रविवार, 30 जनवरी 2022

Syllabus B. A. Part-III (BNMU/Purnea University) हिंदी प्रतिष्ठा : अष्टम पत्र (साहित्य के सिद्धांत और हिंदी आलोचना)

 Syllabus B. A. Part-III (BNMU/Purnea University)
हिंदी प्रतिष्ठा : अष्टम पत्र (साहित्य के सिद्धांत और हिंदी आलोचना) 

समय : 3 घंटे  

पूर्णांक : 100 

यह पत्र पांच खंडों में विभक्त है। खंड (क) भारतीय साहित्य सिद्धांत का है जिससे परीक्षार्थियों को दो आलोचनात्मक प्रश्नों के उत्तर देने होंगे। खंड (ख) पाश्चात्य साहित्य सिद्धांत एवं खंड (ग) प्रमुख हिंदी आलोचकों से संबद्ध है। इनमें से प्रत्येक का एक-एक आलोचनात्मक प्रश्न का उत्तर देना होगा। खंड (घ) और खंड (ड.) क्रमश: लघुउत्तरीय और वस्तुनिष्ठ/अतिलघुउत्तरीय प्रश्नों के होंगे जिनके भी उत्तर अपेक्षित होंगे। 

अंक विभाजन : 

 (i) निर्धारित पाठ्य विषयों से आलोचनात्मक प्रश्न : 4×15=60 अंक

(ii) लघुउत्तरीय प्रश्न : 5×4= 20 अंक

🙏(iii) वस्तुनिष्ठ/अतिलघूत्तरीय प्रश्न : 20×1=20 अंक

निर्धारित पाठ्य विषय :

खंड (क) भारतीय साहित्य सिद्धांत 

अध्येतव्य : काव्य-लक्षण, काव्य-हेतु, काव्य-प्रयोजन काव्य-प्रकार, शब्दशक्ति, प्रमुख प्रकार।

काव्य-गुण, काव्य-दोष काव्य-रीति, 

रस निष्पत्ति, साधारणीकरण।

निम्नलिखित अलंकार-युग्म का तुलनात्मक अध्ययन :

श्लेष-यमक, उपमा-रूपक, उपमा-उत्प्रेक्षा, काव्यलिंग- अर्थांतरन्यास, दृष्टांत-निदर्शना, दीपक-तुल्ययोगिता, संदेह-भ्रांतिमान, विरोधाभास, असंगति, अप्रस्तुत प्रशंसा, समास्योक्ति, संकर-संसृष्टि 

निम्नलिखित छंदों के लक्षण उदाहरण का अध्ययन : चौपाई, रोला, हरिगीतिका, दोहा, सोरठा, कुंडलिया, द्रुतविलंबित, मंदाक्रांता, सवैया, कवित्त।

खंड (ख) पाश्चात्य साहित्य सिद्धांत

अध्येतव्य : प्लेटो, वर्ड्सवर्थ, मैथ्यू अर्नाल्ड, और आई. ए. रिचर्ड्स के साहित्य सिद्धांतों का सामान्य परिचय।

खंड (ग) प्रमुख की हिंदी आलोचकों के अवदान

अध्येतव्य : आचार्य रामचंद्र शुक्ल, आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी, डॉ. नंददुलारे वाजपेयी, डॉ. रामविलास शर्मा।

ध्यातव्य : इस पत्र के लघु उत्तरीय प्रश्न उपर्युक्त निर्धारित पाठ्य विषय पर आधृत होंगे।

अनुशंसित सहायक पुस्तकें : 

1. भारतीय काव्यशास्त्र (भाग 1 और भाग 2) : डॉ. बलदेव उपाध्याय

2. काव्य दर्पण : पंडित राम दहिन मिश्र

3. भारतीय काव्य चिंतन में शब्द : डॉ. अमरनाथ सिन्हा

4. रसमंजरी : सं. कन्हैयालाल पोद्दार

5. रस-प्रक्रिया और बोध : डॉ. रूद्र प्रताप सिंह 

6. अलंकार, रीति और वक्रोक्ति : डॉ. सत्यदेव चौधरी 

7. अलंकार मुक्तावली : देवेंद्रनाथ शर्मा 

8.अलंकार मीमांसा : मुरली मनोहर प्रसाद सिंह 

9. हिंदी छंद प्रकाश : रघुनंदन शास्त्री 

10. पाश्चात्य काव्यशास्त्र : देवेंद्रनाथ शर्मा

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