गुरुवार, 13 जनवरी 2022

प्रश्नोत्तरी-57 (हिंदी भाषा एवं साहित्य, सूरदास)

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प्रश्नोत्तरी-57 (हिंदी भाषा एवं साहित्य, सूरदास)

#'पुष्टिमार्ग का जहाज' किसे कहा जाता है?

उत्तर : सूरदास को 'पुष्टिमार्ग अथवा अष्टछाप का जहाज' कहा जाता है ।

#'हिंदी साहित्य का सूर्य' किसे कहा जाता है?

उत्तर : महाकवि सूरदास को 'हिंदी साहित्य का सूर्य' कहा जाता है।

#सूरदास के उद्धव ज्ञानी थे या भक्त?

उत्तर : सूरदास के उद्धव ज्ञानी थे।

#'सूरसागर' किस भाषा का ग्रंथ है?

उत्तर : 'सूरसागर' ब्रजभाषा का ग्रंथ है।

#'निसि दिन बरसात नैन हमारे' इस पद के रचयिता कौन हैं?

'उत्तर : निसि दिन बरसात नैन हमारे' इस पद के रचयिता महाकवि सूरदास हैं।

#'मेरो मन अनत कहां सुख पावे' यह पंक्ति किसकी है?

उत्तर : 'मेरो मन अनत कहां सुख पावे' यह पंक्ति महाकवि सूरदास की है।

#सूरदास कृष्ण की भक्ति किस भाव से करते थे?

उत्तर : सूरदास कृष्ण की भक्ति सख्य भाव से करते थे।

#सूरदास किस शाखा के कवि हैं?

उत्तर : सूरदास सगुणभक्ति धारा की कृष्णभक्ति शाखा के कवि थे।

#सूरदास की भक्ति किस प्रकार की है?

उत्तर : सूरदास की भक्ति सख्य भाव की है।

#सूरदास के एक पद में प्रयुक्त पद 'कृपासिंधु' में कौन-सा अलंकार प्रयुक्त हुआ है?

उत्तर : सूरदास के एक पद में प्रयुक्त पद 'कृपासिंधु' में रूपक अलंकार प्रयुक्त हुआ है।

#सूरदास के गुरु कौन थे?

उत्तर : सूरदास के गुरु वल्लभाचार्य़ थे।

#सूरदास के पिता का नाम क्या था?

उत्तर : सूरदास पिता का नाम पण्डित रामदास बैरागी था।

#सूरदास की माता का नाम क्या था?

उत्तर : सूरदास की माता का नाम जमुनादास था।

#सूरदास की पत्नी का नाम क्या था?

उत्तर : सूरदास की पत्नी का नाम रत्नावली था।

(कुछ विद्वान सूरदास को अविवाहित मानते हैं।)

#सूरदास के आराध्य कौन हैं?

उत्तर : सूरदास के आराध्य श्रीकृष्ण कौन है।

#सूरदास किस संप्रदाय के कवि हैं?

 उत्तर : सूरदास पुष्टिसंप्रदाय के कवि हैं।

#'साहित्य लहरी' के रचयिता कौन हैं?

उत्तर : 'साहित्य लहरी' के रचयिता महाकवि सूरदास हैं।

#'साहित्य लहरी' का रचना-काल क्या है?

'साहित्य लहरी' का रचना-काल संवत् 1607 वि० है।

#वात्सल्य-रस सम्राट किसे कहा जाता है?

#महाकवि सूरदास को 'वात्सल्य-रस सम्राट' कहा जाता है।

#महाकवि सूरदास का जन्म कब और कहां हुआ था?

उत्तर : महाकवि सूरदास का जन्म 1478 ई में रुनकता गांव में हुआ। यह गाँव मथुरा-आगरा मार्ग के किनारे स्थित है। (कुछ अन्य विद्वानों का मत है कि सूरदास का जन्म दिल्ली और फ़रीदाबाद के बीच स्थित सीही नामक गांव में एक निर्धन सारस्वत ब्राह्मण परिवार में हुआ था।)

#सूरदास का निधन कब और कहां हुआ?

उत्तर : सूरदास का निधन 1583 ईसवी में गोवर्धन के पास स्थित पारसौली गांव में हुआ। 

#वल्लभाचार्य ने सूरदास को कहाँ भजन-कीर्तन के लिए नियुक्त किया था?

उत्तर : वल्लभाचार्य ने सूरदास को श्रीनाथजी के मंदिर में भजन-कीर्तन के लिए नियुक्त किया था।

#अष्टछाप कवियों में सर्वश्रेष्ठ स्थान कौन रखते थे?

उत्तर : अष्टछाप कवियों में सर्वश्रेष्ठ स्थान सूरदास रखते थे।

#सगुण कृष्णभक्ति काव्यधारा का प्रतिनिधि कवि किसे कहा जाता है?

उत्तर : महाकवि सूरदास सगुण कृष्णभक्ति काव्यधारा का प्रतिनिधि कवि कहा जाता है।

#सूरसागर में कितने पद हैं?

