प्रश्नोत्तरी-55 (हिंदी भाषा एवं साहित्य, विद्यापति)
#'विद्यापति' शब्द का क्या अर्थ है?
उत्तर : विद्यापति शब्द का अर्थ है--'ज्ञान का स्वामी'।
#अवहट्ठ में लिखित विद्यापति की किसी एक कृति का नाम बताइए।
उत्तर : अवहट्ठ में लिखित विद्यापति की एक कृति का नाम है--'कीर्तिपताका'।
#विद्यापति ने किसे देशी भाषा कहा है?
उत्तर : विद्यापति ने अपभ्रंश भिन्न, प्रचलित बोलचाल की भाषा को देशी भाषा कहा
है।
#'के पतिआएब' का खड़ी बोली हिंदी रूपांतर क्या होगा?
उत्तर : 'के पतिआएब' का खड़ी बोली हिंदी रूपांतर 'कौन विश्वास करेगा' होगा।
#विद्यापति के पद उनकी किस पुस्तक में संकलित है?
उत्तर : विद्यापति के पद 'विद्यापति-पदावली' में संकलित है।
#'देसिल बयना सब जन मिट्ठा।
तें तैंसन जंपओं अवहट्ठा' किनकी पंक्ति है?
उत्तर : 'देसिल बयना सब जन मिट्ठा।
तें तैंसन जंपओं अवहट्ठा' विद्यापति की पंक्ति है।
#'कनक भूधर शिखरवासनी' पद के रचयिता कौन हैं?
उत्तर : 'कनक भूधर शिखरवासनी' पद के रचयिता 'मैथिल कोकिल' विद्यापति हैं।
#'जय-जय भैरवि असुन भयाउनी' पद के रचनाकार कौन हैं?
उत्तर : 'जय-जय भैरवि असुन भयाउनी' पद के रचनाकार मैथिल कोकिल
विद्यापति हैं।
#विद्यापति का जन्म कहां हुआ था?
उत्तर : विद्यापति का जन्म उत्तरी बिहार के मिथिला क्षेत्र के वर्तमान
मधुबनी ज़िला के विस्फी (अब बिस्फी) गाँव में एक शैव ब्राह्मण परिवार में हुआ था।
#विद्यापति का जन्म कब हुआ था?
उत्तर : विद्यापति का जन्म 1352 ई. हुआ था।
#विद्यापति की मृत्यु कब और कहां हुई थी?
उत्तर : विद्यापति की मृत्यु 1448 ई. में बिस्फी, मधुबनी, बिहार में हुई थी।
#विद्यापति-पदावली की भाषा क्या है?
उत्तर : विद्यापति-पदावली मैथिली भाषा में रचित है।
#कीर्तिलता में किस राजा की कीर्ति गाई गई है?
उत्तर : कीर्तिलता में राजा की कीर्तिसिंह की कीर्ति गाई गई है।
#'अभिनव जयदेव' किन का उपनाम था?
उत्तर : 'अभिनव जयदेव' विद्यापति का उपनाम था।
#'पुरुष परीक्षा' किस भाषा की कृति है?
उत्तर : 'पुरुष परीक्षा' संस्कृत भाषा में रचित कृति है।
#विद्यापति के पिता का नाम क्या था?
उत्तर : विद्यापति के पिता का नाम गणपति ठाकुर था।
#विद्यापति के गुरु का नाम क्या था?
उत्तर : विद्यापति के गुरु का नाम पण्डित हरि मिश्र था।
#विद्यापति की पत्नी का नाम क्या था?
उत्तर : विद्यापति की पत्नी का नाम सुशीला देवी था।
#'मैथिल कोकिल' किस कवि को
कहा जाता है?
उत्तर : विद्यापति को 'मैथिल कोकिल' कहा जाता है।
#विद्यापति किस सम्प्रदाय के कवि थे?
उत्तर : विद्यापति शैव सम्प्रदाय के कवि थे।
#विद्यापति किन राजाओं के राजदरबारी (आश्रित) कवि थे?
उत्तर : विद्यापति तिरहुत (मिथिला) के राजा शिवसिंह
और कीर्ति सिंह के राजदरबारी कवि थे।
#विद्यापति की पदावली में किन भावों का समन्वय दृष्टिगोचर होता
है?
उत्तर : विद्यापति की पदावली में भक्ति एवं श्रृंगार का समन्वय दृष्टिगोचर
होता है।
#विद्यापति
के प्रभाव को पश्चिमी जगत् के किन दो कवियों समान माना गया है?
उत्तर : विद्यापति के प्रभाव को 'इटली में दांते और इंग्लैंड में चासर
के समान' माना
गया है।
#विद्यापति
को किन भक्तियों के सेतु के रूप में भी स्वीकार किया गया है?
