तुनिष्ठ/अतिलघूत्तरीय प्रश्न : 20×1=20 अंक

निर्धारित पाठ्य विषय :

खंड (क) हिंदी भाषा का इतिहास :

अध्येतव्य :

हिंदी भाषा का स्वरूप विकास, हिंदी की उत्पत्ति, हिंदी की मूल आकार भाषाएं, पुरानी हिंदी, अवहट्ठ, डिंगल तथा विभिन्न विभाषाओं का विकास।

हिंदी का शब्द भंडार : तत्सम, तद्भव, देशज, विदेशज।

हिंदी भाषा का मानकीकरण और आधुनिकीकरण

हिंदी भाषा की निजी प्रकृति

खंड (ख) हिंदी साहित्य का इतिहास

अध्येतव्य : हिंदी साहित्येतिहास-लेखन की परंपरा

हिंदी साहित्येतिहास में काल विभाजन और नामकरण

आदिकाल, पूर्वमध्यकाल, उत्तर मध्यकाल और आधुनिक काल की सामाजिक, राजनीतिक, सांस्कृतिक पृष्ठभूमि, प्रमुख युग प्रवृतियां, विशिष्ट रचनाकार और उनकी प्रतिनिधि रचनाएं

निम्नलिखित गद्य विधाओं का उद्भव और विकास : कहानी, उपन्यास, नाटक, निबंध, आलोचना

ध्यातव्य : इस पत्र के लघु उत्तरीय प्रश्न उपर्युक्त निर्धारित पाठ्य विषय पर आधृत होंगे।

द्रुत पाठ हेतु निम्नलिखत रचनाकारों के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर अध्ययन अपेक्षित है। लघूत्तरी प्रश्न इनमें से किन्हीं दो पर आधृत होंगे।

अनुशंसित सहायक पुस्तकें : 

1. हिंदी भाषा का उद्भव और विकास : डॉ. उदय नारायण तिवारी (भारती भंडार, इलाहाबाद) 

 2. हिंदी भाषा का इतिहास : डॉ. भोलानाथ तिवारी (वाणी प्रकाशन, दिल्ली)

3. हिंदी भाषा का विकास : डॉ. गोपाल राय (अनुपम प्रकाशन, पटना) 

4. हिंदी साहित्य का इतिहास : आचार्य रामचंद्र शुक्ल 

5. हिंदी साहित्य का इतिहास : सं. डॉ. नगेंद्र

6. हिंदी साहित्य उद्भव और विकास : आचार्य हजारीप्रसाद द्विवेदी

7. रीति काव्य की भूमिका : डॉ. नगेंद्र 

8. आधुनिक हिंद साहित्य : डॉ. लक्ष्मीसागर वार्ष्णेय 

9. रीति साहित्य को बिहार की देन : डॉ. अमरनाथ सिन्हा 

10. आधुनिक हिंदी साहित्य का विकास : डॉ. श्री कृष्ण लाल 

11. रसमंजरी : सं. कन्हैयालाल पोद्दार

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