मंगलवार, 11 जनवरी 2022

प्रश्नोत्तरी-56 (हिंदी भाषा एवं साहित्य, गोस्वामी तुलसीदास)

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प्रश्नोत्तरी-56 (हिंदी भाषा एवं साहित्य, गोस्वामी तुलसीदास)

#तुलसीदास की भक्ति किस प्रकार की है?

उत्तर : तुलसीदास की भक्ति दास्य भाव की है।

#तुलसीदास के आराध्य कौन हैं।

उत्तर : तुलसीदास के आराध्य मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम हैं।

#'जाके प्रिय राम वैदेही' इस पद के रचनाकार कौन हैं?

उत्तर : इस पद के रचनाकार गोस्वामी तुलसीदास हैं।

#तुलसीदास किस शाखा के कवि थे?

उत्तर : गोस्वामी तुलसीदास सगुणभक्ति की रामाश्रयी शाखा के सर्वश्रेष्ठ कवि हैं।

#तुलसीदास का काव्यांश 'राम-सीता-संवाद' रामचरित मानस के किस कांड में आया है?

उत्तर : तुलसीदास का काव्यांश 'राम-सीता-संवाद' रामचरित मानस के अयोध्याकांड में आया है।

#तुलसीदास का काव्यांश 'भरत-राम-संवाद' रामचरित मानस के किस कांड में आया है?

उत्तर : तुलसीदास का काव्यांश 'भरत-राम-संवाद' रामचरित मानस के उत्तरकांड में आया है।

#'रामचरितमानस' किस भाषा का ग्रंथ है?

उत्तर : 'रामचरितमानस' अवधी भाषा में रचित ग्रंथ है।

#तुलसीदास का जन्म वर्ष क्या है?

उत्तर : तुलसीदास का जन्म वर्ष 1532. है।

#तुलसीदास का जन्म कहां हुआ?

तुलसीदास का जन्म प्रयाग के पास चित्रकूट ज़िले में राजापुरलामक एक गांव में हुआ।

#तुलसीदास का निधन वर्ष क्या है?

उत्तर : तुलसीदास का निधन 1623 ई. श्रावण कृष्ण तृतीय शनिवार को हुआ था।

#'कृष्णगीतावली' किनकी कृति है?

उत्तर : 'कृष्णगीतावली' गोस्वामी तुलसीदास की कृति है।

#तुलसीदास के गुरु का नाम क्या था?

उत्तर : तुलसीदास के गुरु का नाम नरहरिदास था।

#'परहित सरिस धर्म नहिं भाई' काव्य-पंक्ति के रचनाकार कौन हैं?

उत्तर : 'परहित सरिस धर्म नहिं भाई' काव्य-पंक्ति के रचनाकार गोस्वामी तुलसीदास हैं।

#अबलौं नसानी, अब ना नसैहौं' किनकी काव्य-पंक्ति है?

उत्तर : अबलौं नसानी, अब ना नसैहौं' गोस्वामी तुलसीदास की काव्य-पंक्ति है।

#'विनयपत्रिका' किस भाषा में रचित है?

उत्तर : 'विनयपत्रिका' ब्रजभाषा में रचित काव्य-ग्रंथ है।

#'विनयपत्रिका' में किस भाव की भक्ति का वर्णन है?

उत्तर : 'विनयपत्रिका' में विविध देवी-देवताओं की वंदना की गई है। इसमें अपने आराध्य श्रीराम द्वारा 'शिव समान प्रिय मोहि न दूजा' की भांति ही भगवान शिवजी की वंदना करते दिखाई देते हैं।

#तुलसीदास की किस रचना का संबंध ज्योतिष से है?

(A)  रामलला नहछू (B) जानकी मंगल (C) हनुमान-बाहुक (D) रामाज्ञा प्रश्न

उत्तर : (D) रामाज्ञा प्रश्न

#तुलसीकृत कृष्ण-काव्य कौन-सा है?