उत्तर : विद्यापति को वैष्णव, शैव और शाक्त भक्ति के सेतु के रूप में
भी स्वीकार किया गया है।
#विद्यापति
ने सर्वप्रथम किसके दरबार में काम किया था?
उत्तर : विद्यापति ने सर्वप्रथम कीर्तिसिंह दरबार मे काम किया था।
#विद्यापति
ने 'कीर्त्तिलता' की रचना की कब की?
उत्तर : विद्यापति ने 'कीर्तिलता' की रचना लगभग १३७० से १३८० ई. की अवधि में की।
#विद्यापति
ने 'कीर्तिलता' में अपने किस संरक्षक के लिए स्तुति-कविता लिखी थी?
उत्तर : विद्यापति ने 'कीर्तिलता' में अपने संरक्षक कीर्तिसिंह के लिए एक लंबी स्तुति-कविता
की रचना की थी।
#विद्यापति
द्वारा गद्य कहानी संग्रह 'भूपरिक्रमा' किलके तत्वावधान में लिखा गया था?
उत्तर : विद्यापति द्वारा गद्य कहानी संग्रह 'भूपरिक्रमा' देवसिंह
के तत्वावधान में लिखा गया था।
#विद्यापति
को अपना गृह ग्राम बिस्फी किसने प्रदान किया?
उत्तर : जैसे ही शिवसिंह अपने सिंहासन पर बैठें, उन्होंने विद्यापति को अपना
गृह ग्राम बिस्फी प्रदान किया, जो एक ताम्रपत्र पर दर्ज किया गया था।
#किसने
विद्यापति को 'नया जयदेव' कहा है?
उत्तर : थाली में, शिवसिंह उसे 'नया जयदेव' कहते हैं।
#विद्यापति
ने किन भाषाओं में कविता रची?
उत्तर : विद्यापति ने संस्कृत, अवहट्ठ, एवं मैथिली में कविता रची।
#विद्यापति
ने कौन-सी दो रचनाएं अवहट्ठ में लिखी हैं?
उत्तर : विद्यापति ने कीर्तिलता और
कीर्तिपताका नामक रचनाएं अवहट्ठ में लिखी हैं।
#विद्यापति
की प्रसि़द्धि का कारण कौन-सी रचना है?
उउत्तर : पदावली विद्यापति की प्रसि़द्धि
का कारण है।
#विद्यापति-पदावली
में किनके विषय में शृंगार के पद हैं?
उत्तर : विद्यापति-पदावली में कृष्ण-राधा
विषयक शृंगार के पद हैं।
#किस
पुस्तक के आधार पर विद्यापति को हिन्दी में राधा-कृष्ण-विषयक शृंगारी काव्य के जन्म
दाता माना जाता है?
उत्तर : विद्यापति-पदावली के
आधार पर विद्यापति को हिन्दी में राधा-कृष्ण-विषयक शृंगारी काव्य के जन्म दाता माना
जाता है।
#विद्यापति-पदावली
में कृष्ण के किस स्वरूप को चित्रित किया गया है?
उत्तर : पदावली में कृष्ण के कामी
स्वरूप को चित्रित किया गया है।
#विद्यापति-पदावली
में राधा जी का चित्रण किस रूप मे किया गया है?
उत्तर : विद्यापति-पदावली में राधा
जी का चित्रण मुग्धा नायिका के रूप मे किया गया है।
#विद्यापति-पदावली
में राधा-कृष्ण का कैसा रूप देखने को मिलता है?
उत्तर : विद्यापति-पदावली में कृष्ण
की उद्दाम कामवासनाओं से प्रेरित राधा का रूप देखने को मिलता है।
#"आध्यात्मिक
रंग के चश्मे आजकल बहुत सस्ते हो गए हैं। उन्हें चढ़ाकर जैसे कुछ लोगों ने गीतगोविंद
के पदों आध्यात्मक संकेत बताया है, वैसे ही विद्यापति के इन पदों को भी।" यह
कथन किस विद्वान का है?
उत्तर : यह कथन आचार्य रामचंद्र शुक्ल का है।
#विद्यापति
को किसने हिन्दी के वैष्णव साहित्य
का प्रथम कवि मैथिल कोकिल कहा है?
उत्तर : डॉ श्यामसुन्दर दास ने विद्यापति
को हिन्दी के वैष्णव साहित्य का प्रथम मैथिल कोकिल कवि कहा है।
#"गीत
गोविन्द के रचनाकार जयदेव की मधुर पदावली पढ़कर जैसा अनुभव होता है, वैसा ही विद्यापति की पदावली
पढ़ कर। अपनी कोकिल कंठता के कारण ही उन्हें 'मैथिल कोकिल' कहा जाता है।" यह
कथन किसका है?
उत्तर : यह कथन अयोध्यासिंह उपाध्याय 'हरिऔध' ने विद्यापति के काव्य की प्रशंसा
करते हुए लिखा है।
विद्यापति (1352-1448
ई.)
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