उत्तर : सूरदास रचित 'सूरसागर' में उनके द्वारा लिखे गए लगभग सवा लाख पदों में से अब सात-आठ हजार पद ही मिलते हं।

#'सूरसारावली' में विषय की दृष्टि से कौन-कौन से प्रसंग व्यक्त हुए हैं?

उत्तर : 'सूरसारावली' में विषय की दृष्टि से कृष्ण के कुरूक्षेत्र से लौटने के बाद के समय से जुडे संयोग लीला, वसंत हिंडोला और होली आदि प्रसंग अभिव्यक्त हुए हैं।

#'सुरसारावली' में कितने पद संकलित हैं?

'उत्तर : सुरसारावली' 1107 छंदों का संग्रह है।

#'साहित्य लहरी' में किन विषयों का वर्णन किया गया है?

उत्तर : 'साहित्य लहरी' के पदों में रस, अलंकार निरूपण, नायिका भेद, कृष्ण की बाल लीलाओं का वर्णन हुआ है। 'साहित्य लहरी' सूरदास के प्रसिद्ध दृष्टकूट पदों का संग्रह है, जिसमें गुह्य बातों का दृष्टिकूटों के रूप में वर्णित किया गया है और अर्थगोपन-शैली में राधा-कृष्ण की लीलाओं का वर्णन है।

#सूरदास की दूसरी प्रमुख रचना 'साहित्य लहरी' में कुल कितने पद हैं?

उत्तर : सूरदास की दूसरी प्रमुख रचना 'साहित्य लहरी' में कुल 118 पद हैं।

#'सूरसागर' की कथा-वस्तु कितने स्कन्धों में विभक्त है?

उत्तर : 'सूरसागर' की कथा-वस्तु बारह स्कन्धों में विभक्त है।

#'सूरसागर' के दशम् स्कन्ध में किनकी लीलाओं का अत्यंत विस्तार से वर्णन है?  

उत्तर : 'सूरसागर' के दशम् स्कन्ध में कृष्ण की लीलाओं का अत्यंत विस्तार से वर्णन है। यह श्रीमद्भागवत पर आधारित ग्रंथ है।

#सूरदास जी द्वारा लिखे कितने प्रमाणिक ग्रन्थ माने जाते हैं और उनके नाम क्या हैं?

उत्तर : सूरदास जी द्वारा लिखे पांच ग्रन्थ माने जाते हैं, जिनके नाम ये हैं-- सूर सागर, सूर सारावली, साहित्य लहरी, नल दमयन्ती, सूर पच्चीसी, गोवर्धन लीला, नाग लीला, पद संग्रह और ब्याहलो।

#सूरदास ने अपनी रचनाओं में किस शैली का प्रयोग किया है?

उत्तर : सूरदास ने अपनी रचनाओं में मुक्तक शैली का प्रयोग किया है

#सूरदास ने अपनी रचनाओं में किस भाषा का प्रयोग किया है?

उत्तर : सूरदास ने अपनी रचनाओं में ब्रजभाषा का प्रयोग किया है।

#अष्टछाप के कवियों का जीवनवृत विस्तार किन दो ग्रंथों में पाया जाता है?

उत्तर : 'चौरासी वैष्णवन की वार्ता' तथा 'दो सौ वैष्ण्वन की वार्ता' में अष्टछाप के कवियों का जीवनवृत विस्तार से पाया जाता है।

#अपनी निश्चल भक्ति के कारण अष्टछाप के कविगण भगवान कृष्ण के क्या माने जाते थे?

उत्तर : अपनी निश्चल भक्ति के कारण अष्टछाप के कविगण भगवान कृष्ण के सखा भी माने जाते थे।

#भगवदीय कौन कहे जाते थे?

उत्तर : परम भागवत होने के कारण अष्टछाप के कविगण 'भगवदीय' भी कहे जाते थे।

 #'सुरसारावली' में कितने पद हैं?

उत्तर :  'सुरसारावली' में 1107 छंदों का संग्रह है।

#अष्टछाप के कवियों को #कालक्रमानुसार_याद_रखने_का_सूत्र : _कुसूपकृ_गोछीचन (कंभनदास, सूरदास, परमानंददास, गोविंददास, चतुर्भुजदास, नंददास)

उत्तर : सूरदास की प्रमुख रचनाएँ

 #सूरदास द्वारा लिखित कृतियाँ मानी जाती हैं - 

 #सूर सारावली 

 #साहित्य लहरी 

 #सूरसागर 

 #भागवत भाषा 

 #दशम् स्कन्ध भाषा 

 #सूरसागर सार 

 #सूर रामायण 

 #मान लीला 

 #नाग लीला 

 #दान लीला 

 #भंवर लीला 

 #सूर दशक 

 #सूर साठी 

 #सूर पच्चीसी 

 #सेवाफल 

 #ब्याहलो  

#प्राणप्यारी 

 #दृष्टि कूट के पद 

 #सूर के विनय आदि के पद 

 #नल दमयंती 

 #हरिवंश टीका 

 #राम जन्म 

 #एकादशी महात्म्य। 

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