(A) कृष्णायन            (B) कृष्ण चरित   (C) कृष्ण चन्द्रिका            (D) कृष्ण गीतावली

उत्तर : (D) कृष्ण गीतावली

#बरवै रामायण’ किसकी रचना है?              

(A) सूरदास  (B) तुलसीदास  (C) नन्ददास       (D) केशवदास

उत्तर : (B) तुलसीदास 

#गोस्वामी तुलसीदास की अंतिम रचना कौन-सी है?

(A) विनयपत्रिका       (B) दोहावली      (C) कवितावली   (D) हनुमानबाहुक

उत्तर :  (D) हनुमानबाहुक

#कलि कुटिल जीव निस्तार हित वाल्मीकि तुलसी भयो’ कथन है :

(A) रामचरणदास            (B) नाभादास    (C) रघुवरदास     (D) हरिराम व्यास

उत्तर :  नाभादास   

#खेती न किसान कोभिखारी को न भीख बलि,

 बनिक को  बनिज  चाकर को चाकरी’ पंक्ति तुलसी की किस कृति स संबद्ध है?

(A)  रामचरित मानस  (B) कवितावली (C) विनयपत्रिका (D) गीतावली

उत्तर :  (B) कवितावली 

#मांगि के खैबो मसीत के सोइबो लैबो को एक न दैबो को दोक’ पंक्ति का संबंध तुलसीदास की किस रचना से है?

(A) रामचरितमानस   (B) विनयपत्रिका (C) गीतावली      (D) कवितावली

उत्तर :  (D) कवितावली

#इनमें से कौन-सी रचना तुलसीदास की है?

(A) रामाध्यान मंजरी (B) रामसतसई    (C) कृष्ण गीतावली       (D) श्रीरामार्चन पद्धति

उत्तर :  (C) कृष्ण गीतावली   

#गोस्वामी तुलसीदास की रचना कवितावली’ किस भाषा की रचना है?

(A) अवधी                (B) ब्रजभाषा     (C) बुन्देली                     (D) मैथिली

उत्तर :  (B) ब्रजभाषा     

#तुलसीदास की पहली रचना है :

(A) वैराग्य सन्दीपनी (B) रामाज्ञा प्रश्नावली    (C) पार्वती मंगल             (D) जानकी मंगल

उत्तर :  (B) रामाज्ञा प्रश्नावली    

#रामाज्ञा प्रश्नावली किसकी रचना है?

(A) नाभादास           (B) अग्रदास        (C) तुलसीदास  (D) हृदयदास

उत्तर :  (C) तुलसीदास       

#अबलौं नसानी अब न नसैहौं किसकी उक्ति है?

(A) नाभादास           (B) अग्रदास        (C) तुलसीदास  (D) हृदयदास

उत्तर :  (C) तुलसीदास  

#तुलसीदास की किस रचना में सन्तों महन्तों के गुण वर्णित हैं :

(A) वैराग्य सन्दीपनी          (B) रामाज्ञा प्रश्न  (C) पार्वती मंगल             (D) जानकी मंगल

उत्तर :  (A) वैराग्य सन्दीपनी

#साखी सबदी दोहरा कहि कहनी उपखान।

भगति निसृपहिं अधम कवि निंदहिं वेद पुरान। किस कवि की पंक्तियां हैं?

(A) कबीरदास  (B) भिखारीदास           (C) तुलसीदास  (D) सूरदास

उत्तर :  (C) तुलसीदास 

#गोरख भगायो जोगभगति भगायो लोग।

यह काव्य-पंक्ति किसकी है?

(A) गोरखनाथ          (B) कबीरदास     (C) तुलसीदास  (D) जायसी

उत्तर :  (C) तुलसीदास  

#गिरा अरथजल बीचि सम कहियत भिन्न भिन्न।

बंदौं सीताराम पद जिनहि परम परम प्रिय खिन्न।

उक्त काब्य पंक्तियाँ किस कवि की है ?

(1) केशवदास            (2) तुलसीदास   (3) ईश्वरदास       (4) नागरीदास

उत्तर : (2) तुलसीदास  

#निम्नलिखित में से कौन-सा ग्रंथ तुलसीदास का नहीं है?

(1) गीतावली            (2) रामचन्द्रिका            (3) विनयपत्रिका  (4) दोहावली

उत्तर : (2) रामचन्द्रिका  

#मैं नारि अपावन प्रभु जग पावन रावन रिपु जग सुखदाई। राजीव विलोचन भव भय मोचन पाहि.पाहि सरनहिं आई।।

रामचरित मानस की उक्त चौपाई में व्यक्त विचार किस पात्र के हैं :

(A) अहल्या (B) शबरी          (C) तारा                         (D) मंदोदरी

उत्तर : (A) अहल्या

#रचनाकाल की दृश्टि से निम्नलिखित रचनाओं का सही अनुक्रम बताइए :

(A) कृष्णायनकीर्तिपताकारामचरित मानसरामचन्द्रिका          

(B) कीर्तिपताकारामचरित मानसरामचन्द्रिका, कृष्णायन

(C) रामचरित मानसरामचन्द्रिकाकृष्णायनकीर्तिपताका

(D) रामचन्द्रिकारामचरित मानसकीर्तिपताकाकृष्णायन

उत्तर : (B) कीर्तिपताका, रामचरित मानस, रामचन्द्रिका, कृष्णायन

#कर्मठ कठमलिया कहे ज्ञानी ज्ञान-विहीन

तुलसी त्रिपथ बिहाय गो राम दुआरे दीन’ में त्रिपथ का अर्थ है  :

(A) निर्गुणसगुण और मुक्ति मार्ग     (B) उत्तम मार्गमध्यम मार्ग और निम्नमार्ग

(C) द्वैतअद्वैत और द्वैताद्वैत         (D) कर्म मार्गज्ञान मार्ग और उपासना मार्ग

उत्तर : (D) कर्म मार्ग, ज्ञान मार्ग और उपासना मार्ग

#इन कवियों का कालक्रमानुसार आरोही क्रम में व्यवस्थित कीजिए :             

 (A) तुलसीदासईश्वरदासनाभादासकेशवदास

 (B) ईश्वरदासतुलसीदासकेशवदासनाभादास     

(C) केशवदासतुलसीदासईश्वरदासनाभादास  

 (D) नाभादासकेशवदासतुलसीदासईश्वरदास

उत्तर :  (B) ईश्वरदास (1480-1550 ई.)तुलसीदास (1532-1623 ई.),

केशवदास (1555 ई.-1617 ई.)नाभादास (1570-1650) 

#गोस्वामी तुलसीदास की रचनाओं का सही क्रम कौन-सा है?

(A)  गीतावलीदोहावलीविनय पत्रिकारामचरित मानस          

(B) रामचरित मानसदोहावलीगीतावलीविनय पत्रिका

(C) दोहावलीगीतावलीरामचरित मानसविनयपत्रिका

(D) विनय पत्रिकादोहावलीगीतावलीरामचरित मानस

उत्तर :  (C) दोहावलीगीतावलीरामचरित मानसविनयपत्रिका

#रामेचरित मानस के काण्डों का सही अनुक्रम है :

(A) अरण्यकाण्डकिष्किंधाकाण्डअयोध्याकोणडबालकाण्ड

 (B) बालकाण्डअयोध्याकोणडअरण्यकाण्डकिष्किंधाकाण्ड

(C) किष्किंधाकाण्डअयोध्याकोणडबालकाण्ड, अरण्यकाण्ड

 (D) अरण्यकाण्डकिष्किंधाकाण्डबालकाण्डअयोध्याकोणड       

उत्तर :  (B) बालकाण्डअयोध्याकोणडअरण्यकाण्डकिष्किंधाकाण्ड    

(रामचरित मानस के काण्ड क्रमानुसार ये हैं : बालकाण्डअयोध्याकोणड अरण्यकाण्ड किष्किंधाकाण्ड, सुन्दरकाण्ड, लंकाकाण्ड और उत्तरकाण्ड। रवीन्द्र पुनियां ने एक सुन्दर सूत्र का निर्माण किया है 'बालक अयोध्या ने अरण्य की सुन्दर लंका को उत्तर दिया |')

#निम्नलिखित कवियों को उनकी पंक्तियों के साथ सुमेलित कीजिए :  

 (A) केशव कहि न जाइए का कहिए।           (i) सूर

(B) अविगति कछु कहत न आवै।        (ii) कबीर

(C) राम भगति अनियारे तीर           (iii) जायसी

(D) जोरी लाइ रकत कै लेई                       (iv) तुलसी (v) मीरा

कूट :

                a              b             c              d

(A)   (iv)     (i)       (ii)      (iii)

(B)   (iv)       (ii)        (i)         (v)

(C)   (v)        (iii)       (ii)        (iv)

(D)   (i)         (iv)       (v)        (iii)

उत्तर :  (A)      (iv)     (i)       (ii)      (iii)

#निम्नलिखित काव्य-पंक्तियों को उनके कवियों के साथ सुमेलित कीजिए : 

(A) हौं सब कबिन्ह केर पछिलगा     (i) कबीरदास

(B) कबित्त विवेक एक नहिं मोरे      (ii) जायसी

 (C) प्रभुजी, हौं पतितन को टीको    (iii) मलूकदास

(D) अब तो अजपा जपु मन मेरे।

सूर नर असुर टहलुआ जाके मुनि गंध्रब हैं जाके चेरे (iv) तुलसीदास (v) सूरदास

कूट :

                a              b             c              d

(A)      (ii)      (iv)     (v)      (iii)

(B)        (iv)       (ii)        (i)         (v)

(C)        (v)        (iii)       (ii)        (iv)

(D)       (i)         (iv)       (v)        (iii)

उत्तर :  (A)      (ii)      (iv)     (v)      (iii)

#निम्नलिखित काव्य.पंक्तियों को उनके रचनाकारों के साथ सुमेलित कीजिए : 

               सूची-1                                                                                            सूची-2

(A)       जेहि पंखी के नियर होईए करै बिरह की बात। सोई पंखी जाई जरिए तरिवर होई निपात   (i) तुलसीदास

(B)        हमको सपनेहू में सोच जा दिन तें बिछुरे नन्दनन्दन ता दिन ते यह पोच।    (ii) नंददास

(C)        जब जीवन को है कपि आस न कोय। कनगुरिया की मुदरी कंगना होय         (iii) सूरदास

(D)       जिभिया ऐसी बावरी कहि गई सरगण्पताल आपुहिं कहि भीतर रही जूती खात कपाल।       (iv) जायसी (v) रहीम

कोड  :

                a              b             c              d

(A)      (iv)     (iii)     (i)       (v)

(B)        (v)        (iv)       (ii)        (i)

(C)        (iii)       (v)        (iv)       (ii)

(D)       (ii)        (i)         (iii)       (iv)

उत्तर :  (A)      (iv)     (iii)     (i)       (v)

#पंक्तियों के साथ कवियों का सुमेलन कीजिए :

(A) सेस महेस गनेस दिनेस            (i) सूरदास

(B) मन लेत पै देत छटांक नहीं        (ii) तुलसीदास

(C) जैसे उड़ि जहाज को पंछी          (iii) घनानन्द

(D) गिरा अनयन नयन बिनु बानी   (iv) रसखान (v) केशवदास

कूट :

                a              b             c              d

(A)       (i)         (ii)        (iv)       (iii)

(B)      (iv)     (iii)     (i)       (ii)

(C)        (iv)       (v)        (ii)        (i)

(D)       (iii)       (iv)       (i)         (v)

उत्तर :  (B)      (iv)     (iii)     (i)       (ii)

#निम्नलिखित काव्य.पंक्तियों को उनके कवियों के साथ सुमेलित कीजिए :

(A) जात पात पूछै नहिं कोई          (i) तुलसीदास

(B) गिरा अनयन नयन बिनु बानी   (ii) परमानन्ददास

(C) प्रेम प्रेम ते प्रेम ते पारहिं पइए   (iii) जायसी

(D) मानुष प्रेम भयो बैकुंठी                        (iv) रामानन्द (v) सूरदास

कूट :

                a              b             c              d

(A)       (v)        (ii)        (iii)       (iv)

(B)        (ii)        (iv)       (i)         (v)

(C)      (iv)     (i)       (v)      (iii)

(D)       (i)         (iii)       (ii)        (v)

उत्तर :  (C)      (iv)     (i)       (v)      (iii)

#निम्नलिखित को सुमेलित कीजिए :

(A) रामचरित मानस        (i) लालादास

(B) रामचन्द्रिका              (ii) तुलसीदास

(C) अवध विलास             (iii) ईश्वरदास

(D) भरत मिलाप             (iv) केशवदास

कूट :

                a       b          c           d

(A)       (iv)       (iii)       (ii)        (i)

(B)        (ii)        (iii)       (iv)       (i)

(C)      (ii)      (iv)     (i)       (iii)

(D)       (iii)       (iv)       (i)         (ii)

उत्तर :  (C)      (ii)      (iv)     (i)       (iii)

 

रामचरितमानस की रचना

संवत्‌ 1631 का प्रारम्भ हुआ। उस दिन प्रातःकाल संत तुलसीदास जी ने रामचरितमानस की रचना प्रारम्भ की। दो वर्षसात महीनेछ्ब्बीस दिन में ग्रन्थ की समाप्ति हुई। संवत्‌ 1633 के मार्गशीर्ष शुक्लपक्ष में राम-विवाह के दिन सातों काण्ड पूर्ण हो गये।

 तुलसीदास की रचनाएं :

1.    1. गीतावली (1559 ई., भाषा : ब्रजभाषा)

2. दोहावली (1569 ई., भाषा : ब्रजभाषा)

3.   3.  कृष्ण गीतावली (1571 ई., भाषा : ब्रजभाषा)

4.   4.  रामचरितमानस (1574 ई.अवधी)

5.   5. रामलला नहछू (1582 ई., सोहर छन्द में नहछू लोकाचार को वर्णन, भाषा : अवधी)

6. विनयपत्रिका (1582 ई., भाषा : ब्रजभाषा)

7. जानकी मंगल (1582 ई., सीता-राम के विवाह-संबंधी, भाषा : अवधी)

8.    8. पार्वती मंगल (1582 ई., शिव-पार्वती के विवाह-संबंधी, भाषा : अवधी)

9.  कृष्णगीतावली (1607 ई., भाषा : ब्रजभाषा)

10.  कवितावली (1612 ई., भाषा : ब्रजभाषा)

11.  वैराग्य संदीपनी (1612 ई., भाषा : अवधी)

 12. बरवै रामायण (1612 ई., रामकथा-संबंधी 69 बरवै, भाषा : अवधी)

 13. रामाज्ञा प्रश्न (1612 ई., ज्योतिष-संबंधी सगुनौती आदि, भाषा : ब्रज व अवधी)

14.  हनुमानबाहुक (1612 ई., अंतिम रचना)

अवधी भाषा की रचनाएं : रामचरितमानसरामलला नहछू, बरवै रामायणपार्वती मंगलजानकी मंगल, रामाज्ञ प्रश्न

ब्रजभाषा की रचनाएं : कृष्णगीतावलीराम गीतावली, दोहावलीविनयपत्रिका, कवितावली, वैराग्य संदीपनी।

ये कृतियां प्रामाणिक मानी जाती हैं : 1. दोहावली 2. कवितावली 3. गीतावली 4. रामचरितमानस 5. रामाज्ञा प्रश्न 6. विनयपत्रिका 7. रामलला नहछू 8. पार्वती मंगल 9. जानकी मंगल 10. बरवै रामायण 11. वैराग्य संदीपिनी 12. श्रीकृष्ण गीतावली।

इनके अतिरिक्त रामसतसई अथवा तुलसी सतसई (747 दोहे, अवधी और ब्रज दोनों भाषाओं में),  संकट मोचन हनुमानाष्टकरामनाम मणि कोष, मञ्जूषाविनयावली, कवित्तरामायण, राम शलाका,  हनुमान चालीसा, हनुमान बाहुक (अंतिम रचना, ब्रजभाषा में) आदि आपके ग्रंथ भी प्रसिद्ध हैं।

 

संत तुलसीदास की महत्वपूर्ण पंक्तियां

·                     अब लौं नसानीअब न नसैहों  

·                     एसी मूढता या मन की  

·                     और काहि माँगियेको मागिबो निवारै

·                     कब देखौंगी नयन वह मधुर मूरति  

·                     कबहुंक हौं यहि रहनि रहौंगो

·                     कलि नाम काम तरु रामको  

·                     काहे ते हरि मोहिं बिसारो  

·                     केशव, कहि न जाइ (विनय पत्रिका)  

·                     कौन जतन बिनती करिये  

·                     जागिये कृपानिधान जानरायरामचन्द्र  

·                     जानकी जीवन की बलि जैहों  

·                     जो मन लागै रामचरन अस  

·                     जो मोहि राम लागते मीठे  

·                     जौ पै जिय धरिहौ अवगुन जनके

·                     तऊ न मेरे अघ अवगुन गनिहैं  

·                     तन की दुति स्याम सरोरुह  

·                     ताहि ते आयो सरन सबेरे  

·                     ते नर नरक रूप जीवत जग  

·                     दीन-हित बिरद पुराननि गायो

·                     देव! दूसरो कौन दीन को दयालु  

·                     नाहिन भजिबे जोग बियो  

·                     बिनती भरत करत कर जोरे  

·                     भज मन रामचरन सुखदाई  

·                     भरोसो जाहि दूसरो सो करो  

·                     भाई! हौं अवध कहा रहि लैहौं  

·                     मन पछितैहै अवसर बीते  

·                     मन माधव को नेकु निहारहि  

·                     मनोरथ मनको एकै भाँति  

·                     मनोहरताको मानो ऐन  

·                     ममता तू न गई मेरे मन तें  

·                     माधव! मो समान जग माहीं

·                     माधव, मोह-पास क्यों छूटै  

·                     माधवजू मोसम मंद न कोऊ  

·                     मेरे रावरिये गति रघुपति है बलि जाउँ  

·                     मेरो मन हरिजू! हठ न तजै  

·                     मैं केहि कहौ बिपति अति भारी  

·                     मैं हरिपतित पावन सुने  

·                     यह बिनती रहुबीर गुसाईं  

·                     यों मन कबहूँ तुमहिं न लाग्यो  

·                     रघुपति! भक्ति करत कठिनाई  

·                     राघौ गीध गोद करि लीन्हौ  

·                     राम-पद-पदुम पराग परी  

·                     राम राम रटुराम राम रटु  

·                     लाज न आवत दास कहावत  

·                     लाभ कहा मानुष-तनु पाये

·                     श्री रामचँद्र कृपालु भजु मन  

·                     सखि! रघुनाथ-रूप निहारु  

·                     सखि नीके कै निरखि कोऊ सुठि सुंदर बटोही  

·                     सुन मन मूढ़ (विनय पत्रिका)  

·                     हरि! तुम बहुत अनुग्रह किन्हों  

·                     हरि को ललित बदन निहारु  

·                     हे हरि! कवन जतन भ्रम भागै  

अयोध्यासिंह उपाध्याय हरऔध ने कहा है

कविता करके तुलसी  लसे

कविता लसी पा तुलसी की कला 

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